Saturday 2 February 2019

VARTAK NAGAR opens Jharkhand International Film Festival


‘VARTAK NAGAR’ – a Hindi feature film produced by Amit Agarwal, under his banner Adarsh Telemedia, has been selected as the opening film at JIFF (Jharkhand International Film Festival), 2019. 

The film, directed by Atul Taishete, features Jimmy Sheirgil and Raghu Ram in pivotal roles. It is a story of four kids and their friendship against the backdrop of the Bombay Mills strike that took place in the 1980s. 

VARTAK NAGAR is ready for release and is on festival rounds at the moment. Already screened at CINEQUEST FILM FESTIVAL (San Jose, California, USA) and KOLKATA INTERNATIONAL FILM FESTIVAL (Kolkata, India) the film got selected as the Opening Film at JIFF – JHARKHAND INTERNATIONAL FILM FESTIVAL (Ranchi, Jharkhand).

Amit Agarwal started Adarsh Telemedia in 2005 in Kolkata and from a film post-production studio in Kolkata, he ventured into film production. Beginning with Bengali Film ASTRA in 2012, Amit graduated to Bollywood when he initiated as producer the Hindi film M.S. DHONI - THE UNTOLD STORY. Later he produced the film SIMRAN starring Kangana Ranaut which was released in 2017. 


He is also the Producer of Hindi Film RAAHGIR being directed by internationally acclaimed filmmaker GOUTAM GHOSE. RAAHGIR was entirely shot in Jharkhand (Ranchi surroundings and Netarhat). The film would travel to various film festivals across the globe and thereafter would have its theatrical release. 

Amit is also working as the Director of AJOOBA, an animation film in Hindi which has Gulshan Grover, Tisca Chopra and Mukesh Khanna as the lead voice cast. 


Amit Agarwal feels that Jharkhand has immense scope of development in this segment. It has very talented artistes and technicians who just need little motivation and support to showcase themselves. Amit also feels that Jharkhand has beautiful natural locations which are very rare and filmmakers around the world should be made aware of this. He is very thankful to Jharkhand Film Development Corporation for coming up with the idea of Subsidy Policy which according to him is one of the biggest opportunities for all genres of filmmakers. He is also very thankful to JIFF – Jharkhand International Film Festival for starting an event of such a scale, where filmmakers, both national and international are participating to screen their films.


फिल्म हॉब्स एंड शॉ का ऑफिसियल ट्रेलर - क्लिक करें 

फिल्म हॉब्स एंड शॉ का ऑफिसियल ट्रेलर

Friday 1 February 2019

लक्ष्मी राय की तमिल फिल्म नीया २ का ट्रेलर

नवोदय टाइम्स ०१ फरवरी २०१९

नितेश तिवारी के कॉलेज जीवन से प्रेरित है छीछोरे के उपनाम


लेखक-निर्देशक नितेश तिवारी वर्तमान में साजिद नाडियाडवाला की आगामी फिल्म छिछोरे में सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर के साथ काम कर रहे हैं।

फिल्म निर्माता ने सभी कलाकारों के किरदारों के नाम और उपनाम का खुलासा किया है। जबकि एक किरदार (वरुण शर्मा) को सेक्सा कहा जाता है, क्योंकि वह हमेशा सोने की फिराक में रहता है, वही एक का नाम एसिड है।

फिल्म के पहले पोस्टर में यह खुलासा किया गया था कि यह फिल्म दो युगों में स्थापित हैं, जिसमें एक साल 1992 कॉलेज में स्थापित है और दूसरा वर्तमान समय में।

विचित्र नाम रखने के कारणों को साझा करते हुए, नितेश तिवारी ने कहा, "मैंने हॉस्टल में चार साल बिताए हैं और मेरे आईआईटी के दिनों के दौरान, लोगों का नाम रखना और टैग करने की परंपरा हुआ करती थी। जिन उपनामों को हम रखा करते थे, वे लोगों के नाम और संदर्भ के आधार पर पारंपरिक से लेकर बेहद अजीब हुआ करते थे।

निर्देशक ने आगे कहा, “पोस्टर में आपने जो नाम देखे हैं वे मेरे हॉस्टल से उत्पन्न हुए हैं लेकिन हमने उन्हें पात्रों के अनुरूप बनाया है। उदाहरण के तौर पर, 'एसिड' एक बहुत ही क्रोध वाला आदमी है, 'मम्मी' घरेलू लड़का है और अपनी माँ को सबसे ज्यादा याद करता है। अजीब बात यह है कि आपके तथाकथित रूममेट आपको हमेशा उपनामों से बुलाएंगे और यहाँ तक कि मैं अभी भी ऐसा ही करता हूं। आईआईटी बॉम्बे से मेरे दोस्तों के निक नेम गुप्पा, गुच्ची, पूक, बी-जीरो, दर्द कुमार, स्किनी, भिंडी, डंडा और बहुत सारे हैं। "

हाल ही में रिलीज किए गए मज़ेदार पोस्टर में प्रसिद्ध हिंदी कहावत 'कुत्ते की दुम टेड़ी की टेडी' सबसे ऊपर देखने मिली और फ़िल्म की कास्ट युवा और बूढ़े जैसे दो वर्शन में नज़र आ रही है जो एक शानदार और अनोखी कहानी का संकेत दे रही हैं।

फ़िल्म में श्रद्धा कपूर और सुशांत सिंह राजपूत के साथ प्रतीक बब्बर, वरुण शर्मा, ताहिर राज भसीन, तुषार पांडे, सहर्ष शुक्ला और नवीन पोलिशेट्टी जैसे कलाकार नज़र आएंगे।


फॉक्स स्टार स्टूडियोज़, नडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट के तले "छिछोरे" प्रस्तुत करने के लिए तैयार है जो साजिद नडियाडवाला द्वारा निर्मित होगी। फॉक्स स्टार स्टूडियोज़ द्वारा सह-निर्मित यह फ़िल्म नितेश तिवारी द्वारा निर्देशित है।

फ़िल्म इस साल ३० अगस्त, २०१९ को देशभर में रिलीज होगी।

बीएसएफ ने किया यामी गौतम का सम्मान - क्लिक करें 

बॉलीवुड की बड़ी एक्ट्रेस की डरावनी अमावस !


आज रिलीज़ हो रही फिल्म अमावस से,  रणबीर कपूर के साथ रॉकस्टार कर ने वाली एक्ट्रेस नरगिस फाखरी की वापसी हो रही है।  हालाँकि, नरगिस फाखरी का, अमावस जैसी हॉरर फिल्म से वापसी करने का प्रयास करना उनकी मज़बूरी ज़्यादा है। इस प्रकार से नरगिस फाखरी हिंदी फिल्मों की कुछ बड़ी  एक्ट्रेस में शुमार हो जाती हैं, जिन्होंने हॉरर फिल्मों में अभिनय किया। परन्तु, मधुबाला से लेकर अनुष्का शर्मा तक, इन अभिनेत्रियों की हॉरर फ़िल्में उनके नाकाम करियर का परिणाम नहीं थी ।  

मधुबाला की महल (१९४९) - निर्देशक कमाल अमरोही की बतौर निर्देशक पहली फिल्म महल को हिंदुस्तान की पहली हॉरर फिल्म कहा जाता है।  हालाँकि, इस फिल्म में, दर्शकों को डराने की कोई अतिरिक्त कोशिश नहीं की गई थी।  इस फिल्म की नायिका मधुबाला थी।  अशोक कुमार, एम् कुमार, विजयलक्ष्मी, कनु रॉय, एस नज़ीर, आदि सितारों की बड़ी भीड़ थी।  फिल्म के रहस्य से भरपूर बनाने वाले फिल्म के संगीतकार खेमचंद प्रकाश उस समय के बड़े संगीतकार थे।  फिल्म का संपादन करने वालों मे बिमल रॉय भी शामिल थे।  फिल्म के आएगा आएगा आने वाला आएगा गीत ने  गायिका लता मंगेशकर को स्थापित कर दिया था। अमेरिकी फिल्म द इंकार्नेशन ऑफ़ पीटर प्राउड (१९७५) की कहानी महल की कहानी से प्रेरित थी।

वहीदा रहमान की बीस साल बाद (१९६२) और कोहरा (१९६४)- साठ के दशक में रिलीज़ इन दोनों फिल्मों के निर्माता, निर्देशक, लेखक, नायक और नायिका तथा संगीतकार एक ही थे । बीस साल बाद और कोहरा के निर्माता हेमंत कुमार थे । फिल्म के निर्देशक बिरेन नाग और लेखक ध्रुव चटर्जी थे । नायक बिस्वजीत की नायिका वहीदा रहमान थी । दोनों ही फिल्मों की सह भूमिकाओं में मनमोहन कृष्ण, मदन पूरी और असित सेन थे । फिल्म की सफलता में इसके संगीत का बड़ा हाथ था, जिसे हेमंत कुमार ने दिया था । तमाम गीत भी हेमंत कुमार और लता मंगेशकर ने सोलो गाये थे ।

नंदा की गुमनाम (१९६५)- राजा नवाथे की इस हॉरर फिल्म गुमनाम में सात लोगों को हवाई जहाज से एक वीरान द्वीप में उतार दिया जाता है । वहां एक एक कर उनकी हत्या होने लगाती है । कौन है हत्यारा, इसके रहस्य में दर्शक उलझा रहता था । फिल्म में नंदा की मुख्य भूमिका थी । मनोज कुमार, प्राण, हेलेन, महमूद, मदनपुरी, आदि दूसरे किरदारों में थे । इस फिल्म में शंकर जयकिशन का मधुर संगीत फिल्म की जान था ।

रीना रॉय और रेखा की नागिन (१९७६) और जानी दुश्मन (१९७९)- दरअसल, राजकुमार कोहली की इन दोनों भयावनी फिल्मों में सितारों की भीड़ जुटा कर, गज़ब का भय और रहस्य से भरपूर माहौल बनाया गया था । इन फिल्मों में रीना रॉय और रेखा के अलावा योगिता बाली, मुमताज़, प्रेमा नारायण, नीतू सिंह और बिंदिया गोस्वामी जैसी बड़ी नायिकाओं के अलावा बॉलीवुड के उस समय के कई बड़े अभिनेता मौजूद थे । इन दोनों ही फिल्मों में लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल का मधुर संगीत हिट हुआ था ।

उर्मिला मातोंडकर की भूत (२००३)- निर्देशक रामगोपाल वर्मा ने फिल्म भूत में अजय देवगन और उर्मिला मातोंडकर के साथ रेखा, नाना पाटेकर, सीमा बिस्वास और विक्टर बनर्जी जैसे सशक्त कलाकारों को शामिल किया था । लेकिन, फिल्म का साउंड ट्रैक दर्शकों की रूह कंपा देता था । यह फिल्म साउंड इफ़ेक्ट के कारण लाजवाब थी । 

विद्या बालन और अमीषा पटेल की भूल भुलैया (२००७) - प्रियदर्शन की फिल्म भूल भुलैया अपने साइकोलॉजिकल थ्रिलर विषय के कारण दर्शकों को डराने में कामयाब होती थी । इस फिल्म में, अक्षय कुमार, विद्या बालन, अमीषा पटेल, शाइनी आहूजा, परेश रावल, आदि सितारों की मौजूदगी ने फिल्म को काफी दिलचस्प बना दिया था ।

अनुष्का शर्मा की परी (२०१८)- प्रोसित रॉय निर्देशित परी की निर्माता भी अनुष्का शर्मा थी । यह फिल्म अनुष्का शर्मा द्वारा खुद पर किये गए एक्सपेरिमेंट और दहला देने वाले दृश्यों की कारण याद की जाती है । 

भारत के फ़क़ीर वेनिस में - क्लिक करें 

भारत के फ़क़ीर वेनिस में


आनंद सुरपुर की फिल्म द फ़क़ीर ऑफ़ वेनिस मानव व्यवहार की है।  फिल्म में फरहान अख्तर एक ठग की भूमिका में हैं, जिसे एक ऐसे व्यक्ति को लाने का जिम्मा सौंपा गया है, जो रेगिस्तान में समाधी ले सके। फरहान अख्तर मुंबई में झुग्गी में रहने वाले अपने मित्र को ऐसा साधु बना कर ले जाते है। अब यह बात दूसरी है कि सब कुछ उल्टा पुल्टा हो जाता है।  फिल्म में फरहान अख्तर के दोस्त की भूमिका अनु कपूर कर रहे हैं। यह फिल्म १० साल पहले बन कर पुरी हो चुकी थी।  लेकिन, कुछ झंझटों के कारण तब  रिलीज़ नहीं हो सकी।  अगर रिलीज़ हो जाती तो आज की चर्चित कुछ फ़क़ीर, साधु या बाबा वाली फिल्मों की कड़ी में सबसे आगे होती।


पीके (२०१४)- राजकुमार हिरानी की व्यंग्य हास्य ड्रामा फिल्म पीके  में सौरभ शुक्ल ने तपस्वी बाबा की भूमिका की थी। आमिर खान का एलियन किरदार पीके इस बाबा की पोल खोलता है।  फिल्म में अनुष्का शर्मा ने एक पत्रकार जगत जननी साहनी की  थी, जो सुशांत सिंह  राजपूत के पाकिस्तानी प्रेमी सरफराज यूसुफ़ से प्रेम करती है।


ओएमजी - ओह माय गॉड (२०१२)- निर्देशक उमेश शुक्ल की फिल्म ओएमजी ओह माय गॉड में परेश रावल का किरदार भगवान् के अस्तित्व पर सवाल लगाता रहता है।  इस फिल्म में अक्षय कुमार भगवान् कृष्ण की भूमिका की थी।  यह फिल्म बाबाओं और मुस्लिम धर्म गुरुओं की पोल खोलती थी।  फिल्म  में मिथुन चक्रवर्ती बाबा लीलाधर महाराज, गोविन्द नामदेव ने सिद्धेश्वर महराज और पूनम झावर ने गोपी मैया की भूमिका की थी।


सिंघम रिटर्न्स (२०१४)- अजय देवगन की फिल्म सिंघम रिटर्न्स में अमोल गुप्ते ने सत्यराज चंद्र बाबा की भूमिका थी।  रोहित शेट्टी ने फिल्म में ढोंगी बाबाओं और नेताओं के गठजोड़ को  दिखाया था। 


धर्म संकट में (२०१५) - फवाद खान निर्देशित फिल्म धर्म संकट में  नसीरुद्दीन शाह ने एक ढोंगी बाबा नीलानंद की भूमिका थी।  यह फिल्म परेश रावल की फिल्म ओह माय गॉड का एक्सटेंशन लगती थी। लेकिन, प्रभावहीन साबित होती थी। 


ग्लोबल बाबा (२०१६)-  निर्देशक मनोज तिवारी की फिल्म ग्लोबल बाबापाखंडी बाबाओं का पर्दाफाश करने वाली फिल्म थी।  इस फिल्म में अभिमन्यु सिंह फ़र्ज़ी बाबा चिल्लम पहलवान बने थे।



जादूगर (१९८९)-  निर्देशक प्रकाश मेहरा और अभिनेता अमिताभ बच्चन की जोड़ी की आखिरी फिल्म जादूगर की कहानी दिलचस्प थी।  फिल्म में अमरीश पूरी ने महाप्रभु जगतसागर  चिंतामणि की भूमिका की थी। फिल्म में अमिताभ बच्चन और अमरीश पुरी पुत्र और पिता की भूमिका में थे।  अमरीश पुरी का किरदार जादू के कुछ गुर जानता है।  उसी के बल पर खुद को दैवीय शक्ति का मालिक बता कर लोगों को ठगता है।  अमिताभ बच्चन का चरित्र गोगा अपने जादू से उसकी पोल खोलता है।  यह फिल्म फ्लॉप हुई थी।

एस्केप  रूम का ट्रेलर - क्लिक करें