Saturday 6 May 2017

फिर वापस आ रहा है आम आदमी ?

जी हाँ, आम आदमी पर फ़िल्में बनने का सिलसिला शुरू हो गया है।  यह आम आदमी छोटे शहर का ज़रूर है।  लेकिन, तिग्मांशु धुलिया और अनुराग कश्यप की फिल्मों की तरह शातिर अपराधी या गैंगस्टर नहीं।  यह आम आदमी, आम आदमी के लिए है।  इन फिल्मों को आम आदमी की आम आदमी द्वारा आम आदमी पर फिल्म कहा जा सकता है।
बाहुबली से उबरने पर आम आदमी
जब तक छोटे शहरों के दर्शकों के दिलोंदिमाग से बाहुबली के भव्य सेट्स, चमकते दमकते गहनों कपड़ों और राजाओं- महाराजाओं का खुमार उतरेगा, सेल्युलाइड पर आम आदमी उनके बीच होगा।  यह आम आदमी उनका जैसा दिखाई भी देगा।  उनकी जैसी समस्याओं से जूझेगा।  फिर भी हिम्मत नहीं हार रहा होगा।  १२ मई को आम आदमी की कहानियों वाली तीन फ़िल्में मेरी प्यारी बिंदु, थोड़ी  थोड़ी सी मनमानियां और हिंदी मीडियम रिलीज़ होंगी। यह शुरुआत होगी आम आदमी पर फिल्मों की।  इसके अगले हफ़्तों में  हाफ गर्लफ्रेंड,  मुज़फ्फरनगर २०१३, वी फॉर विजय, अतिथि इन लंदन, बहन होगी तेरी, मुन्ना माइकल, बरेली की बर्फी, टॉयलेट एक प्रेम कथा, शुभ मंगल सावधान, पोस्टर बॉयज, लखनऊ सेंट्रल, लव स्क्वायर फुट, आदि टाइटल वाली फ़िल्में रिलीज़ होने जा रही हैं।  यह सभी फ़िल्में आम आदमी की परेशानियों और दुश्वारियों का खट्टा मीठा दुःख बयान करती हैं।  कोई शक नहीं अगर इन फिल्मों को देखते समय दर्शक किसी फिल्म में खुद को पाए।
आम आदमी की कैसी कैसी कहानियां
आम आदमी की फिल्मों के सन्दर्भ में एक दिलचस्प बात यह है कि यह फ़िल्में किसी ख़ास राजनीतिक लाइन पर बनी भ्रष्टाचार गाथा नहीं है।  इन फिल्मों का कैनवास काफी बड़ा है।  शायद ही कोई पहलू बचा हो, जिसे इन फिल्मों ने न छुआ हो। मेरी प्यारी बिंदु एक लेखक की कहानी है, जो उतना सफल नहीं हो पाता, जितना वह खुद को समझता है।  निराश हो कर वह अपने देश कलकत्ता वापस चला जाता है।  वहां वह लिखना शुरू करता है कहानी आम ज़िन्दगी की, अपनी प्यारी बिंदु की।  थोड़ी थोड़ी सी मनमानियां एक बच्चे पर उसकी माँ की आशाओं और अपेक्षाओं की हैं।  माँ चाहती है कि उसका बेटा संगीत की दुनिया में सफल बने और उसके सपने पूरे हों।  हिंदी मीडियम और हाफ गर्लफ्रेंड का विषय तो बहुत कुछ आम आदमी की भाषाई परेशानी वाला है।  यह परेशानी है अंग्रेजी न जानने और बोल पाने की।  इस कहानी को एक परिवार और एक बिहारी प्रेमी के माध्यम से कहा गया है।  मुज़फ्फर नगर २०१३ रियल लाइफ फिल्म है।  २०१३ के मुज़फ्फरनगर दंगों में किस प्रकार से युवा राजनीतिक पैंतरेबाज़ी का शिकार होते हैं।  वी फॉर विक्ट्री गरीबी की कहानी है।  छोटू को उसका मज़दूर पिता पढ़ाना लिखाना चाहता है।  लेकिन, एक दिन पिता ऐसा बीमार पड़ जाता है कि परिवार की देखभाल के लिए छोटू को मज़दूरी करनी पड़ती है।  अतिथि इन लंदन का कैनवास आधुनिक है, लंदन की पृष्ठभूमि पर है।  लेकिन कहानी वही आम आदमी की है।  यकायक आ टपकते मेहमानों से कौन नहीं त्रस्त है।  बहन होगी तेरी लखनऊ के एक लडके के क्रिकेट प्रेम और रोमांस की कहानी है।  मुन्ना माइकल एक स्ट्रीट डांसर है।  उसका आदर्श माइकल जैक्सन है।  वह भी माइकल जैक्सन की तरह डांसर बनना चाहता है।  उसे एक दिन मौक़ा मिल ही जाता है।  टाइटल से इतर बरेली की बर्फी लखनऊ में प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले लोगों की कहानी है।  इसमें प्रेम की मिठास बेशक है।  टॉयलेट एक प्रेम कथा प्रधान मंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के समर्थन में गाँव में टॉयलेट के निर्माण की प्रेरक और दिलचस्प कहानी है।  शुभ मंगल सावधान आम शादियों की रस्मों को लेकर है।  यह एक तमिल फिल्म का रीमेक है।  लखनऊ सेंट्रल कहानी है जेल में बंद कैदियों की।  फिल्म में फरहान अख्तर का किरदार कैदियों के साथ मिल कर एक रॉक बैंड बनाता है।   लव पर स्क्वायर फुट एक लड़का लड़की की कहानी है, जो मुंबई में मकान पाने के लिए परेशान हैं।
रुपहले परदे पर आम आदमी के चेहरे
इसमें कोई शक नहीं कि हिंदी फ़िल्में आम आदमी  की ज़िंदगी के हर पहलू को छू रही है।  अब केवल गरीबी और भ्रष्टाचार ही मुद्दा नहीं रहा।  आम आदमी की बहुत सी दूसरी परेशानियां है।  यह फिल्म में कैसे उभर कर आती हैं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।  लेकिन, उससे ज़्यादा महत्वपूर्ण है आम आदमी को परदे पर उतारने वाले चेहरे।  कभी बलराज साहनी और उनके साथ निरुपा रॉय आम आदमी के प्रतिनिधित्व किया करते थे।  बाद में अमोल पालेकर ने आम आदमी को परदे पर उतारा।
हिंदी मीडियम में इरफ़ान खान चांदनी चौक के साड़ी विक्रेता की भूमिका कर रहे हैं।  उनकी और उनकी पत्नी की समस्या यह है कि उन्हें इंग्लिश नहीं आती।  इसलिए वह ऊंची सोसाइटी में उठ बैठ नहीं पाते।  इस फिल्म में उनका साथ पाकिस्तान की सबा क़मर दे रही हैं।  इरफ़ान खान आम आदमी का चेहरा है।  अलबत्ता उनके चेहरे के साथ हॉलीवुड फ़िल्में जुड़ चुकी है।  मेरी प्यारी बिंदु, बरेली की बर्फी और शुभ मंगल सावधान में आयुष्मान खुराना आम आदमी का चेहरा है। शुभ मंगल सावधान में आयुष्मान का साथ भूमि पेंडणेकर दे रही हैं तो बरेली की बर्फी में  कृति सेनन जैसी सेक्सी अभिनेत्री उनकी जोड़ीदार हैं।  मेरी प्यारी बिंदु में आयुष्मान के अभिमन्यु की बिंदु परिणीति चोपड़ा हैं। अपनी पहली फिल्म विक्की डोनर से आयुष्मान ने खुद को आम आदमी का चेहरा बना कर ही पेश किया था।  बरेली की बर्फी में प्रेस में काम करने वाले कामगार का आम सा किरदार राजकुमार राव ने किया है।  बहन होगी तेरी में भी वह लखनऊ की सडकों पर क्रिकेट खेलने वाले लडके के किरदार में हैं।   इस फिल्म में उनकी नायिका ग्लैमरस श्रुति हासन है।
बड़े और बिकाऊ आम आदमी के चेहरे
यह फिल्म निर्माता पर निर्भर करता है कि वह अपनी फिल्म का कैनवास कितना बड़ा रखना चाहता है।  अगर एक सौ करोड़ की कमाई की चाहत है तो हिन्दू फिल्मों का कोई स्टार या सुपर स्टार ज़रूरी है।  मसलन, अक्षय कुमार को ही लीजिये।  वह आदमी का चेहरा बनते रहते हैं।  इसी साल रिलीज़ निर्देशक सुभाष कपूर की फिल्म जॉली एलएलबी २ में अक्षय कुमार ने लखनऊ के एक धूर्त वकील का किरदार किया था।  इस किरदार को मूल फिल्म में अरशद वारसी ने किया था।  अब अक्षय कुमार गाँव की कहानी टॉयलेट एक प्रेम कथा में गाव वालों को खुले में शौच न करने और घरों में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित करने वाले आम आदमी बने हैं। फिल्म में दम लगा के हईशा की नायिका भूमि पेंडेकर  वह फिल्म पैडमैन में स्त्रियों के लिए सेनेटरी पैड की ईज़ाद करने वाले रियल लाइफ करैक्टर बने हैं।  इसी श्रेणी में अभिनेता टाइगर श्रॉफ को भी रखा जा सकता है।  कमर्शियल फिल्मों का यह सफल चेहरा फिल्म मुन्ना  माइकल में स्ट्रीट डांसर का किरदार कर रहा है।  हाफ गर्लफ्रेंड अंग्रेजी न जानने वाले एक आम बिहारी की कहानी है।  लेकिन, इस आम आदमी के लिए निर्देशक मोहित सूरी को अर्जुन कपूर ही पसंद आये।  उनका साथ उनसे ज़्यादा ग्लैमरस अभिनेत्री श्रद्धा कपूर  दे रही हैं।  अब आप ही बताइएं पोस्टर बॉयज में पोस्टर पर आम आदमी बने सनी देओल आपको कैसे लगेंगे ? निखिल  अडवाणी की फिल्म लखनऊ सेंट्रल में फरहान अख्तर, डायना पेंटी और गिप्पी ग्रेवाल ने आम किरदार किये हैं।
आम आदमी के कुछ नए चेहरे
फिल्म थोड़ी थोड़ी सी मनमानियां में अर्श सेहरावत संगीत की दुनिया में चमक कर माँ का स्वप्न पूरा करने की चाहत रखने वाले आम आदमी बने हैं।  वी फॉर विक्ट्री के तमाम चेहरे बिलकुल नए हैं।  मुज़फ्फरनगर २०१३ में मुर्सलीम कुरैशी, ऐश्वर्या देवन, एकांश भरद्वाज, देव शर्मा, आदि बिलकुल नए चेहरे कस्बाई युवाओं की भूमिका में हैं।  अतिथि इन लंदन में परेश रावल के साथ कृति खरबंदा और कार्तिक आर्यन के कम पहचाने चेहरे आम आदमी का चेहरा बने हैं। लव पर स्क्वायर फुट के दो मुख्य किरदार विक्की कौशल और अंगिरा धर हैं।  इन नवोदित चेहरों ने खुद को किरमार में कैसा ढाला है, यही  देखना ख़ास होगा।
आम आदमी पर फिल्मों की लिस्ट यहीं ख़त्म नहीं होती।  आम आदमी की ढेरों कहानियां इंतज़ार कर रही हैं, परदे पर उतरने का और उन्हें उतारने वाले फिल्मकार का।  लेकिन, खेद की बात यही है कि आम आदमी पर आम आदमी के लिए आम आदमी की फिल्म को देखना आम आदमी भी पसंद नहीं करता।  क्यों नहीं मिलता सेलुलाइड के आम आदमी को रियल लाइफ के आम आदमी का प्यार ?



Friday 5 May 2017

यूरोपियन फिल्मों से जर्मन पॉप सिंगर बनने वाली डलियाह लावी

जेम्स बांड की स्पूफ फिल्म कैसिनो रोयले और द साइलेंसर  की इसरायली अभिनेत्री डलियाह लावी का ७४ साल की उम्र में निधन हो गया। डलियाह लावी को फिल्मों में लाने का श्रेय किर्क डगलस को जाता है। डलियाह लावी अपनी १०वी वर्षगाँठ के जश्न के मौके पर किर्क डगलस से मिली थी।  जो उस समय अपनी फिल्म द जगलर की शूटिंग लावी के शहर (तब के फलस्तीनी और अब इजराइल में) शावै तज़िओं में कर रहे थे।  उन्होंने लावी की बैले की शिक्षा का प्रबंध कर दिया।  इसके दस साल बाद  डलियाह लावी ने किर्क डगलस के साथ फिल्म टू वीक्स इन अनदर टाउन (१९६२) में अभिनय किया था। इस फिल्म के लिए लावी को मोस्ट प्रोमिसिंग न्यूकमर का गोल्डन ग्लोब अवार्ड मिला था। लेकिन, इस फिल्म से पहले ही डलियाह लावी यूरोपियन फिल्मों में अभिनय करने लगी थी। वह कई  भाषाओं को धारा प्रवाह बोल सकती थी।  उन्होंने जर्मन, फ्रेंच, इटेलियन स्पेनिश और इंग्लिश फिल्मों में अभिनय किया। लावी, डलियाह लेइनबक का रंगमंच का दिया नाम था।  इस नाम का मतलब हिब्रू भाषा में शेरनी होता है।  लावी ने द रिटर्न ऑफ़ डॉक्टर माबूसे (१९६१), द डेमों (१९६३) और द व्हिप एंड द बॉडी (१९६३) जैसी यूरोपियन फिल्मों में अभिनय किया।  इसके बाद वह रिचर्ड ब्रूक की एडवेंचर फिल्म लार्ड जिम की द गर्ल के बतौर मशहूर हो गई।  अगाथा क्रिस्टी की फिल्म रीमेक टेन लिटिल इंडियंस (१९६५) में अभिनेत्री इलोना बर्जेन का किरदार किया।  उनकी कुछ उल्लेखनीय फिल्मों में दोज फैंटास्टिक फ्लाइंग फूल्स, नोबडी रन्स फॉरएवर और कैलोव उल्लेखनीय हैं। १९७० की शुरुआत में उन्होंने संगीत की ओर रुख किया।  उनके जर्मन एल्बम व्हेन आर यू कमिंग और डू यू वांट टू गो विथ मी? को बड़ी सफलता मिली। उनका अंतिम संस्कार इजराइल में किया गया। 


Thursday 4 May 2017

श्रीदेवी की मॉम में नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का लुक

अभी ज़ी स्टूडियोज ने श्रीदेवी की फिल्म मॉम का फर्स्ट लुक पोस्टर रिलीज़ किया। लेकिन इस पोस्टर में श्रीदेवी के बजाय अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का चेहरा नज़र आ रहा था। पर पोस्टर में नवाज़उद्दीन को पहचानना भी आसान नहीं था। मेकअप के ज़रिये उनका चेहरा अनजाना सा लग रहा था। यह प्रोस्थेटिक मेकअप का कमाल था। कोई दो हफ्ता पहले राजकुमार राव का फिल्म राब्ता का एक फर्स्ट लुक जारी हुआ था। ३२४ साल के बूढ़े आदमी के मेकअप में राजकुमार राव पहचाने नहीं जा रहे थे। कुछ वैसा ही मॉम में नवाज़ुद्दीन का लुक नज़र आता है। श्रीदेवी की फिल्म में नवाज़ुद्दीन के रोल का खुलासा नहीं किया गया है। खुद नवाज़ भी कुछ बताना नहीं चाहते। लेकिन,वह अपने मेकअप के बारे में ज़रूर बताते हैं। वह कहते हैं, "मुझसे जब फिल्म के लिए एप्रोच किया गया तो मैं श्रीदेवी के साथ फिल्म को न नहीं कर सकता था। मैं बहुत उत्साहित था। ख़ास तौर पर अपने लुक के बारे में जान कर । क्योंकि यह मेरे लिए कुछ अलग करने और अलग दिखने का मौका था।" श्रीदेवी, नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी और अक्षय खन्ना की फिल्म मॉम हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम में ७ जुलाई को रिलीज़ हो रही है।

प्रियंका चोपड़ा क्यों बनी बेवाच की विलेन !

प्रियंका चोपड़ा अच्छी तरह से जानती हैं कि बुरे किरदार खेल कर, कितनी शोहरत पाई जा सकती है। २००४ में अब्बास मुस्तान की फिल्म ऐतराज में सोनिया राय का खल किरदार करके प्रियंका चोपड़ा ने खुद के सेक्स अपील को भी साबित किया था और अच्छे अभिनय के लिए सराहना भी प्राप्त की थी।  इस फिल्म के लिए वह फिल्मफेयर अवार्ड्स में सह नायिका और खल नायिका की श्रेणी में नामांकित हुई थी।  उन्होंने श्रेष्ठ खल नायिका का फिल्मफेयर अवार्ड जीता भी।  खल किरदार के इस करिश्मे को प्रियंका चोपड़ा ने हॉलीवुड में भी दोहराया। प्रियंका चोपड़ा ने एबीसी के शो क्वांटिको में एफबीआई एजेंट से खून-खराबा करने वाली अलेक्स परीश के कमोबेश निगेटिव किरदार को किया, जो आतंकवादियों के खतरे से न्यू यॉर्क शहर ही नहीं, दुनिया को बचा ले जाती है।  इस रोल के  लिए उन्हें पूरे अमेरिका में पहचाना जाने लगा।  इसी पहचान का तकाज़ा था, अमेरिकन टेलीविज़न पर बेहद पॉपुलर सीरीज बेवॉच का फिल्म संस्करण बेवॉच।  समुद्र के किनारे घूम घूम कर, डूबते या किसी संकट में फंसे लोगों को बचाने वाले लाइफ गार्ड्स की इस कहानी में प्रियंका चोपड़ा एक निगेटिव किरदार विक्टोरिया लीडस् को कर रही हैं।  यह किरदार बेहद धनी और अति महत्वकांक्षी औरत का  है।  वह समुद्र तट का उपयोग ड्रग स्मगलिंग के लिए करती है।  इसमें उसका टकराव होता है मिच बुचनान (ड्वेन जॉनसन) और मैट ब्रॉडी (ज़क एफ्रोन) से।  वह कितनी ताक़तवर है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि एक दूसरे के विरोधी मिच  और मैट को मिल कर काम करना पड़ता है।  प्रियंका चोपड़ा अपने इस किरदार को महिला सशक्तिकरण से जोड़ती हैं, "यह करैक्टर औरत को साबित करता है। पुरुषों की दुनिया में वह एक औरत है।  वह पैसों के सहारे बनी अमीर औरत नहीं।  वह सेल्फ-मेड है। उसके लिए महत्वपूर्ण ड्रग और दौलत नहीं, बल्कि ताक़त है।  इसी लिए मैंने इस किरदार को किया।" बताते चलें कि पहले इस किरदार को किसी पुरुष एक्टर के लिए लिखा गया था।  परन्तु, निर्देशक सेठ गॉर्डन को ऐसा लगा कि प्रियंका चोपड़ा ज़्यादा बढ़िया चुनाव हो सकती है। प्रियंका चोपड़ा ने प्रस्ताव मिलते ही इसे मंज़ूर कर लिया।  फिल्म को स्वीकार करने के पीछे बचपन भी छुपा था।  प्रियंका चोपड़ा ने याद करते हुए कहा था, "मैं और मॉम की पसंदीदा सीरीज थी बेवॉच।  मुझे सीरीज का थीम सांग पसंद था।" दर्शक प्रियंका चोपड़ा को विक्टोरिया लीडस् के किरदार में २५ मई से देख सकेंगे, जब फ़िल्म बेवॉच भारत में रिलीज़ होगी।  

Wednesday 3 May 2017

अमिताभ ने ‘सरकार 3’ के लिए गाई गणेश आरती

बॉलीवुड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने आगामी फिल्म सरकार 3में एक गणेश आरती के लिए अपनी आवाज दी है. फिल्मकार रामगोपाल वर्मा की फिल्म सरकारकी तीसरी कड़ी में भी 74 वर्षीय अभिनेता सुभाष नागरेके किरदार को निभाते दिखेंगे. यह रामगोपाल वर्मा की सरकार सीरीज की तीसरी फिल्म है। खास चीज है फिल्म में शामिल गणपति बप्पा की आरती जिसे खुद अमिताभ बच्चन ने आवाज दी है। इस गाने को रोहन विनायक ने कंपोज किया है। इस गाने की शूटिंग मुंबई के एक बीच पर की गई। इसमें गणपति बप्पा के विसर्जन का सीन फिल्माया गया है। जिसमें बप्पा की एक विशाल मूर्ति दिखाई गई है।
इस गाने के बारे में बात करते हुए अमिताभ बच्चन ने बताया, गणेश आरती में कुछ ऐसा है जो आपने अंदर एक अच्छी भावना पैदा करना है। यह अलग और देर तक दिमाग में रहने वाला है। संत रामदास ने इस आरती को 16वीं सदी में राग जोगिया में बनाया था। गाने के बोल मराठी में हैं। जिस तरह से आरती बनाई गई है वह भाषा के सभी बंधनों को तोड़ती है। मैं अपने आप को बहुत खास मानता हूं कि मुझे आरती गाने का मौका मिल। मैंने सिद्धिविनायक में भी आरती गाई थी। जब मैंने इस बारे में राम गोपाल वर्मा से बात की तो मैंने उन्हें सुझाया कि क्यों ना हम फिल्म के लिए भी कुछ ऐसा करें। हमने इसे एक अलग टोन दी है। लेकिन इसके भाव वही हैं। फिल्म का पहला पार्ट साल 2005 में आया थो जो काफी लोकप्रिया हुआ था। उस फिल्म में एक्ट्रेस कैटरीना कैफ और अभिषेक बच्चन मुख्य किरदार में थे। इस फिल्म का दूसरा पार्ट 2008 में रिलीज किया गया जिसमें में अभिषेक बच्चन के अपोजिट ऐश्वर्या राय बच्चन भी नजर आईं। दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स आॅफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया था।

इस बार फिल्म की स्टार कास्ट में भी काफी बदलवा है। सरकार 3 में फिल्म में एक बार फिर अमिताभ सुभाष नागर के किरदार में होंगे और अमिताभ बच्चन के अलावा रोनित रॉय, जैकी श्रॉफ, मनोज वाजपेयी, अमित साध और यामी गौतम प्रमुख भूमिकाएं निभा रहे हैं। काबिल एक्ट्रेस यामी गौतम भी अब तक रोमांटिक रोल निभाती आई हैं लेकिन सरकार 3 में वह पहली बार नेगेटिव किरदार में नजर आएंगी।

Monday 1 May 2017

विक्रम भट्ट : सब कुछ लुटा के होश में आये तो क्या किया !

हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में फिल्म निर्माता-निर्देशक विक्रम भट्ट ने क़ुबूल किया है कि उन्होंने सुष्मिता सेन के लिए अपनी बीवी और बच्चों को धोखा दिया, उन्हें दुःख पहुंचाया।  विक्रम भट्ट बात कर रह थे, उस दौर की जब वह गुलाम से पॉपुलर नहीं हुए थे।  उनकी टेली फिल्म जनम  पसंद की गई थी, उन्हें सराहना मिली थी।  लेकिन, उनके द्वारा निर्देशित फ़िल्में मदहोश, गुनहगार, बम्बई का बाबू और फरेब फ्लॉप हो चुकी थी।  उसी दौरान, महेश भट्ट एक फिल्म दस्तक निर्देशित कर रहे थे।  इस फिल्म के लेखक विक्रम भट्ट ही थे।  इस फिल्म की नायिका १९९४ की मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन थी।  फिल्म के निर्माण के दौरान २१ साल की सुष्मिता सेन के साथ २७ साल के विक्रम भट्ट का रोमांस गर्म होने लगा।  विक्रम भट्ट मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन के प्रेमी के बतौर पहचाने जाने लगे।  उन्होंने मैगज़ीन के सामने क़बूल किया कि वह उस समय तक सुष्मिता सेन के प्रेमी के बतौर ही पहचाने जाते थे।  गुलाम रिलीज़ नहीं हुई थी।  मोहब्बत के इसी नशे में पत्नी गायत्री को बिलकुल भूल गए।  दस्तक बुरी तरह से फ्लॉप हो गई।  सुष्मिता सेन को समझ में आ गया कि वह विक्रम भट्ट के साथ अपना समय बर्बाद कर रही हैं। वह विक्रम भट्ट को रानी मुख़र्जी  के साथ गुलाम बनाते छोड़ कर आगे बढ़ ली। विक्रम भट्ट भी सुष्मिता सेन की बेवफाई को लिसा रे, बिपाशा बासु, अमीषा पटेल, आदि अपनी फिल्मों की अभिनेत्रियों की वफ़ा में ढूंढने लगे।  अब २१ साल बाद, जब वह हिट-फ्लॉप फिल्मों के चक्कर से उबर चुके हैं, विक्रम भट्ट को लग रहा है कि उन्होंने अपनी गृहस्थी खुद ही बर्बाद कर ली।   पता नहीं अभी तक  अविवाहित सुष्मिता सेन क्या सोचती होंगी  !

Sunday 30 April 2017

Singer Duo Preeti and Pinky go Bald for their Single Song "Hungama Kyu Na Kare"

THINK PINK! Venus Worldwide Entertainment Pvt. Ltd. launches Indipop duo Preeti-Pinky's went Bald for their new single "Hungama Kyu Na Kare" which will propel every cancer patient to fight against the disease.   
"Every woman going through a battle with cancer needs a good fighting song, and you’ll find it in this. We want their lives to be as beautiful as it is for a non- cancer patient" says singers Preeti & Pinky who launched their song at Adani Reality presents Gauravvanta Gujrati Awards 2017 . Chairman and Founder of Adani Group - Gautam Adani & wife Priti Adani  unveiled the song & spoke lengths about the song &  Preeti & Pinky's bold step to go bald to bring out the pain & struggle of all those women who are going through cancer & survived the disease. 
"We want to change the mindset of the society. Beauty is not only exterior, it takes a lot to fight a disease as bad as cancer which has adverse effects on a woman's body & mind. During their course of treatment they not only lose their hair but also lose their confidence. Through this song we wish to lift their confidence & extend a helping hand to them" adds Preeti & Pinky 
Champak Jain of Venus Worldwide Entertainment Pvt. Ltd. says "Venus as a company stands by every noble initiative which aims to bring a difference in the society. Preeti & Pinky's fan base is extremely strong, hence it will reach out to as many people. We are proud to be releases this song under Venus Worldwide Entertainment Pvt. Ltd" 
Samasth Gujarat Brahm Samaj has also extended their support and felicitated Preeti and Pinky in 'Brahm Mahasammelan' for this bold move.An anthem by Indipop duo Preeti-Pinky " Hungama Kyu Na Kare" who are striking a chord about cancer awareness “I am not my hair / I am not this skin / I am a soul that lives within" with a mention of a woman losing her hair to chemo, this one’s sure to resonate with any woman having to part with her locks on the journey toward health.The song " Hungama Kyu Na Kare" is absolutely stunning, and will resonate with survivors and supporters and fighters alike. The music video features Preeti-Pinky who tuned bald especially for the song to bring out the message "Fight cancer not confidence". The song is dedicated to every woman who has lost her self confidence due to the harmful effects of cancer. 
Video Song: Hungama Kyu Na Kare; Video Director: Baba; Video Artiste:Preety and Pinky; Singer: Preety and Pinky; MUSIC: Sanjeev Srivastava; LYRICS: Shaheen Iqbal; Programming & Guitars: Kalyan Baruah; Add Programming: Jatin Sharma