Saturday 29 June 2019

Th Lion King में बॉलीवुड के सितारे


डिज्नी की, पूरी दुनिया के साथ, भारत के बच्चों द्वारा भी बेसब्री से इंतज़ार की जा रही, फिल्म द लायन किंग के दर्शकों के लिए बढ़िया खबर है। जैसा कि पहले बताया गया था कि फिल्म के दो मुख्य एनीमेशन चरित्रों प्राइड लैंड के राजा मुफासा और उसके बेटे सिम्बा को, बॉलीवुड के किंग शाहरुख़ खान और उनके बेटे आर्यन खान क्रमशः अपनी आवाज़े दे रहे हैं। द इन्क्रेदिब्लेस के बाद, यह दूसरा मौका है, जब खान पिता-पुत्र किसी एनीमेशन करैक्टर को वॉइसओवर कर रहे हैं। 


टीमोन पुम्बा जाजू और स्कार
डिज्नी की सबसे प्रसिद्द जंगल गाथा द जंगल बुक ने २०१६ में भारत के दर्शकों को मुग्ध कर लिया था। अब, डिज्नी द लायन किंग के ज़रिये भारतीय दर्शकों का मनोरंजन उत्कृष्ट और प्रेरणाप्रद कथानक तथा श्रेष्ठ तकनीक के साथ पेश कर रहे हैं। जॉन फाव्रो निर्देशित इस फिल्म में, पिता और बेटा मुफासा और सिम्बा की जोड़ी दर्शकों को अपने भावुक संबंधों से प्रभावित करेगी ही, कुछ दूसरे करैक्टर इसे हलके फुल्के और तनावपूर्ण क्षण भी देंगे। इनमे टीमोन और पुम्बा की श्रेष्ठ हास्य जोड़ी के साथ चतुर चिड़िया जाजू और खतरनाक खलनायक स्कार शामिल है। 


आशीष विद्यार्थी के स्कार तेवर  
अब चूंकि, मुफासा और सिम्बा को शाहरुख़ खान और उनके बेटे आवाज़ दे रहे है तो दूसरे चरित्रों को बॉलीवुड के अपने काम में माहिर एक्टर आवाज़ दे रहे हैं। आशीष विद्यार्थी को अपने श्रेष्ठ अभिनय के लिए नेशनल अवार्ड सहित कई पॉपुलर अवार्ड मिले हैं। उनके खल तेवर दर्शकों को गुस्सा दिलाने वाले होते हैं। वह द लायन किंग में, मुफासा के द्रोही भाई स्कार को अपनी आवाज़ देंगे। 


असरानी के साथ श्रेयस और संजय मिश्रा
फिल्म में, सिम्बा को पालने वाले नेवले टिमोंन और सूअर पुम्बा के किरदार काफी ख़ास हैं। यह दोनों सिम्बा के साथ हमेशा रहने और रक्षा करने वाले हैं। इनसे फिल्म में हास्य भी पैदा होता है। इन दोनों चरित्रों को हिंदी फिल्मों के मशहूर एक्टर श्रेयस तलपडे और संजय मिश्र आवाज़ दे रहे हैं। बड़ा पक्षी हार्नबिल जाजू की भूमिका भी मुफासा के निकट की है। वह मुफासा के घर का प्रबंधक है। मुफासा उससे राय लेता है। इस एनीमेशन करैक्टर को असरानी ने अपनी विशिष्ट शैली में आवाज़ दी है।  



Abhinay Dev का पॉवरपैक फिल्म DOOSRA



निर्देशक अभिनय देव की आने वाली स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म दूसरा अपने पोस्टर से दर्शकों के ध्यान आकर्षित कर चुकी थी। एक परंपरावादी परिवार की युवा लड़की के जरिए सुनाई गई इस फिल्म का ट्रेलर आज जारी हुआ। इस ट्रेलर से कहानी की एक झलक देती है। साहस और स्वतंत्रता की दो कहानियों को साथ बुनते हुए यह फिल्म उस क्षण से प्रेरित है, जब लॉर्ड्स के मैदान पर नेटवेस्ट सीरिज जीतने के बाद सौरव गांगुली ने अपनी टी-शर्ट निकाल कर हवा में लहराई थी। यह फिल्म खेल और नई पीढी के सपने और आकांक्षाओं को एक साथ लाती है। 

क्रिकेट इतिहास में भारत की सबसे प्रसिद्ध जीत में से एक (नेटवेस्ट) ने देश को एक साथ ला दिया था। इसने राष्ट्रीय गौरव की भावना को उभार दिया था। नब्बे के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में, यह कहानी इंग्लैंड के खिलाफ 2002 के नेटवेस्ट फाइनल में भारत की जीत के बाद एक महत्वपूर्ण चरमोत्कर्ष पर आती है। यह एक ऐसा पल था जिसने एक पूरी पीढ़ी को बदल दिया, एक ऐसा पल जिसने भारतीयों को उनकी कीमत बताई। 

यह फिल्म उपन्यास प्रारूप में एक स्पोर्ट्स ड्रामा है, जिसमें वास्तविक फुटेज के साथ एक काल्पनिक कथा दिखाई गई है। दूसरा में भारतीयों के वास्तविक जीवन और उनके दृष्टिकोण पर क्रिकेट के प्रभाव को दर्शाया है। इस ट्रेलर में गांगुली की टी-शर्ट क्षण के साथ नायक को दिखाया गया है। हर्षा भोगले, राजदीप सरदेसाई, शशि थरूर, बोरिस मजुमदार और पीयूष पांडे जैसे क्रिकेट जगत से जुड़े जाने-माने लोगों के साक्षात्कार हैं। 

फिल्म के पीछे मूल विचार शिकागो स्थित कार्यकारी निर्माता माशा और रोहन सजदेह का था। बाद में, इस मूल विचार पर कान्स में आयोजित भारत के पहले एडवर्टिजमेंट ग्रां प्री विजेता एंजेलो डायस ने इसकी कहानी और पटकथा लिखी। 

फिल्म में मुख्य भूमिका अभिनेत्री प्लाबिता बोरठाकुर (पीके, लिपस्टिक अंडर माय बुर्का) और अंकुर विकल (स्लमडॉग मिलियनेयर) निभा रहे हैं। 

Thursday 27 June 2019

हलकी फुलकी हास्य फिल्मों के आयुष्मान के लिए तनाव भरी होगी Article 15


पिछले शुक्रवार (२१ जून)शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह रिलीज़ हो रही थी।  लेकिनउनका कोई इम्तिहान नहीं था। पिछले चार सालों में वह, पद्मावत के अलावा  एक्शन जैक्सन, शानदार, उड़ता पंजाब, रंगून और बत्ती गुल मीटर  चालू जैसी फ्लॉप फ़िल्में दे चुके थे।  उनकी इस फिल्म से  दूसरी पद्मावत बनने की उम्मीद नहीं की जाती थी।  अलबत्ताट्रेलर से उम्मीद ज़रूर थी।  शाहिद कपूर बिना परीक्षा के अव्वल नंबर साबित हुए।   कबीर सिंह ने, पांच दिनों में १०० करोड़ उड़ा लिए।

इस शुक्रवार (२८ जून) फिल्म आर्टिकल १५ रिलीज़ हो रही है।  लेकिन, आयुष्मान खुराना का कडा  इम्तिहान होना है।  वह पिछले साल दो फिल्मों बधाई हो और अंधाधुन और २०१७ में तीन फिल्मों यानि शुभ मंगल सावधान, बरेली की बर्फी और मेरी प्यारी बिंदु के नायक थे।  यानि दो साल में पांच हिट फ़िल्में।  वह तो हिट फिल्मों की मशीन बन चुके हैं।  उनकी फिल्म आर्टिकल १५ से काफी उम्मीदें हैं। ट्रेड रिकॉर्ड तोड़े जाने की राह देख रहा है।

लेकिन, सब इतना आसान नहीं होगा।  आयुष्मान  खुराना की फिल्मों के विषय तो भिन्न रहे थे।  लेकिन, उन्हें ख़ास फॉर्मेट में पेश किया जा रहा था।  यानि एक सीधा सदा, अमोल पालेकर मार्का लड़का और उसके चारों ओर हास्य-व्यंग्य का जाल।  इसमें गूँथ कर आयुष्मान खुराना तीर मार ले जाते थे। यह ज़्यादातर फ़िल्में इनके निर्देशकों की थी। लेकिन, तारीफ २१वी सदी के अमोल पालेकर को मिल रही थी।

इसलिए, फिल्म आर्टिकल १५ से, आयुष्मान खुराना काँटों वाली रहा पर चल  निकले हैं।  आर्टिकल १५ का विषय विवादित हैं।  इसमें कोई नयापन नहीं है।  विषय गंभीर है।  आयुष्मान का पहली बार सामना तनाव भरे माहौल से होगा।  क्या वह पुलिस भूमिका में कामयाब होंगे उनके प्रशंसक दर्शक उम्मीद तो रख ही रहे हैं । यहीं पर उन्हें तनाव होना चाहिए । वह अपनी वर्दी मे कितने पुलिस वाले साबित होंगे, यह खुराना को साबित करना है ।


अनुभव सिन्हा ने, रा.वन के फ्लॉप होने के बाद ट्रैक बदला है । वह विवादित विषयों पर फ़िल्में बनाने लगे हैं । इसके बावजूद गुलाब गैंग, जिद और तुम बिन २ फ्लॉप रही । मुल्क से हिन्दू-मुस्लमान का मसला उठा । पर काठ की हांड़ी पहली बार भी नहीं चढ़ी । अब उन्होंने जात-पात की बात की है । पर जातिवाद अब उस रूप में नहीं रहा । यह कथित शोषित भी जानता है और शोषण करने वाला भी । अनुभव सिन्हा क्या कहना चाहेंगे ? ऐसे में आयुष्मान खुराना कथानक के तनाव में तो फसेंगे ही ।

Laughing Colors के १६ साल



Laughing Colors, फेसबुक पर कॉमेडी एंटरटेनमेंट शुरू करने वाला हिंदुस्तान का पहला पेज था । लाफिंग कलर्स (Laughing Colors) कई जानेमाने एक्टर्स का काम देखती है।

सोलह साल पहले, Laughing Colors ने, सोशल मीडिया के ज़रिये लोगों को हँसाने का जिम्मा उठाया। लाफिंग कलर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश शर्मा का एक ही सपना रहा है कि दुनिया में हर इंसान को हास्य से जोड़ दूँ।

वह कहते हैं, "जब एक बच्चे को देखकर हम मुस्कुराते हैं तब बच्चा भी हमें देखकर मुस्कुराता है। इस कहते हैं लाफ्टर का जादू।"

वैदेही तेंदुलकर इस पेज का पूरा ख्याल रखती हैं। एक समय था जब Laughing Colors में सिर्फ दो लोग काम करते थे पर आज ८० लोग काम करते हैं। वैदेही इस कंपनी की बैकबोन हैं। लौघिंग कलर्स के फेसबुक पर ३० मिलियन प्रशंसक हैं । इंस्टाग्राम पर १.८ मिलियन लोग फॉलो करते हैं और यूट्यूब पे दो लाख़ सब्सक्राइबर हैं। इस समय हर रोज़ लगभग ५ से ६ लाख लोग रोज़ वेबसाइट देखते हैं।

लाफिंग कलर्स शुरू हुआ था लोगों को हँसाने के लिए । आज पूरी दुनिया इस पेज के बारे में जानती है।

Ajith Kumar की तमिल फिल्म Nerkonda Paarvai का गीत Vaanil Irul