Sunday 4 January 2015

बेमिसाल धुनों के 'पंचम'

आज मशहूर फिल्म संगीतकार राहुल देव ,बर्मन उर्फ़ पंचम की पुण्य तिथि है। २१ साल पहले, केवल ५५ साल की छोटी उम्र में पंचम का देहांत हो गया था।  राहुल देव बर्मन, हालाँकि एक बड़े संगीतकार सचिन देव बर्मन के घर में पैदा हुए थे, इसलिए उनका संगीत पर अच्छी पकड़ होना स्वाभाविक था।  लेकिन, साथ ही  संगीत के वट वृक्ष सचिन दा की छाया में पलने की त्रासदी भी थी। राहुल जो भी धुन तैयार करते उसमे उनके पिता के संगीत की छाप देखी जाती। वास्तविकता तो यह है कि राहुल देव बर्मन को पंचम नाम ही पंचम सुर पर मिला था।  क्योंकि, जब वह रोते थे तो उनके पास पडोसी कहते थे कि वह पंचम सुर में रो रहे हैं। सचिन देव बर्मन को शास्त्रीय और लोक संगीत का ज़बरदस्त ज्ञान था। वह बॉलीवुड फिल्मों के लिए  १९४६ से संगीत दे रहे थे।  ऐसे में जबकि पिता बॉलीवुड म्यूजिक के टॉप पर हो, बेटे आरडी बर्मन को कौन पूछता।  हालाँकि, पंचम को प्रारंभिक फ़िल्में भी अपने पिता के कारण ही मिली थी। बताते हैं कि  'ऐ मेरी टोपी पलट के आ' गीत की रचना पंचम ने ही की थी, जिसे सचिन दा ने फिल्म फंटूश में उपयोग किया था।  इसके अलावा, फिल्म प्यासा' के 'सर जो तेरा चकराए' की संरचना भी नन्हे राहुल देव बर्मन की उँगलियों ने ही पैदा की थी। बतौर असिस्टेंट संगीत निर्देशक आरडी बर्मन ने अपने पिता को फिल्म 'चलती का नाम गाडी', 'कागज़ के फूल', 'तेरे घर के सामने', 'बंदिनी', 'ज़िद्दी', आदि में सहयोग किया।   पंचम को पहली फिल्म दी बचपन के दोस्त महमूद ने।  लेकिन, पंचम को यह फिल्म अपने पिता के कारण ही मिली थी।  महमूद ने जब बतौर निर्माता फिल्म बनाने का निर्णय लिया, तब फिल्म 'छोटे नवाब' का संगीत देने के लिए सचिन दा के पास गए।  सचिन दा के पास तारीखे नहीं थी।  महमूद ने पंचम से संगीत देने के लिए कहा।  झिझकते हुए पंचम ने फिल्म का संगीत दिया।  १९६१ में रिलीज़ फिल्म 'छोटे नवाब' फ्लॉप हुई।  पंचम के संगीत की प्रशंसा की गयी।  लेकिन, उनके सबसे लोकप्रिय गीत 'घर आजा घिर आये बदरा' में पिता के संगीत की छाप देखी गयी। राहुल देव बर्मन को बॉलीवुड का पंचम बनाया नासिर हुसैन की फिल्म 'तीसरी मंज़िल' ने।  इस फिल्म के जैज़ म्यूजिक ने फिल्म को सुपर हिट बनाया ही, आरडी बर्मन को भी हिट कर दिया।  हालाँकि, छोटे नवाब से तीसरी मंज़िल के बीच राहुल ने 'पड़ोसन', 'कटी पतंग', 'द ट्रैन', 'हलचल', 'कारवां', 'बुड्ढा मिल गया', 'सीता और गीता', 'हरे रामा हरे कृष्णा', आदि कोई २९२ हिंदी फिल्मों में सुपर हिट धुनें दी। उन्होंने ३१ बांगला, ३ तेलुगु, और दो-दो तमिल ओड़िया फिल्मों का संगीत भी दिया।  एक मराठी फिल्म के संगीतकार के बतौर भी पंचम का नाम दर्ज़ है। उनके तैयार तमाम गीतों के रीमिक्स कर हज़ारो बेसुरे संगीतकार और गायक लाखों कमा रहे हैं।   


राजेंद्र कांडपाल     

'अथर्वा द ओरिजिन में शाहरुख़ खान

रमेश थमिलमणि के ग्राफ़िक नावेल 'अथर्वा द ओरिजिन' में  बॉलीवुड फिल्म अभिनेता शाहरुख़ खान मुख्य किरदार में नज़र आएंगे।  पृथ्वी के जन्म पर केंद्रित इस उपन्यास में मनुष्य की जीवन यात्रा का चित्रण किया गया है। पृथ्वी के भावी राजा अपनी कठिन और लम्बी जीवन यात्रा पर निकला है।  इस यात्रा में वह अनोखे जानवरों का सामना करता है और जादुई ज़मीन के दर्शन करता है। अभी इस उपन्यास का एक मिनट का ट्रेलर देख कर इस प्रोजेक्ट के कंटेंट का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट पर विरजू स्टूडियो काम कर रहा है। इस उपन्यास का रेखांकन रमेश आचार्य ने किया है। अजंता एलोरा गुफाओं के चित्रण ग्राफ़िक नावेल के प्रारंभिक स्वरुप कहे जा सकते है।  १९६४ में पहली बार अधिकारिक रूप से ग्राफ़िक नावेल शब्द का उपयोग किया गया। १९७८ में विल आइजनर के प्रकाशन अ कॉन्ट्रैक्ट विथ गॉड के साथ यह उपन्यास हो गए। उम्मीद की जानी चाहिए कि अथर्वा द ओरिजिन के बाद यह उपन्यास भारत में भी प्रकाशित होने लगेंगे।





Saturday 3 January 2015

सोनाली बेंद्रे के प्रोफेशनलिज्म की दास्ताँ !

फिल्म अभिनेत्री कमाल की प्रोफेशनल हैं।  फिल्म हो या टीवी, काम के प्रति उनका समर्पण साफ़ झलकता है।  आजकल वह लाइफ ओके के सीरियल 'अजीब दास्तान है ये' में शोभा सचदेव का किरदार कर रही हैं। फिल्म का पूरा कथानक सोनाली के किरदार के इर्दगिर्द घूमता रहता है। सोनाली की इस अभिनय प्रतिभा के बदौलत ही दर्शक इस सीरियल को पसंद कर रहे हैं।  स्वाभाविक है कि  सीरियल के लिए सोनाली बेंद्रे ख़ास है।  खुद सोनाली भी इसे अच्छी तरह से जानती हैं। पिछले दिनों वह आँख के इन्फेक्शन से परेशान थी।  काफी  जलन होने के कारण सोनाली को देखने में भी परेशानी हो रही थी।  इसके बावजूद सोनाली बेंद्रे खुद कार चलाते हुए डॉक्टर के पास गयी।  डॉक्टर को दिखाया, दवा ली और सीधा ' अजीब दास्ताँ है ये' के सेट पर पहुँच गयी।  फिर, सेट पर उनकी आँखें काफी सूज रही थी।  इसके बावजूद सोनाली ने अपना शॉट पूरा किया।  इसके बाद ही वह घर गयी। उनके  इस प्रोफेशनलिज्म की खुले दिल से प्रशंसा उनके सीरियल के को-स्टार्स ने भी की।  प्रोफेशनल  हो तो सोनाली जैसी। 

राजेंद्र कांडपाल
 

समीर सोनी की माय बर्थडे सांग

एक्टर समीर सोनी अब निर्देशक भी बन गए हैं। फिल्म 'प्यार में कभी कभी' से डेब्यू करने वाले संजय की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी एंटीक्लॉक फिल्म्स के अंतर्गत फिल्म माय बर्थडे सांग समीर की पहली फिल्म होगी।  इस फिल्म में संजय सूरी के अलावा कनाडा की एक्टर नोरा फतेही, सुपर्णा कृष्णा, अयाज़ खान, एलेना कज़न, मिस ऑस्ट्रेलिया इंडिया ज़ेनिआ स्टार, आदि मुख्य  भूमिका में हैं। माय बर्थडे सांग को समीर सोनी ने ही लिखा है।  यह एक थ्रिलर ड्रामा फिल्म होगी। 
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Friday 2 January 2015

सोनी पल के सीरियल सिंहासन बत्तीसी के १०० एपिसोड पूरे

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टेक इट इजी बॉक्स ऑफिस कैन डांस साला

अमूमन, नए साल के पहले शुक्रवार को कोई बड़ी फिल्म रिलीज़ नहीं होती।  बुलंदी और मेला जैसे बड़ी सुपर फ्लॉप फिल्मों का इतिहास फिल्मकारों के सामने है। हालाँकि, इन असफल फिल्मों की असफलता के पीछे ख़राब कहानी, ख़राब निर्देशन, बकवास अभिनय और झोलदार पटकथा ख़ास कारण थे।  अन्यथा, नो वन किल्ड जैसिका भी पहले शुक्रवार को रिलीज़ हो कर हिट हुई है।  लेकिन, फिल्म वालों का खुद पर विश्वास नहीं होता।  इसलिए, इस साल भी, पहले शुक्रवार यानी  आज दो छोटी फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं।  सुनील प्रेम व्यास की फिल्म 'टेक इट इजी' को बड़ों के लिए बच्चों की फिल्म कहा जा सकता है। किस प्रकार से पढ़ाई और प्रतिस्पर्द्धा बच्चों से उनका बचपन और व्यवहार छीन रही है, इसे दो दोस्तों की कहानी के माध्यम से कहा गया  है। इस फिल्म में विक्रम गोखले, दीपानिता शर्मा, राज जुत्शी और अनंग देसाई की ख़ास भूमिका है।  दूसरी फिल्म निर्देशक शचीन्द्र शर्मा की 'मुंबई कैन डांस साला' है।  यह फिल्म मुंबई की बार डांसरों की कड़ी में है। फिल्म की नायिका आशिमा शर्मा ने ही फिल्म में बार डांसर की मुख्य भूमिका की है। राखी  सावंत,प्रशांत नारायण, आदित्य पंचोली, मुकेश तिवारी और शक्ति कपूर सहयोगी भूमिका में हैं।  साफ़ तौर से इन फिल्मों की कहानी तो ख़ास लगाती है।  लेकिन, काफी कुछ निर्भर करेगा फिल्म की प्रस्तुति पर कि  किस कल्पनाशीलता के साथ 'टेक इट इजी' के निर्देशक सुनील प्रेम व्यास और 'मुंबई कैन डांस साला' के निर्देशक शचीन्द्र शर्मा अपनी अपनी फ़िल्में पेश कर पाते हैं।  इन फिल्मों के कलाकारों का अभिनय फिल्मों में जान डाल सकता है। आइये, ईश्वर से प्रार्थना करते हैं इन फिल्मों की बॉक्स ऑफिस सक्सेस के लिए ! ईश्वर से क्यों ! इसलिए कि अगर आमिर खान और राजकुमार हिरानी को अपनी प्रतिभा पर भरोसा होता तो अपनी फिल्मों के लिए नए साल  पहला शुक्रवार भी चुनते, न कि  सुरक्षित वीकेंड।