Monday 21 December 2015

बेदिल 'दिलवाले' काशीबाई के बाजीराव

'दिलवाले' (आफ्टर बाईपास सर्जरी वाले)- डॉक्टर ने सर्जरी के बाद भूल से कलाकारों के दिल डस्ट बिन में डाल दिये। ऐसे में बेदिल शाहरुख़ खान, काजोल और रोहित शेट्टी टोटली ऑफ कलर। वैसे भी बासी कढी में कही उबाल आता है! शाहरुख़ खान दाढ़ी बढ़ा लेने से चक दे हो जाती तो अब तक तुम इंडिया पर छा जाते। लेकिन, इतनी बासी कहानी, सडियल दृश्यों और उतने ही रद्दी संवादों के कारण फिल्म घिसटती सी लगती है। शाहरुख़ खान ऊबे से लगते हैं। काजोल सोचती लगती हैं - ये कहाँ मैं आ फांसी। यहाँ तक कि वरुण धवन और रोहित शेट्टी का कॉमेडी तड़का भी सुगन्धहीन। कीर्ति सेनन पता नहीं अभिनय कर रही थी या सब को चिढ़ा रही थी। फिल्म कितनी ऊबाऊ होगी, इसका अंदाज़ा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि वरुण धवन के दोस्त सिद्धू की भूमिका में वरुण शर्मा भी हँसाते हँसाते रुलाने लगते हैं। संजय मिश्रा, पंकज त्रिपाठी, मुकेश तिवारी और जॉनी लीवर जैसे एक्टर नीरस कॉमेडी करते हैं। विनोद खन्ना और कबीर बेदी ने इस फिल्म को अपनी दारू की बाटली खरीदने के लिए ही किया होगा। प्रीतम की धुनें ऎसी लगाती हैं जैसे बिना नहाये तैयार कर दी गई। यह फिल्म १०० करोडिया है, बजट के लिहाज़ से। लेकिन, १०० करोड़ का ग्रॉस ही इसके लिए ताज होगा।
सब कुछ बासी दिलवाले
बाजीराव मस्तानी - पता नहीं पेशवा बाजीराव नाचते थे या नहीं।  लेकिन, संजय लीला भंसाली की फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' के बाजीराव क्या खूब नाचते हैं।  उन्हें नाचते देख कर अपने बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह की याद आ गई।  वह भी क्या खूब नाचते हैं।  गोलियों की रास लीला राम -लीला में वह क्या खूब नाचे थे।  लगता है बाजीराव ने राम-लीला देखी थी।  वह मस्तानी से रोमांस करते हैं।  मस्तानी उनकी कतार लेकर झाँसी से बाजीराव के घर आ धमकाती हैं।  कहती हैं कतार से विवाह हो गया।  इन दोनों का रोमांस देखते हुए मुग़ल ए आजम याद आ जाती है।  कोफ़्त होती है, यही गहराई रह गई है २१ वी सदी के रोमांस में।  बिलकुल ठन्डे बाजीराव, उससे ज़्यादा ठंडी मस्तानी।  इससे ज़्यादा गर्मागर्म रोमांस तो रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण स्टेज पर कर मारते हैं।  लेकिन, मान गए प्रियंका चोपड़ा को।  काशीबाई को जीवंत कर दिया।  कलाकारों की भीड़ जमा है।  सब अपने अपने रोल में फिट हैं।  संजय लीला भंसाली हिंदी दर्शकों के लिए नई प्रेम कथा लाये हैं।  विज़ुअल प्रभावशाली हैं।  सेट, कॉस्ट्यूम, लोकेशन सब कुछ बढ़िया।  आखिरी के दृश्य तो भंसाली की कल्पनाशीलता के प्रमाण हैं।  अगर रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण  का ऑन स्क्रीन रोमांस जम पाता को एक अविस्मरणीय फिल्म बन जाती।  

Saturday 19 December 2015

बैक टू द फ्यूचर की पोर्न पैरोडी

इस साल २१  अक्टूबर को १९८५ की क्लासिक फिल्म 'बैक टू द फ्यूचर' के तीस साल सेलब्रेट किये गए।  इस मौके पर इस फिल्म की डीवीडी और ब्लू-रे की लॉन्चिंग हुई।  फिल्म की पूरी कास्ट एक जगह इकठ्ठा हुई।  एक रात को इस फिल्म  पुनर्प्रदर्शन किया गया।   लेकिन, इस  मौके का पूरा फायदा उठाया एडल्ट फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर वुड राकेट ने।  उन्होंने बैक टू द फ्यूचर की ट्रिपल एक्स पैरोडी 'फप टू द फ्यूचर' का ऐलान किया ।  पिछले हफ्ते इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ किया गया।  इस ट्रेलर में नग्नता तो नहीं दिखाई  गई है, लेकिन सेक्सुअल सीन्स और संवादों की भरमार हैं।  इनके ज़रिये 'बैक टू द फ्यूचर' के चरित्रों को भिन्न  नज़रिये से दिखाया गया है।  इस कहानी में मार्टी (अप्रैल ओनील) औरत बन जाता है।  वैज्ञानिक कॉक ब्राउन ने डीलोरीन को मॉडिफाई कर सेक्स टाइम मशीन की ईज़ाद कर ली है।  मूल फिल्म में लीबियाई आक्रमण होता है।  इस फिल्म में लेस्बियन अटैक होता है।  मार्टी को  १९५५ में भेज  दिया जाता है।  फिल्म में कुछ दूसरे भी बैक टू द फ्यूचर हैं।  इस फिल्म का निर्देशन ली रॉय मयर्स ने किया है।  फिल्म की स्क्रिप्ट लोके वैन केम्प के साथ खुद ली ने लिखी है।  फिल्म में अप्रैल ओनील के अलावा माइकल वेगास क्रिस स्लाटर और कस्सोंड्रा रैनी मुख्य भूमिका में हैं।  

Wednesday 16 December 2015

दर्शकों को हँसाएगा हॉलीवुड का मकडा और चीटा !

कैप्टेन अमेरिका और आयरन मैन के खेमे में बंट चुके हॉलीवुड के सुपर हीरो निर्देशक अन्थोनी रूसो की फिल्म ‘सिविल वॉर’ में गंभीर चिता, बहस और युद्ध में व्यस्त होंगे। ज़ाहिर है कि इन सुपर हीरोज के बीच तनाव के लम्हे दर्शकों पर भारी पड़ सकते हैं। रूसो ब्रदर्स की निर्देशक जोडी को इसका एहसास है। इसलिए, फिल्म के दो सुपर हीरो अंट-मैन और स्पाइडर-मैन कॉमिक अवतार में होंगे। कभी एक दूसरे के मित्र और दुनिया को बचाने के लिए एक जुट होकर काम करने वाले यह दोनों सुपर हीरो खेमे में बंटे ज़रूर होंगे। उनके बीच युद्ध की नौबत भी आयेगी। इसके बावजूद यही करैक्टर फिल्म में हलके फुल्के क्षण लायेंगे, दर्शकों को कॉमिक रिलीफ देंगे। अन्य सुपर हीरो चरित्रों की तुलना में अंट मैन और स्पाइडर मैन का ही कॉमिक अवतार क्यों ? जवाब देते हैं फिल्म के एक निर्देशक अन्थोनी रूसो, “इसमे कोई शक नहीं मार्वेल की फिल्मों की तुलना में सिविल वॉर में गंभीर क्षण ज्यादा हैं। ऐसा स्वाभाविक है, जब दो दोस्त और साथी एक दूसरे के आमने सामने खड़े हों। अगर हम इन्हें पूरी फिल्म में युद्ध करते दिखायेंगे तो मामला गंभीर हो जायेगा। क्योंकि, यह सुपर हीरो है, कोई विलेन नहीं। अंट मैन और स्पाइडर मैन बहुत बड़े हीरो हैं, लेकिन उन्हें विलेन नहीं बनाया जा सकता। इसलिए, फिल्म को गंभीर और हास्य परिस्थितियों का मिला जुला फॉर्मेट दिया गया है। स्पाइडर मैन और अंट मैन के करैक्टर दर्शकों को हंसाएंगे। अट मैन बने पॉल रड और स्पाइडर मैन बने टॉम हॉलैंड काबिल अभिनेता हैं। वह अपने दर्शकों को रिलैक्स होने का पूरा अवसर देंगे। 

सिर्फ सलमान खान पर मेहरबान नहीं होती अदालतें !

तेरह साल पहले के हिट एंड रन केस में पांच साल की सज़ा पाने के छः महीने के भीतर बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान बॉम्बे हाई कोर्ट से बरी हो गए। सलमान खान के प्रशंसक जहाँ खुश है कि उनका पसंदीदा सितारा दोष मुक्त हो गया, वहीँ आम आदमी हैरान है कि लम्बी सुनवाई और बहस के बाद सेशन कोर्ट में दोषी पाए गए सलमान खान इतनी आसानी से छुटकारा कैसे पा सके। क्या इसलिए कि मारे गए और घायल हुए लोग फूटपाथ पर सोने वाले गरीब थे, जबकि सलमान खान बॉलीवुड के बड़े सितारे हैं, उनका काफी रसूख और पहुँच है। पैसा तो है ही। क्या कोर्ट मीडिया ट्रायल से प्रभावित होता है या सेलेब्रिटी स्टेटस उसके न्याय को बौना बना देता है ?
क्या छूटेंगे सूरज पंचोली भी !
सच क्या है, इसकी पुष्टि तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले कि बाद ही होगी। लेकिन, आदित्य पंचोली को कुछ आस बंधी है।उनके बेटे सूरज पंचोली पर गजिनी और निःशब्द की नायिका जिया खान की माँ द्वारा जिया की कथित हत्या करने के आरोप लगाए हैं । प्रारंभिक जांच में सूरज पंचोली को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ही माना गया था। बाद में आलिया की माँ ने कोर्ट में अपील दायर कर जिया की मृत्यु को हत्या बताया था।  इसके लिए उन्होंने सूरज को दोषी बताया था तथा सीबीआई जांच की अपील की थी। सलमान खान के मामले में हाई कोर्ट का फैसला आने से सूरज पंचोली के पिता आदित्य पंचोली काफी खुश हैं। वह उन्ही बिन्दुओं पर, जिनके आधार पर हाई कोर्ट ने सलमान खान को दोष मुक्त माना, जोर देकर सूरज को छुडाना चाहेंगे। यहाँ बताते चलें कि सलमान खान ने ही इस साल फिल्म ‘हीरो’ के ज़रिये सूरज पंचोली का फिल्म डेब्यू करवाया था। 
गोविंदा को सुप्रीम कोर्ट की सलाह 
क्या सूरज पंचोली भी सलमान खान की तरह पुख्ता सबूतों के अभाव में रिहा कर दिए जायेंगे ? इस सवाल का जवाब तो आने वाला समय बतायेगा। लेकिन, इसमे कोई शक नहीं कि बॉलीवुड के एक्टर अपने सेलेब्रिटी गुरूर में इधर उधर पंगा लेते रहते हैं। इस लिहाज़ से सलमान खान ज्यादा कुख्यात हैं। उन पर कई दूसरे मामले देश की विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। दूसरे मुकदाओं का परिणाम बॉम्बे हाई कोर्ट जैसा होगा, नहीं कहा जा सकता। लेकिन कोर्ट इन सेलेब्रिटी के मामले में थोडा नरम लगता है। सलमान खान के साथ पार्टनर में जोड़ीदार गोविंदा का मामला भी ताज़ा है। गोविंदा २००८ में मनी है तो हनी है की शूटिंग कर रहे थे। उन्होंने सेट पर मौजूद एक गेस्ट को इस  लिए तमाचा मार दिया कि वह लड़कियों से बदसलूकी कर रहा था। पुलिस द्वारा राय नाम के गेस्ट की शिकायत दर्ज न करने पर वह व्यक्ति खुद कोर्ट गया। ट्रायल कोर्ट ने गोविंदा को दोषी मान कर सज़ा सुना दी। लेकिन, बॉम्बे हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आर्डर को खारिज कर दिया। इस पर राय सुप्रीम कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गोविंदा को मौका दिया कि वह अपने प्रशंसक राय से मिल कर माफ़ी मांगे और मामले को ख़त्म करवाए। अन्यथा उन पर आपराधिक मामला चलेगा और दो साल तक की सजा  हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गोविंदा के एक्टर और एमपी होने को संज्ञान में लिया था।
बचे जॉन अब्राहम 
बॉलीवुड सेलेब्रिटी या तो घमंडी होते हैं या बददिमाग कि वह अपने प्रशंसकों से दुर्व्यवहार करने से बाज़ नहीं आते। लेकिन सैफ अली खान तो कुछ ज्यादा आगे चले गए। वह पद्मश्री से सम्मानित हैं। लेकिन, उन्होंने इसकी परवाह किये बिना एक होटल में अपने परिवार और मित्र के साथ मौजूद इकबाल शर्मा नाम के गेस्ट के साथ बदसलूकी और मारपीट की। इस मामले में भी मुंबई पुलिस ने प्रारंभिक ढिलाई बरती। फिलहाल सैफ अली खान पर मुकदमा चल रहा है। जॉन अब्राहम अभिनीत तेज़ रफ़्तार मोटर साइकिल चलाने वाले डकैतों की कहानी ‘धूम’ बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट हुई थी। जॉन अब्राहम का मोटर साइकिल चलाने का शौक पुराना है। अप्रैल २००६ में वह अपनी सुजुकी हयाबुषा मोटर साइकिल की रफ़्तार पर नियंत्रण नहीं रख पाए और उन्होंने दो लोगों को घायल कर दिया। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। चार साल बाद इस मुकदमे पर हुए फैसले में कोर्ट ने उनके पहले अपराध के कारण उन्हें केवल १५ दिनों सादा कैद की सजा सुनाई। लेकिन कुछ ही घंटों में बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी। आजकल जॉन अब्राहम अपनी फिल्मों पर ज्यादा ध्यान लगा रहे हैं। 
अबु सलेम की मोनिका 
कभी छोटी फिल्मों के ज़रिये बॉलीवुड में प्रवेश करने वाली मोनिका बेदी को फ़िल्में तो मिली, लेकिन यह फ़िल्में ख़ास नहीं चली। मोनिका बेदी का बॉलीवुड करियर ख़त्म हो जाता कि मोनिका को गैंगस्टर अबू सलेम का साथ मिल गया। इसी के बूते पर वह करियर के ढलान में जोड़ी नंबर वन और प्यार इश्क और मोहब्बत जैसी बड़े बैनर की फ़िल्में पाने में कामयाब हो पाई। इसके बाद वह अबू सलेम के साथ भारत से बाहर भाग गई। लम्बी कानूनी कार्यवाही के बाद उनका भारत को प्रत्यर्पण हुआ। लेकिन, जाली पासपोर्ट मामले में दोषी साबित होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अब तक काटी जेल अवधि को सज़ा की अवधि मानते हुए रिहा कर दिया। आजकल मोनिका बेदी टीवी सीरियल कर रही हैं। 
मई २००१ में एक्टर फ़िरोज़ खान के बेटे फरदीन खान कोकीन खरीदते हुए पकडे गए थे। चूंकि, उन्होंने स्वीकार किया कि वह ड्रग एडिक्ट हैं और उनके पास बरामद कोकीन थोड़ी मात्र में थी, इसलिए उन पर नशीली दवाओं की बिक्री का मामला नहीं चला। उन पर खुद के उपयोग के लिए कोकीन रखने का मामला चलाया गया। इस कानून के अन्दर पहली बार पकडे जाने वाला अगर कोई शख्स सरकारी हॉस्पिटल में अपना ईलाज करवाता है तो उसे सज़ा नहीं होती। इस प्रकार से नशे के आदि फरदीन खान भी कानून के शिकंजे से बच निकले। 
पुरू ने मारे थे तीन 
यहाँ बडबोले अभिनेता राजकुमार के असफल एक्टर बेटे पुरु राजकुमार का मामला बेहद दिलचस्प है। पुरु पर मुंबई में नशे में तेज़ रफ़्तार कार चला कर ८ लोगों को कुचल देने का मामला दर्ज हुआ था। इनमे से तीन की मौत हो गई थी। मुकदमे में पुरु दोषी भी साबित हुए। लेकिन, वह प्रत्येक मृतक परिवार को सिर्फ ३० हजार का हर्जाना दे कर छूट गए। इस समय भी कई सेलेब्रिटी अपने किये अपराधों के लिए मुकदमे का सामना कर रहे हैं। शाहरुख़ खान पर आरोप लगा था कि अपने तीसरे बेटे के जन्म से पहले उन्होंने गौरी के गर्भ का सेक्स निर्धारण टेस्ट करवाया था। हालाँकि, खान का कहना था कि यह आरोप अबराम (बेटे) के जन्म के बाद लगा है। फिलहाल इस मामले में कोर्ट का फैसला आना है।सलमान खान भी अभी राजस्थान में काले हिरन के शिकार से अपना पल्ला नहीं छुडा पाए हैं। उनके साथ तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे भी अभियुक्त हैं। शाइनी आहूजा को अपनी नौकरानी के साथ बलात्कार के मामले में सज़ा हो चुकी है। फिलहाल, वह जमानत पर बाहर हैं। इसी प्रकार से अंकित तिवारी और मॉडल एक्टर इन्दर कुमार बलात्कार के आरोप में जेल गए और आजकल ज़मानत पर हैं। अरमान कोहली बिग बॉस की सह-प्रतिभागी सोफ़िया हयात को धमकी देने के आरोप में जेल गए। वह भी ज़मानत पर हैं। 
इससे साफ़ है कि भिन्न अपराधों के लिए आरोपित बॉलीवुड सेलिब्रिटीज मुकदमा ज़रूर झेल रहे हैं, लेकिन जल्द ही ज़मानत पर बाहर आ गए। सिर्फ संजय दत्त ही इकलौते ऐसे अभिनेता हैं, जो अपनी सज़ा पूरी करने क लिए महाराष्ट्र की यरवदा जेल में हैं। इससे ऐसा लग सकता है कि देश की अदालतें बॉलीवुड सेलिब्रिटी पर ख़ास मेहरबान होती है। वैसे मीडिया ट्रायल भी कोर्ट को प्रभावित कर देता है। 


अल्पना कांडपाल 



हर महान जासूस के पीछे एक बेवक़ूफ़ भाई होता है

लुइस लेटेरिएर  निर्देशित एक्शन कॉमेडी फिल्म 'द ब्रदर्स ग्रिम्सबी ' यह स्थापित करने की कोशिश है कि  हर महान जासूस के पीछे एक शर्मिंदा करने वाला भाई होता है।  नॉबी इंगिलश फुटबॉल टीम के लिए उपद्रव करने वाले गिरोह का एक अच्छा लेकिन मंदबुद्धि सदस्य है। एक ग्रिम्सबी जो कुछ चाहता है, वह सब कुछ नॉबी के पास है।  यानि ११ बच्चे और खूबसूरत महिला मित्र।  बस कमी है तो बिछुड़े हुए भाई की। नॉबी और सेबेस्टियन लम्बे समय के बिछुड़े भाई है।  सेबेस्टियन एमआई ६ का एजेंट है।  सबसे खतरनाक हत्यारा। इन दोनों बिछुड़े भाई फिर साथ आते हैं दुनिया पर संभावित बड़े आतंकी हमले को रोकने के लिए।  सेबेस्टियन को अगर इस हमले को रोकना है तो उसे अपने बेवक़ूफ़ भाई का साथ लेना ही होगा।  इस दिलचस्प खतनाक वाली एक्शन कॉमेडी फिल्म के निर्देशक लुइस ने नाउ यू सी मी, द इनक्रेडिबल हल्क और द ट्रांसपोर्टर जैसी हिट फिल्मों का निर्देशन किया है।  फिल्म में नॉबी की भूमिका साचा बैरन कोहेन कर रहे हैं। उन्होंने ही फिल्म को लिखा भी है। उनके भाई की भूमिका में मार्क स्ट्रांग हैं तथा गर्ल फ्रेंड रिबेल विल्सन बनी है। आइला फिशर, गबौरी सिडिबे और पेनेलोप क्रज़ की भूमिका भी महत्वपूर्ण  है।  


Tuesday 15 December 2015

बिना श्रवण के नदीम सैफी की वापसी !

अगले साल २९ जनवरी को रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'इश्क़ फॉरएवर' में नदीम सैफी का संगीत है। वह १० साल बाद हिंदी फिल्मों में वापसी कर रहे हैं। पूरे १९९० के दशक और २००० के पूर्वार्द्ध में कभी नदीम सैफी का नाम श्रवण राठौड़ के साथ बतौर संगीतकार जोड़ी नदीम श्रवण सुना पढ़ा जाता था।  इन दोनों ने इस दौरान आशिक़ी, साजन, दीवाना, दिल का क्या कसूर, हम हैं रही प्यार के, रंग, दिलवाले, राजा, बरसात, अग्नि साक्षी, जीत, राजा हिंदुस्तानी, परदेस, सिर्फ तुम धड़कन, कसूर, हम हो गए आपके, राज़, दिल है तुम्हारा, दिल का रिश्ता अंदाज़, तुमसे नहीं देखा, बेवफा आदि जैसी ढेरो फिल्मों का संगीत दिया।  बताते हैं कि फिल्म राज के संगीत को मशहूर सर पॉल मैककार्टनी ने भी सराहा था।  नदीम और श्रवण की जोड़ी १९७९ में भोजपुरी फिल्म 'दंगल' के संगीत के रिलीज़ के साथ सामने आया।  इन दोनों ने हिंदी फिल्म 'मैंने जीना सीख लिया' (१९८१) का संगीत दे कर पहली बार बॉलीवुड में प्रवेश किया।  लेकिन, इस जोड़ी को शोहरत मिली टी सीरीज की महेश भट्ट निर्देशित फिल्म 'आशिक़ी' के संगीत से।  यह टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की  व्यावसायिक चतुराई थी कि उन्होंने फिल्म के संगीत का ज़बरदस्त प्रचार किया।  फिल्म का संगीत इतना हिट हुआ कि संगीत के बल पर आशिक़ी भी सुपर हिट हो गई। नदीम-श्रवण जोड़ी टी सीरीज के गुलशन कुमार की पसंदीदा जोड़ी थी। नदीम, श्रवण और गुलशन तिकड़ी ने ९० के दशक को मधुर संगीत से गूंजायमान कर दिया। कैसी विडम्बना थी कि जिस गुलशन कुमार ने नदीम को आकाश पर पहुंचाया, उसी गुलशन कुमार की हत्या में आरोपित हो कर नदीम सैफी को देश छोड़ कर लंदन बस जाना पड़ा।  लंदन से भी वह श्रवण के साथ संगीत रचना करते रहे।  लेकिन २००५ में दोस्ती फिल्म के संगीत के बाद यह जोड़ी टूट गई।  अब 'इश्क़ फॉरएवर' के ज़रिये नदीम सैफी हिंदी फिल्मों में वापसी करना चाहते हैं।  खबर यह भी है कि वह दीवाना २ और साजन २ के अलावा विशेष फिल्म्स की अगली फिल्म का संगीत दे सकते हैं।  लेकिन, सब कुछ निर्भर करेगा 'इश्क़ फॉरएवर' के संगीत की लोकप्रियता पर।  समीर सिप्पी की इस फिल्म में कृष्णा चतुर्वेदी, रूही सिंह, लिसा रे, आदि काम कर रहे हैं।  यह एक म्यूजिकल ड्रामा फिल्म है।  क्या नदीम सैफी नब्बे के दशक वाला रंग जमा पाएंगे ? यह बड़ा सवाल है।  लेकिन, पहले सुनिए फिल्म के एक गीत के टीज़र में नदीम की धुन-

Monday 14 December 2015

फिर बच्चों के बीच स्टीवन स्पीलबर्ग

बच्चों के लिए ई टी और जुरैसिक पार्क जैसी श्रेष्ठ फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग एक बार फिर बच्चों के संसार में लौट आये हैं। वह रोआल्ड डाहल के १९८२ में प्रकाशित उपन्यास 'द बीएफजी' पर इसी टाइटल के साथ फिल्म बना रहे हैं।  जिस दौर में स्पीलबर्ग 'पोलटेरजिस्ट' और 'ब्रिजेज ऑफ़ स्पाईज' के निर्माण में व्यस्त थे, ठीक उसी समय 'द बीएफजी' पर भी काम कर रहे थे।  यह कहानी सोफी नाम की लड़की की देश की रानी और २४ फुट लम्बे बीएफजी के साथ मानवता के लिए खतरनाक दैत्यों को पकड़ने के लिए अभियान चलाने की है। बीएफजी यानि बिग फ्रेंडली जायंट एक अच्छा दैत्य है, जबकि उसके साथी दैत्य ब्लडलॉटर और फ़्लैशलम्पईटर बुरी प्रकृति के हैं।  इस फिल्म में सोफी का किरदार नया चेहरा रूबी बर्नहिल कर रहा है। स्टीवन स्पीलबर्ग की जर्मनी में जासूस की कहानी 'ब्रिजेज ऑफ़ स्पाईज' से बिलकुल हट कर है।  ब्रिजेज ऑफ़ स्पाईज जहाँ गंभीर किस्म की फिल्म थी, वहीँ द बीएफजी बच्चों को टारगेट फिल्म होने के बावजूद हँसी मज़ाक से भरपूर मनोरंजक फिल्म है।  इस फिल्म का टाइटल रोल मार्क रयलन्स कर रहे है।  मार्क ने 'ब्रिजेज ऑफ़ स्पाईज में रुडोल्फ एबल का किरदार किया था।  रूबी बार्नहिल अभी ११ साल की हैं।  वह ब्रिटिश हैं।  द बीएफजी उनकी पहली फिल्म है।  अपनी पहली फिल्म में ही रूबी बिल हैडर, पेनेलोप विल्टन और जेमैन क्लेमेंट जैसे वरिष्ठ कलाकारों के साथ काम करने का मौक़ा ही नहीं मिला है, बल्कि वह एक प्रकार से उनके मुकाबले में लीड कर रही है। मेलिसा मथिसन की यह आखिरी फिल्म है, जिसे उन्होंने स्टीवन स्पीलबर्ग के लिए लिखा है। मेलिसा ने ईटी: द एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल और द ट्वाईलाईट जोन जैसी फ़िल्में लिखी थी।  मेलिसा के पिछले महीने कैंसर के कारण स्वर्गवास हो गया था।  अगले साल १ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'द बीएफजी' का जादुई ट्रेलर देखिये।