Friday 9 August 2013

पेसंजरों के इंतज़ार में चेन्नई एक्सप्रेस !




                     राष्ट्रीय पर्वों के अलावा ईद, होली, दीवाली और क्रिसमस ऐसे त्यौहार होते हैं, जिनके वीकेंड में अपनी फ़िल्में रिलीज़ करवा कर तमाम खान और कुमार १०० करोडिया हीरो बन जाते है और सीना ताने घूमते हैं कि वह इतनी इतनी सौ करोडिया  फिल्म के हीरो हैं. यह अभिनेता बिना यह सोचे कि कचरे के ढेर पर खड़े होकर हॉलिडे वीकेंड का फायदा उठाते हुए उन्होंने दर्शकों को मूर्ख बनाया है. पिछले चार सालों से सलमान खान ईद पर अपना कचरा फिल्म परोस कर सौ करोडिया हीरो बने हुए थे. इस बार शाहरुख़ खान की बारी है.
                     रोहित शेट्टी से यह उम्मीद तो नहीं कि जाती कि वह कार ब्लास्ट करने के अलावा किसी सर पैर की कहानी पर फिल्म बनायेंगे. लेकिन दर्शक उम्मीद करता है कि बॉलीवुड का बादशाह खान कुछ अलग सा  देंगे। आज ईद पर रिलीज़ हो रही तथा ईद ईव पर पेड प्रीव्यू में दिखायी जा चुकी, शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस दोनों उम्मीदें तोड़ती है. रोहित शेट्टी ने ने इस बार बेसिर पैर की कहानी तक नहीं ली है. क्योंकि, फिल्म में कहानी नदारद है. युनुस सजावल की, शायद लोकेशन पर ही लिखी गयी, स्क्रिप्ट पर रोहित शेट्टी ने कैमरा चलवा दिया है. कहानी कही जाए तो बस इतनी सी है कि राहुल अपनी दादी के कहने पर अपने दादा जी की अस्थियाँ रामेश्वरम में विसर्जित करने का धोखा देने के लिए चेन्नई एक्सप्रेस पर बैठ जाता है. वह अपने दादा जी की अस्थियाँ कैसे बहा पाता है, यह फिल्म का ऊटपटांग ट्रैक है. कभी चेन्नई एक्सप्रेस में तो कभी लाल रंग की जीप में खान और पादुकोण भागते नज़र आते हैं. क्लाइमेक्स में आकर तो चेन्नई एक्सप्रेस बुरी तरह से डिरेल हो जाती है. कहा जा सकता है कि खान इस डिरेलमेंट में थोडा घायल हो सकते हैं.
                       फिल्म का कोई भी फ्रेम नया नहीं। लगता है जैसे रोहित शेट्टी ने अपना दिमाग बादशाह खान के हवाले कर दिया था तथा सेट पर स्पॉट बॉय से चाय परोसवाने और जोक क्रैक करने का काम कर रहे थे. शाहरुख़ खान और दीपिका पदुकोन ने अपने उम्दा अभिनय से इस कहानी के बिना घिसटती फिल्म को रफ़्तार देने की कोशिश की है. दीपिका का नाम वाकई खान से पहले रखने वाला है. वह अपने रोल को पूरी शिद्दत और भाव भंगिमाओं के साथ निभाती है. शाहरुख़ खान बहुत बढ़िया और उदाहरण योग्य हास्य अभिनय करते हैं. दक्षिण के निकितन धीर और सत्यराज के रोल टेलर मेड थे. उन्हें अपनी रियल लाइफ जैसा ही कुछ करना था, इसे वह बखूबी कर ले गए है.
                      फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस में एक्सप्रेस ट्रेन के कोई लक्षण नहीं। विशाल शेखर का स्टीरिओ सिस्टम इस लायक नहीं कि अमिताभ भट्टाचार्य के बोल सुनाई पड़ सके. फरहाद और साजिद की जोडी अपने संवादों से दर्शकों को हंसा पाने में काफी हद तक कामयाब होती है. स्टीवन बर्नार्ड ने फिल्म को कसने की कोशिश की है. लेकिन, अच्छी स्क्रिप्ट की नामौजूदगी में वह फिल्म को कुछ ख़ास रफ़्तार नहीं दे सके. रोहित शेट्टी ने जय सिंह निज्जर के साथ फाइट कम्पोजीशन की है. इनमे कोई नयापन नहीं है.फिल्म पर भारी पड़ सकते हैं फिल्म के तमिल बहुल संवाद और पृष्ठभूमि। 
                     फिल्म की निर्माता के बतौर गौरी खान तथा UTV के रोंनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर का नाम दिया गया है. फिल्म के निर्माण में ९०  करोड़ खर्च होना बताया गया है. इतनी रकम की रिकवरी के लिए चेन्नई एक्सप्रेस के लिए वीकेंड इम्पोर्टेन्ट है. फिल्म को ३७०० से ज्यादा प्रिंट्स में रिलीज़ किया गया है. सब कुछ सोमवार पर निर्भर करेगा कि फिल्म किस हद तक ईद क्राउड को खींच पाती है.

पेसंजरों के इंतज़ार में चेन्नई एक्सप्रेस !

Wednesday 7 August 2013

चेन्नई एक्सप्रेस के आगे चुनौतियों की मालगाड़ी !

                          
                           अगर कागज़ पर मीडिया  के बनाए शाहरुख़ खान के दुश्मन सलमान खान से भी पूछेंगे तो वह भी यही कहेंगे कि २०१३ की ईद पर रिलीज़ हो रही शाहरुख़ खान की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस को हिट होने से कोई रोक नहीं सकता. लेकिन, इसके बावजूद शाहरुख़ खान भी यह स्वीकार करेंगे कि चेन्नई एक्सप्रेस के लिए हिट फिल्म टैग ही काफी नहीं होगा. शाहरुख़ खान बॉलीवुड के सुपर स्टार है. उन्हें बॉक्स ऑफिस का बादशाह खान कहा जाता है. अब यह बात दीगर है कि बॉलीवुड की पहली १०० करोड़ी फिल्म सलमान खान ने दी थी. सलमान खान ने १०० करोड़ कमाने की रफ़्तार कुछ इतनी तेज़ पकड़ी कि वह बॉक्स ऑफिस के टाइगर मान लिए गये. ईद का वीक पिछले चार सालों से सलमान खान को १०० करोड़ की फिल्म  देता रहा है. इस साल यह हफ्ता शाहरुख़ खान के पास है. या यो कह सकते हैं कि पूरा नहीं छह दिन. इसके बाद १५ अगस्त को अक्षय कुमार की फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा रिलीज़ हो रही है. पहले, अक्षय कुमार की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के साथ ८ अगस्त को रिलीज़ हो रही थी. अक्षय कुमार और एकता कपूर ने ईद और स्वतंत्रता दिवस का हफ्ता भारी मन से छोड़ा था. इसीलिए, यह दोनों अपनी फिल्म को और  ज्यादा आगे खिसकाने के लिए तैयार नहीं हुए. इस लिए शाहरुख़ खान और उनकी फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के लिए कुछ चुनौतियाँ, बहुत बड़ी चुनौतियाँ लग रही हैं.
                           चेन्नई एक्सप्रेस कहानी है चालीस साल के राहुल की है, जो अपने दादा जी की अस्थियाँ उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार रामेश्वरम में विसर्जित करने के लिए चेन्नई एक्सप्रेस में सफ़र कर रहा है. ट्रेन में उसकी मुलाकात एक तमिल भाषी लड़की मीनम्मा से होती है, जो एक डॉन की बेटी है. राहुल ट्रेन में मीनम्मा  के पिता के गुंडों को एक आदमी का क़त्ल करते देख लेता है. पिता के आदेश पर मीनम्मा राहुल को अपने पिता के पास ले जाती  है. अब यह बात दीगर है कि रास्ते में दोनों का प्यार हो जाता है.
                            चेन्नई एक्सप्रेस रोमांस कहानी नहीं, जो बॉक्स ऑफिस शाहरुख़ खान का सफ़र सुहाना बना दे. क्योंकि, रोमांस तो शाहरुख़ खान का किला है. वह जब तक है जान तक अपनी तमाम रोमांस फिल्मों को हिट बनाते आये हैं. चेन्नई एक्सप्रेस तो एक एक्शन कॉमेडी है. शाहरुख़ खान को एक्शन रास नहीं आता है. उनकी एक्शन मोड वाली फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर नाकाम होती रही हैं.
                             इसीलिए बादशाह  खान के लिए चुनौतियाँ कुछ ज्यादा कठिन हो जाती है. चेन्नई एक्सप्रेस के बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ कमा लेने से खान की बादशाहत में मोर पंख नहीं लगेंगें। अब तो फरहान अख्तर का मिल्खा भी बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ की दौड़ भाग रहा है. शाहरुख़ खान के सामने बड़ी चुनौती उस सलमान खान की फ़िल्में होंगी, जिनके साथ वह बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी में गले लग चुके हैं. सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर के नाम 32.९२ करोड़ का हाईएस्ट सिंगल डे कलेक्शन का रिकॉर्ड दर्ज है. शाहरुख़ खान की एक दिन में सबसे ज्यादा २५ करोड़ का कलेक्शन करने वाली फिल्म रा.वन थी. सलमान खान की फिल्म दबंग २ ने वीकेंड में सबसे ज्यादा ६३.६० करोड़ कमाने का कीर्तिमान भी स्थापित कर रखा है. इसी साल रणबीर कपूर की फिल्म ये जवानी है दीवानी ने वीकेंड में ६२.११ करोड़ का कलेक्शन कर खान की चुनौतियाँ बढ़ा दी हैं. क्या शाहरुख़ खान रणबीर कपूर का रिकॉर्ड भी तोड़ पाएंगे? बात यहीं ख़त्म नहीं होती। सलमान खान द्वारा पेश चुनौतियाँ और भी है. सलमान खान की दो फिल्मों एक था टाइगर और दबंग २ ने सबसे जल्दी छह दिनों में सौ करोड़ कमा लिए थे. जबकि, शाहरुख़ खान की फिल्म रा.वन को सौ करोड़ कमाने में दस दिन लग गए थे. जबकि, यह फिल्म दीवाली वीक में लगी थी.
                                        चूंकि, हिंदी फ़िल्में बड़ी आसानी से, मल्टीप्लेक्स में ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज़ हो कर तथा टिकेट रेट्स बढ़ा कर, १०० करोड़ कमा ले रही हैं. इसलिए खान को आमिर खान की फिल्म ३ इडियट्स की चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा, जो सबसे ज्यादा २०२ करोड़ कमा चुकी है. आमिर खान के रिकॉर्ड को तो सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर भी नहीं छू सकी है. टाइगर की बॉक्स ऑफिस पर दहाड़ २०० करोड़ पर आते आते मिमियाहट में बदल गयी थी. एक था टाइगर केवल १९८ करोड़ ही कमा सकी. बादशाह खान के सामने ओवरसीज की चुनौतियाँ भी दरपेश होंगी।  ओवरसीज मार्किट में ३ इडियट्स ने २५ मिलियन डॉलर और शाहरुख़ खान की माय नेम इज खान २३ मिलियन डॉलर की कमाई की थी. चेन्नई एक्सप्रेस को इन दोनों चुनौतियों को ध्वस्त करना होगा. क्या चेन्नई एक्सप्रेस इतनी रफ़्तार  पकड़ सकेगी कि बॉक्स ऑफिस की दौड़ में स्थापित किये गए तमाम माइलस्टोन को ध्वस्त कर सके?
                                        चेन्नई एक्सप्रेस और खान के सामने चुनौतियाँ ढेर हैं. पर फिल्म में उनके साथ मीनम्मा  अर्थात दीपिका पदुकोन है. दीपिका इसी साल दो १०० करोड़ कमाने वाली फ़िल्में रेस २ और यह जवानी है दीवानी दे चुकी हैं. हो सकता है कि वह हैटट्रिक मार लें. पर यह मास्टर स्ट्रोक होना चाहिए, ताकि पहले की चुनौतिया धराशायी हो जाएँ। क्या ऐसा होगा? शाहरुख़ खान की इस फिल्म का पेड प्रीव्यू ८ अगस्त को रखा गया है. हो सकता है कि यह प्रीव्यू कोई इशारा कर सके. 
 

Tuesday 6 August 2013

सिल्क स्मिता का चोला पहन कर हिट हो गयी वीना मलिक भी !

                     


                      दक्षिण की फिल्मों में अपने उत्तेजक आइटम नंबर से याद की  जाने वाली सिल्क स्मिता  कभी भी हीरोइन के रूप में सफल नहीं हो सकीं। सिल्क स्मिता  ने सदमा जैसी हिंदी फिल्म में अभिनय भी किया. इस फिल्म में भी वह कामुक ही लगीं थीं।  २३ सितम्बर १९९६ को उनके घर में पायी गयी उनकी मृत देह ने पूरे भारतीय फिल्म उद्योग को दहला कर रख दिया. यहाँ तक कि सुदूर उत्तर भारत में भी उनकी अकाल मौत के सदमे को महसूस किया गया.
                       सिल्क स्मिता अपनी मृत्यु के डेढ़ दशक बाद भी किसी बड़ी एक्ट्रेस की तरह याद की जाती हैं. उनकी जीवनियाँ लिखीं गयीं, जो काफी बिकी भीं. २०११ में निर्माता एकता कपूर ने सिल्क स्मिता के जीवन  पर फिल्म बनाने के लिए मिलन लूथरिया के साथ शुरुआत की. मलयाली विद्या बालन को तेलुगु सिल्क स्मिता बनाया गया. मिलन लूथरिया ने सिल्क स्मिता की निजी ज़िंदगी से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए बिना सिल्क स्मिता के जीवन के नाजुक और संवेदनशील लम्हों को छुआ. सिल्क स्मिता द डर्टी पिक्चर से एक ऎसी मासूम अभिनेत्री साबित हुई, जिसका अंत तक शोषण किया गया.
                      द डर्टी पिक्चर की सफलता के साथ ही दक्षिण में सिल्क स्मिता पर फिल्मों की घोषणाओ की बाढ़ आ गयी. कन्नड़ भाषा में बनायी गयी २ अगस्त को रिलीज़ फिल्म सिल्क सक्काथ मगा इनमे से एक फिल्म थी. इस फिल्म में सिल्क स्मिता का रोल पाकिस्तान से आयी अभिनेत्री वीणा मलिक ने किया है. वीणा मलिक आधा दर्जन हिंदी फ़िल्में कर चुकी हैं. इसके बावजूद वह खुद को स्थापित नहीं कर सकी है. आज भी वह अपने नग्न अर्ध नग्न उत्तेजक मुद्राओं वाले चित्रों के कारण विवादित रूप से मशहूर होती रहती है. लेकिन, उनके द्वारा अभिनीत सिल्क स्मिता पर कन्नड़ फिल्म सिल्क सक्काथ मगा ने उन्हें, कम से कम साउथ की फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर ही दिया है.
                    सिल्क सक्काथ मगा कर्णाटक राज्य के मंगलोर, उडुपी, हैदराबाद और मैसूर के ५० थिएटर में १४० स्क्रीन पर हाउस फुल जा रही  है। यह फिल्म ऐसे सिनेमाघरों में भी प्रदर्शित हुई, जहाँ आम तौर पर कन्नड़ फ़िल्में नहीं प्रदर्शित की जाती है. एशिया के सबसे बड़े, १४८० दर्शक क्षमता वाले थिएटर में सिल्क सक्काथ मगा हाउस फुल दर्शकों द्वारा देखी गयी. यह फिल्म कन्नड़ फिल्म इतिहास की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गयी है.
                    दिलचस्प तथ्य यह है कि सिल्क सक्काथ मगा में सिल्क स्मिता का रोल कर रही वीणा मालिक ने द डर्टी पिक्चर की विद्या बालन जैसा संवेदनशील अभिनय नहीं किया है. उन्होंने फिल्म में ज़बरदस्त अंग प्रदर्शन किया है. उत्तेजक कामुक हाव भाव के जरिये वह दर्शकों को अपना  हैं. फिल्म में उनके ज़्यादातर सीन अंग प्रदर्शक और नाभि दर्शक हैं. वह अपने हीरो अक्षय के साथ गुत्थम गुत्था नज़र आती है. वीना मालिक जैसी उत्तेजना तो शायद अपने जीते जी सिल्क स्मिता तक नहीं पैदा कर सकी होंगी।

 

Monday 5 August 2013

.....अब मुसीबत में अक्षय कुमार की फिल्म !

                
स्वप्निल जोशी अभिनीत मराठी फिल्म दुनियादारी १९ जुलाई से मुंबई के सिंगल स्क्रीन थियटरों में ज़बरदस्त हाउस फुल चल रही है. ९ अगस्त को  शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण अभिनीत निर्देशक रोहित शेट्टी की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस रिलीज़  होनी है. शाहरुख़ खान की मास अपील भी है. इसलिए, रोहित शेट्टी इस प्रयास में थे कि उनकी एक्शन कॉमेडी फिल्म को ज्यादा मल्टीप्लेक्स स्क्रीन के अलावा ज्यादा से ज्यादा सिंगल स्क्रीन थिएटर भी मिल जाएँ। ईद के वीकेंड में किसी खान की फिल्म रिलीज़ होने का मतलब बॉक्स ऑफिस पर सोने की खान खोदना होता है. इसलिए चेन्नई एक्सप्रेस को रिलीज़ करने के लिए दुनियादारी को दिखा रहे सिनेमाघरों को भी hire कर लिया गया. यह खबर राज ठाकरे की मनसे पार्टी की चित्रपट  शाखा को नागवार गुजरी। उन्होंने धमकी दे डाली कि अगर हाउस फुल जा रही दुनियादारी को उतार दिया गया तो वह पूरे महाराष्ट्र में चेन्नई एक्सप्रेस को डिरेल कर देंगे।  यहाँ तक कि चेन्नई एक्सप्रेस के पोस्टर तक उखाड़ फेकेंगे। यह धमकी कारगर साबित हुइ. रोहित शेट्टी ने दुनियादारी वाले सिनेमाघर की ओर नज़र उठाने तक से तौबा कर ली. 
लेकिन, कहानी अभी बाकी है दोस्त. अब मुसीबत अक्षय कुमार की फिल्म पर आने वाली है. अगर उनकी फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा तयशुदा तारिख यानी १५ अगस्त को रिलीज़ हुई तो स्वप्निल जोशी इस बार उनके लिए चुनौती साबित होंगे। स्वप्निल जोशी की एक अन्य मराठी फिल्म गोविंदा १६ अगस्त को रिलीज़ हो रही है. जिस प्रकार से स्वप्निल की फिल्म दुनियादारी को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिली है, प्रदर्शक ख़ास तौर पर महाराष्ट्र के सिंगल स्क्रीन exhibitor 'गोविंदा' आला रे गाना चाहते है. वह अक्षय कुमार की फिल्म पर स्वप्निल की फिल्म को तरजीह देंगे। चेन्नई एक्सप्रेस के कारण पहले से ही स्क्रीन स्पेस की कमी से जूझ रहे अक्षय कुमार के लिए यह खबर चिंता की खबर बनती जा रही है. अगर ऐसा हुआ तो क्या होगा celulide के इस दाऊद का! क्योंकि, मराठा सर्किट हिंदी फिल्मों के बिज़नस के लिहाज़ से बड़ी और महत्वपूर्ण टेरिटरी है।
 
 

Friday 2 August 2013

परिवार की परिवार द्वारा परिवार के लिए नहीं (तो) रब्बा मैं क्या करूं।

                      रब्बा मैं क्या करू निर्देशक अमृत सागर की दूसरी फिल्म है. उनकी  पहली फिल्म १९७१ छह  साल पहले २००७ में रिलीज़ हुई थी. अब छह साल बाद अमृत सागर की दूसरी फिल्म  रब्बा मैं क्या करू रिलीज़ हुई है तो प्रशंसित फिल्म १९७१ के निर्देशक की फिल्म के प्रति दर्शकों के मन में उत्सुकता पैदा होना स्वाभाविक है. मगर रब्बा मैं क्या करू के अमृत सागर दर्शकों को बुरी तरह से निराश करते है. सेक्स कॉमेडी शैली में अमृत सागर की यह फिल्म दो भाइयों और तीन मामाओं की कहानी है. भांजे की शादी होने वाली  है. अब कॉमेडी के नाम पर इस सेक्स कॉमेडी में बड़ा भाई अपने छोटे भाई से शादी से पहले किसी लड़की से सेक्स करने की सलाह देता है, क्योंकि उस लडके ने अपनी मंगेतर से शादी से पहले सेक्स नहीं किया है. मामा लोग भी पूरी तरह से लम्पट है. एक मामा अपनी पत्नी के सामने दूसरी औरत के साथ सेक्स करता है.  दूसरा मामा छुप कर औरतों से चुम्बन बाजी करता है. जब उसकी औरत पूछती है तो कहता है कि सिगरेट पी रहा था. तीसरा मामा पिछले कई सालों से अपने अवैध सम्बन्ध वाली औरत की ब्रा ढून्ढता  फिर रहा है. पूरी फिल्म यह समझ मे नहीं आता कि लेखक आकाश कौशिक क्या स्थापित करना चाहते हैं? क्या यह कि जो लडके शादी से पहले सेक्स नहीं करते वह मूर्ख होती हैं? तमाम औरतें बेदिमाग और मूर्ख होती हैं कि अपने अपने पतियों के लम्पटपन  को भांप नहीं पाती. पता नहीं ऎसी न जाने कितनी बेवकूफियां हैं फिल्म में, जो हंसाती नहीं सर दर्द पैदा करती हैं. अमृत सागर और आकाश कौशिक की अक्ल पर रोना आता है. हंसाने का सवाल ही कहाँ उठता है.
                      फिल्म का कोई पक्ष ऐसा नहीं जिसका जिक्र किया जा सके. इस फिल्म से रामानंद सागर के पोते और अमृत के बेटे आकाश चोपड़ा का लौन्चिंग हुई  है. पर आकाश चोप्रा बुरी तरह से असफल रहे है. उन्हें अगर अभिनय की खुजली लगी हो तो पहले किसी अच्छे इंस्टिट्यूट से अभिनय का क्रेश कोर्स कर लेना चहिये. वैसे उन्होंने फिल्म में बेक ग्राउंड म्यूजिक भी दिया है. पर वह म्यूजिक कम शोर शराबा ही लगता है. नवोदित ताहिरा कोछर से तो भगवान् बचाये. उन्हें दर्शकों पर दया करते हुए कम से कम फिल्मों में अभिनय नहीं करना चहिये. क्योंकि, दर्शक उन्हें अब झेल नहीं सकते. अर्शद वारसी अपने चचेरे भाई को शादी से पहले सेक्स करने की सलाह देते देते  कॉमेडी के नाले में डूब जाते हैं. इस फिल्म में टीनू आनंद, शक्ति कपूर और परेश रावल ने तीन मामाओं का रोल करके  अपना नाम बखूबी डुबो दिया है.  रिया सेन ग्लैमर के लिहाज़ से जितनी फीकी हैं, उतनी ही अभिनय के मामले में भी. अमृत सागर को श्रेय दिया जाना चाहिए कि उन्होंने इन वरिष्ठ कलाकारों का नाम डुबोने का काम बखूबी अंजाम दिया है. फिल्म में केवल राज बब्बर ही अपना काम ठीक कर ले जाते हैं. वैसे सिनेमाघर में बैठे दर्शक उन्हें देखते ही पांच रुपये में भरपेट भोजन का नारा बुलंद करने लगते है.
                     सलीम-सुलेमान की जोड़ी ने दर्शकों के सिरों में दर्द पैदा करने में अमृत का भरपूर साथ दिया है. लगता है कि फिल्म के संपादक  सत्यजीत गज्मर को उनके पेमेंट का चेक नहीं दिया गया था. तभी तो वह संपादन के बजाय फिल्म की रीलें ही बढ़ाते रह गये.
                     इस फिल्म के प्रोडक्शन तथा अन्य विभाग से सागर परिवार के सदस्य ही जुड़े हुए हैं. इसलिए कहा जा सकता है कि परिवार की परिवार द्वारा परिवार के लिए नहीं रब्बा मैं क्या करूं। 







 

भाग मिलखा भाग के टैक्स फ्री होने पर बवाल

कल उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में दो फिल्मों भाग मिलखा भाग और 2 लिटल Indians को  दो महीने के लिए टैक्स फ्री करने का निर्णय लिया। आज अखबारों में caption था कि भाग मिलखा भाग कर मुक्त। यह फिल्म लखनऊ के एक सिंगल स्क्रीन थिएटर और दो तीन मल्टीप्लेक्स में लगी है। अखबारों ने यह तो लिखा कि यह फिल्में टैक्स फ्री हो गईं। लेकिन यह साफ नहीं किया कि शासनादेश जारी हो जाने के बाद ही टैक्स फ्री होगी। अब इस अधूरी खबर का असर यह हुआ कि जिन सिनेमाघरों में मिलखा साहब लगे हैं वहाँ दर्शक झगड़ा कर रहे है कि फिल्म तो टैक्स फ्री है, हमसे पूरा पैसा क्यों ले रहे हो। सिनेमाघर के लोग समझाते समझाते परेशान हैं कि अभी जीओ नहीं हुआ है। तो फिल्म टैक्स फ्री कैसे दिखाई जाये। दूसरी तरफ दिल्ली और Mumbai में बेचैनी है कि फिल्म को टैक्स फ्री होने में अब क्या परेशानी, जब कि गवर्नमेंट ने डिसिशन ले लिया। भाई लोगों को यह नहीं मालूम कि जब तक कोई फ़ाइल के साथ लगे नहीं सचिवालय में फ़ाइल सुस्त रफ्तार चलती है। यह फ़ाइल जब कैबिनेट नोट पर चीफ़ सेक्रेटरी के साइन के बाद, कर एवं निबंधन विभाग को वापस न आ जाए और शासनादेश पर प्रमुख सचिव कर एवं निबंधन के सिग्नेचर न हो जाये, फिल्म सिनेमाघरों में बिना टैक्स के नहीं दिखाई जा सकती। दर्शक यह समझने को तैयार नहीं। उधर फिल्म से जुड़े लोग परेशान हैं कि मिलखा इस हफ्ते जल्दी टैक्स फ्री नहीं हुई तो उसे अगले हफ्ते सिनेमाघर ही नहीं मिलेंगे। क्योंकि, चेन्नई एक्सप्रेस और वंस अपॉन आ टाइम इन मुंबई दोबारा से सभी सभी सिनेमाघर भर जाएंगे। बेचारे मिलखा पाजी! 

 

Thursday 1 August 2013

क्या पास हो पायेगी बीए पास में शिल्पा शुक्ल !


                         २००७ की बात है. यशराज बैनर की फिल्म चक दे इंडिया धूम  मचा रही थी. फिल्म में भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच कबीर खान की भूमिका शाहरुख़ खान ने की थी. शिमिट अमीन की यह फिल्म सुपर हिट हो गयी थी. चूंकि, फिल्म में शाहरुख़ खान थे, इसलिए स्वाभाविक था कि महिला हॉकी टीम के काल्पनिक वर्ल्ड कप जीतने पर बनी इस फिल्म में भी फोकस खान पर बना. उनका रोल था भी इतना मज़बूत और   सहानुभूतिपूर्ण  कि वह उभर  कर आते. इसके बावजूद कि चक दे इंडिया का सेहरा खान के सर बांध रहा था, फिल्म में हॉकी की फॉरवर्ड खिलाड़ी  बिंदिया नाइक की भूमिका करने वाली अभिनेत्री शिल्पा शुक्ल उभर कर आईं।  बेशक फिल्म में उनका रोल मज़बूत था.  लेकिन,शिल्पा शुक्ल का अभिनय भी काफी दमदार था. वह शाहरुख़ खान के अपोजिट भी मजबूती से खडी रही. इस फिल्म के बाद शिल्पा शुक्ल बिंदिया नाइक के रूप में मशहूर हो गयी. बिंदिया नाइक शिल्पा पर भारी पड़ गयीं
 
                         चक दे इंडिया से पहले शिल्पा की एक फिल्म खामोश पानी रिलीज़ हुई थी. लेकिन, शिल्पी चक दे के बाद ही चर्चित और मशहूर हुईं।  अब यह बात दीगर है कि खूबसूरत अभिनय और हिट चक दे इंडिया के बावजूद शिल्पा शुक्ल को फ़िल्में नहीं मिली. चक दे इंडिया के बाद वह दो साल तक खाली बैठी रहीं। फिर रिलीज़ हुई उनकी फिल्म चल चलें।  यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चल नहीं सकी. शिल्पा भी नहीं चलीं। सीजन ग्रीटिंग, मुंबई मस्त कलंदर और जंक्शन जैसी फ़िल्में कब आयीं और कब चली गयीं पता ही नहीं चल. तब आयी अंकुश भट्ट की फिल्म भिन्डी बाज़ार इंक।  इस फिल्म में शिल्पा ने एक जेब कतरी कंजरी की का रोल किया था. रोल दमदार था. शिल्पा ने एक्टिंग का दम भी दिखाया था. लेकिन उन्होंने नखरा भी दिखाया।  वह टेम्परामेंटल साबित हुइ. उन्होंने अपनी इस फिल्म के प्रमोशन पर ध्यान नहीं दिया. जबकि, फिल्म का पूरा फोकस शिल्पा के किरदार पर ही केन्द्रित था. नतीजे के तौर पर फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर नुक्सान पहुंचा. बहुत कम दर्शक फिल्म को मिले। अगली दो फ़िल्में फ्रोजेन और राजधानी एक्सप्रेस भी कुछ ख़ास रंग नहीं जमा सकीं।
                          जिस अभिनेत्री का रंग न जमे या उतरता लगे तो उसे क्या करना चहिये? अभिनेत्री मनीषा कोइराला इसका सबसे ज्वलंत उदहारण है. सौदागर जैसी हिट फिल्म से करियर की शुरुआत करने वाली और कभी माधुरी दिक्षित की नंबर वन पोजीशन को चुनौती देने वाली मनीषा कोइराला का करियर जब  गिरना शुरू हुआ तो फिर गिरता ही चला गया. इसके साथ ही खुद को बॉलीवुड में जमाये रखने की जद्दो जहद में मनीषा कोइराला भी गिरती चली गयी. उन्होंने शशिलाल नायर की सेक्सी फिल्म एक छोटी सी लव स्टोरी कर डाली। इस फिल्म में मनीषा का रोल बेहद घटिया किस्म का था. इसे कोई भी स्तरीय और प्रतिष्ठित अभिनेत्री नहीं कर सकती थी. एक  छोटी सी लव स्टोरी का नुक्सान मनीषा कोइराला को हुआ. इस फिल्म के बाद मनीषा कोइराला के सामने शादी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.

                          ऐसा लग रहा है कि शिल्पा  शुक्ल भी मनीषा की सेंडल में पैर घुसेड़े भाग रही है. अपनी असफलता से घबराई शिल्पा ने  भी एक इरोटिक फिल्म बीए पास कर ली। इस फिल्म की कहानी एक बड़ी उम्र की औरत के अपने से काफी कम उम्र के लडके के खुद के प्रति आकर्षण को अपनी सेक्सुअल डिजायर पूरी करने के लिए इस्तेमाल करने की है. इस फिल्म में उनके शादाब कमाल के साथ उत्तेजक बेड रूम सीन्स काफी चर्चा में है. शिल्पा अपने अभिनय के  बजाय चहरे पर कामुक हाव भाव लाकर अपनी फिल्म को गरम करने में जुटीहैं।
                          लेकिन, बीए पास की शिल्पा को मनीषा कोइराला के इतिहास के पन्ने पलटने चाहिये थे. वह एक छोटी सी लव स्टोरी के बाद भी गिरती चली गयीं। आज उनका कोई नामलेवा नहीं है. हो सकता है कि शिल्पा को मनीषा की याद न हो. पर वह पूनम पाण्डेय को तो याद कर ही सकती थीं. पूनम पाण्डेय की फिल्म नशा पिछले शुक्रवार ही रिलीज़ हुई थी. नशा को भी इरोटिक फिल्म की तरह प्रचारित की गयी थी. पूनम ने खुद के उभारों को कामुक ढंग से दिखाने में कोई कसार नहीं छोडी थी. इसके बावजूद ज्यादातर दर्शकों पर पूनम की बेअर  बॉडी का नशा नहीं चढ़ सका. ऐसे में शिल्पा कैसे उम्मीद कर सकती हैं कि बीए पास से उनकी सेक्स अपील का नशा दर्शकों पर चढ़ेगा !
                          शिल्पा और पूनम में जमीन आसमान का अंतर है. पूनम ने पिछले वर्ल्ड कप से खुद की पोर्नो एक्ट्रेस की तरह बना रखी थी. पूनम की फिल्म नशा को जितने भी दर्शक मिले वह इसी इमेज का नतीजा थे.  जबकि शिल्पा आज भी चक दे इंडिया की  ही है. वह बीए पास में फेल  रही है.