Saturday 2 December 2017

एक साथ दक्षिण की चार क्वीन

पहचान लीजिये अपनी अपनी क्वीन को 
दक्षिण की चार बड़ी अभिनेत्रियां क्वीन बनने जा रही हैं।  तमिल फिल्मों की काजल अग्रवाल, कन्नड़ फिल्मों की पारुल यादव, तेलुगु फिल्मों की तमन्ना भाटिया और मलयालम फिल्मों की मंजिमा मोहन बॉलीवुड की २०१४ में रिलीज़ सुपर हिट फिल्म क्वीन के चार रीमेक में कंगना रनौत के किरदार रानी मोहन को भिन्न नामों से कर रही हैं।  लेकिन, कहानी और लोकेशंस के लिहाज़ से यह फिल्में क्वीन ही हैं।  कंगना रनौत की फिल्म क्वीन की शूटिंग पेरिस, एम्स्टर्डम और दिल्ली में हुई थी।  दक्षिण की चारों फिल्मों की शूटिंग भी फ्रांस में हो रही है। इस लिए संयोग नहीं कि इन चारों अभिनेत्रियों की मुलाक़ात हो जाए।  बेशक यह अभिनेत्रियां भिन्न इंडस्ट्री में अभिनय करती हैं, लेकिन, जब विदेश में होती हैं तो भारतीय पहचान ही साथ होती है। इसलिए, जब यह चारों अभिनेत्रियां मिली तो बेहद खुश थी।  इस चित्र में दीख रही इन अभिनेत्रियों के चेहरों पर हंसी अपनी कहानी खुद बयान करती है। हैं तो क्वीन ही यह न ! जहाँ तक टाइटल का सवाल है, तेलुगु रीमेक का टाइटल क्वीन वन्स अगेन है।  तमिल फिल्म को पेरिस पेरिस टाइटल से बनाया जा रहा है।  मलयालम फिल्म का टाइटल ज़म ज़म रखा गया है।  कन्नड़ क्वीन को बटरफ्लाई टाइटल से बनाया जा रहा है।  

Friday 1 December 2017

अमेज़न अभियान का हिंदी ट्रेलर

भारतीय क्यूजिन के लिए अमृता फडणवीस और अनुराधा पौडवाल

आशा खटाऊ द्वारा "नौवेल्ले इंडियन क्यूजिन" एपिकूर सीरीज में सर्वश्रेष्ठ पुस्तक, आशा खटाऊ की नौवेल्ले भारतीय क्यूजिन पारंपरिक भारतीय व्यंजनों पर एक आधुनिक और प्रयोगात्मक दृष्टिकोण है। पाक कला की रानी आशा खटाऊ की किताब नौवेल्ले इंडियन क्यूजिन का अनावरण मुख्य अतिथि अमृता फडणवीस, अनुराधा पौडवाल और शेफ विकी रतननी की उपस्थिति में किया गया। एक दशक पहले शुरू हुआ नौवेल्ले भारतीय क्यूजिन जो फ़्रेंच नौवेल्ले क्यूजिन से प्रेरित हैअब मुख्यधारा बनने के रास्ते पर है। इस व्यंजनों की पहचान है आधुनिक शैली में मसालेदार ढंग से बनाये गया भोजन, जो खाने में हल्का भी है। इस पुस्तक में विशेष रूप से दिए गए व्यंजन की पाक विधि में पारंपरिक भारतीय जायके का उपयोग किया गया हैं तथा आधुनिक पाक कला के रुझान के साथ संजोया गया हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो पश्चिमी संवेदनाओं के साथ तैयार भारतीय भोजन और प्लेटिंग की एक आधुनिक शैली में इसे विशिष्ट रूप से अनोखा बनती हैं।आशा खटाऊ ने कहा "मुझे विश्वास है कि मेरा खाना पकाने की अनूठी शैली पुस्तक के ज़रिये व्यक्त करने का एक शानदार तरीका है। मैं लोगों के बारे में चिंतित नहीं थी। मैं हर ज़ायके के साथ खेलती रही, कई सारे प्रयोग किए जो कि बहुत ही मज़ेदार थे। अंत में, मैं दुनिया भर की फ्लेवर को एक साथ प्लेट पर एक साथ लाने की कोशिश में सफल रही।" सुश्री अनुराधा पौडवाल ने कहा, "आशा जी हमारे परिवार का हिस्सा है। वह मेरे लिए छोटी बहन की तरह है। उसने इस पुस्तक में एक शानदार काम किया है। मैं अमृता जी (अमृता फडणवीस) की आभारी हूँ कि उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम से कुछ समय निकाल कर इस पुस्तक के शुभारंभ के लिए आए। यह किताब केवल अपनी सामग्री के लिए विशेष नहीं है बल्कि यह भी है कि वह ६० वें वर्ष में प्रवेश कर रही है, उससे यह और भी अधिक खास बना देता है। जहां तक ​​अमृता जी का संबंध है , मैं यह सकती हूं कि हमारे पास सबसे अच्छी महिला है जिसपे हमे गर्व है "

विश्वरूपम २ से वहीदा रहमान की वापसी होगी !

कमल हासन की तमिल और हिंदी में शूट स्पाई थ्रिलर विश्वरूपम २/विश्वरूप २ के बारे में खबरें अब तेज़ी से  आने लगी हैं।  इस फिल्म का ट्रेलर दिसंबर में आने वाले  दिनों में जब रिलीज़ होगा, तब ज़्यादा जानकारियां मिलेंगी।  फिलहाल जो जानकारी है उसके अनुसार विश्वरूपम २ में विश्वरूप की पूरी स्टार कास्ट वापसी करेगी।  यानि विश्वरूप में जो किरदार मारे जा चुके थे, वह भी पुनर्जीवित दिखाई देंगे।  उन्हें कैसे जीवित किया जायेगा, यह बाद में ही पता चलेगा।  हो सकता है कि विश्वरूपम २ विश्वरूपम की सीक्वल नहीं प्रीक्वेल फिल्म हो।  तभी ही फिल्म के सभी चरित्र जीवित दिखाए जा सकते हैं।  एक दूसरी ख़ास बात यह है कि इस फिल्म में वहीदा रहमान और अनंत महादेवन भी नज़र आएंगी।  वहीदा रहमान चार साल बाद हिंदी दर्शकों के सामने होंगी।  यहाँ यह भी बताते चलें कि वहीदा रहमान ने हिंदी फिल्म करीयर की शुरुआत देव आनंद की फिल्म सीआईडी (१९५६) से की थी।  परन्तु, उस समय तक वहीदा रहमान तेलुगु और तमिल भाषा की चार फ़िल्में कर चुकी थी।  वहीदा रहमान का जन्म ३ फरवरी १९३८ को मद्रास (अब चेन्नई) में चिंगलपुट में हुआ था।  इस प्रकार से वहीदा रहमान अपनी मातृ भाषा में फिल्म करने जा रही हैं।  विश्वरूपम २ को तेलुगु में भी डब कर रिलीज़ किया जायेगा।  एक बात और विश्वरूपम २ की कुल लम्बाई २ घंटा २० मिनट थी। लेकिन विश्वरूपम २ दो घंटे से भी कम की फिल्म होगी।  

पाकिस्तान में इतिहास बनाने वाली पंजाब नहीं जाऊंगी

पंजाब नहीं जाउंगी 
पंजाब नहीं जाऊंगी ने पाकिस्तान के फिल्म इतिहास में नया पन्ना लिख दिया है।  यह फिल्म सबसे ज्यादा समय तक चलने वाली फिल्म बन गई है।  पंजाब नहीं जाऊंगी १३ हफ़्तों में ३१.७५ करोड़ का कारोबार कर चुकी है।  इसके बावजूद इसको दर्शकों की कमी नहीं है तथा काफी स्क्रीन्स पर अभी भी दिखाई जा रही है।  ख़ास बात यह है कि फिल्म १४वे हफ्ते मे प्रवेश कर चुकी है। मगर, अभी भी १० सिनेमाघरों में सफलतापूर्वक चल रही है। इधर के कुछ सालों में कोई भी फिल्म इतने ज्यादा समय तक इतने ज्यादा सिनेमाघरों में नहीं चली है।  हालाँकि, फिल्म नामालूम अफराद भी १०० दिनों तक सिनमाघरों में चलती रही थी।  लेकिन, नामालूम अफराद केवल दो सिनेमाघरों में ही दिखाई जा रही थी।  पंजाब नहीं जाऊंगी, जब अपने १५ वे हफ्ते में १०० दिन में प्रवेश करेगी, उस समय यह ८-१० सिनेमाघरों में दिखाई जा रही होगी।  यह एक नया कीर्तिमान होगा। पंजाब नहीं जाऊंगी आने वाले कुछ दिनों में कुछ लाख और बटोरेगी।  मगर यह फिल्म पंजाब के बड़े सर्किट में सबसे ज़्यादा ग्रॉस करने वाली फिल्म पहले ही बन चुकी है।  रावलपिंडी/इस्लामाबाद में इस फिल्म ने सुल्तान के ६.५ करोड के ग्रॉस के विरुध्द दूसरा सबसे बड़ा ग्रॉस ५.५ करोड़ का कर लिया है।  अलबत्ता, इस फिल्म को कराची में नुकसान हुआ है, जहाँ यह न मालूम अफ़राद २ के सामने टॉप ५ में भी जगह नहीं बना पाई। तीस करोड़ से ज़्यादा का ग्रॉस करने वाली पाकिस्तानी फिल्म जवानी  फिर न आनी है।  ३०+ का कारोबार करने  वाली यह दोनों फ़िल्में नदीम बेग निर्देशित हैं  तथा दोनों के लीड एक्टर हुमायूँ सईद हैं।    

सामजिक बदलाव के लिए 'यूनियन लीडर' !

यूनियन लीडर के एक दृश्य में राहुल भट 
एक साल से डिब्बा बंद फिल्म यूनियन लीडर अब अगले १९ जनवरी को रिलीज़ हो सकती है।  इस फिल्म को ४८वे भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया था।  इस फिल्म की शूटिंग अहमदाबाद, गुजरात की भिन्न लोकेशंस पर हुई है।  दिसंबर २०१६ में ही फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी थी।  लेकिन, एक खतरनाक केमिकल फैक्ट्री में काम करने वाले यूनियन लीडर जय की है, जिसकी इच्छा अपनी पत्नी और बच्चे को गरीबी से उबार कर अच्छा जीवन देने की है।  लेकिन, वह जल्द ही जान जाता है कि उसे परिवार को तो बचाना ही है, समाज के लिए संकट और कामगारों के शोषण के विरुद्ध भी आवाज़ उठानी है।  इस फिल्म में राज की भूमिका राहुल भाट ने की है।  अन्य भूमिकाओं में तिलोत्तम शोम, जयेश मोरे और संवेदना सुवालका हैं।  इस फिल्म का निर्देशन संजय पटेल ने किया है।  यह फिल्म दुनिया  के कई फिल्मोत्सवों में दिखाई जा चुकी है।  निर्माण के समय इस फिल्म का नाम कामगार यूनियन हुआ करता था।  लेकिन, फिल्म पूरी होने के बाद इसे बदल दिया गया।  फिल्म के निर्देशक संजय पटेल का मानना है कि सामाजिक बदलाव और जागरण लाने के लिहाज़ से फिल्मों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।  

प्रिया बनर्जी के लिए मुंबई दूसरा घर है !

प्रिया बनर्जी 
ऍफ़एचएम् पत्रिका में अभिनेत्री प्रिया बनर्जी का इंटरव्यू प्रकाशित हुआ है।  कनाडा से इस भारतीय मूल की अभिनेत्री से पहली बार कनाडा से भारत आने के बाद खुद को माहौल से एडजस्ट करने के बारे में पूछा गया तो अभिनेत्री का जवाब था- 
शुरू में.  चार साल पहले, जब मैं कनाडा से भारत आई, मैंने महसूस किया कि मैं यहाँ की नहीं।  मुझे भाषा अच्छी तरह से नहीं आती थी। मेरे परिवार के सभी सदस्य कनाडा में ही थे।  इसलिए, पहले कुछ महीने तो मैंने परेशान रही, लेकिन मैं जल्द ही खुद में परिवर्तन ले आती हूँ।  मुझे लगता कि मैं जल्द ही खुद को समायोजित कर लेती हूँ।  फिर मैं भारत आना, भारतीय खाना और संस्कृति पसंद करती थी। मुझे जल्द ही इसमें मज़ा आने लगा।  बंगाली होने के नाते मेरे लिए यह कठिन नहीं था।  मेरे पेरेंट्स ने हमेशा चाहा कि मैं अपनी जड़ों से दूर न होऊ।  मैं भारतीय फ़िल्में देख कर, खाना खा कर, बड़ी हुई थी।  इसलिए, मेरे लिए यह ज़्यादा कठिन नहीं रहा।  अब मैं कह सकती हूँ कि घर से बहुत दूर मुंबई मेरा घर है।  
प्रिया बनर्जी का फिल्म डेब्यू तेलुगु फिल्म किस से हुआ था।  प्रिया ने हिंदी फिल्म जज़्बा में सिया की छोटी भूमिका की थी, जिसकी बलात्कार के बाद हत्या कर देने वाले अभियुक्त को निर्दोष साबित करवाने के लिए वकील बनी ऐश्वर्या राय बच्चन की रील लाइफ बेटी का अपहरण कर लिया जाता है।  प्रिया बनर्जी ने हिंदी और तेलुगु की एक वेब सीरीज सोशल भी की है। (FHM ट्विटर अकाउंट )