Sunday 6 September 2015

क्या एक्सपेंडेबल्स ४ में होंगे सलमान खान !

अभिनेता सीलवेस्टर स्टॉलोन ने 'एक्सपेंडब्ल्स ४' बनाने की तयारी शुरू कर दी है।  इस समय वह फिल्म के लिए कास्ट फाइनल कर रहे हैं।  ख़ास कर, पुरानी फिल्मों की कास्ट के अलावा किन नई कास्ट को 'एक्सपेंडब्ल्स ४' में शामिल करना है।  हालाँकि, एक्सपेंडब्ल्स सीरीज की तीसरी फिल्म 'एक्सपेंडब्ल्स ३' ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। इसके बावजूद  स्टैलोन इस फिल्म को खतरनाक दृश्यों से भरपूर बनाना चाहते हैं।  वह इस बार फिल्म के मुख्य विलेन के लिए डब्ल्यू डब्ल्यू ई के मशहूर हल्क होगन को लेना चाहते हैं।  इस बात का संकेत खुद हल्क होगन ने दिया था।  बताते हैं कि होगन को दुनिया के सबसे खतरनाक विलन का जामा पहनाने के लिए काफी सोच विचार किया जा रहा है।  फिल्म की स्टार कास्ट में फिलिपिनो बॉक्सिंग चैंपियन मेनी पैक्वाइओ भी हो सकते हैं।  क्योंकि, उन्हें स्टैलोन के साथ अर्नाल्ड श्वार्ज़नेगर ने भी फिल्म की कास्ट में शामिल होने का न्योता दिया है। खुद पैक्वाइओ भी इस फिल्म में काम करने के लिए उत्सुक हैं। बेइंतहा ख़ुशी की खबर है इंडियन ऑडियंस के लिए।  एक्सपेंडब्ल्स सीरीज की पहली दो फिल्मों ने भारत में उत्साहजनक प्रदर्शन किया है।  इस सीरीज की फिल्मों की कास्ट से भारतीय दर्शक अच्छी तरह से परिचित है। सीलवेस्टर स्टैलोन अपनी फिल्म को भारत में बहुप्रतीक्षित बनाना चाहते हैं।  इसलिए, वह बॉलीवुड के सबसे सफल अभिनेता सलमान खान को अपनी फिल्म में लाना चाहते हैं।  खुद सलमान खान भी 'रॉकी' स्टार के दीवाने हैं।  सलमान खान अगर एक्सपेंडब्ल्स ४ की स्टार कास्ट में शामिल हो जाते हैं तो उन्हें पहली बार सीलवेस्टर स्टैलोन और अर्नाल्ड श्वार्ज़नेगर के अलावा जैसन स्टेथम, टेरी क्रुज और मिक्की रोउरके के साथ काम करने का मौका मिलेगा।


Saturday 5 September 2015

समलैंगिकता पर फिल्म 'टाइम आउट' से 'चुंबन' गायब !

वायकोम १८ मोशन पिचर्स की फिल्म "टाइम आउट " से रिखिल बाहदुर का निर्देशन डेब्यू  हो रहा है।  उन्होंने फिल्म में बोल्ड सब्जेक्ट लिया है।  'टाइम आउट'  ऐसे दो भाइयो की कहानी जो ताजीवन अपनी अलग पहचान तलाशते है।  परन्तु यह फिल्म  समलैंगिकता पर आधारित है, जो कि भारतीय समाज और कानून में टैबू है।  ज़ाहिर है कि यह बहुत ही सेंसेटिव विषय है।  इस फिल्म में समलैंगिक संबंधों के दृश्यों में अभिनेता प्रणय पचौरी और वेदब्रत राव के बीच  कुछ चुम्बन दृश्य फिल्माये जाने  थे, पर बाद में पता चला कि किसी कारणवश इन दृश्यों का फिल्मांकन नहीं हो सका । आप सोच रहे होंगे कि सेंसर बोर्ड के डर के कारण समलैंगिक फिल्म में चुम्बन दृश्य नहीं फिल्माए जा सके ! काफी मामलों में सेंसर का भय हकीकत हो सकता है।  परन्तु,  टाइम आउट के मामले में कुछ दूसरा ही कारण था।  फिल्म की शूटिंग के दौरान मजूद सूत्र बताते हैं, " निर्माताओ ने दोनों मेल अभिनेता को चुंबन दृश्य के लिए राजी भी कर लिया था। लेकिन जिस दिन यह सीन होना था, उसी दिन इन दोनों अभिनेताओं के पैरेंट सेट पर आ  धमके। जब उन्हें इस बारे में  पता चला वे बहुत ही गुस्सा हुए। हालाँकि, ​फिल्म टाइम आउट के लिए यह सीन काफी मायने रखता था।  पर एक्टर्स के पेरेंट्स के कारण इस सीन को फिल्म की स्क्रिप्ट से ही निकाल दिया गया।"  चिराग मल्होत्रा, प्रणय पचौरी और वेदब्रत राव अभिनीत ​फिल्म "टाइम आउट" २५  सितम्बर  २०१५ को सभी सिनेमाग्रहो में प्रदर्शित होगी।  

Friday 4 September 2015

बॉलीवुड की लेडी टीचर हॉट क्यों होती है !

बॉलीवुड की फिल्मों में, कम ही सही टीचर होते हैं। तमाम अभिनेता- अभिनेत्रियों ने स्कूल टीचर के किरदार किये।  राजेश खन्ना फिल्म मास्टरजी में मास्टर बने हुए कॉमेडी कर रहे थे तो अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र क्रमशः इंग्लिश और बॉटनी के प्रोफेसर बने हुए दर्शकों को हंसा रहे थे। यहाँ तक कि शाहिद कपूर जैसा चॉकलेटी हीरो भी पाठशाला में बच्चों को पढ़ा चूका है।  इस लिहाज़ से हिंदी फिल्मों की कई अभिनेत्रियों में फिल्मों में लेडी टीचर का किरदार अदा किया है। पाठशाला में शाहिद की नायिका आयेशा टाकिया ने भी एक टीचर का किरदार किया था। लेकिन, सामान्य तौर पर महिला टीचर किरदारों की बात करें तो वह हॉट लगती हैं। बासु चटर्जी की १९७८ में रिलीज़ रॉम कॉम  फिल्म दिल्लगी में धर्मेन्द्र संस्कृत टीचर बने थे और हेमा मालिनी केमिस्ट्री पढ़ाती थी।  कुमार संभव पढ़ाते समय धर्मेन्द्र इस कथानक का जिस प्रकार से वर्णन करते थे, वह हेमा मालिनी को पसंद नहीं आता।  क्योंकि, वह खुद इस वर्णन से कामुक हो उठती है।  हालाँकि, दिल्लगी की हेमा मालिनी कोई सेक्स अपील नहीं  झलका रही थी, लेकिन शिक्षिकाओं की इमेज को सेक्सी ज़रूर बना रही थी। क्यों हिंदी फिल्मों के टीचर किरदार हॉट होते हैं ? इसे जानने के लिए ज़रूरी है महिला शिक्षक किरदार वाली फिल्मों पर एक नज़र डालना।  आइये जानते हैं ऐसी कुछ टीचरों के बारे में -
मैं हूँ न- कोरियोग्राफर फराह खान के निर्देशन में बनी फिल्म में अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने एक कॉलेज की टीचर की भूमिका की थी।  वह फिल्म में केमिस्ट्री की टीचर थी।  लेकिन, पूरे कॉलेज में वह हॉट अंदाज़ में फिरती नज़र आती थी। तमाम युवा छात्र उनसे केमिस्ट्री भिड़ा रहे थे।  इसके लिए सुष्मिता सेन को हॉट पेंट या शॉर्ट्स पहनने की ज़रुरत नहीं पड़ी।  वह साड़ी और ब्लाउज में पर्याप्त हॉट लग रही थी।  नाभि-दर्शन शिफॉन साड़ी बांधे सुष्मिता सेन का पीछे से गांठदार डीप नैक ब्लाउज और खुले बाल, उन्हें सुपर सेक्सी केमिस्ट्री टीचर बना रहे थे ।
देसी बॉयज़- रोहित धवन की फिल्म 'देसी बॉयज़' में चित्रांगदा सिंह मैक्रो इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर तान्या बनी थी। वह कॉलेज में अपने विषय से ज़्यादा लुक से चर्चित होती रहती है। वह क्लास में मिनी स्कर्ट और ब्लाउज में आती है।  वह बड़े काले चश्मे और कटारीदार काजल लगा कर पढ़ाती तान्या सेक्सी टीचर लगती थी।
कुर्बान- रेंसिल डि'सिल्वा की फिल्म 'कुर्बान' में करीना कपूर और सैफ अली खान डेल्ही यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर बने हैं । फिल्म के किसी भी सीन में दोनों को क्लास लेते नहीं दिखाया गया।  करीना कपूर अल्ट्रा ग्लैमरस लुक में सैफ के साथ इश्क़ के पेंच लड़ाती नज़र आती थी।
नशा- स्कूल टीचर अनीता के किरदार में अभिनेत्री पूनम पाण्डेय क्लास टीचर काम आवारा लड़ाई ज़्यादा लगाती थी।  फिल्म में उन्होंने जम कर एक्सपोज़र किया था।  वह अपने छात्रों से सेक्सुअल रिलेशन रखती थी। शब्द- एक उपन्यास के लेखक की इस कहानी में ऐश्वर्या राय बच्चन एक कॉलेज की सीनियर टीचर बनी थी।  वह विवाहित होते हुए भी अपने जवान साथी से प्रेम करने लगती है । इस फिल्म में ऐश्वर्या राय कामुक अंदाज़ में थी।  उन पर एक गर्मागर्म बेड रूम सीन भी फिल्माया गया था।
हिंदी फिल्मों की महिला शिक्षकों के किरदारों को कई अन्य अभिनेत्रियों ने भी किया है। रानी मुख़र्जी ने फिल्म कभी अलविदा न कहना में प्राइमरी स्कूल टीचर, आयशा टाकिया ने फिल्म पाठशाला, शहनाज़ टायरवाला
फिल्म 'लव का द एंड' में कॉलेज टीचर, केवल एक फिल्म करने वाली गीता जोशी भी फिल्म स्वदेश में गाँव के स्कूल की टीचर बनी थी। कुछ कुछ होता है में अर्चना पूर्ण सिंह, स्टैनले का डिब्बा में दिव्या दत्ता भी अध्यापिका के किरदार में थी।
हिंदी फिल्मों की महिला टीचर का सेक्सी और ग्लैमरस अंदाज़ उनकी रियल लाइफ इमेज का नतीजा है। सुष्मिता सेन, ऐश्वर्या राय, चित्रांगदा सिंह, करीना कपूर, रानी मुख़र्जी और आयशा टाकिया की रियल लाइफ इमेज भी फैशन आइकॉन की है।  अपनी फिल्मों में भी यह अभिनेत्रियां ख़ास ग्लैमरस अंदाज़ में सेक्सी नज़र आती हैं।  ऐसे में यह संभव ही नहीं कि इन अभिनेत्रियों से सीधे सादे अंदाज़ में रहने वाली  टीचर के रूप में पेश जाए।  पूनम पाण्डेय ने नशा करने से पहले ट्विटर पर अपनी जिस प्रकार की पिक्स अपलोड की थी, नशा कुछ उसी अंदाज़ में बनी फिल्म थी।  देसी बॉयज़ में चित्रांगदा सिंह अपने निजी जीवन को जी रही थी।  ऐसे में  अगर टीचर सुष्मिता सेन जैसी हॉट केमिस्ट्री टीचर हो और शाहरुख़ खान जैसा छात्र हो तो दोनों की केमिस्ट्री बैठनी ही है।  मैं हूँ न में बहुत कुछ ऐसा ही हुआ था।  कुछ इसी अंदाज़ में नागेश कुकनूर ने अपनी १९९९ मे रिलीज़ फिल्म 'रॉकफोर्ड' में टीचर नंदिता दास को दिखाया गया था, जिसकी सेक्स अपील का दीवाना उसका एक स्टूडेंट हो जाता है।  इस फिल्म में एक महिला टीचर को अपने छात्रों से सेक्सुअल फेवर माँगते दिखाया गया था।
हिंदी फिल्मों की सेक्सी टीचर की श्रंखला में सुष्मिता सेन सेक्सिएस्ट टीचर मानी जाती हैं।  इसे नकारा भी नहीं जा सकता।  लेकिन, सुष्मिता सेन की सुपर सेक्सी इमेज के मद्दे नज़र रेखा और सिम्मी ग्रेवल की टीचर को भी नकारा नहीं जा सकता।  वात्स्यायन के कामसूत्र पर मीरा नायर की फिल्म 'कामसूत्र' में सेक्स को किस प्रकार से जीवन को खुशहाल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, की शिक्षा कामसूत्र पढ़ाने वाली अध्यापिका रस देवी देती है।  रेखा ने इस भूमिका को किया था।  सक्षम अभिनेत्री रेखा इस किरदार को बिना कामुकता लाये कर जाती थी। राजकपूर के सुपर फ्लॉप फिल्म 'मेरा नाम जोकर' तीन हिस्सों में बनी फिल्म थी। इस फिल्म में सिमी ग्रेवल कान्वेंट टीचर मैरी के किरदार में थी।  टीन एज ऋषि कपूर उन पर आसक्त हैं।  वह एक दिन उन्हें नंगा देख लेते है।  ऋषि कपूर की आसक्ति टीचर का मंगेतर भांप लेता है।  तब यह उस बच्चे का समझाता है।


भाइयों के कॉमेडी वर्ल्ड का 'वेलकम बैक'





सलमान खान के खाते में एक और सौ करोडिया फिल्म 'रेडी' २०११ में रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म के चार साल बाद निर्देशक अनीस बज़्मी एक बार फिर हाज़िर हैं, तो यकीन जानिये आपके लिए हंसने के मौके ही मौके हैं। अनीस  बज़्मी ने राजीव कौल के साथ कहानी लिखी है।  लेकिन, कहानी कुछ भी नहीं है।  २००७ के 'वेलकम' का २०१५ संस्करण।  अक्षय कुमार की जगह उनके दोस्त जॉन अब्राहम ने ले ली है। अनीस बज़्मी को कटरीना कैफ के बाद सोनाक्षी सिन्हा नहीं मिली तो श्रुति हासन को ले लिया।  मल्लिका शेरावत का किरदार अंकिता श्रीवास्तव के हत्थे चढ़ा है।  फ़िरोज़ खान नहीं रहे तो वांटेड भाई बन कर नसीरुद्दीन शाह आ गए।  शाइनी आहूजा को चरसी बना कर पेश कर दिया।  अक्षय नहीं हैं अनीस बज़्मी ने उनकी सास डिंपल कपाड़िया से काम चला लिया है।
अब बात फिल्म की ! सोचने का टाइम ही नहीं मिला।  हँसते हँसते बेहाल।  अनीस बज़्मी की आदत है कि वह कभी कभी तो सेट पर आ कर ही स्क्रिप्ट लिखते हैं। उनके सीन यकायक बदल सकते हैं।  उन्होंने अपने तीन साथियों राजीव कॉल, राजन अग्रवाल और प्रफुल्ल पारेख के साथ लिखी है।  चुन चुन कर सीन लिखे हैं।  बेशक कोई सर पैर नहीं ! लेकिन, अनीस की फिल्म में सर पैर क्यों खोजो।  हंसों भाई हंसों।  फिल्म का हर सीन हंसाता है।  एक से बढ़ कर एक हँसी के गोल गप्पे।  इन हंसी के गोल गप्पों में राज शांडिल्य ने बढ़िया मसाला पानी मिलाया है।  तभी तो हँसते हँसते आँखों से आंसू निकल सकते हैं।
रही बात अभिनय की तो नसीरुद्दीन शाह, नाना पाटेकर, अनिल कपूर और परेश रावल का जवाब नहीं।  क्या कॉमेडी टाइमिंगस हैं इन चारों अभिनेताओं की।  बिलकुल गंभीर बने हुए, ऊट पटांग सिचुएशन में भी यह चारों दर्शकों को पगला देते हैं। जॉन अब्राहम एक्शन सींस में अच्छे लगते हैं।  वैसे इस फिल्म से उन्हें फायदा होगा।  श्रुति हासन मोटी हैं, हिंदी डायलाग बोलने में कच्ची हैं और कॉमेडी की समझ भी नहीं है।  डिंपल कपाड़िया ने इस फिल्म को पैसा कमाने की खातिर ही किया होगा।  शाइनी आहूजा बेकार लगे।  अंकिता श्रीवास्तव बदसूरत हैं, संवादों के मामले में कच्ची हैं और अभिनय में अभी बच्ची हैं।  उन्हें अनीस और फ़िरोज़ नाडियाडवाला ने ग्लैमर बिखेरने के लिए लिया था, पर यह जब आती हैं कहानी को बिखेर देती हैं।
फिल्म के मूड के अनुरूप धूम धड़ाके वाला संगीत है।  फिल्म बुरा नहीं लगता।  कबीर लाल की फोटग्राफी फिल्म के थ्रिल और यूनाइटेड एमिरेट्स (दुबई और अबु धाबी) की रेगिस्तानी खूबसूरती को बखूबी उभारा है। फिल्म को एडिटर स्टीवन एच बर्नार्ड ने अपने शिकंजे में ऐसा कैसा है कि फिल्म अपने ट्रैक से भटकने नहीं पाती।  अरे हाँ ! सुरवीन चावला और संभावना सेठ का एक एक आइटम भी है।
अगर आप इस फिल्म को देखना चाहते हैं तो केवल हंसने के ख्याल से देखिये।

Thursday 3 September 2015

जैकी चैन के साथ ' योग' नहीं कर रही कैटरीना कैफ

जून में यह खबर आम हुई थी कि कैटरीना कैफ इंडो-चाइना कोऑपरेशन से बनाई जा रही फिल्म 'कुंग फू योग' में जैकी चैन की नायिका होंगी।  लेकिन लगता है कि इस खबर की पुष्टि कैटरीना कैफ से नहीं कराई गई थी। यह ठीक वैसा ही था, जैसे मई में अपनी फिल्म 'पीके' लेकर चीन गए  आमिर खान के जैकी चैन के साथ 'कुंग फू योग' करने की खबर फ़ैल गई थी। अब यह बात दीगर है कि आमिर खान ने इस खबर का भारत वापस आते  ही खंडन कर दिया।  कुछ ऐसा ही कटरीना कैफ के साथ भी हुआ कि वह 'कुंग फू योग' में चीनी यूनिवर्सिटी में भारतीय प्रोफेसर की भूमिका कर रही हैं, जो एक चीनी पुरातत्ववेत्ता जैकी चैन की, जो मगध काल में राजा बिंबसार के ख़ज़ाने की खोज करना चाहता है, मददगार की भूमिका कर रही हैं ।  मगर, अब इस खबर का भी आमिर खान की तरह कैटरीना कैफ ने भी खंडन कर दिया है ।  उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में  कहा, "डिस्कशन हुआ था।  लेकिन, मुझे यहाँ मुंबई में रहना है। मुझे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की फिल्मों में काम करना है। मैंने तो कभी इस ऑफर की बात नहीं की। जब आप कोई फिल्म नहीं कर रहे हो तो उसके बारे में बात ही क्यों करो ?" वैसे इस खबर में काफी सच्चाई मालूम पड़ती है कि कैटरीना कैफ रांझणा और तनु वेड्स मनु सीरीज की फिल्म के डायरेक्टर आनंद एल राज की अगली फिल्म में शाहरुख़ खान के साथ  काम करने जा रही हैं।  दरअसल, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स की सफलता के  दौर में आनंद एल राज के दिमाग में ग्रामीण पृष्ठभूमि पर एक बौने की कहानी पर फिल्म बनाने की योजना थी।  वह इस फिल्म में किसी बड़े सितारे को लेना चाहते थे। उनकी पहली पसंद सलमान खान थे।  सलमान खान ने स्क्रिप्ट सुनी भी।   लेकिन, बात नहीं बनी।  फिर फिल्म शाहरुख़ खान को मिल गई।  अब आनंद राज की फिल्म में कैटरीना कैफ के होने की खबर आ गई है।  अगर आनंद एल राज की फिल्म  में शाहरुख़ खान और कैटरीना कैफ साथ आते हैं तो यह फिल्म 'जब तक है जान' के  बाद इस जोड़ी की दूसरी फिल्म होगी।  अब देखने वाली बात होगी कि खान और कैफ की जोड़ी आनंद की फिल्म में बनती है या नहीं ?  इसके लिए तब तक इंतज़ार करना होगा ,  जब कैटरीना कैफ स्कॉटलैंड से सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ अपनी फिल्म 'बार बार देखों' की तथा शाहरुख़ खान आइसलैंड से रोहित शेट्टी की फिल्म 'दिलवाले' की शूटिंग से वापस आ जाएँ।

Wednesday 2 September 2015

& टीवी पर ५ सितम्बर से दो नए शो

इस शनिवार ५ सितम्बर से & टीवी पर दो नए शो डील या नो डील और एजेंट राघव क्राइम ब्रांच  प्रसारित होने जा रहे हैं।  'डील या नो डील' एक गेम शो है।  इसे  परिवार के सदस्यों के साथ ही खेल जायेगा।  इस शो में २६ फैमिली मेंबर हैं।  इतने ही ब्रीफ केस भी।  भारी रकम लगी हुई है जीतने के लिए। इस शो के शुरूआती एपिसोड में ही २६ ब्रीफ़केस दिखाए जायेंगे।  इन  ब्रीफकेसों में नंबर पड़े होंगे।  हर ब्रीफ़केस में अलग अलग रकम भरी होगी।  हर बैग को परिवार के सदस्य या उनके निकट मित्र पकड़े होंगे।  चूंकि, किसी  को भी  नहीं मालूम है कि किस ब्रीफ़केस में कितनी रकम भरी है, यह दिमाग को थका दी  वाला काम है कि ज़्यादा से ज़्यादा रकम जीतने के लिए किस बैग को चुना जाये।   बैग की रकम की जानकारी गेम छोड़ कर जाने की शर्त पर ही बताई जा सकती है। यह  शो रोनित रॉय पेश कर रहे हैं।
'डील या नो डील' के तुरंत बाद अपराध रहस्य थ्रिलर शो 'एजेंट राघव- क्राइम ब्रांच' प्रसारित होगा।  राघव सिन्हा क्राइम ब्रांच का अफसर है।  वह हत्या और अपराध के  कठिन से कठिन मामलों को सुलझा सकता है।  अन्य पुलिस अधिकारीयों से अलग  राघव में अपराध की जगह को देखा कर अपनी कल्पना में परिस्थितियों का जोड़ घटाना कर अपराध की परिस्थितियों और  अपराधी को पकड़ने में मददगार सूत्र  ढूंढ लेता है।  राघव एक मनोविज्ञानी और हिप्नोथेरोपिस्ट परिवार में पैदा  हुआ था। उसने छोटी उम्र में ही अपने पिता से सूत्र खोज निकालने की तकनीक सीख ली थी।  राघव का दुखद पहलू भी है।  उसके पिता की हत्या कर दी गई थी।  वह उस दुःख से उबर नहीं पाया है।  इसीलिए वह किसी भी हालत में अपराधी को ढूंढ निकाल लाना चाहता है।  उसकी इन्ही  खासियतों के कारण क्राइम ब्रांच में तैनात किया गया है।  एजेंट राघव का किरदार शरद केलकर कर रहे हैं।


यह फॅमिली के साथ देखने वाली मनोरंजक फिल्म है- कपिल शर्मा

कॉमेडी की दुनिया में बुलंदियों पर पहुंच चुके कपिल शर्मा अब बड़े पर्दे पर भी नजर आने वाले हैं। कॉमेडी के बलबूते देश-विदेश में घर-घर पहचान बनाने में सफल रहे कपिल को निर्देशक अब्बास-मस्तान ने अपनी आगामी फिल्म "किस किसको प्यार करूं" से रूपहले पर्दे पर बेहतरीन मौका दिया है। कपिल शर्मा को उनका पहला ब्रेक ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ से मिला। इसके साथ ही वह फेम शो ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ से काफी प्रसिद्ध हुए। इस शो से पहले कपिल शर्मा 9 रियलिटी टीवी शो जीत चुके थे। इस मल्टीटेलेंटेड एक्टर नें अपने प्रतिभाशाली हुनर से काॅमेडी सर्कस के सभी छः सीजन जीते। आईकाॅनिक काॅमेडियन बनने के बाद अब कपिल शर्मा अपनी पहली फिल्म ‘किस किस को प्यार करूं’ से लोगों को आश्चर्यचकित करने को तैयार है। 
हमें अपने छोटे परदे से लेकर बड़े पर्दे की अब तक की जर्नी के बारे में कुछ बताइए?
मैं हमेशा से एक स्टैंड अप काॅमेडियन व गायक बनना चाहता था। मैं एक अभिनेता बनूंगा ये मैंने कभी नहीं सोचा था। इसके साथ ही मुझे एक शो मिला जिसका नाम स्टार या राॅकस्टार था इस शो के जरिए मैंने अपने गायक बनने का सपना पूरा किया। इसके बाद मैंने गायक बनने के लिए कभी अपना लक नहीं आजमाया तो मैने स्टैंड अप काॅमेडी करना शुरू कर दिया। अगर मैं सीधे ही एक्टर बन गया होता तो मुझे विशवास नहीं होता। मैं पिछले 11-12 सालों से काम कर रहा हूं इसलिए अब मैं कैमरे के अनुकूल हो गया हूं और इसी वजह से फिल्म में काम करना मेरे लिए काफी मददगार साबित हुआ।
इस फिल्म में मैं एक ऐसे व्यक्ति का रोल निभा रहा हूं जो एक अच्छा इंसान है। उसकी डिक्शनरी में ना शब्द है ही नहीं और तो और वह हमेशा ही दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता है। इसी सहायक व्यवहार की वजह से उसकी शादी तीन औरतों के साथ हो जाती हैं, यहा तक की उसकी एक गर्लफ्रैंड भी होती हैं। फिल्म की कहानी इन्हीं स्थितियों व उनसे निपटनें की कहानी पर आधारित हैं।
इस फिल्म की खासियत यह है कि लोग जैसा मुझे देखना चाहते हैं, वैसा ही लुक मुझे दिया गया है। इसके अलावा पहले लोगों को आशंका थी कि अब्बास-मस्तान की फिल्म है तो मर्डर-मिस्ट्री टाइप ही होगी, लेकिन फिल्म का प्रोमो आते ही हमारे चाहने वालों के जहन से वह शंका भी क्लीयर हो गई। इस फिल्म को भी ऑडियंस का भरपूर प्यार मिलेगा, क्योंकि यह हमारे शो की तरह ही फैमिली के साथ देखने वाली मनोरंजक फिल्म है।
चार हीरोइनों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
इसकी खूबसूरती यही है कि बंदा न चाहते हुए भी चार हीरोइनों को साथ लेकर चलता है। हकीकत तो यह है कि बंदा चाहता नहीं है कि उसकी तीन बीवी और एक गर्लफ्रेंड हो, लेकिन वह जानबूझकर कुछ नहीं करता, बस उसके साथ एक्सिडेंटली ऐसा होता जाता है। अब जब हो ही रहा है तो वह किसी का दिल भी नहीं तोडऩा चाहता है। अपने प्यार को संभालने के साथ ही तीनों बीवियों को वह कैसे हैंडल करता है जैसा अनुभव मेरे लिए खास रहा। साथ ही इस फिल्म की यही खासियत और खूबी भी है।
यह मेरी पहली फिल्म हैं और इस फिल्म में मेरी 4 हीरोइनें हैं व अब्बास-मस्तान द्वारा इसे निर्देशित किया गया है। इस फिल्म में मैंने काम करने का भरपूर आनंद लिया है। असल में ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ शो को शूट करना काफी तनावपूर्ण रहता है कभी-कभी तो हमें 16-18 घंटे दिन-रात शूट करना पड़ता है इस कारण अगर मुझे कमर दर्द व पीठ दर्द की दिक्कत भी होती है तो पेनकिलर की मदद से शूट जारी रखना पड़ता हैं। यहा तक कि शो के आखिरी पल में भी स्क्रिप्ट में भी बदलाव करने पड़ते हैं पर फिल्मों की शूटिंग की बात करे तो यह पूरी तरह से अलग है फिल्मों में, एक शाॅट देने के बाद अपने वैनिटी वैन में आराम कर दूसरे शाॅट के तैयार होने का इंतजार कर सकते है। इसके साथ ही स्क्रिप्ट, डायलाॅग्स पहले से मिल जाते हैं जिसे शाॅट शुरू होने से पहले बस एक बार पढ़ने की जरूरत होती है। ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ शो में मेरे अधिक जिम्मेदारी है के कारण मुझ पर काफी दबाव रहता है। वही फिल्म में हर कोई अपने रोल को अच्छे से जानता है जिससे दबाव सिर्फ एक पर नहीं रहता सब में बराबर में बट जाता हैं। फिल्म की शूटिंग की वजह से मेरी जिंदगी में काफी सुधार आया। 
एक कॉमेडियन के लिए रोमांस करना कितना मुश्किल रहा?
 नहीं-नहीं... ऐसा तो कुछ नहीं है। राजस्थान में एक पेपर ने छाप दिया था कि मुझे शूटिंग के दौरान पसीना आया, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था। वहां पर गर्मी इतनी थी कि मुझे पसीना आ रहा था। वैसे भी यह तो अच्छी चीज है। हमें टीवी शोज में ऐसा करने का मौका नहीं मिल पाता है, जबकि इस फिल्म में रोमांस करने का भरपूर मौका मिला।
इस फिल्म को साइन करने का कारण क्या रहा?
हकीकत तो यह है कि पहले मुझे तीन फिल्में करनी थीं, लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा संभव नहीं हो सका। वैसे भी टीवी पर प्रसारित हो रहे मेरे शो की वजह से मेरा किचन तो सेफ है। इसलिए अब मैं भी फिल्म भी ऐसी करना चाहता हूं, जो लोगों को पसंद आए। जैसे- ये तीन बीवियों और एक गर्लफ्रेंड वाला कॉन्सेप्ट नया है, कुछ इस तरह का ही। पहले तो मैं काम करता था, लेकिन अब मुझे कॉमेडी शो एक जिम्मेदारी लगने लगी है, क्योंकि इस शो से मुझे लोगों का भरपूर प्यार मिला है। इसी सिलसिले में जब मैं अब्बास-मस्तान से मिला तो उन्होंने कहा कि यह फिल्म मेरे पास काफी समय से पड़ी थी, क्योंकि मुझे इसके लिए एक कॉमेडी पर्सन चाहिए था, जिसकी टाइमिंग सटीक हो। फिर उन्होंने कहा कि मैं आपके शो का फैन हूं और यह फिल्म मुझे तुम्हारे साथ ही करनी है। यह बात सुनते ही मैंने सोचा कि इतने बड़े डायरेक्टर को मुझ पर भरोसा है तो भला मैं उन्हें न कैसे कर सकता हूं। बस, इस तरह से मैंने फिल्म का साइन कर लिया।
अब फिल्म के बारे में कुछ बताइए?
इस फिल्म में मेरा नाम शिव राम किशन। मां ने मेरा नाम रखा है कि बेटा मुंबई में जाकर कुछ अच्छा करेगा और धार्मिक प्रवृत्ति का रहेगा। उसने मुंबई आकर इतनी तरक्की कर ली है कि वह एक बड़ी कंपनी का सीईओ बन गया है। बस, इसी नाम का फायदा उठाते हुए मैं तीन बीवियों और अपनी गर्लफ्रेंड को हैंडल कर पाता हूं।
क्या आपने कभी सोचा था कि आप इस मुकाम पर पहुंच पाएंगे, किसके जैसा बनना चाहते थे आप?
किसी के जैसा तो बनना भी ठीक नहीं होगा। दरअसल, आज लोग एक चीज को बार-बार एक जैसे अंदाज और फ्लेवर में देख जरा भी पसंद नहीं करते। दुनिया में कुछ नया करने के लिए आपको लोगों से हटकर कुछ अलग करने की जरूरत होती है। इसके लिए इंडस्ट्री से मैंने काफी कुछ सीखा भी है। जब भी मैं बच्चन साहब को देखता हूं कि वे पर्दे पर कॉमेडी और रोमांस के साथ ही एक्शन भी करते हैं तो लगता है कि एक इंसान चाहे तो भला क्या नहीं कर सकता... खैर, अब्बास-मस्तान से भी बहुत कुछ सीखने को मिला। वे जितना दिखने में भोले लगते हैं, हकीकत में वैसे हैं नहीं। एक शॉट में जब मुझे हीरोइन के साथ दिखाना था तो वे ही बोलने लगे कि ऐसे नहीं, थोड़ा और खींचो, फिर बाहों में समेटकर गले से लगाओ.. बड़े ही छिपे रुस्तम हैं वे।
आपने फिल्म में गाने गाए हैं?
इस फिल्म में मैंने दो गाने गाये है। जिसमें से एक गाना क्लब पर आधारित हैं और डा. जीसस द्वारा इसका संगीत दिया गया है। ये गाना खासतौर पर मेरे युवा फैंस के लिए हैं। इस गाने का लिरिक्स काफी फैंस है मुझे विश्वास हैं कि लोगों को यह गाना जरूर ही पसंद आएगा। मेरा दूसरा गाना अंतरा पर आधारित हैं। मुझे विश्वास है कि क्लब गीत को दर्शकों द्वारा सराहा जाएगा। इसके साथ ही इस साल के क्रिसमस व दिवाली का यह क्लब साँग बन जाएगा।
थ्रिलर मूवी की पहचान बना चुके निर्देशक अब्बास-मस्ततान कॉमेडी में कितना सहज रहे?
मैं बचपन से ही उनके द्वारा किये गए काम का बहुत बड़ा फैन रहा हूं। यह मेरी पहली फिल्म है इसलिए मुझे नहीं पता था कि फिल्म कैसे बनती है लेकिन अब्बास-मस्तान जैसे अच्छे फिल्ममेकर्स के साथ काम करने का अनुभव बहुत बढि़या रहा। वह उन बेहतरीन निर्देशकों में से है जिनके साथ हर कोई अपनी पहली फिल्म बनाना चाहता है।
यह भी थ्रिलर ही है, जिसकी तीन-तीन बीवियां हों, जरा सोचिए उसका क्या हाल होगा। बहरहाल, वे बेहतरीन डायरेक्टर्स हैं। उन्हें अपनी कहानी के साथ न्याय करना बखूबी आता है। इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ता कि मर्डर-मिस्ट्री या थ्रिलर फिल्मों के अलावा वे कॉमेडी और रोमांटिक फिल्में नहीं बना सकते। उनके निर्देशन का लोग पहले की तरह इस बार भी तारीफ ही करेंगे.
आपके पसंदीदा काॅमेडियन कौन है जिससे आपको प्रेरणा मिली?
महमूद सर से लेकर जाॅनी लीवर और अमानुलाह खान इन सभी के कामों से मुझे काॅमेडियन बनने की प्रेरणा मिली है हालांकि मैंने काॅमेडी की तुलना में अधिक गंभीर काम भी किया है और वो हैं अमृतसर और दिल्ली में थिएटर।
इंडस्ट्री में आ रहे नए लोगों के बारे में आपकी क्या राय है और उन्हें नसीहत देना चाहेंगे।
इंडस्ट्री में सभी मेरे दोस्त हैं। आजकल कम्पटीशन के जमाने में सभी लोग मेहनती और जुझारू हैं तो सभी लोग अच्छा ही कर रहे हैं। मैं देखकर दंग रह जाता हूं कि लोग डांस सीख रहे हैं और घुड़ सवारी की टे्रनिंग ले रहे हैं, मेरे तो बस की बात ही नहीं है। रही बात नसीहत की तो भला मैं कौन होता हूं...
सफलता के लिए आपका मंत्र क्या है?
मैं अपने रोल को निभाने के लिए बहुत मेहनत करता हूं और मैं यह उम्मीद करता हूं कि एक एक्टर के तौर पर लोग मुझे पसंद करेंगे। फिलहाल तबीयत खराब रहने के चलते चैनल और हमारी टीम ने ‘कपिल नाईट विद कपिल’ को ब्रेक देने का प्लान बनाया है बजरंगी भाई हमारा आखिरी शो ।