भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 6 November 2013
गोरी तेरे प्यार में
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 5 November 2013
बॉलीवुड खबर (०५ नवम्बर २०१३) वाया ट्विटर
१- मेघना राखी गुलज़ार की अगली फिल्म में इरफ़ान खान मुख्य भूमिका करेंगे.
२- अजय देवगन, प्रभु देवा के साथ अपनी फिल्म एक्शन जैक्सन की शूटिंग अगले हफ्ते से शूट करेंगे.
३- सिंह साहब द ग्रेट का प्रमोशन करती अमृता राव.
४- चन्दन थिएटर मुंबई में दर्शकों के बीच ऋतिक रोशन और विवेक ओबेरॉय
५- द होब्बिट- द डेसोलेशन ऑफ़ स्मॉग का मुख्य पोस्टर
६- केवल चार दिन में १०८ करोड़ से ज्यादा. इंडियन बॉक्स ऑफिस पर शानदार कलेक्शन
७- सिटी ऑफ़ लाइट्स का निर्देशन अजय बहल के बजाय अब हंसल 'शाहिद' मेहता करेंगे.
८- कमाल आर खान की गन्दी जुबां काबू नहीं आ रही. इस बार उसने अनुष्का शर्मा पर छींटाकसी की-
KamaaI R Khan - KRK @KamaalkhanKRK
53m
@AnushkaSharma How much you sleep with Anurag Kashyap. Uska Bistar garam kar ke maja aaya na. Feel bad for you no one is giving you films.
२- अजय देवगन, प्रभु देवा के साथ अपनी फिल्म एक्शन जैक्सन की शूटिंग अगले हफ्ते से शूट करेंगे.
३- सिंह साहब द ग्रेट का प्रमोशन करती अमृता राव.
४- चन्दन थिएटर मुंबई में दर्शकों के बीच ऋतिक रोशन और विवेक ओबेरॉय
५- द होब्बिट- द डेसोलेशन ऑफ़ स्मॉग का मुख्य पोस्टर
६- केवल चार दिन में १०८ करोड़ से ज्यादा. इंडियन बॉक्स ऑफिस पर शानदार कलेक्शन
७- सिटी ऑफ़ लाइट्स का निर्देशन अजय बहल के बजाय अब हंसल 'शाहिद' मेहता करेंगे.
८- कमाल आर खान की गन्दी जुबां काबू नहीं आ रही. इस बार उसने अनुष्का शर्मा पर छींटाकसी की-
KamaaI R Khan - KRK
९- डेढ़ इश्किया बब्बन
१०- हंसल मेहता की फिल्म सिटी लाइट्स में राजकुमार 'शाहिद' यादव .
११- बिपाशा बासु ने हरमन बवेजा के साथ मनायी दीवाली .
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 4 November 2013
बॉलीवुड खबर (४ नवम्बर) वाया ट्विटर
१- अपने जन्मदिन पर प्रशंसकों का मन्नत से अभिवादन करते हुए शाहरुख़ खान
२- जय और अली की 'धूम'दार तीसरी वापसी.
३. सचिन जोशी की दीवाली पार्टी में सनी लीओन ने कोई डांस नहीं किया.
४- सोहेल खान ने जय हो की ११० करोड़ की डील पर कहा- प्लीज डोंट अंडर सेल माय फिल्म .
५- करण जौहर की अगली फिल्म का निर्देशन रेमो डी'सुजा करेंगे तथा नायक जॉन अब्राहम होंगे.
६- कृष ३ को दर्शकों द्वारा बहुत पसंद किये जाने पर ऋतिक रोशन ने कहा- मैं भाव विव्हल और स्पीचलेस हूँ.
७- हफ्ते में पांच बार फुटबॉल खेलना पसंद करते हैं आदित्य रॉय कपूर.
२- जय और अली की 'धूम'दार तीसरी वापसी.
३. सचिन जोशी की दीवाली पार्टी में सनी लीओन ने कोई डांस नहीं किया.
४- सोहेल खान ने जय हो की ११० करोड़ की डील पर कहा- प्लीज डोंट अंडर सेल माय फिल्म .
५- करण जौहर की अगली फिल्म का निर्देशन रेमो डी'सुजा करेंगे तथा नायक जॉन अब्राहम होंगे.
६- कृष ३ को दर्शकों द्वारा बहुत पसंद किये जाने पर ऋतिक रोशन ने कहा- मैं भाव विव्हल और स्पीचलेस हूँ.
७- हफ्ते में पांच बार फुटबॉल खेलना पसंद करते हैं आदित्य रॉय कपूर.
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 2 November 2013
हिंदी अख़बारों में दिवाली पर फिल्मों का दिवाला !
क्या हिंदी फिल्मों को लेकर कुछ लिखना आसान है? आजकल, अख़बारों में जिस प्रकार से ऐरा गैर, नत्थू खैरा हाथ साफ़ कर रहा है, उससे तो फिल्मों पर टिपण्णी बेहद आसान काम है. जबकि, वास्तव में ऐसा नहीं है. अगर फिल्मों को लेकर कुछ लिखना है तो बेहद अध्ययन की ज़रुरत है. हिंदी फिल्मों पर अंग्रेजी अख़बार हो या हिंदी, सबका रवैया चलता है जैसा है. एक अंग्रेजी अख़बार ने सनी देओल की फिल्म मोहल्ला अस्सी को मोहल्ला ८० लिख दिया था. यानि इसके लेखक का हिंदी ज्ञान न्यूनतम तो था ही, उन्होंने फिल्म के निर्माता को भी इस लायक नहीं समझा था कि शीर्षक की जानकारी कर लेता.
अच्छे और भिन्न विषयों पर लेख लिखने के लिए अख़बार के संपादक की समझ बेहद महत्त्व रखती है. लेकिन, दुखद तथ्य यह है कि ज्यादा अख़बारों के, ख़ास तौर पर हिंदी अख़बारों के, फीचर इन-चार्ज को फिल्मों से सरोकार नहीं रहता. उनके लिए बॉलीवुड का मतलब हिंदी फिल्मों के PR की भेजी सामग्री ही. जबकि, इन PR का हिंदी और अंग्रेजी ज्ञान ही माशाल्लाह है. हिंदी अख़बार PR के भेजे स्टार्स के इंटरव्यू को खूब छपते हैं. यह वही इंटरव्यू है जिन्हें यह PR अंग्रेजी अख़बारों के एंटरटेनमेंट पेज पर पैसा भुगतान कर छपवाते हैं. टाइम्स ऑफ़ इंडिया का बॉम्बे टाइम्स तो विज्ञापन पृष्ठ ही है. मुंबई के काफी अख़बारों में विज्ञापनों की तरह पैसा जमा कर रिलीज़ या इंटरव्यू छपे या छपवाए जा सकते हैं. जबकि, हिंदी अखबारों इन इंटरव्यूज और मैटर को इस तरह खुश हो कर छपते हैं, गोया उन्हें सितारे ने बैठ कर इंटरव्यू दिया है. भाई इतने बिजी अख़बार आपके हिंदी अख़बार के फ्रीलांसर या रिपोर्टर को, जिसे आप खुद मुंबई में पेट भरने लायक पेमेंट नहीं करते, इंटरव्यू कैसे दे सकता है. यह सभी इंटरव्यू स्टार्स के PR द्वारा ज़ारी किये जाते हैं. काफी PR वन २ वन के बजाय ग्रुप इंटरव्यू करवाते हैं. दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका, नई दुनिया, अमर उजाला, आदि के पत्रकारों को ही कभी कभी वन २ वन बात करने का मौका मिल जाये. वह भी अख़बार से ज्यादा उस जौर्नो के सम्पर्कों का कमाल होता है. ज़ाहिर है कि ज़्यादातर हिंदी अख़बार PR का कचरा अपने पाठकों को परोस देते हैं.
मेरे विचार से तो बढ़िया लेख तभी लिखे जा सकते हैं, जब उन पर काफी मनन किया जाये, लीक से हट कर विषयों को सामने लाया जाए. आजकल दीवाली का जोर है. लगभग हर हिंदी अख़बार में हिट होती हैं दिवाली पर रिलीज़ फ़िल्में विषय पर ही लिखा जा रहा है. हालाँकि, इन लेखों को लिखने वाले यह नहीं समझ पा रहे कि आज का जैसा वीकेंड कलेक्शन का ट्रेंड पहले नहीं था. स्टार पॉवर ही फिल्म चलाने के लिए काफी थी. वैसे हमेशा से ही दिवाली का त्यौहार दो कारणों से फिल्मों के बिज़नस के लिहाज़ से अच्छा नहीं माना जाता था. एक यह कि दिवाली के दौरान बड़ी आबादी अपने घरों की साफ़ सफाई, पूजा पाठ, आदि में व्यस्त रहती थी. दूसरे, रमजान के दौरान दिवाली पड़ना फिल्मों के लिए नुकसानदेह ही होता था. दिवाली को फिल्म बिज़नस के लिहाज़ से फायदेमंद बनाया शाहरुख़ खान की फिल्मों ने . लेकिन यह खान भी रमजान के दौरान पड़ने वाली दीपावली से कतराता है. अब यह ज़रूरी भी नहीं कि दिवाली के दौरान रिलीज़ सभी फ़िल्में हिट हों. दिवाली में अक्षय कुमार और सलमान खान तक की फ़िल्में फ्लॉप हो चुकी हैं. लेकिन, हिंदी फिल्मों के ट्रेंड को लेकर लेख लिखने वाले लिक्खाड़ दिवाली को हमेशा से फायदेमंद बता रहे हैं. लिखना है, कलम है, चाहे जो भी लिख दें.
मेरा मानना है कि अगर फीचर इन-चार्ज और राइटर की अच्छी जोड़ी है तो फिल्मों के ट्रेंड को लेकर बहुत अच्छा लिखा जा सकता है. मैंने दैनिक जागरण के लिए प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव के कार्यकाल में, अमर उजाला के लिए नरेन्द्र निर्मल के कार्यकाल में, हिंदुस्तान में विशाल ठाकुर के कार्यकाल में तथा नई दुनिया में अजय गर्ग के साथ बहुत सा अच्छा लिखा. यह ऐसे फीचर एडिटर थे, जो लेखक पर सब कुछ छोड़ना उचित समझते थे या विचार विमर्श कर लेख लिखवाते थे. मेरे द्वारा खास तौर पर हिंदुस्तान के विशाल ठाकुर और नई दुनिया के अजय गर्ग के साथ विमर्श कर बहुत अच्छा लिखा गया. अब यह बात दीगर है कि ख़राब पेमेंट के कारण मैंने हिंदुस्तान के लिए लिखना बंद कर दिया.मैंने हिंदुस्तान के लिए दिवाली पर एक लेख लिखा था हिंदी फिल्मों की लक्ष्मियाँ. इस लेख को लिखने में मुझे ७-८ घंटे लगे और पेमेंट मिला मात्र ३०० रूपया. मन खट्टा हो गया. करोड़ों रुपये विज्ञापनों से कमाने वाले अख़बार पेमेंट के नाम पर कितने घटिया हैं. बहरहाल, प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव, नरेन्द्र निर्मल, विशाल ठाकुर और अजय गर्ग फिल्मों की समझ रखने वाले और अपना इनपुट देने वाले लोग थे. बाकी अख़बारों के इन-चार्ज को यह तक नहीं मालूम कि आजकल बॉलीवुड में क्या हो रहा है. एक बड़े अख़बार के एंटरटेनमेंट एडिटर को यह तक नहीं मालूम कि ऑस्कर की विदेशी फिल्म केटेगरी में फ़िल्में कौन भेजता है. इन इन-चार्ज को बॉलीवुड के नाम पर जो कुछ मिल जाए, वही छापने से मतलब होता है. ऐसे में कैसे लिखा जाये बढ़िया?
अच्छे और भिन्न विषयों पर लेख लिखने के लिए अख़बार के संपादक की समझ बेहद महत्त्व रखती है. लेकिन, दुखद तथ्य यह है कि ज्यादा अख़बारों के, ख़ास तौर पर हिंदी अख़बारों के, फीचर इन-चार्ज को फिल्मों से सरोकार नहीं रहता. उनके लिए बॉलीवुड का मतलब हिंदी फिल्मों के PR की भेजी सामग्री ही. जबकि, इन PR का हिंदी और अंग्रेजी ज्ञान ही माशाल्लाह है. हिंदी अख़बार PR के भेजे स्टार्स के इंटरव्यू को खूब छपते हैं. यह वही इंटरव्यू है जिन्हें यह PR अंग्रेजी अख़बारों के एंटरटेनमेंट पेज पर पैसा भुगतान कर छपवाते हैं. टाइम्स ऑफ़ इंडिया का बॉम्बे टाइम्स तो विज्ञापन पृष्ठ ही है. मुंबई के काफी अख़बारों में विज्ञापनों की तरह पैसा जमा कर रिलीज़ या इंटरव्यू छपे या छपवाए जा सकते हैं. जबकि, हिंदी अखबारों इन इंटरव्यूज और मैटर को इस तरह खुश हो कर छपते हैं, गोया उन्हें सितारे ने बैठ कर इंटरव्यू दिया है. भाई इतने बिजी अख़बार आपके हिंदी अख़बार के फ्रीलांसर या रिपोर्टर को, जिसे आप खुद मुंबई में पेट भरने लायक पेमेंट नहीं करते, इंटरव्यू कैसे दे सकता है. यह सभी इंटरव्यू स्टार्स के PR द्वारा ज़ारी किये जाते हैं. काफी PR वन २ वन के बजाय ग्रुप इंटरव्यू करवाते हैं. दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका, नई दुनिया, अमर उजाला, आदि के पत्रकारों को ही कभी कभी वन २ वन बात करने का मौका मिल जाये. वह भी अख़बार से ज्यादा उस जौर्नो के सम्पर्कों का कमाल होता है. ज़ाहिर है कि ज़्यादातर हिंदी अख़बार PR का कचरा अपने पाठकों को परोस देते हैं.
मेरे विचार से तो बढ़िया लेख तभी लिखे जा सकते हैं, जब उन पर काफी मनन किया जाये, लीक से हट कर विषयों को सामने लाया जाए. आजकल दीवाली का जोर है. लगभग हर हिंदी अख़बार में हिट होती हैं दिवाली पर रिलीज़ फ़िल्में विषय पर ही लिखा जा रहा है. हालाँकि, इन लेखों को लिखने वाले यह नहीं समझ पा रहे कि आज का जैसा वीकेंड कलेक्शन का ट्रेंड पहले नहीं था. स्टार पॉवर ही फिल्म चलाने के लिए काफी थी. वैसे हमेशा से ही दिवाली का त्यौहार दो कारणों से फिल्मों के बिज़नस के लिहाज़ से अच्छा नहीं माना जाता था. एक यह कि दिवाली के दौरान बड़ी आबादी अपने घरों की साफ़ सफाई, पूजा पाठ, आदि में व्यस्त रहती थी. दूसरे, रमजान के दौरान दिवाली पड़ना फिल्मों के लिए नुकसानदेह ही होता था. दिवाली को फिल्म बिज़नस के लिहाज़ से फायदेमंद बनाया शाहरुख़ खान की फिल्मों ने . लेकिन यह खान भी रमजान के दौरान पड़ने वाली दीपावली से कतराता है. अब यह ज़रूरी भी नहीं कि दिवाली के दौरान रिलीज़ सभी फ़िल्में हिट हों. दिवाली में अक्षय कुमार और सलमान खान तक की फ़िल्में फ्लॉप हो चुकी हैं. लेकिन, हिंदी फिल्मों के ट्रेंड को लेकर लेख लिखने वाले लिक्खाड़ दिवाली को हमेशा से फायदेमंद बता रहे हैं. लिखना है, कलम है, चाहे जो भी लिख दें.
मेरा मानना है कि अगर फीचर इन-चार्ज और राइटर की अच्छी जोड़ी है तो फिल्मों के ट्रेंड को लेकर बहुत अच्छा लिखा जा सकता है. मैंने दैनिक जागरण के लिए प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव के कार्यकाल में, अमर उजाला के लिए नरेन्द्र निर्मल के कार्यकाल में, हिंदुस्तान में विशाल ठाकुर के कार्यकाल में तथा नई दुनिया में अजय गर्ग के साथ बहुत सा अच्छा लिखा. यह ऐसे फीचर एडिटर थे, जो लेखक पर सब कुछ छोड़ना उचित समझते थे या विचार विमर्श कर लेख लिखवाते थे. मेरे द्वारा खास तौर पर हिंदुस्तान के विशाल ठाकुर और नई दुनिया के अजय गर्ग के साथ विमर्श कर बहुत अच्छा लिखा गया. अब यह बात दीगर है कि ख़राब पेमेंट के कारण मैंने हिंदुस्तान के लिए लिखना बंद कर दिया.मैंने हिंदुस्तान के लिए दिवाली पर एक लेख लिखा था हिंदी फिल्मों की लक्ष्मियाँ. इस लेख को लिखने में मुझे ७-८ घंटे लगे और पेमेंट मिला मात्र ३०० रूपया. मन खट्टा हो गया. करोड़ों रुपये विज्ञापनों से कमाने वाले अख़बार पेमेंट के नाम पर कितने घटिया हैं. बहरहाल, प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव, नरेन्द्र निर्मल, विशाल ठाकुर और अजय गर्ग फिल्मों की समझ रखने वाले और अपना इनपुट देने वाले लोग थे. बाकी अख़बारों के इन-चार्ज को यह तक नहीं मालूम कि आजकल बॉलीवुड में क्या हो रहा है. एक बड़े अख़बार के एंटरटेनमेंट एडिटर को यह तक नहीं मालूम कि ऑस्कर की विदेशी फिल्म केटेगरी में फ़िल्में कौन भेजता है. इन इन-चार्ज को बॉलीवुड के नाम पर जो कुछ मिल जाए, वही छापने से मतलब होता है. ऐसे में कैसे लिखा जाये बढ़िया?
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉलीवुड खबर (२ नवम्बर) वाया ट्विटर
१- जन्मदिन मुबारक शाहरुख़ खान/ डायना पेंटी
२- रे..राजकुमार के एक सीन के लिए सोनू सूद और सोनाक्षी सिन्हा आठ घंटे तक गंदे पानी में खड़े रहे.
३- हिंदी फिल्मफेयर( नवम्बर २०१३) और इंडिया टुडे के कवर पर दीपिका पादुकोण .
४- तनु वेड्स मनु के सीक्वल को आनंद एल राज ही डायरेक्ट करेंगे.
५- कृष ३ के क्लाइमेक्स के लिए काल ( विवेक ओबेरॉय ) और कृष ( ऋतिक रोशन ) के बीच कॉम्बैट फाइट का सीन फिल्म की एडिटिंग के समय काट दिया गया.
६- कटरीना कैफ ने कहा- मेरे पास बहुत जेवर नहीं हैं.
२- रे..राजकुमार के एक सीन के लिए सोनू सूद और सोनाक्षी सिन्हा आठ घंटे तक गंदे पानी में खड़े रहे.
३- हिंदी फिल्मफेयर( नवम्बर २०१३) और इंडिया टुडे के कवर पर दीपिका पादुकोण .
४- तनु वेड्स मनु के सीक्वल को आनंद एल राज ही डायरेक्ट करेंगे.
५- कृष ३ के क्लाइमेक्स के लिए काल ( विवेक ओबेरॉय ) और कृष ( ऋतिक रोशन ) के बीच कॉम्बैट फाइट का सीन फिल्म की एडिटिंग के समय काट दिया गया.
६- कटरीना कैफ ने कहा- मेरे पास बहुत जेवर नहीं हैं.
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 1 November 2013
स्वागत कीजिये भारत के सुपर हीरो कृष का
हिंदुस्तान में विज्ञान फंतासी फिल्म बनाने के अपने खतरे होते हैं. अव्वल यह फ़िल्में काफी महंगी होती हैं. फिल्म की लागत निकालने में निर्माता को पसीने छूट जाते हैं. शाहरुख़ खान गवाही देंगे कि उनकी महत्वकांक्षी फिल्म रा.वन अपनी लागत नहीं निकाल पायी थी. फिल्म दर्शकों को पसंद नहीं आई तो सब कुछ चौपट हो जाता है. दर्शकों की पसंदगी के आड़े आती हैं हॉलीवुड से विज्ञान फंतासी फ़िल्में. बॉलीवुड की विज्ञानं फंतासी फिल्मों पर हॉलीवुड की नक़ल का आरोप आसानी से लग जाता है. जिस प्रकार से हॉलीवुड की फ़िल्में भारतीय भाषाओँ में डब होकर रिलीज़ हो रही हैं, भारतीय दर्शकों के लिए ऎसी तुलना करना आसान भी हो जाता है.
राकेश रोशन ने यह खतरा कृष ३ बना कर उठाया है. मानना पड़ेगा कि अपने इस प्रयास में वह खतरों के खिलाड़ी साबित होते हैं. राकेश रोशन ने कृष ३ को सुपरहीरो बना कर हॉलीवुड को ललकारा है. उन्होंने उत्कृष्ट SFX के जरिये कल्पना का ज़बरदस्त संसार बनाया है. कृष की तुलना बॉलीवुड के सुपरहीरो से होगी. कई दृश्य हॉलीवुड की सुपरमैन और आयरनमैन फिल्मों की याद दिलाते हैं. ख़ास तौर पर बिल्डिंग से गिर रहे लोगों और हवाई जहाज को क्रेश होने से बचाने के लिए उड़ रहे कृष के दृश्य सुपरमैन और बैटमैन की याद दिलाते हैं. कृष का गिरती बिल्डिंग को अपने हाथों से रोकना स्पाइडर मैन की याद दिला देगा. कृष को बिल्डिंगों पर दौड़ते देख कर अनायास ख्याल आता है कि जब कृष हवा में उड़ सकता है तो वह दौड़ क्यों रहा. क्लाइमेक्स में काल द्वारा अपने शरीर को लोहे से ढकना आयरनमैन में रोबर्ट डाउनी जूनियर के आयरनमैन बनाने का दृश्य याद करा देता है. लेकिन, इसके बावजूद कृष ३ खालिस भारतीय है. स्पेशल इफेक्ट्स और कैमरा ट्रिक्स का ज्यादा इस्तेमाल के बावजूद फिल्म में भारतीयता है. राकेश रोशन अपने किरदारों के बीच ज़बरदस्त इमोशन स्थापित करते हैं. कृष्णा और रोहित तथा प्रिया के बीच जुड़ाव प्रभावित करने वाला है.
फर्स्ट इंडियन सुपर वुमन |
सब पर भारी विवेक ओबेरॉय |
तकनीक पर ज्यादा निर्भर कृष ३ के सोने पर सुहागा है ऋतिक रोशन, प्रियंका चोपड़ा और कंगना रानौत का अभिनय. लेकिन इन सब पर भारी पड़ते हैं विवेक ओबेरॉय. फिल्म में विवेक काल की भूमिका में हैं. यह भूमिका बेहद कठिन थी. पूरी फिल्म में वह व्हीलचेयर पर हैं. ऐसे में केवल चहरे के हाव भाव से ही वह दर्शकों को प्रभावित कर सकते थे. उन्होंने अन्य कलाकारों को पछाड़ कर यह काम बखूबी अंजाम दिया है. कंगना रानौत को एक प्रभावशाली भूमिका मिली है. इसे वह बखूबी अंजाम देती हैं. वह जितनी खूबसूरत लगती हैं उतनी ही सेक्सी और अभिनयशील भी. प्रियंका चोपड़ा में गज़ब की सेक्स अपील है. लेकिन, वह ज्यादा प्रभावित करती हैं अपने अभिनय से. ऋतिक रोशन रोहित मेहरा, कृष्णा और कृष की तिहारी भूमिकाओं को संजीदगी से करते हैं. वह भारत के रोबर्ट डाउनी जूनियर साबित होते हैं. अपनी नृत्य प्रतिभा से वह दर्शकों की तालियाँ बटोर पाने में कामयाब होते हैं. अन्य कलाकारों ने बस भरपाई की है.
कृष ३ बच्चो के लिए बेहतरीन फिल्म है. काल और काया के अलावा राइनोमैन, चीतावुमन, अंटमैन और फ्रॉग मैन बच्चों को आकर्षित करने वाले म्युटेंट हैं. कृष के साथ इनकी भिडंत बेहद रोमांचक है और बाल दर्शकों के आकर्षण का केंद्र भी.
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉलीवुड खबर (१ नवम्बर) वाया ट्विटर
१- ग्राजिया के कवर पर सोनाक्षी सिन्हा.
२- जन्मदिन मुबारक ऐश्वर्या राय बच्चन/ इलिआना डी'क्रूज़/टिस्का चोपड़ा/
३- निश्चित रूप से २४ जनवरी २०१४ को रिलीज़ होगी सलमान खान की फिल्म जय हो .
४- बेरूत में अपनी फिल्म के कुछ अहम् हिस्से शूट करने के बाद निर्देशक कबीर खान दिवाली मनाने के लिए मुंबई वापस .
५- शाहिद कपूर और सोनाक्षी सिन्हा रेडियो फीवर १०४ FM पर रे..राजकुमार का प्रमोशन करते हुए .
६-फिलिप्स केविज्ञापन में अभिनेत्री श्रुति हासन.
७- निर्देशक देव बेनेगल की फिल्म में करीना कपूर फरहान अख्तर की हीरोइन बन कर आ सकती हैं.
८-टाइम्स सेलेबेक्स में करीना कपूर कटरीना कैफ को १५.५ अंकों के अंतर से हरा कर नंबर वन बनीं.
९- दिलीप कुमार के पाली हिल बंगलो के मरम्मत पर लगी रोक कोर्ट ने हटाई.
१०- फिल्म मिस्टर जो बी कार्वाल्हो का पोस्टर
२- जन्मदिन मुबारक ऐश्वर्या राय बच्चन/ इलिआना डी'क्रूज़/टिस्का चोपड़ा/
३- निश्चित रूप से २४ जनवरी २०१४ को रिलीज़ होगी सलमान खान की फिल्म जय हो .
४- बेरूत में अपनी फिल्म के कुछ अहम् हिस्से शूट करने के बाद निर्देशक कबीर खान दिवाली मनाने के लिए मुंबई वापस .
५- शाहिद कपूर और सोनाक्षी सिन्हा रेडियो फीवर १०४ FM पर रे..राजकुमार का प्रमोशन करते हुए .
६-फिलिप्स केविज्ञापन में अभिनेत्री श्रुति हासन.
७- निर्देशक देव बेनेगल की फिल्म में करीना कपूर फरहान अख्तर की हीरोइन बन कर आ सकती हैं.
८-टाइम्स सेलेबेक्स में करीना कपूर कटरीना कैफ को १५.५ अंकों के अंतर से हरा कर नंबर वन बनीं.
९- दिलीप कुमार के पाली हिल बंगलो के मरम्मत पर लगी रोक कोर्ट ने हटाई.
१०- फिल्म मिस्टर जो बी कार्वाल्हो का पोस्टर
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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