Wednesday 6 July 2016

बॉक्स ऑफिस पर 'सुल्तान' ! अरे छोडिये भाई !!!

सुल्तान कौन हैं ?
५२  साल  का सलमान खान- पहली रील से लेकर आखिरी  रील तक- हर फ्रेम में।
फिल्म में ३८ साल का पहलवान। लेकिन, अखाड़े पर और रिंग में दिग्गज पहलवानों को धुल चटाता मोटा- थुलथुल बूढ़े खच्चर जैसा फिफ्टी प्लस का सलमान खान।
हर सीन में, हर इमोशन में पिटे हुए मोहरे जैसा चेहरा।
आप किसी भी सीन में नहीं सोच सकते कि आगे क्या  होगा ! क्योंकि, हर सीन चुगली करता लगता है कि अब आगे यह होने वाला है।  कोई कल्पनाशीलता नहीं।  कोई तार्किकता नहीं। सलमान खान के पीछे दौड़ता कैमरा और हांफती स्क्रिप्ट।
अनुष्का शर्मा तो जैसे विराट कोहली के डर से सलमान खान के साथ ठीक से रोमांटिक सीन नहीं कर पा रही थी।  पहलवान लगने का सवाल नहीं उठता, टफ हरियाणवी कुड़ी तक नहीं लगी।  बस अपना रोल ठीक कर ले गई।   सलमान खान को खुद को दोहराना था, दोहरा दिया।  अब वह थक गए हैं।  दो चार साल में एक फिल्म किया करें तो ठीक रहेगा।  नहीं तो दर्शक धोबी पछाड़ दे मरेंगे।
अली अब्बास ज़फर ने लिखने से लेकर सीन गुनने तक का जिम्मा सम्हाला था।  इसी ने सब गुड गोबर कर डाला।  वह सलमान खान की इमेज के  नीचे दबे बुरी तरह से हांफ रहे थे।  बाहर निकलने की असफल कोशिश कर रहे थे।  वह ऐसे एक बेवक़ूफ़ और निकम्मे हरियाणवी सुल्तान को ओलिंपिक और विश्व कुश्ती चैंपियन बना रहे थे, जैसे जानते हों कि सलमान खान कुछ भी कर सकता है।  सुपर स्टार जो है।  सब कुछ बेहद नकली।  विशाल-शेखर का संगीत काफी भारी भरकम है।  उन्होंने तमाम गीतों की सिचुएशन ऎसी चुनी है, जो फिल्म की कहानी को रोकते हैं।  रामेश्वर एस भगत सलमान भक्ति में अपनी कैंची चलाना भूल गए।  नतीजतन फिल्म १७० मिनट लम्बी और उबाऊ बन गई।  सुल्तान के स्टंट देशी विदेशी को-ओर्डिनटर्स द्वारा तैयार किये गए हैं, लेकिन, इनमे रोमांच नदारद है।
फिल्म हरियाणा के सुल्तान की है, जो केवल छह महीने में न केवल कुश्ती सीख लेता है, बल्कि मिटटी वाले अखाड़े से सीधे गद्दे वाले रिंग पर खुद को सुल्तान साबित कर लेता है।  जबकि, हर कोई जानता है कि शुरूआती दौर में भारतीय पहलवान ओलंपिक्स या विश्व की अन्य प्रतिस्पर्द्धाओं में इस लिए सफल नहीं हो सके कि वह गद्दों पर कुश्ती लड़ने के आदी नहीं थे।  सलमान खान के सुल्तान का मार्शल आर्ट्स वाली रिंग पर कुश्ती में महारत कैसे हासिल कर ली, वह भी छह हफ़्तों में गले के नीचे नहीं उतरता।  फिल्म में ऎसी बहुत सी खामियां हैं।  इनसे फिल्म के साधारण लव स्टोरी भी नहीं रह जाती।

Tuesday 5 July 2016

'अकीरा' के ट्रेलर में देखें सोनाक्षी सिन्हा का दबंग अवतार

फिल्म में सोनाखी दबंग अवतार में सिस्टम और भ्रष्टाचारी पुलिस वालों से दो-दो हाथ करती दिखेंगी. फिल्म 'अकीरा' में सोनाक्षी अकीरा नाम की ऐसी लड़की का किरदार अदा कर रही हैं जो जोधपुर से मुंबई पढ़ाई के लिए आती हैं लेकिन फिर अचानक कॉलेज के किसी सुसाइड केस में उसे फंसाने की कोशिश की जाती है. लेकिन अकीरा सिस्टम और जो उसके ख‍िलाफ आवाज उठाते हैं उनका ना सिर्फ विरोध करती है बल्कि‍ उनकी जमकर धुलाई भी करती है. अकीरा के एक्शन हीरो वाले अवतार में सोनाक्षी परफेक्ट नजर आ रही हैं. इस ट्रेलर में सोनाक्षी के  अलावा ए‍क और भी सरपाइज एलिमेंट है जो आपका ध्यान आकर्षि‍त करता है, वो है अनुराग कश्यप. अनुराग कश्यप फिल्म में एक भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर के किरदार में जच रहे हैं. अनुराग को इस अवतार में देखना वाकई मजेदार है. अनुराग कश्यप के अलावा फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, अतुल कुलकर्णी और अमित साध भी अहम किरदार अदा कर रहे हैं. यह फिल्म इस साल 2 सितंबर को रिलीज होने जा रही है.

Saturday 2 July 2016

हमेशा सलमान खान की नहीं रही है ईद

कहा जाता है कि ईद में दर्शक सलमान खान को बढ़िया ईदी देते है । लेकिन, सलमान खान की फिल्मों को ईद रास आने का सिलसिला २००९ से चला आ रहा है । उससे पहले सलमान खान की फिल्मों को ईद के बावजूद असफलता हासिल हुई। वैसे बॉलीवुड की तमाम बड़ी फ़िल्में ईद वीकेंड पर रिलीज़ होती रही है । तमाम बड़े सितारों मसलन अमिताभ बच्चन, आमिर खान, आदि की फ़िल्में ईद वीकेंड पर रिलीज़ होती रही है । ईद और दीवाली का मिला जुला हफ्ता तो सोने पर सुहागा साबित होता । आइये पिछले तीन दशकों (१९९१-२०१५) के दौरान रिलीज़ हिंदी फिल्मों पर नज़र डालते हैं- 
२०वी शताब्दी का आखिरी दशक- शताब्दी के आखिर में नए सुपर स्टारों के आने का सिलसिला शुरू हो चला था । अजय देवगन, आमिर खान, अक्षय खन्ना, ऐश्वर्या राय, आदि सितारे झिलमिलाने लगे थे । अस्सी के दशक के कुछ सितारे सूरज बनने का प्रयास कर रहे थे । इन सभी की फ़िल्में ईद या ईद-दिवाली कंबाइंड वीकेंड में रिलीज़ हुई । लेकिन, अनुभव खट्टा मीठा रहा । अलबत्ता, ज्यादातर को ईदी मिली, दिवाली की मिठाई खाना नसीब हुआ । ख़ास तौर पर अनिल कपूर को ।
धूल में मिल गये सुपर सितारे - ईद १९९१ में दो फ़िल्में अजूबा और अफसाना प्यार का रिलीज़ हुई थी । सुपर स्टार अमिताभ बच्चन फंतासी फिल्म अजूबा से बॉक्स ऑफिस पर अपना सुपर स्टारडम नहीं दिखा सके । यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने का अजूबा दिखा गई । आमिर खान को उम्मीद थी कि वह सुपर स्टार बन जायेंगे । तीन साल पहले ही उनकी बतौर नायक पहली रोमांस फिल्म क़यामत से क़यामत तक सुपर हिट साबित हुई थी । लेकिन, अफसाना प्यार का का रोमांस दर्शकों को रास नहीं आया । 
अनिल कपूर साबित हुए बॉक्स ऑफिस के बेटा- १९९२ का साल अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित की जोड़ी के लिए सुपर ईद ले कर आया । इंद्रकुमार निर्देशित फिल्म बेटा ने बढ़िया स्क्रिप्ट, कल्पनाशील निर्देशन, अनिल-माधुरी जोड़ी की केमिस्ट्री, माधुरी दीक्षित की सेक्स अपील और बढ़िया संगीत के बलबूते बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर बिज़नस किया ।
जब फ्लॉप हुए बिग स्टार्स- १९९३ को बॉलीवुड के बड़े सितारों की असफल ईद के लिए याद किया जायेगा । विनोद खन्ना, धर्मेन्द्र, सनी देओल, संजय दत्त, मीनाक्षी शेषाद्री, रवीना टंडन, राखी गुलजार, आदि की जेपी दत्ता निर्देशित फिल्म क्षत्रिय बुरी तरह से फ्लॉप हुई । यह बॉलीवुड के बड़े सितारों की ज़बरदस्त असफलता थी ।
दोस्तों की असफलता- ईद १९९५ में अक्षय कुमार की फिल्म पांडव और रोहित शेट्टी की फिल्म सुरक्षा रिलीज़ हुई थी । रोहित शेट्टी और अक्षय कुमार ने १९९४ में मोहरा जैसी हिट फिल्म से अपनी जोड़ी को विश्वसनीय बनाया था । सुरक्षा में सुनील शेट्टी के साथ सैफ अली खान भी थे । लेकिन, दोनों ही एक्शन स्टार्स की फ़िल्में बुरी तरह से असफल रही ।
सलमान खान की सफलता का जुड़वाँ- सलमान खान की दोहरी भूमिका वाली डेविड धवन निर्देशित फिल्म जुड़वाँ ईद १९९७ में रिलीज़ हुई थी । फिल्म में करिश्मा कपूर और रम्भा सलमान खान की दो नायिकाएं थी । यह कॉमेडी फिल्म ज़बरदस्त हिट हुई ।
विनाशक १९९८- ईद १९९८ सुनील शेट्टी के लिए विनाशक साबित हुई । रवीना टंडन के साथ रवि दीवान निर्देशित एक्शन फिल्म विनाशक बॉक्स ऑफिस पर पानी तक नहीं मांग सकी । इसी फिल्म के साथ रिलीज़ जैकी श्रॉफ, आदित्य पंचोली और मधु की फिल्म हफ्ता वसूली भी बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत तक नहीं वसूल कर सकी ।
९९ के फेर में काजोल और ऐश्वर्या- यह दशक एक्सटेंडेड वीकेंड का नहीं था । अन्यथा, काजोल और अनिल कपूर की फिल्म हम आपके दिल में रहते हैं और अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय की फिल्म आ अब लौट चलें २२ जनवरी के बजाय १९ जनवरी को रिलीज़ होती और आज की तरह एक्सटेंडेड वीकेंड का फायदा उठाती । अलबत्ता, दोनों ही फ़िल्में अच्छा बिज़नस कर पाने में कामयाब हुई । हम आपके दिल में रहते हैं सुपर हिट और आ अब लौट चलें ने औसत से कम का बिज़नेस किया ।
फ्लॉप हुआ २१वी शताब्दी का मेला- शताब्दी की शुरुआत को पुराने सितारों के ज़मींदोज़ होने और नए सितारों के उदय की शताब्दी कहा जाता है । ख़ास तौर पर इस शताब्दी का पहला साल । इसके बाद तो पूरी शताब्दी में उतार चढ़ाव आये । पुराने चावल स्वादिष्ट साबित हुए ।
फ्लॉप मेला, ध्वस्त बुलंदी- फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स की शुरुआत २००० से ही हुई । ७ जनवरी को आमिर खान की धर्मेश दर्शन निर्देशित फिल्म मेला और टी रामाराव की अनिल कपूर अभिनीत फिल्म बुलंदी रिलीज़ हुई । इन बड़े सितारों और दर्शकों की नब्ज़ भांपने वाले निर्देशकों की फिल्मों से बॉलीवुड को बड़ी उम्मीदें थी । लेकिन, यह दोनों फ़िल्में ईद वीकेंड के बावजूद बुरी तरह से असफल हुई । साल के पहले शुक्रवार की मनहूसियत का आगाज़ हो गया ।
गम नहीं ख़ुशी ही ख़ुशी- बतौर निर्देशक करण जौहर की दूसरी फिल्म कभी ख़ुशी कभी गम (२००१) ने बॉलीवुड को ख़ुशी ही ख़ुशी दी । पिछले साल बड़े सितारों की बड़ी फिल्मों की असफलता के बाद यह फिल्म महत्वपूर्ण थी । अमिताभ बच्चन, शाहरुख़ खान, हृथिक रोशन, करीना कपूर, काजोल और जया बच्चन जैसे सितारों से सजी यह म्यूजिकल फॅमिली फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई ।
क़र्ज़ का दर्द- एक्शन हमेशा हिट नहीं होता, यह बताया हैरी बवेजा की फिल्म क़र्ज़ द बर्डन ऑफ़ ट्रुथ ने । सनी देओल, सुनील शेट्टी और शिल्पा शेट्टी की यह एक्शन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से असफल हुई ।
निखिल अडवाणी का कल हो...- करण जौहर ने कल हो न हो में अपने चेले निखिल अडवाणी को शाहरुख़ खान, प्रीटी जिंटा और सैफ अली खान को निर्देशित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी । ईद के दर्शकों को निखिल को निराश नहीं किया ।  इसे हिट फिल्मों में शुमार किया जाता है ।
फला ईद और दिवाली का मिलन- २००४ में दीवाली और ईद का मिलन हुआ था । इस साल बॉक्स ऑफिस पर यश चोपड़ा की शाहरुख़ खान, रानी मुख़र्जी और प्रीटी जिंटा अभिनीत फिल्म वीर ज़ारा और उसके अपोजिट निर्देशक अब्बास मुस्तान की अक्षय कुमार, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर निर्देशित फिल्म ऐतराज़ रिलीज़ हुई थी । ईद और दीवाली के सम्मिलित दर्शकों का प्यार वीर जारा को मिला । वीर जारा जहाँ सुपरहिट फिल्मों में शुमार हुई, ऐतराज़ ने एवरेज बिज़नस किया ।  
सलमान खान के लिए फ्लॉप ईद- आज के दिन कोई कल्पना तक नहीं कर सकता कि ईद में रिलीज़ सलमान खान की कोई फिल्म फ्लॉप हो सकती है । लेकिन, २००५ में भी ऐसा हुआ । इस साल प्रियदर्शन निर्देशित दो फ़िल्में अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम की कॉमेडी फिल्म गरम मसला और सलमान खान और करीना कपूर की गंभीर फिल्म क्योंकि... रिलीज़ हुई थी । सलमान खान की सीरियस फिल्म पर अक्षय कुमार की कॉमेडी भारी पड़ी । गरम मसाला हिट और क्योंकि... फ्लॉप साबित हुई ।
एक हिट एक फ्लॉप (२००६ से २००९ तक)- ईद और दीवाली का मिलना हर किसी को फलता नहीं । सलमान खान पर भारी पड़े थे शाहरुख़ खान । फरहान अख्तर ने शाहरुख़ खान और प्रियंका चोपड़ा के साथ १९७८ की अमिताभ बच्चन की हिट फिल्म डॉन का रीमेक पेश किया था । इस फिल्म के सामने शिरीष कुंदर की सलमान खान, अक्षय कुमार और प्रीटी जिंटा की फिल्म जानेमन रिलीज़ हुई थी । जहाँ डॉन हिट हुई, वहीँ जानेमन औंधे मुंह लुढ़क गई । सलमान खान शाहरुख़ खान से मात खा गए । अगले साल यानि २००७ में अक्षय कुमार की फिल्म भूल भुलैया सुपरहिट हुई तो अभिषेक बच्चन, रानी मुख़र्जी, कोंकना सेन शर्मा और जाया बच्चन की फिल्म लागा चुनरी में दाग सुपर फ्लॉप हुई । २००८ में तो इमरान खान की किडनैप और अभिषेक बच्चन की द्रोण को असफलता का मुंह देखना पडा । २००९ में सलमान खान ईद के लकी सितारे के रूप में स्थापित हो गए । उनकी प्रभुदेवा निर्देशित एक्शन फिल्म वांटेड सुपरहिट साबित हुई । जबकि, फिल्म के सामने रानी मुख़र्जी और शाहिद कपूर की क्रिकेट पर फिल्म दिल बोले हडीप्पा फ्लॉप हो गई ।

केवल सलमान खान की ईद- वांटेड के बाद सलमान खान ईद वीकेंड पर छा गए । तब से २०१३ के साल को छोड़ कर, हर साल अब तक यानि ईद २०१६ तक सलमान खान की फ़िल्में ही ईद की ईदी अकेले ही लूटती रही । सलमान खान की दबंग, बॉडीगार्ड, एक था टाइगर, किक और बजरंगी भाईजान रिलीज़ हुई । यह सभी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट साबित हुई । २०१३ में सलमान खान की कोई फिल्म रिलीज़ नहीं हुई थी । ईद २०१३ को शाहरुख़ खान की रिलीज़ फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस सुपरहिट साबित हुई । 

कब तक सलमान खान को बचाते रहेंगे अब्बा हुजूर !

सुल्तान के प्रमोशन के लिए मीडिया के द्वारा का सलमान खान का इंटरव्यू लिया जा रहा था ।  जब एक पत्रकार ने शूटिंग के दौरान उनके अनुभवों के बारे में पूछा तो सलमान खान ने कुछ ऐसा कहा कि उन्हें शूटिंग के दौरान १२० किलो वजन के पहलवान को सर के ऊपर से उठा कर पटकना होता था ।  ऐसा उन्हें कैमरा के पांच पांच एंगल के लिए दोहराना पड़ता था ।  ऐसे में जब वह कैमरे बाहर हो रहे होते थे तो वह बलात्कार की शिकार महिला की तरह चल नहीं पा रहे होते थे ।  बलात्कार की शिकार महिला का उदाहरण सलमान खान की मानसिकता के अनुसार तो ठीक हो सकता था ।  लेकिन, बलात्कार की महिला कैसे चलती है, यह हर पत्रकार या दर्शकों का अनुभव नहीं हो सकता था ।  यह एक गलत और अवमाननापूर्ण  उदाहरण था ।  सलमान खान की चारों तरफ से आलोचना होने लगी । राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी उन्हें नोटिस दे दिया । इसके बाद सलमान खान कपिल शर्मा के शो में शामिल नहीं हुए । क्योंकि, कपिल के शो ऐसे सवाल उनसे पूछे जाते तब !
सलमान खान कपिल शर्मा के शो में न जाकर नागवार गुजरने वाले सवालों से तो बच गए ।  लेकिन, आलोचनाओं के शिकंजे में तो वह कस ही चुके थे । राष्ट्रीय महिला आयोग उनसे माफ़ी माँगने के लिए कह रहा है ।  सलमान खान हैं कि ढीठ बच्चे की तरह आइफा में शामिल होने के लिए निकल गए हैं । ऐसे में उनके अब्बा हुजूर सलीम खान को आगे आना पडा ।  उन्होंने न केवल सलमान खान की तरफ से सफाई दी, बल्कि, बलात्कार की शिकार महिला का उदाहरण देने के लिए माफ़ी भी मांगी ।  लेकिन, सलमान खान की बदजुबानी के लिए अब्बा हुजूर कब तक और कितनी बार माफ़ी माँगते रहेंगे ? ऐसे कई मामले हैं, जिन पर सलीम खान को अपने बेटे के गलत कामों पर सफाई देनी पड़ी, माफ़ी मांगनी पड़ी ।
ओलिंपिक ब्रांड एम्बेसडर सलमान खान
पिछले दिनों भारतीय ओलिंपिक संघ ने सलमान खान को ओलिंपिक खेलो में भारत का ब्रांड एम्बेसडर चुना था । खेल में एक फिल्म स्टार का दखल मशहूर धावक मिल्खा सिंह को रास नहीं आया । उन्होंने दूसरे ओलिंपियन के साथ सलमान खान की नियुक्ति का विरोध करते हुए, भारत सरकार से उन्हें हटाने की मांग कर डाली । ऐसे समय में अब्बा सलीम खान आगे आये । उन्होंने सलमान को ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने का समर्थन करते हुए ट्वीट किया कि बेशक सलमान खान ने किसी खेल स्पर्धा में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन, वह स्तरीय तैराक, साइकिलिस्ट और भारत्तोलक है । सलीम खान ने मिल्खा को चुप कराने के लिए यहाँ तक कह डाला कि मिल्खा आज प्रशंसकों की निगाहों में हैं तो इसलिए कि इस फिल्म उद्योग ने उन पर फिल्म भाग मिल्खा भाग बनाई थी । हालाँकि, सलीम खान का यह उदाहरण भी सवालों के घेरे में आया । लेकिन, सलमान खान विवाद से बच निकले ।
सलमान खान को सीरियसली मत लो !
कभी सलमान खान के पिता सलीम खान ने सलमान खान के लिए कहा था कि उनके बचकाने कमेंट्स को सीरियसली नहीं लिया जाए । यह वाकया तब का है, जब बॉम्बे बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी की सज़ा कन्फर्म हो गई थी । याकूब को फांसी नहीं दिए जाने की कई संगठनों और व्यक्तियों ने मांग की थी । इसी समय भावनाओं के ज्वार में बहते हुए सलमान खान ने ट्वीट कर डाला, “१९९३ बम ब्लास्ट के अभियुक्त याकूब मेमन को फांसी मत दो, बल्कि उसके भाई टाइगर मेमन को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए ।“ सलमान खान यहीं नहीं रुके । उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि वह अपनी बात पर कायम हैं, हालाँकि, उनके अब्बा हुजूर चाहते हैं कि मैं कमेंट वापस ले लूं । सलमान खान ने अपना वह ट्वीट हटा भी लिया । इस मामले में सलीम खान अपने बेटे के बचाव में मैदान पर उतरे । उन्होंने सलमान खान की ट्वीट की कड़ी आलोचना की । उन्होंने कहा, “सलमान खान ने जो कुछ भी लिखा, वह बकवास और निरर्थक था । सलमान खान को तथ्य नहीं मालूम ।  इसलिए, लोगों को उसके ट्वीट को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए ।
२००२ का हिट एंड रन केस
हालाँकि, सलमान खान को बॉम्बे हाई कोर्ट से रिहाई मिल गई । लेकिन, एक समय २००२ का हिट एंड रन केस सलमान खान के लिए शिकंजे की तरह बन गया था । उन पर फूटपाथ पर सोये लोगों पर गाडी चढाने का आरोप तो लगा ही था, यह भी आरोप था कि वह घायल लोगों की मदद करने के बजाय भाग खड़े हुए । ऐसे समय में सलीम खान ने अपने बेटे का बचाव किया । उन्होंने कहा कि उनका बेटा सेलेब्रिटी है, इसलिए उसे अलग तरह से ट्रीट किया जा रहा है । आम तौर पर ऐसे मामलों में जो धाराए लगाईं जाती हैं, उनसे कहीं कड़ी धाराएं मेरे बेटे पर सेलेब्रिटी होने के कारण लगाईं गई । ऐसी धाराए भोपाल गैस ट्रेजेडी के मामले में भी नहीं लगाईं गई ।
सलमान खान के पतंग उड़ाने पर
आज नरेन्द्र मोदी प्रधान मंत्री हैं । लेकिन, सलमान खान उस समय भी गुजरात सरकार के तत्कालीन मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ पतंग उड़ा रहे थे ।  मोदी को कथित रूप से गुजरात में मुसलमानों का कत्लेआम किये जाने का दोषी बताया जा रहा था । उस समय सलमान खान का खुल कर नरेन्द्र मोदी के साथ खडा होना, उनकी कौम के अलावा तमाम विरोधी दलों को भी नागवार गुजर रहा था । उस समय सलीम खान ने अपने बेटे के बचाव में आगे आ कर एक अखबार को इंटरव्यू में कहा, ”मेरे बेटे की फिल्म (जय हो) को प्रभावित करने के लिए यह नफ़रत भरा प्रचार किया जा रहा है ।  मैं ऐसे संगठनो से कहूँगा कि नफ़रत से विश्व में किसी हिंसा का हल नहीं निकलता ।  इसलिए, मेरी प्रार्थना है कि दुश्मनी की भाषा बोलना बंद कीजिये ।“ उस समय सलीम खान ने वर्तमान प्रधान मंत्री का बचाव भी किया । सलीम खान ने कहा, “माफ़ी मांगी नहीं जाती, दी जाती है । २००२ के दंगों को सही नहीं ठहराया जा सकता । लेकिन, कब तक अतीत से चिपका रहा जायेगा ।“
काले हिरन का शिकार
सलमान खान, १९९८ में, हम साथ साथ हैं की शूटिंग के दौरान सैफ अली खान, नीलम और सोनाली बेंद्रे के साथ विलुप्त प्रजाति वाले संरक्षित काले हिरन का शिकार करने के लिए अभियुक्त बनाये गए थे । पूरे देश में सलमान खान की आलोचना हो रही थी । अख़बारों में सलमान खान को इसका दोषी बताया जा रहा था । उस समय सलीम खान बेटे के बचाव में आगे आये थे । उन्होंने एक मैगज़ीन को इंटरव्यू में कहा, “क्या फर्क पड़ेगा जब छुपे तथ्य सामने आयें । मेरे बेटे का नुकसान तो हो ही चूका है । सलमान खान को यह अनुमान तक नहीं था कि चीजे कुछ इस तरह पेश की जायेंगी । लोग कहेंगे कि हम खुद को बचाने के लिए बेताब हैं । मैं कहूँगा कि अगर सलमान खान दोषी है, तो उसे दंड दो । लेकिन, तथ्य छुपाये जा रहे है । तथ्य क्या है, यह उस रात मौजूद लोग ही जानते हैं ।“
इस बार सलमान खान बुरे फंसे लगते हैं । कभी सलमान खान बडबोलेपन के लिए शाहरुख़ खान का बचाव करते हुए कहते थे कि वह तो बोल कर निकल जाते हैं, सफाई मुझे देनी पड़ती है । आज सलमान खान फंसे हैं तो आमिर खान और शाहरुख़ खान बचाव में खुल कर सामने नहीं आये हैं । बॉलीवुड में जिसने भी बचाव किया है, यही कह कर कि सलमान खान का इरादा गलत नहीं था । लेकिन, सलमान खान जिस तरह से राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा माफ़ी का नोटिस दिए जाने के बावजूद आइफा अवार्ड के लिए निकल गए, उससे ऐसा लगता है कि उन्होंने बलात्कार पीड़ित महिला उदाहरण दे कर सुलतान को सुर्खियाँ दिलाने सफल कोशिश की है । क्योंकि, वह जब भी माफ़ी मांगे, सुल्तान को बिना कुछ खर्च किये ज़बरदस्त प्रचार तो मिल ही चुका है ।



ड्वेन जॉनसन बनेंगे वुल्फमैन !

कुछ साल पहलेयूनिवर्सल पिक्चरस ने मॉन्स्टर यूनिवर्स की शुरुआत की थी । उस समय कई भिन्न क्लासिक प्रोजेक्ट शुरू होने की बात कही गई थी । इस कड़ी की पहली फिल्म ड्राकुला अनटोल्ड थी । इस फिल्म के क्रेडिट टाइटल्स के दौरान ल्यूक इवांस का ड्राकुला वर्तमान दिनों में उभरता दिखाया गया था । इस मॉन्स्टर यूनिवर्स की कड़ी में ममी रिबूट आने वाली है । खबर यह है कि मॉन्स्टर यूनिवर्स का अगला दैत्य प्रोजेक्ट द वुल्फ मैन होगा । स्टूडियो की इच्छा है कि इस प्रोजेक्ट में अभिनेता ड्वेन जॉनसन शामिल हों । हालाँकिइस समय जॉनसन सोनी की फिल्म सन ऑफ़ शओलिन से जुड़े हुए हैं । लेकिनजॉनसन के वुल्फ मैन बनाने की खबरें दब नहीं रही । इस लिए कयास लगाए जा रहे हैं कि द वुल्फ मैन आखिर कब शुरू होगी । क्योंकिड्वेन जॉनसन यूनिवर्सल की ही फिल्म फ़ास्ट एंड फ्युरिअस ८ में काफी व्यस्त हैं । बाद में वह जुमांजी रिबूट करेंगे । जहाँ तक वुल्फ मैन किरदार पर फिल्म का सवाल है नवम्बर २०१४ में आरोन गुज़िकोव्सकी को स्क्रिप्ट लिखने के लिए कहा गया था । इसके अलावा यूनिवर्सल द इनविजिबल मैनवैन हेल्सिंगफ्रैंकेंस्टीनआदि पर फिल्मों का रिबूट बनाने का इरादा रखता है ।  द वुल्फ मैन पर पहली फिल्म १९४१ में रिलीज़ हुई । लोन चैने जूनियर वुल्फ मैन के किरदार में थे । इसके बाद वुल्फ मैन किरदार के साथ १९४३ में फ्रैंकेंस्टीन मीट्स द वुल्फ मैनअगले साल हाउस ऑफ़ फ्रैंकेंस्टीन१९४५ में हाउस ऑफ़ ड्राकुला और १९४८ में बड अबोट लोउ कोस्टेलो मीट फ्रैंकेंस्टीन रिलीज़ हुई । यूनिवर्सल ने २०१० में बेनिचियो डेल टोरो के साथ रिबूट फिल्म द वुल्फमैन बनाई थी । 

क्या वर्ल्डवाइड रिलीज़ हो पायेगा जापानी गॉडज़िला ?

जापानी फिल्म कंपनी तोहो की गॉडजिला फिल्म गॉडजिला: रिसर्जेन्स, जापान में २४ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही है । अमेरिका सहित पूरे विश्व के देशों में यह फिल्म कब रिलीज़ होगी, तय नहीं हुआ है । हालाँकि, दुनिया के दर्शकों को, वार्नर ब्रदर्स की २०१४ में रिलीज़ फिल्म गॉडजिला की जबरदस्त सफलता के बाद, इस दैत्याकार आकृति का सृजन करने वाली तोहो के गॉडजिला का बेसब्री इंतज़ार है । लेकिन, फिलहाल, तोहो जापान में गॉडजिला को दैत्याकार प्रचार के ज़रिये रिलीज़ करने जा रहा है । जापान में गॉडजिला के वास्तविक से नज़र आने वाले पैरों के निशान होकाईडो आइलैंड में बनाए गए हैं, जो २२ मीटर लम्बे और २२ मीटर चौड़े हैं । यह कलाकृति इशिकारी बीच सैंड पार्क २०१६ समारोह का हिस्सा है। यह इवेंट १० जुलाई तक चलेगा । गॉडजिला पर फिल्म बनाने के लिए तोहो और वार्नर ब्रदर्स के बीच हुई डील आज भी कायम है । लेकिन, तोहो इस करैक्टर पर फिल्मों का जापानी दर्शकों के लिए सीक्वल भी बना सकती है और रिबूट भी कर सकती है । लेकिन, इन फिल्मों के दर्शक जापान तक ही सीमित रहेंगे । शायद इसीलिए गॉडजिला रिसर्जेन्स का वर्ल्डवाइड रिलीज़ का कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है । फिलहाल तो दुनिया के लोग जापानी गॉडजिला के कथानक, इसके जापानी कलाकारों की भूमिकाओं और फिल्म के ज़बरदस्त थ्रिल का अंदाजा ही लगा रहे हैं ।

बेफ़िक्रे की शूटिंग पूरी

निर्देशक आदित्य चोपड़ा की फिल्म बेफ़िक्रे की शूटिंग पूरी हुई।  इस मौके पर, आम तौर पर कैमरे से दूर रहने वाले आदित्य चोपड़ा ने भी यूनिट के  सदस्यों के साथ  फोटो खिंचाई।  इस फोटो में वह सबसे ऊपर की पंक्ति में बिलकुल बाईं ओर खड़े दिखाई दे रहे हैं।  फिल्म ९ दिसंबर को रिलीज़ होने जा रही है।