Sunday 28 January 2018

हिंदी फ़िल्में टीवी अभिनेत्रियां के नहीं, अभिनेता के जलवे !

कलर्स के सबसे सफल शो में एक नागिन २ के २५ जून को ख़त्म हो जाने के बाद, फिल्म और टीवी के गलियारों में यह खबर ख़ास थी कि नागिन शिवन्या/शिवानी अब इच्छाधारी नागिन के किरदार में नहीं लौटेंगी। उनके हिंदी फिल्मों में काम करने की खबरें भी आ रही थी । अब, टीवी की इस इच्छाधारी नागिन ने कम से कम तीन फ़िल्में साइन कर ली हैं । इस साल स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज़ होने जा रही फिल्म गोल्ड में अक्षय कुमार और निकिता दत्ता के साथ मौनी रॉय को भी लिए जाने की खबरें आई थी । गोल्ड में मौनी रॉय की भूमिका साफ़ नहीं हुई है, लेकिन खबर ताज़ा यह है कि करण जौहर की फंतासी ट्राइलॉजी ब्रह्मास्त्र की पहली कड़ी में मौनी रॉय का किरदार ग्रे शेड वाला होगा । मौनी की ब्रह्मास्त्र भूमिका वैम्प की होगी या कुछ निगेटिव टच वाली, अभी साफ़ नहीं है । लेकिन, इतना तय है कि वह ब्रह्मास्त्र में रणबीर कपूर की नायिका नहीं है। ब्रह्मास्त्र में रणबीर की नायिका अलिया भट्ट हैं। 
टीवी सीरियलों से ग्रेसी सिंह, विद्या बालन और यमी गौतम
क्या टीवी सीरियलों की नायिकाओं की त्रासदी है कि वह हिंदी फिल्मों मे प्रवेश तो कर ले जाती हैं, लेकिन इन फिल्मों की नायिका नहीं बन पाती ? मौनी रॉय के संदर्भ में यह सच हो सकता है । लेकिन, ध्यान रखना होगा कि मौनी ने अभी शुरुआत भर की है ।  लेकिन, जहाँ तक दूसरी टीवी स्टार्स की बात है, उनके लिए अनुभव मिला जुला ही रहा है । यहाँ, पहले टेलीविज़न सीरियलों की तीन प्रमुख अभिनेत्रियों की बात करते हैं । विद्या बालन ने एकता कपूर के शो हम पाँच  के २००५ से शुरू दूसरे सीजन में अमिता नांगिया की जगह राधिका का किरदार करके टीवी दर्शकों को लुभाया ही, हिंदी फिल्म निर्माताओं का ध्यान भी आकृष्ट किया । विद्या बालन को प्रदीप सरकार निर्देशित फिल्म परिणीता (२००६) में लोलिता का  किरदार करने का पहला मौका मिला । तब तक वह, एक बांगला और एक मलयालम फिल्म कर चुकी थी । विद्या बालन से पहले और उनके बाद दो दूसरी टेलीविज़न एक्ट्रेस हिंदी फिल्मों में आई।  ग्रेसी सिंह के करियर की शुरुआत, जी टीवी के शो अमानत (१९९७) से हुई थी । इस शो में उन्होंने डिंकी के किरदार से अपने दर्शकों को मुग्ध कर लिया था । इस किरदार की ग्रेसी पर पकड़ का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि जब उन्होने आशुतोष गोवारिकर निर्देशित फ़िल्म लगान (२००१) से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की गई तो उन्हें काफी समय तक डिंकी सिंह के नाम से भी जाना गया । विद्या बालन के बाद एक टीवी एक्ट्रेस यमी गौतम ने भी हिंदी फिल्म डेब्यू किया था । वह एनडीटीवी इमेजिन के शो चाँद के पार चलो (२००८-०९) में सना के किरदार से काफी लोकप्रिय हुई थी । यमी गौतम का फिल्म करियर की शुरूआत आयुष्मान खुराना के साथ फिल्म विक्की डोनर (२०१२) से हुई । 
लेकिन, मेन स्ट्रीम हिंदी फिल्मों की नायिका नहीं
ख़ास बात यह रही कि ग्रेसी सिंह, विद्या बालन और यमी गौतम की टेलीविज़न सीरियलों की लोकप्रियता फिल्मों में काम आई ।  इन तीनों अभिनेत्रियों की पहली फ़िल्में लगान, परिणीता और विक्की डोनर को सफलता भी मिली . लगान तो बड़ी हिट फिल्मों में शुमार है. लेकिन, इसके बावजूद यह तीनों ही अभिनेत्रियां मुख्य धारा की फिल्मों यानि व्यवसायिक फिल्मों में अपनी स्थाई जगह नहीं बना सकी । इन तीनों ही अभिनेत्रियों को कभी भी समकालीन रानी मुख़र्जी, प्रीटी जिंटा, आदि का समकक्ष नहीं समझा गया । ग्रेसी सिंह की पहली फिल्म लगान ज़रूर आमिर खान के साथ थी, लेकिन विद्या बालन और यमी गौतम को कभी किसी खान अभिनेता की नायिका बनने का मौका नहीं मिला । आज यमी गौतम, काबिल में हृथिक रोशन की नायिका बन चुकी है, लेकिन इसके बावजूद बत्ती गुल मीटर चालू में शाहिद कपूर के साथ उन पर श्रद्धा कपूर भारी पड़ रही है । ग्रेसी सिंह के साथ तो ज्यादा बुरी बीती है । वह अब फिल्मों के बजाय टीवी सीरियल संतोषी माँ में संतोषी माँ का किरदार कर रही हैं । विद्या बालन को हिंदी की ख़ास कथानक वाली फ़िल्में ही कर पाती है ।
कहानी घर घर की, कसौटी ज़िन्दगी की
कभी टेलीविज़न पर एकता कपूर के दो सीरियलों कसौटी ज़िन्दगी की (२००१) और कहानी घर घर की (२०००) का डंका बजा करता था । इन सीरियलों की बहुएं प्रेरणा बासु और पारवती, आम हिन्दुस्तानी घर में आदर्श बहुए मानी जाती थी ।श्वेता तिवारी ने प्रेरणा बासु और साक्षी तंवर ने पारवती के किरदार से दर्शकों के दिलों में अपनी प्रतिष्ठित इमेज बनाई थी ।  लेकिन, इस बहू इमेज से इन दोनों अभिनेत्रियों को फिल्म करियर बनाने में कोई मदद नहीं मिली ।  अपने शो की वजह से श्वेता तिवारी को मदहोशी, आबरा का डबरा और बेनी और बबलू जैसी फिल्मों में मामूली सी भूमिकाये मिली ख़ुद को सेक्सी भी साबित करने के लिये, श्वेता तिवारी ने फिल्म बिन बुलाये बाराती में जम कर अंग प्रदर्शन किया ।भीगी साडी से अपना देह दर्शन करवाया । लेकिन, बड़ी फिल्म क्या, किसी छोटी फिल्म की नायिका बनने में भी सफलता नहीं मिली । कहानी घर घर की की बहू पारवती साक्षी तंवर २७ साल की उम्र में भी परिपक्व चहरे वाली थी । उन्हें भी हिंदी की कूड़ा फिल्मों में ही किरदार करने का इक्का दुक्का मौका ही मिला. अलबत्ता, चेहरे की परिपक्वता का तकाजा था कि साक्षी तंवर फिल्म दंगल और मोहल्ला अस्सी में आमिर खान और सनी देओल की पत्नियों और दो दो बच्चो की माँ के भूमिकाये ही पा सकी.
टीवी अभिनेता बनाम टीवी अभिनेत्री
टेलीविज़न के सितारों को लेकर बॉलीवुड पूर्वाग्रही लगता है. वह टीवी सीरियलों के अभिनेताओं की हीरो बनाने का मौका नहीं चूकता . लेकिन अभिनेत्रियों को लेकर उसकी हिचक साफ़ नज़र आती है. इरफ़ान खान को ही लीजिये, इरफ़ान ने १९८५ में टीवी सीरियल श्रीकांत, चाणक्य, भारत एक खोज, चन्द्रकान्ता, बनेगी अपनी बात, आदि बहुत से टीवी सीरियल करके अपने एक्टिंग करियर का आगाज़ किया. इरफ़ान आम बॉलीवुड फिल्मों के चॉकलेटी चेहरा नहीं थे. इसके बावजूद उन्हें बॉलीवुड ने खुले दिल से स्वीकार किया. इरफ़ान में तो खैर प्रतिभा थी, लेकिन बॉलीवुड ने टीवी एक्टर शाहरुख़ खान को उनकी इमेज में बंधे होने के बावजूद अपना सुपर स्टार बना लिया. लेकिन, शांति की मंदिर बेदी को क्रिकेट में शरण लेनी पड़ती है. शाकालाका बूम बूम और देश में निकला होगा चाँद की हंसिका मोटवानी को दक्षिण की फ़िल्में खुली बांह स्वीकार करती हैं. पोपुलर टीवी सीरीज कसम से की प्राची देसाई सुन्दर और प्रतिभाशाली होने के बावजूद लीड एक्ट्रेस नहीं बन पाती. लोकप्रिय टीवी सीरियल कहानी घर घर की की टीना पारेख (सत्य बोल, खिचड़ी द मूवी). श्वेता क्वात्रा (माय ब्रदर निखिल, मर्डर २), स्वाभिमान और कहानी घर घर की की अचिन्त्य कौर, श्वेता केसवानी (लव इन नेपाल), कविता कौशिक, रूपा गांगुली तथा कसौटी ज़िन्दगी की की कोमोलिका उर्वशी ढोलकिया, मानसी पारेख, तसनीम शेख, बरखा बिष्ट, शुभांगी अत्रे, आदि को भी फिल्मों में स्वीकार नहीं किया गया.
बॉलीवुड के मेल-फीमेल एक्टर के बीच भेदभाव बरतने का बढ़िया उदाहरण पवित्र रिश्ता की नायक नायिका हैं . इस सीरियल में मानव और अर्चना की भूमिका करने वाले दो कलाकार सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे ज्वलंत प्रमाण है. जहाँ सुशांत सिंह राजपूत फिल्म पीके में अनुष्का शर्मा के हीरो बनने के बाद केदारनाथ में सारा अली खान के नायक बन रहे हैं, वही सीरियल में उनकी अर्चना को एक भी फिल्म नहीं मिली. अब जाकर उनके मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ़ झाँसी में कंगना रानौत के साथ झलकारी बाई के किरदार को करने की खबर है. क्या अंकिता लोखंडे प्रतिभा के लिहाज़ से सुशांत सिंह राजपूत से कमतर थी ?  यही कारण है कि मौनी रॉय  नागिन की अपनी इमेज का शिकार हो वैम्प बनाई जा सकती है, लेकिन रणबीर कपूर की नायिका आलिया भट्ट ही बन सकेगी। गोल्ड में भी, मौनी रॉय अपने नायक अक्षय कुमार की बाँट सीरियल हासिल की नायिका निकिता दत्ता के साथ कर रही हैं।  



Saturday 27 January 2018

विक्रम भट्ट की वेब डिजिटल सीरीज आज से

फिल्म निर्माता और निर्देशक विक्रम ने पिछले दिनों, ओटीटी प्लेटफार्म वीबी थिएटर लांच किया था।  इस प्लेटफार्म पर विक्रम भट्ट तथा अन्य का डिजिटल कंटेंट लांच हो सकेगा। इस प्लेटफार्म पर आज से विक्रम भट्ट की डिजिटल सीरीज अनटचेबल्स लांच हो है।  इस सीरीज में  विक्रम भट्ट खुद अभिनेता की भूमिका में हैं। उन्हें इस सीरीज में उनकी बेटी कृष्णा भट्ट निर्देशित कर रही हैं।  यह कृष्णा का बतौर निर्देशक डेब्यू है।  यह एक ऎसी लड़की की कहानी है, जिसे अपने ख्वाब पूरे  करने के लिए एस्कोर्ट का काम करना पड़ता है।  उससे सब नफ़रत करने लगते हैं। इस लड़की की भूमिका सृजित डे कर रही हैं।  सृजित को कलर्स के शो उतरन से काफी शोहरत मिली थी।  पिछले साल उनकी फिल्म मानसून शूटआउट रिलीज़ हुई थी।अनटचेबल्स एक कोर्ट रूम ड्रामा थ्रिलर हैं। सृजित के एस्कोर्ट किरदार पर क़त्ल का इल्जाम लगता है।  उस लड़की को बचाने वाला केवल एक शख्स है, वह है वकील आकाश अवस्थी।  ख़ास बात है कि आकाश से बीच सब दूर दूर रहते हैं, क्योंकि दिमागी हालत ठीक नहीं है। यह भूमिका विक्रम भट्ट ने की है। ऊपर देखिये इस सीरीज का ट्रेलर।  



द इन्क्रेडिबल्स २ की वॉयस कास्ट

द वेडिंग जंक्शन शो में रवीना, दिशा और निधि (phto feature)

शादी की खिड़की : द वेडिंग जंक्शन

अब तो वन विंडो सिस्टम का ज़माना है। सरकारें कोशिश कर रही हैं कि अगर कोई उनके राज्य में निवेश करना चाहे तो उसे एक ही जगह सारी सुविधाएँ मिल जाएँ। यानि वन विंडो सिस्टम! शादी को भी अब वन विंडो सिस्टम की तलाश है। द वेडिंग जंक्शन को ऎसी ही खिड़की कहा जा सकता है।  पिछले दिनों इस जंक्शन ने मुंबई में एक शो का आयोजन किया। इस शो के दौरान आयोजित एक फैशन शो में अभिनेत्री रवीना टंडन के अलावा दिशा पाटनी, निधि अगरवाल, कुबरा सैत, आदि ने हिस्सा लिया। इस शो की शो स्टॉपर निधि अगरवाल और तन्जिला अंतुले थी। इस शो के आयोजकों ने अपने शो में देश के शीर्ष डिज़ाइनर और स्टाइलिस्ट तथा ब्रांड्स को आमंत्रित किया था। इस शो के आयोजकों का दावा है कि वह एक ही जगह पर देश के श्रेष्ठ वेडिंग डिज़ाइनर, ज्वेलर्स, स्थल, होटल्स, वेडिंग प्लानर तथा दूसरी अन्य आवश्यकताएं पूरी करा सकते हैं। कहने का मतलब यह कि भारत की पूरी वेडिंग इंडस्ट्री एक छत के नीचे।  


गणतंत्र दिवस पर सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के एक्टर्स के उद्धरण

तेजस्वी प्रकाश जो 'रिश्ता लिखेंगे हम नया' में दीया की भूमिका निभा रही हैं
वे सभी सीखें जो मुझे मेरे स्कूल के दिनों से सिखाई गई हैं, उनसे मुझे लगता है कि अपने सभी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों का सम्मान करना हम सभी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। मेरे स्कूल के दिनों की सबसे प्यारी यादों में से एक है मार्च पास्ट करना, अपनी कक्षा के लिए जिसका नेतृत्व मैं किया करती थी। हम इस समारोह की शुरुआत दीपज्योति जलाकर किया करते थे और उसके बाद तिरंगा फहराते थे, जिसके बाद देशभक्ति के गीत गाने का कार्यक्रम होता था।
शो 'मेरे सांई' में सांई बाबा की भूमिका निभाने वाले अबीर सूफी गणतंत्र दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हैं
गणतंत्र दिवस एक महत्वपूर्ण दिवस है क्योंकि हमारे लोकतांत्रिक कानून का चिन्ह है। यह हमें अपने खुद के संविधान वाले एक स्वतंत्र देश के रूप में प्रकट करता है जिसमें हमारे पास अपनी सरकार, अपना प्रधान मंत्री और एक प्रकार से अपने देश का राष्ट्रपति चुनने का भी अधिकार है। मैं एनसीसी कैडेट रहा हूं जिसमें हम दिल्ली के जनपथ में परेड में हिस्सा लिया करते थे। मुझे इस परेड के लिए चुना गया था और वे सभी यादें मुझे हमेशा ही यादातुर कर देती हैं। विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी साथ आया करते थे और परेड में हमारे साथ शामिल होते थे।
'विघ्नहर्ता गणेश' में पार्वती की भूमिका निभाने वाली आकांक्षा पुरी गणतंत्र दिवस पर अपने विचार साझा करती हैं
एक विभूषित पुलिस अधिकारी की बेटी होने के नाते, मेरे बचपन की बहुत सुंदर यादें रही हैं, जिसमें मेरे पिता पुलिस स्टेशन में भारतीय तिरंब फहराया करते थे। मैं अपने स्कूल के दिनों में हर साल इस दिन का इंतजार किया करती थी ताकि मैं सफेद यूनिफॉर्म पहनूं जिस पर मेरा पसंदीदा भारतीय बैज लगा होता था। स्कूल की गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेना, खास मिठाइयों का इंतजार करना और अपने दोस्तों का हिस्सा भी खा जाना, इन सबको याद करके हमेशा ही मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। इस गणतंत्र दिवस में, मैंने 'धूम्रपान निषेध' की जागरुकता फैलाने की योजना बनाई है और यह 'विघ्नहर्ता गणेश' के हमारे सेट्स से शुरू होगा।
'हासिल' में कबीर रायचंद की भूमिका निभाने वाले वत्सल सेठ गणतंत्र दिवस पर अपने विचार साझा करते हैं
मैं मानता हूं कि हमें हर रोज लोकतांत्रिक होने का जश्न मनाना चाहिए, केवल एक दिन नहीं। यह हमारे देश के निर्माण में सबसे पारिभाषित पलों में से एक है। मुझे गणतंत्र दिवस की परेड देखना बहुत पसंद है, जो हमारी रक्षा की दक्ष्ता को प्रकट करते हुए दिल्ली में होती है। हमेशा ही गणतंत्र दिवस मेरे स्कूल के दिनों की यादों को ताजा कर देता है जहां मैं स्कूल की परेडों में हमेशा ही सक्रिय रहता था।
'पोरस' में फारसी राजा डैरियस की भूमिका निभाने वाले प्रणीत भट्टगणतंत्र दिवस पर अपने विचार साझा करते हैं
गणतंत्र दिवस के मौके पर, मैं 'पोरस' की पूरी टीम की तरफ से अपने सभी देशवासियों को हार्दिक बधाइयां देना चाहूंगा और चाहूंगा कि हम सभी प्रेम और भाईचारे के संदेश का प्रसार करें। इस प्रतिष्ठित शो 'पोरस' का हिस्सा होने के नाते, यह इस कहानी को दर्शाता है कि हमारे देश के नागरिक छोटीछोटी बातों पर भी आपस में लड़ने में इतने ज्यादा व्यस्त थे, कि विदेशी ताकतों का हमारी भूमि में सुरक्षित प्रवेश करने का रास्ता ही आसान हो गया था। हम सभी के बीच एकता और घनिष्टता बनाए रखना मौलिक रूप से महत्वपूर्ण बात है।



शिल्पा शेट्टी को मिला एचटी मोस्ट स्टाइलिश ऑथर अवार्ड (photo feature)