Wednesday 9 March 2016

सिविल वॉर में मार्वल खिलाडियों का जमावड़ा

मार्वेल के सुपर हीरो वाली फिल्म कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर’ इस साल अमेरिका में ६ मई को रिलीज़ होगी। हालाँकियह फिल्म यूनाइटेड किंगडम में एक हफ्ता पहले २९ अप्रैल को रिलीज़ हो जायेगी। इस फिल्म को मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स के तमाम सुपर हीरो किरदारों का जमावड़ा लगाने वाली फिल्म कहा आ सकता है। फिल्म में द अवेंजर्स के सुपर हीरो ब्लैक पैंथर और स्पाइडर-मैन पहले ही शामिल किये जा चुके थे। कुछ समय पहले ही हल्क को शामिल किये जाने की खबर थी। अब इस सुपर हीरो जमावड़े में पीपर पॉट्स भी शामिल हो गया है। ग्वएँथ पाल्ट्रो के इस किरदार को आखिरी समय में फिल्म रिशूट कर शामिल किया गया। फिल्म के लिहाज़ से यह किरदार कितना अहम् हैनहीं कहा जा सकता। लेकिनअन्दर खाने की खबर यह है कि ग्वएँथ पाल्ट्रो का रोल छोटा मगर महत्वपूर्ण होगा। रूसो भाइयों- जो और अन्थोनी निर्देशित इस फिल्म में क्रिस इवांसरोबर्ट डाउनी जूनियरस्कारलेट जोहानसनअन्थोनी मैकी और सेबेस्टियन स्टेन की मुख्य भूमिका है। 

Sunday 6 March 2016

हॉलीवुड फिल्म से ऑस्कर तक भारतीय सितारे

आजकल बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा अमेरिका में तहलका मचाये हुए हैं । वह एबीसी नेटवर्क के शो 'क्वांटिको' में एफबीआई रिक्रूट अलेक्स परिश के किरदार की कामुक सेक्स अपील के कारण मीडिया चर्चित हो रही थी । इस सीरियल के कारण प्रियंका चोपड़ा को ऑस्कर प्रजेंटर का सम्मान मिला और फिल्म बेवॉच करने का मौका भी । प्रियंका चोपड़ा कहती हैं, "मैं एक एक्टर और  एंटरटेनर हूँ। इसलिए  मैं लगातार नई चुनौतियों को खोजते रहती हूँ।  मैं अपनी क्रिएटिविटी के लिए कोई सीमा तय करना नहीं चाहती।"  
प्रियंका चोपड़ा को यह सफलता मिली है सीएए का सदस्य होने के कारण।  वह २०१२ से सिने आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सीएए) की सदस्य हैं। उन्हें यह सदस्यता अपनी हॉलीवुड में एजेंट अनुजा आचार्या-बाथ के कारण मिली। अब उन्हें अमेरिका के टैलेंट एजेंसी विलियम मारिस एंडवर ने साइन कर लिया है। वह बेवॉच के फिल्म रीमेक में ड्वेन जॉनसन के साथ विलेन किरदार मे नज़र आएंगी। फिल्म बाजीराव मस्तानी में प्रियंका चोपड़ा के अपोजिट मस्तानी का किरदार करने वाली दीपिका पादुकोण  ने भी विन डीजल के साथ ट्रिपल एक्स फिल्म सीरीज की तीसरी फिल्म 'एक्सएक्सएक्स: रिटर्न ऑफ़ जेंडर केज' साइन कर ली है। उनकी ब्रैड पिट के साथ एक फिल्म करने की भी खबर है।
क्वांटिको जैसा प्रचार नहीं !
हॉलीवुड के परदे पर बॉलीवुड के सितारे 
जब हिंदुस्तानी अख़बारों में क्वांटिको की धूम मची हुई थी, बहुत से भारतीय सितारे विदेशी टेलीविज़न पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे थे। अलबत्ता, एबीसी के शो क्वांटिको की तरह इतना ज़बरदस्त प्रचार किसी दूसरे शो को नहीं मिला। फिल्म '७ खून माफ़' में प्रियंका चोपड़ा के शौहर वसीउल्लाह खान का किरदार निभाने वाले इरफ़ान खान दूसरे विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर एक जापानी शो करने जा रहे हैं।  इस शो में इरफ़ान एक जज की भूमिका करेंगे। इरफ़ान कहते हैं, "मैं इस करैक्टर की छानबीन करने के लिए उत्साहित हूँ।" इस सीरियल को कैनेडियन डायरेक्टर रॉब डब्ल्यू किंग और डच डायरेक्टर पीटर वेर्होएफ कर रहे हैं।  क्या इस शो को इतना प्रचार मिला?  जुरासिक वर्ल्ड के बाद इरफ़ान खान दुनिया के दर्शकों के जाने पहचाने बन गए हैं।  इरफ़ान ने 'द माइटी हार्ट', 'स्लमडॉग मिलियनेयर', 'द नेमसेक',  आदि ढेरों विदेशी फिल्में की हैं। आजकल वह हॉलीवुड  फिल्म 'इन्फर्नो' की  शूटिंग में बिजी हैं। वह २०१० में  सीरीज 'इन ट्रीटमेंट' कर चुके हैं।
और भी हैं बॉलीवुड सितारे
इरफ़ान खान ही नहीं बहुत से दूसरे बॉलीवुड सितारे हैं जो विदेशी टीवी और फिल्मों में चमक रहे हैं। ओम पूरी और नसीरुद्दीन शाह तो काफी पहले से हॉलीवुड और बिर्टिश फिल्में कर रहे हैं। अनुपम खेर तो विदेशी छोटे परदे पर बहुत लोकप्रिय हैं। वह अपनी पत्नी किरण खेर के साथ 'ईआर' के सिंगल एपिसोड में अभिनय कर चुके हैं । नेटफ्लिक्स पर साइंस फिक्शन ड्रामा 'सेंस ८' में तो अनुपम खेर के अलावा टीना देसाई, पूरब कोहली, मीता वशिष्ट और दर्शन जरीवाला जैसे इंडियन एक्टर्स की भरमार है। शबाना आज़मी, पिछले दिनों बीबीसी वन की मिनी सीरीज कैपिटल की लंदन में शूटिंग कर चुकी हैं। हॉलीवुड और ब्रिटेन की इन कस्टडी, द ब्लैक प्रिंस, आदि कई फिल्मों में अभिनय कर चुकी शबाना आज़मी की यह पहली टीवी सीरीज होगी। लंचबॉक्स की एक्टर निम्रत कौर ने आतंकवाद पर ड्रामा 'होमलैंड' में एक पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट तस्नीम कुरैशी का किरदार किया हैं। वह सीरीज वेवर्ड पाइंस कर रही हैं। अनिल कपूर तो काफी मशहूर हैं।  वह २०१० में एक्शन-थ्रिलर ' २४' में राष्ट्रपति ओमर हसन की भूमिका कर चुके थे।  इसी के बाद उन्होंने इस सीरीज को हिंदी में बनाया। अनिल कपूर स्लमडॉग मिलियनेयर और मिशन: इम्पॉसिबल, घोस्ट प्रोटोकॉल जैसी हॉलीवुड फ़िल्में कर चुके हैं। वह एक एडल्ट एनिमेटेड सीरीज 'फैमिली गय' में ग्रिफिन फैमिली के एक किरदार के लिए वॉयस ओवर कर रहे हैं। अनिल कपूर कहते हैं, "ग्रिफिन फैमिली का हिस्सा बन कर मैं उत्तेजित हूँ।" पिछले दिनों, नर्गिस फाखरी हॉलीवुड फिल्म 'स्पाई' में लिया के किरदार में नज़र आई । 
कबीर बेदी जैसा कोई नहीं 
विदेशी टीवी पर हिंदुस्तानी एक्टर्स का अभिनय करना आज की बात नहीं। हिंदुस्तानी एक्टर्स ने विदेशी टीवी पर हमेशा से धूम मचाई है,  बशर्ते कि रोल एशियाई हो। चालीस साल पहले, जब भारत में टेलीविज़न आज का जितना पॉपुलर नहीं था, कबीर बेदी ने इटैलियन मिनी टीवी सीरीज 'संदोकन' से सुदूर इटली में धूम मचा दी थी। इस सीरीज में कबीर बेदी ने एक भारतीय राजकुमार संदोकान का किरदार किया था, जिस का राज्य ब्रितानी हुकूमत छीन लेती है।  वह बदला लेने के लिए समुद्री डाकुओं का नेता बन जाता है और ब्रितानी सेना पर हमले करता रहता है। कबीर बेदी जैसी लोकप्रियता शायद आज की प्रियंका चोपड़ा के लिए स्वप्न सामान ही होगी। कबीर बेदी ने अमेरिकी ओपेरा 'द बोल्ड एंड द ब्यूटीफुल' में प्रिंस ओमर  रशीद का किरदार भी किया। कबीर बेदी इकलौते बॉलीवुड एक्टर हैं, जिन्होंने किसी जेम्स बांड फिल्म में कोई किरदार किया। कबीर बेदी १९८३ में रिलीज़ बांड फिल्म ऑक्टोपसी में विलेन के गुर्गे गोबिंद के किरदार में थे।  कबीर बेदी ऑस्कर पुरस्कारों के वोटिंग मेंबर में शामिल हैं।  वह स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड के भी वोटिंग मेंबर हैं। उन्होंने हॉलीवुड फिल्म प्रिंस ऑफ़ पर्शिया : द सेंड्स ऑफ़ टाइम के हिंदी संस्करण में बेन किंग्सले के चरित्र को आवाज़ दी थी। 
एशियाई चरित्रों के लिए
अमेरिकी सीरीज में हिंदुस्तान के कलाकार खास तौर पर पाकिस्तानी या एशियाई भूमिका के कारण लिए जाते हैं। प्रियंका चोपड़ा क्वांटिको के लिए इसी लिए चुनी गई कि उनका अलेक्स परिश का किरदार भारतीय और कोकेशियान मिश्रित रक्त वाला है। इसी प्रकार से, अनिल कपूर का सीरीज '२४' में ओमर हसन, निम्रत कौर का 'होमलैंड' में तस्नीम खान का किरदार एशियाई लुक वाला हैं। अक्षय खन्ना शीत युद्ध के दौर का ड्रामा 'द अमेरिकन्स' में रूस के जासूस एक पाकिस्तानी अफसर की भूमिका में थे । लिलेट दुबे १९३२ के भारत में ब्रितानी साम्राज्यवादी शासन के खात्मे पर ब्रिटिश सीरीज 'इंडियन समर्स' में रोशना दलाल का किरदार कर रही हैं । इस सीरीज का प्रसारण २७ सितम्बर से शुरू हो चूका है। इस सीरीज में रोशन सेठ और निकेश पटेल जैसे कुछ दूसरे भारतीय चेहरे भी नज़र आएंगे । लिलेट दुबे कहती हैं, "एक्टर्स भी चाहते हैं कि उनके काम को दूसरे देशों में भी देखा जाये।"   
ऑस्कर पुरस्कारों में 
अमेरिका में लोकप्रियता का तकाज़ा है कि प्रियंका चोपड़ा ८८ वे ऑस्कर पुरस्कारों में प्रेजेंटर की हैसियत से नज़र आई । लेकिन, ऑस्कर समारोहों में हिस्सा लेने वाली प्रियंका चोपड़ा पहली भारतीय हस्ती भी नहीं हैं । हिंदुस्तान १९५७ से ऑस्कर अवार्ड्स की विदेशी फिल्मों की श्रेणी में अपनी फ़िल्में भेज रहा है। लेकिन, अब तक केवल तीन फ़िल्में ही आखिरी पांच फिल्मों में शामिल हो पाई । बॉलीवुड सितारे अक्सर ऑस्कर पुरस्कारों में नज़र आते हैं।  दरअसल, इस समारोह में नामित फिल्मों से जुड़ी हस्तियां हिस्सा ले सकती हैं। इसलिए, लगान के नामित होने पर निर्देशक आशुतोष गोवारिकर और आमिर खान रेड कारपेट पर नज़र आये । ७१ वे ऑस्कर अवार्ड्स में शेखर कपूर अपनी इंग्लिश फिल्म एलिज़ाबेथ के नामित होने के कारण ऑस्कर पुरस्कारों के फंक्शन में नज़र आये। दीपा मेहता की फिल्म वॉटर के ऑस्कर में नॉमिनेट होने के कारण जॉन अब्राहम, लिसा रे और सीमा बिस्वास को दीपा मेहता के साथ ७९ वे ऑस्कर अवार्ड्स समारोह में शामिल होने का मौका मिला। लाइफ ऑफ़ पाई के हीरो और भारतीय अभिनेता  सूरज शर्मा २०१३ में हुए ८५ वे ऑस्कर अवार्ड्स समारोह में शामिल हुए थे। इसी फिल्म के लिए बॉम्बे जयश्री भी बेस्ट सांग की श्रेणी में नामित हुई। स्टीवन स्पीलबर्ग और रिलायंस की फिल्म लिंकन के १२ श्रेणियों में नामित होने के कारण इस फिल्म के निर्माता के तौर पर अनिल अम्बानी और टीना मुनीम अम्बानी इस समारोह में मौजूद थी।  डेविड ओ रसेल की फिल्म सिल्वर लइनिंग्स प्लेबुक के ऑस्कर में नामित होने के कारण अनुपम खेर को इस फंक्शन में शामिल होने का मौका मिला। ऑस्कर पुरस्कारों का ८१ वां एडिशन  भारत के लिए ख़ास था। जैसे पूरा बॉलीवुड ऑस्कर समारोह में मौजूद था। भारतीय संगीतकार ए आर रहमान ने २००९ में डैनी बॉयल की इंग्लिश फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर के लिए दो श्रेणियों (बेस्ट ओरिजिनल स्कोर और गुलज़ार के साथ बेस्ट ओरिजिनल सांग जय हो) में ऑस्कर पुरस्कार जीता था। इसी फिल्म के लिए रसूल पुकुट्टी ने साउंड मिक्सिंग की श्रेणी में पुरस्कार जीता था। इसी साल स्माइल पिंकी ने शार्ट डॉक्यूमेंट्री का पुरस्कार जीता। १९८३ में रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी एकेडेमी अवार्ड्स की आठ श्रेणियों में नामित हुई थी।  इस फिल्म की कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर भानु अथैया थी।  उन्होंने जॉन मोलो के साथ बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइन का पुरस्कार जीता था। सितार वादक रवि शंकर का ऑस्कर अवार्ड्स में बेस्ट ओरिजिनल स्कोर की श्रेणी में नामित किया गया था। सत्यजित रे को १९९२ में मानद ऑस्कर से सम्मानित किया गया। अश्विन कुमार की लघु फिल्म लिटिल टेररिस्ट को २००५ में ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था। वह ऑस्कर्स  में नामित होने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय थे। 

Friday 4 March 2016

मोहसिन अख्तर की हो गई उर्मिला मातोंडकर

आखिरकार ४२ साल की उर्मिला मातोंडकर ने शादी कर ही ली। उन्होंने कश्मीर के एक बिज़नेस मैन मोहसिन अख्तर मीर के साथ हिन्दू रीति से अपने मुंबई स्थित घर में शादी की । मोहसिन मॉडलिंग भी कर चुके हैं।  उनकी बतौर नायिका आखिरी फिल्म संजय दत्त के साथ 'इएमआई : लिया है तो चुकाना पड़ेगा' २००८ में रिलीज़ हुई थी।  इसके बाद वह इक्का दुक्का फिल्मों के कैमिया में नज़र आई।  ज़ाहिर है कि उर्मिला का करियर ख़त्म हो चूका था।  वह इक्का दुक्का नए पुराने विज्ञापनों में नज़र आ  कर खुद के होने का एहसास कराती थी।  इसीलिए उनका निकाह गुपचुप साबित हुआ।  डॉक्टर श्रीराम लागू की १९८० की मराठी फिल्म 'ज़कोल' से बाल कलाकार डेब्यू करने वाली उर्मिला मातोंडकर को शेखर कपूर की फिल्म 'मासूम' से शोहरत मिली।  इस फिल्म में भी वह बेबी उर्मिला बनी थी। चंदू नार्वेकर उर्फ़ एन चंद्रा की फिल्म 'नरसिम्हा' (१९९१) में वह पहली बार रवि बहल के साथ नायिका बनी। उनकी बतौर नायिका ग्रोथ की तेज़ी का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि अगली ही फिल्म 'चमत्कार' (१९९२) में वह शाहरुख़ खान की नायिका बन गई।  हालाँकि, उस समय तक शाहरुख़ खान स्टार नहीं बने थे।  लेकिन, तीन साल बाद रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'रंगीला' ने उन्हें दो खानों की नायिका बना दिया। रंगीला ने उर्मिला मातोंडकर को नई सेक्स बम बनाया ही, हिंदी फिल्म अभिनेत्रियों के लिए सेक्स अपील के नए मानदंड स्थापित कर दिए। मनीष मल्होत्रा के ज़रिये पेशेवर डिज़ाइनर के लिए हिंदी फिल्मों के रास्ते खुल गए।  हालाँकि, उर्मिला को सराहना मिली सत्या और जुदाई जैसी फिल्मों के कारण। वह अनिल कपूर और अजय देवगन की फिल्मों की नायिका बनी तो कमल हासन और मनोज बाजपेई की फिल्म की नायिका भी बनी। लेकिन, इतनी रफ़्तार भरने और जुदाई,  इंडियन, सत्य, कुदरत, कौन, जानम समझा करो, जंगल, लज्जा, कंपनी, दीवानगी, भूत, पिंजर, एक हसीना थी और मैंने गांधी को नहीं मारा जैसी फिल्मों के बावजूद वह वैसी बुलंदियां नहीं छू सकी, जिन्हे उनकी समकालीन अभिनेत्रियों ने छुआ था।  उर्मिला मातोंडकर को केवल एक फिल्मफेयर अवार्ड  फिल्म भूत के लिए बेस्ट एक्ट्रेस (क्रिटिक्स) ही मिला।  उन्हें शादी की बधाइयाँ !








Thursday 3 March 2016

क्या 'डेडपूल' को पछाड़ पायेगी 'जूटोपिया' ?

क्या इस शुक्रवार रिलीज़ हो रही फिल्म 'जूटोपिया' 'डेडपूल' को पछाड़ पायेगी ? डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस के लिहाज से हॉलीवुड के लिए यह सवाल बिलियन डॉलर्स का है।  ट्वेंटीथ सेंचुरी फॉक्स की सुपर हीरो फिल्म 'डेडपूल' पिछले तीन हफ़्तों से बॉक्स ऑफिस पर टॉप का बिज़नस कर रही है।  इस फिल्म ने डोमेस्टिक मार्किट में २८५.२ मिलियन डॉलर और इंटरनेशनल मार्किट में ३२४ मिलियन डॉलर कमा लिए हैं।  इतना लम्बा समय किसी फिल्म के कलेक्शन के लिहाज़ से बहुत बढ़िया है।  लेकिन, अब उम्मीद की जा रही है कि इस वीकेंड 'डेडपूल' की सुपर हीरो कॉमेडी पिछड़ जायेगी।  इस हफ्ते तीन फ़िल्में डिज्नी की एनीमेशन फिल्म 'जूटोपिया', फोकस फीचरस की एक्शन फिल्म 'लन्दन हैज फालेन' और पैरामाउंट पिक्चरस की कॉमेडी फिल्म 'व्हिस्की टैंगो फॉक्सट्रॉट' रिलीज़ हो रही हैं।  लंदन हैज फालेन में एंजेला बैसेट और जेराल्ड बटलर जैसी स्टार कास्ट हैं, जबकि व्हिस्की टैंगो फॉक्सट्रॉट में टीना फे, मार्गोट रॉबी, मार्टिन फ्रीमैन और अल्फ्रेड मोलिना का कॉमेडी अंदाज़ देखने को मिलेगा।  लेकिन, बॉक्स ऑफिस भरोसा कर रहा है डिज्नी की एनीमेशन फिल्म पर।  उम्मीद की जा रही है कि ज़ूटोपिया को डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस पर ६३ मिलियन डॉलर की ओपनिंग मिलेगी।  इतनी बड़ी ओपनिंग ४ मार्च को रिलीज़ हो रही तीन फिल्मों में सबसे ज़्यादा होगी ही, पिछले तीन हफ़्तों से टॉप पर जमी सुपर हीरो फिल्म के जादू को भी उतार देगी।  जहाँ तक दूसरी दो फिल्मों की ओपनिंग का सवाल है लंदन हैज फालेन को २२ मिलियन डॉलर और व्हिस्की टैंगो फॉक्सट्रॉट को १० मिलियन डॉलर की ओपनिंग मिलने का अंदाज़ा किया आ रहा है।  बॉक्स ऑफिस के पंडितों का मानना है कि इस वीकेंड डेडपूल को तीसरे स्थान पर पिछड़ना है, क्योंकि वह १७.८ मिलियन डॉलर का बिज़नेस ही कर पाएगी।




Wednesday 2 March 2016

क्यों नहीं बन पाई मैड मैक्स ४ ?

मैड मैक्स ४ के मैड मैक्स फरी रोड बनने का लम्बा इतिहास है।  मैड मैक्स सीरीज की पिछली फिल्म मैड मैक्स ३: बियॉन्ड थंडरडोम १९८५ में रिलीज़ हुई थी।  १० मिलियन डॉलर के बजट से बनी इस फिल्म ने ३६.२ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था। यहाँ बताते चलें कि मैड मैक्स सीरीज की फिल्मों ने ऑस्ट्रेलियाई अभिनेता मेल गिब्सन को हॉलीवुड में मुकाम दिलवाया था।  इसलिए स्वाभाविक था कि मेल गिब्सन मैड मैक्स ४ भी करना चाहते। मैड मैक्स का रिबूट या मैड मैक्स ४ को बनाने का सिलसिला १५ साल पहले बनना शुरू हुआ।  मैड मैक्स ४ के लिए मेल गिब्सन को अनुबंधित भी कर लिया गया था।  सब सही जाता तो मेल गिब्सन २००१ में ही चौथी बार  मैड मैक्स ४ में योद्धा मैक्स रॉकटेन्सकी के किरदार में नज़र आते हैं।  लेकिन, भाग्य को कुछ और मंज़ूर था।  ११ सितम्बर २००१ को अमेरिका पर अल क़ायदा का आतंकी हमला हुआ।  मशहूर ट्विन टॉवर जमींदोज़ कर दी गई।  ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की कीमत ध्वस्त हो गई।  इसके फलस्वरूप कुछ दिनों में निर्माताओं को बजट के २५  प्रतिशत का नुक्सान हो गया।  इस नुक्सान से निर्माता उबर नहीं पाये। मैड मैक्स ४ हमेशा के लिए डिब्बा बंद हो गई। इसके लम्बे समय बाद मैड मैक्स सीरीज के डायरेक्टर जॉर्ज मिलर की वार्नर ब्रदर्स में वापसी हुई।  उनकी २००६ में रिलीज़ एनिमेटेड म्यूजिकल कॉमेडी हैप्पी फ़ीट न केवल हिट हुआ, बल्कि इसे श्रेष्ठ एनिमेटेड फिल्म का ऑस्कर अवार्ड भी मिला।  इस सफलता के बाद जॉर्ज मिलर ने एक बार फिर मेल गिब्सन को मैड मैक्स बनाने की कोशिश शुरू की।  लेकिन, तब तक मेल गिब्सन की शोहरत हलकी पड़ चुकी थी। वह शराब पी कर गाडी चलाने के अपराध में गिरफ्तार हुए।  वह यहूदी विरोधी बयानबाज़ी के कारण काफी अलोकप्रिय हो गए।  तब २०१० में जॉर्ज मिलर ने तय किया कि वह टॉम हार्डी के साथ मैक्स को नए अंदाज़ में पेश करेंगे।  अब यह हॉलीवुड फिल्मों के दर्शक जानते हैं कि चार्लीज थेरॉन के साथ नए मैक्स टॉम हार्डी ने तहलका मचा दिया।  यह फिल्म इस साल ऑस्कर पुरस्कार में श्रेष्ठ फिल्म की होड़ में थी ।


क्यों नहीं बन पाई मैड मैक्स ४ ?

मैड मैक्स ४ के मैड मैक्स फरी रोड बनने का लम्बा इतिहास है।  मैड मैक्स सीरीज की पिछली फिल्म मैड मैक्स ३: बियॉन्ड थंडरडोम १९८५ में रिलीज़ हुई थी।  १० मिलियन डॉलर के बजट से बनी इस फिल्म ने ३६.२ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था। यहाँ बताते चलें कि मैड मैक्स सीरीज की फिल्मों ने ऑस्ट्रेलियाई अभिनेता मेल गिब्सन को हॉलीवुड में मुकाम दिलवाया था।  इसलिए स्वाभाविक था कि मेल गिब्सन मैड मैक्स ४ भी करना चाहते। मैड मैक्स का रिबूट या मैड मैक्स ४ को बनाने का सिलसिला १५ साल पहले बनना शुरू हुआ।  मैड मैक्स ४ के लिए मेल गिब्सन को अनुबंधित भी कर लिया गया था।  सब सही जाता तो मेल गिब्सन २००१ में ही चौथी बार  मैड मैक्स ४ में योद्धा मैक्स रॉकटेन्सकी के किरदार में नज़र आते हैं।  लेकिन, भाग्य को कुछ और मंज़ूर था।  ११ सितम्बर २००१ को अमेरिका पर अल क़ायदा का आतंकी हमला हुआ।  मशहूर ट्विन टॉवर जमींदोज़ कर दी गई।  ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की कीमत ध्वस्त हो गई।  इसके फलस्वरूप कुछ दिनों में निर्माताओं को बजट के २५  प्रतिशत का नुक्सान हो गया।  इस नुक्सान से निर्माता उबर नहीं पाये। मैड मैक्स ४ हमेशा के लिए डिब्बा बंद हो गई। इसके लम्बे समय बाद मैड मैक्स सीरीज के डायरेक्टर जॉर्ज मिलर की वार्नर ब्रदर्स में वापसी हुई।  उनकी २००६ में रिलीज़ एनिमेटेड म्यूजिकल कॉमेडी हैप्पी फ़ीट न केवल हिट हुआ, बल्कि इसे श्रेष्ठ एनिमेटेड फिल्म का ऑस्कर अवार्ड भी मिला।  इस सफलता के बाद जॉर्ज मिलर ने एक बार फिर मेल गिब्सन को मैड मैक्स बनाने की कोशिश शुरू की।  लेकिन, तब तक मेल गिब्सन की शोहरत हलकी पड़ चुकी थी। वह शराब पी कर गाडी चलाने के अपराध में गिरफ्तार हुए।  वह यहूदी विरोधी बयानबाज़ी के कारण काफी अलोकप्रिय हो गए।  तब २०१० में जॉर्ज मिलर ने तय किया कि वह टॉम हार्डी के साथ मैक्स को नए अंदाज़ में पेश करेंगे।  अब यह हॉलीवुड फिल्मों के दर्शक जानते हैं कि चार्लीज थेरॉन के साथ नए मैक्स टॉम हार्डी ने तहलका मचा दिया।  यह फिल्म इस साल ऑस्कर पुरस्कार में श्रेष्ठ फिल्म की होड़ में थी । 


सीता देवी और देविका रानी से करीना कपूर तक किस किस को 'किस'

आजकल आर० बाल्की की हिंदी फिल्म 'कि एंड का' में करीना कपूर खान और अर्जुन कपूर के चुम्बन की चर्चा हो रही है। अब जबकि हर हिंदी फिल्म में चुम्बन की भरमार हो गई है, कि एंड का का चुम्बन ख़ास गर्माहट वाला नहीं लगता।   क्योंकि, हिंदी फिल्मों ने देविका रानी से करीना कपूर तक का ८३ साल लम्बा सफर तय कर लिया है।  प्रेम की अभिव्यक्ति करने का यह प्रभावशाली तरीका है।  इसके बावजूद करीना कपूर का चुम्बन इस लिहाज़ से ख़ास है कि उन्होंने अपने मिया सैफअली खान के लिए नो किस जोन बना रखा है।
खामोश चुम्बन
हिंदुस्तानी फिल्मों का सबसे पहला चुम्बन खामोश फिल्म अ थ्रो ऑफ़ डाइस (परपंच पाश) में सीता देवी और चारु रॉय के बीच हुआ था।  हालाँकि, फ्रेंज़ ऑस्टिन निर्देशित इस फिल्म के नायक हिमांशु रॉय थे।   लेकिन, चुम्बन फिल्म के विलेन और नायिका के बीच हुआ था।  यह फिल्म १९२९ में रिलीज़ हुई थी।  यह फिल्म महाभारत की द्यूत सभा से प्रेरित थी।
पहला पहला 'किस'
किसी  अभिनेत्री के लिए पहला ऑन स्क्रीन किस या चुम्बन ख़ास होता है। किसी गैर मर्द को सेट पर ढेरों लोगों के सामने चूमना आसान नहीं होता।  सामाजिक बंधन और आपत्तियां भी आँखों के सामने तैर रही होती है।  देविका रानी ने १९३३ में जब फिल्म 'कर्मा' में फिल्म के नायक हिमांशु राय का प्रगाढ़ चुम्बन लिया, तब यह उनका ही नहीं, हिंदी फिल्मों का पहला किस था।  लेकिन, देविका रानी के लिए यह किस कुछ आसान था।  पहला यह कि हिमांशु राय उनके पति थे।  दूसरे वह अल्ट्रा मॉडर्न लेडी थी।  तीसरे यह इंग्लिश फिल्म थी।  बाद में इस फिल्म को नागिन की रागिनी टाइटल के साथ हिंदी में रिलीज़ किया गया।  चौथे यह फिल्म इंटरनेशनल ऑडियंस को निशाने पर रख कर बनाई गई थी।  पांचवे, अंग्रेज़ों के दौर के सेंसर के लिए फिल्मों में चुम्बन आपत्तिपूर्ण नहीं था।  वैसे यह चार मिनट का चुम्बन अब तक का सबसे लंबा ऑन स्क्रीन चुम्बन माना जाता है।
राजकपूर के सिनेमा के अनसेंसर्ड किस
आज़ादी के बाद भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड के मानक बदले।  हिंदी फिल्मों में चुम्बन टैबू हो गया।   लेकिन, फिल्म निर्माता और निर्देशक राजकपूर के लिए अपनी फिल्मों के चुम्बन पास करा ले जाना बाएं हाथ का खेल था।  उनकी १९६४  में रिलीज़ फिल्म  'संगम' में एक चुम्बन को सेंसर बोर्ड द्वारा पारित करना पड़ा था।  राजकपूर का तर्क था कि यह चुम्बन एफिल टावर पर विदेशी जोड़े पर फिल्माया गया था।  इसी आड़ में आई एस जौहर ने भी  अपनी फिल्म जौहर-महमूद इन गोवा का उनके द्वारा नायिका सोनिया साहनी का लिया गया चुम्बन भी पारित करवा लिया गया था कि यह चुम्बन विदेशी करैक्टर का लिया गया था।  राजकपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर का राजकपूर और रशियन एक्ट्रेस क्सेनिया रयाबिंकिना के बीच चुम्बन दृश्य भी इसी बिना पर पारित हुआ।   लेकिन, फिल्म बॉबी (ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया), सत्यम शिवम सुंदरम (शशि कपूर और ज़ीनत अमान ) और राम तेरी गंगा मैली (राजीव कपूर और मन्दाकिनी) के चुम्बन दृश्य सेंसर की कैची से बचा ले जाना राजकपूर  का ही जलवा था।  
कुछ समकालीन अभिनेत्रियों का पहला चुम्बन
आज की टॉप बॉलीवुड एक्ट्रेस में से एक कैटरीना कैफ ने अपना पहला चुम्बन हिंदी अंग्रेजी फिल्म 'बूम' में दिया था।  भारतीय दर्शकों के लिए कैटरीना का यह पहला चुम्बन कैटरीना के लिए इस लिहाज़ से अजीबोगरीब था कि वह किसी नायक को नहीं, बल्कि खलनायक गुलशन ग्रोवर को चूम रही थी।  इस चुम्बन की गर्माहट सेंसर बोर्ड को इस कदर महसूस हुई कि इसे भारतीय दर्शकों के लिए प्रतिबंधित कर दिया।  दीपिका पादुकोण को अब दर्शक एक्सएक्सएक्स रिटर्न ऑफ़ जेंडर केज में अपने नायक विन डीजल के साथ जम कर स्मूचिंग करते देखेंगे।   लेकिन, २००७ में शाहरुख़ खान के साथ फिल्म ओम शांति ओम से अपने करियर की शुरुआत करने वाली दीपिका पादुकोण ने पहली बार फिल्म 'बचना ऐ हसीनों' में रणबीर कपूर को किस किया था।  उस समय इन दोनों का रोमांस सुर्ख़ियों में था।  इस लिहाज़ से दर्शको ने  भी दीपिका और रणबीर के चुम्बन की गर्माहट महसूस की।  अनुष्का शर्मा का करियर भी किंग खान के साथ शुरू हुआ था।  अनुष्का ने पहला चुम्बन फिल्म बदमाश कंपनी में शाहिद कपूर का लिया था।   लेकिन,यह चुम्बन काफी छोटा था।  लेकिन, तीसरी फिल्म बैंड बाजा बारात में उन्होंने रणवीर सिंह के साथ स्मूचिंग कर दर्शकों को निहाल कर दिया।  करीना कपूर को अपना पहला ऑन स्क्रीन किस देने में ३ साल और १४ फ़िल्में लग गई।  उन्होंने पहला ऑन स्क्रीन किस फिल्म 'देव' के लिए फरदीन खान का लिया।  कपूर खानदान की बिटिया का यह पहला चुम्बन दर्शकों में इतनी  उत्तेजना नहीं पैदा कर सका कि फिल्म हिट हो जाती।  कंगना रनौत आज चाहे जो शर्त रखे।   लेकिन, अपनी पहली ही फिल्म गैंगस्टर में उन्हें अपने सीरियल किसर नायक इमरान हाशमी को चुम्बन देने पड़े। इसी प्रकार परिणीति  चोपड़ा ने भी पहली फिल्म इशकज़ादे में अर्जुन कपूर का चुम्बन लिया था। सावरिया (२००७) से फिल्म करियर की शुरुआत करने वाली सोनम कपूर ने खुद की भले घर की लड़की की इमेज बनाने की कोशिश की।   लेकिन, उन्होंने जब इस इमेज को तोड़ने के लिए फिल्म बेवकूफियां' में चुम्बन दिया तो आयुष्मान खुराना का और भाग मिल्खा भाग और रांझणा की सफलता के बाद।
सनसनी फैलाने वाले चुम्बन
चुम्बन सनसनी फैलाने में भी कामयाब होते हैं।  'सागर' में ऋषि कपूर का डिंपल को किस करने के सीन को रोमांचक बताया गया था।  क्योंकि, यह पलक झपकते ही हो जाता है। फिल्म 'राजा हिंदुस्तानी' का  करिश्मा कपूर और आमिर खान के बीच चुम्बन सबसे रोमांटिक चुम्बनों में  शामिल है।  माधुरी दीक्षित के दिल में आमिर खान और दयावान में विनोद खन्ना को दिए चुम्बन कामुकता के लिहाज़ से याद किये जाते हैं।  धूम २ में ऐश्वर्या राय और ह्रितिक रोशन के बीच चुम्बन ने बच्चन परिवार को इतना बेचैन कर दिया कि उन्होंने उसे फिल्म से हटवा कर ही दम लिया। अपनी नायिका को कभी न वाले अभिनेता शाहरुख़ खान ने जब तक है जान में  कैटरीना कैफ का चुम्बन लिया तो यह फिल्म का ख़ास हिस्सा बन गया।  अनयूज़अल जोड़े के बीच होने के कारण ब्लैक में अमिताभ बच्चन और रानी मुख़र्जी का चुम्बन चौंकाने वाला था।
'नो किस' एक्टर
कुछ एक्टर्स को स्क्रिप्ट की डिमांड के बावजूद ऑन स्क्रीन किस करने पर ऐतराज होता है।  सलमान खान इन एक्टरों में सबसे आगे हैं।  वह कभी अपनी फिल्म की नायिका को नहीं चूमते। द डर्टी पिक्चर में तुषार कपूर ने विद्या बालन को किस करने से साफ़ मना कर दिया था।  पाकी एक्टर अली ज़फ़र भी नो किसिंग प्लीज एक्टर हैं।  उन्होंने लंदन पेरिस न्यूयॉर्क फिल्म में अदिति राव हैदरी को चूमने से इंकार कर दिया।  बताते हैं कि इस चुम्बन को हैदरी के पूर्व पति के साथ फिल्माया गया। फव्वाद खान को भी  लगता है कि पाकिस्तानी होने के नाते उन्हें अपनी एक्ट्रेस का किस नहीं लेना चाहिए। रितेश देशमुख किस को निजी और इंटिमेट मामले मानते हैं और ऑन स्क्रीन किस करते मुतमईन नहीं होते।  साउथ एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया भी चुम्बन देने और बिकिनी पहनने में कतराती हैं।  असिन ने तो अपनी पहली हिंदी फिल्म गजिनी में आमिर खान के साथ चुम्बन सीन करने से मना कर दिया। बॉलीवुड की शिल्पा शेट्टी और सोनाक्षी सिन्हा भी ऑन स्क्रीन किस के खिलाफ हैं।
चुम्बन के लिए पहल की
बॉलीवुड की कई एक्ट्रेस ऑन स्क्रीन किस में पहल करती दिखाई देती हैं।  फिल्म जब वी मेट में करीना कपूर ही शाहिद कपूर का  किस करने में पहल करती हैं। ख्वाहिश में हिमांशु मलिक को चूमने में मल्लिका शेरावत बिंदास अंदाज़ दिखाती हैं।  अनुष्का शर्मा फिल्म बैंड बाजा बरात में रणवीर सिंह के साथ स्मूचिंग के लिए आगे बढती हैं। विद्या बालन फिल्म इश्क़िया में अरशद वारसी के करैक्टर को उकसाने के लिए उस पर ताबड़तोड़ चुम्बनों की बारिश कर देती है ।   लेकिन,इश्क़िया से काफी पहले फिल्म जिस्म में  जॉन अब्राहम के करैक्टर को अपने जाल में फंसाने के लिए चुम्बन का इस्तेमाल करती थी।
चुम्बन की आंच घर तक
अमेरिकी टीवी शो क्वांटिको के पहले एपिसोड में ही अपने को-स्टार जेक मैकलाफलिन के स्मूचिंग और कार में सेक्स करती प्रियंका चोपड़ा ने फिल्म ऐतराज़ में पहली बार अक्षय कुमार को चूमना शुरू किया था ताकि वह उत्तेजित हो कर उसका हमबिस्तर होने को तैयार हो जाए।  प्रियंका चोपड़ा का यह चुम्बन काफी उत्तेजक और फिल्म का आकर्षण बन पड़ा था।  प्रियंका के इस चुम्बन की आंच ट्विंकल खन्ना तक भी पहुंची थी और उसने अक्षय कुमार को फिर कभी प्रियंका के साथ कोई फिल्म न करने की हिदायत दे दी थी।
पोस्टर पर चुम्बन
करीना कपूर और अर्जुन कपूर का फिल्म 'कि एंड का' का डाइनिंग टेबल पर चुम्बन  इस फिल्म के पोस्टर में जगह पाया है।  इसे पोस्टर में पहला चुम्बन बताया जा रहा है।   लेकिन, वास्तविकता यह है कि कृष्णा शाह की धर्मेन्द्र और ज़ीनत अमान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'शालीमार' के पोस्टरों में पहली बार धर्मेन्द्र-ज़ीनत किस ने जगह पाई थी।