श्रीदेवी को
श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए रामगोपाल वर्मा कहते हैं, “श्रीदेवी को मृत्यु देने के कारण मैं भगवान् से घृणा करता हूँ और मरने के लिए श्रीदेवी से।" श्रीदेवी को वर्मा की यह
श्रद्धांजलि एक घोर प्रशंसक की सही मायनों में श्रद्धांजलि है। कोई भी प्रशंसक कैसे
अपने आइडल को इतनी कम उम्र में मरता देख सकता है। फिर रामगोपाल वर्मा के करियर के
लिए तो श्रीदेवी का बड़ा महत्व था। नागार्जुन के साथ शिवा बनाने के बाद, उन्हें एक
फ़िल्म निर्माता ने श्रीदेवी के साथ फिल्म बनाने का प्रस्ताव किया था। वर्मा के लिए
स्वप्न सत्य होने के सामान था। उस समय तक श्रीदेवी तमिल, तेलुगु और बॉलीवुड फिल्मों की
सुपरस्टार बन चुकी थी, जबकि रामगोपाल वर्मा के तेलगु फिल्म करियर की शरुआत ही हुई थी। उन्होंने तब तक शिवा ही बनाई थी। श्रीदेवी ने इस नवोदित निर्देशक के साथ फिल्म करने से इनकार नहीं किया। श्रीदेवी के साथ तेलुगु फिल्म क्षणम क्षणम ने रामगोपाल वर्मा पर पुरस्कारों की बारिश कर दी थी। फिल्म सुपरहिट हुई। इसके बाद श्रीदेवी ने वर्मा के साथ गोविंदा गोविंदा भी की।
फिल्मों में ही बीता जीवन
श्रीदेवी के
लिए कहा जा सकता है कि वह फिल्मों में ही बचपन से जवानी जीती चली गई। श्रीदेवी का जन्म, तमिलनाडु
में शिवकाशी में १३ अगस्त १९६३ को हुआ था। उन्होंने, सिर्फ चार साल की उम्र में तमिल फिल्म थुनैवन में भगवान मुरुगन का बाल किरदार किया था। सिर्फ १३ साल की उम्र में वह रजनीकांत और कमल हासन की फिल्म मुंदरू मुदिचु से नायिका बनी। जूली (१९७५) में लक्ष्मी की टीनएज बहन की भूमिका कर रही थी। इसके साथ ही, वह दक्षिण और हिंदी की फिल्म इंडस्ट्री में छाती चली गई। एक समय वह तमिल,
तेलुगु और हिंदी फिल्मों में एकछात्र राज्य किया करती थी। उनको कोई चुनौती नहीं थी। तमिल
पिता अयप्पन और तेलुगु माँ राजेश्वरी की बेटी श्रीदेवी, अपनी माँ के ज्यादा निकट
थी। राजेश्वरी ने ही श्रीदेवी के करियर को संवारा। वह फिल्मों और निजी जीवन के बारे में
श्रीदेवी को सलाह दिया करती थी। राजेश्वरी की मौत ने श्रीदेवी को अकेला कर दिया
था।
अस्सी के दशक की फ्लॉप का टॉप
श्रीदेवी, हिंदी फिल्मों की टॉप की अभिनेत्री हुआ करती थी। मगर, उनकी बतौर
नायिका पहली हिंदी फिल्म अमोल पालेकर के साथ सोलहवां सावन फ्लॉप हुई थी। दूसरी
फिल्म सदमा भी कुछ ख़ास नहीं कर सकी। फिर
आई जीतेंद्र के साथ एक्शन कॉमेडी फिल्म हिम्मतवाला (१९८३) । यह फिल्म सुपर हिट हुई। श्रीदेवी की थंडर थइ ने
हिंदी दर्शकों इतना आकर्षित किया कि वह सबसे सफल सेक्स बम बन गई। अब यह बात दीगर
है कि अपनी अभिनय क्षमता के बूते वह टॉप
पर पहुंची। उन्होंने अपने समय के बॉलीवुड के सभी टॉप अभिनेताओं जीतेन्द्र, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, आदि के साथ कई फ़िल्में की।
ओरिजिनल चॉइस
नहीं
चौंकाने वाली बात है कि श्रीदेवी की
करियर को नई ऊँचाइयाँ देने वाली फिल्मों की पहली पसंद श्रीदेवी नहीं थी। श्रीदेवी को
शुरूआती दौर में हिंदी नहीं आती थी। फिल्मों में उनके संवाद अभिनेत्री नाज़ या रेखा
डब किया करती थी। इसीलिए यश चोपड़ा, श्रीदेवी को चांदनी की नायिका नहीं बनाना
चाहते थे। तब श्रीदेवी ने उनसे अपने संवाद खुद डब करने का वादा किया। इसी प्रकार
से, नगीना के लिए हरमेश मल्होत्रा की पहली पसंद जयाप्रदा थी। लेकिन, अंततः यह
दोनों फ़िल्में श्रीदेवी ने की और उन्हें बॉलीवुड सुपरस्टार एक्ट्रेस का खिताब
दिलवा दिया।
रजनीकांत और
कमल हासन की जोड़ीदार श्रीदेवी
श्रीदेवी ने
तमिल और तेलुगु फिल्मों के तमाम बड़े अभिनेताओं के साथ फ़िल्में की। उन्होंने कमल
हासन और रजनीकांत के साथ लगभग २३-२३ फ़िल्में की। उन्होंने, तमिल और तेलुगु के उस उस समय के टॉप अभिनेताओं एंटी रामाराव, अक्कीनेनी नागेश्वरराव, विष्णुवर्द्धन और कृष्णा के साथ फ़िल्में की। के राघवेंद्र राव की फिल्मों ने उन्हें दक्षिण के साथ साथ हिंदी फिल्मों में भी स्टार बना दिया था। राघवेंद्र उन्हें लेकर पहले दक्षिण की भाषा में फिल्म बनाते और फिल्म इसका हिंदी रीमेक बनाते। श्रीदेवी ने बॉलीवुड के भी सभी बड़े सितारों के साथ फ़िल्में की। उन्होंने जीतेंद्र के साथ हिम्मतवाला से अपने
करियर को बॉलीवुड में जमाया। श्रीदेवी ने जीतेंद्र और अनिल कपूर के साथ १६-१६
फ़िल्में की। इन फिल्मों में उन्होंने जम कर अंग प्रदर्शन किया। उन्होंने एक समय अनिल कपूर के साथ बेटा करने से मना कर दिया था, क्योंकि,
वह पहले ही अनिल कपूर के साथ काफी फ़िल्में कर रही थी। वह तीन फिल्मों में अमिताभ
बच्चन की नायिका थी। सनी देओल के साथ ६, ऋषि कपूर के साथ ५ तथा मिथुन चक्रवर्ती और राजेश खन्ना के साथ ४-४ फ़िल्में की। श्रीदेवी ने नई पीढ़ी के तमाम अभिनेताओं के साथ भी फ़िल्में की। श्रीदेवी ऎसी अभिनेत्रियों में शुमार हैं, जो बाप और बेटा दोनों की हीरोइन बनी। श्रीदेवी ने धर्मेंद्र और सनी देओल के साथ ६-६ फ़िल्में की। उन्होंने अक्षय कुमार के साथ मेरी बीवी का जवाब नहीं, सलमान खान के साथ चाँद का टुकड़ा और चंद्रमुखी, शाहरुख़ खान के साथ आर्मी, संजय दत्त के साथ गुमराह जैसी फिल्मे की।
नहीं की
जुरैसिक पार्क
श्रीदेवी को,
१९९३ में रिलीज़ स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म जुरैसिक पार्क में रोल ऑफर हुआ था। लेकिन, श्रीदेवी को लगा कि फिल्म में उनकी भूमिका बहुत छोटी थी। इस भूमिका के लिए
उन्हें लम्बे समय तक हिंदी फिल्मों से दूर रहना पड़ता। जबकि, उस समय उनके पास बहुत
सी हिंदी फ़िल्में थी। इसलिए, श्रीदेवी ने हॉलीवुड की इस सुपरहिट फिल्म को न बोल
दी।
फिल्मों से
सन्यास के बावजूद
श्रीदेवी ने, १९९७ में, बोनी कपूर से शादी करने के
बाद हिंदी फिल्मों को अलविदा कह दिया था। उनकी वापसी, २०१२ में गौरी शिंदे की
फिल्म इंग्लिश विंग्लिश से हुई। लेकिन, इस दौरान भी बॉलीवुड में उनको याद किया
जाता रहा। श्रीदेवी ने २००४ में टीवी सीरीज मालिनी अय्यर की। मेरी बीवी का जवाब
नहीं भी इसी दौरान रिलीज़ हुई। अपनी वापसी के लिए तमिल फिल्म पुली से शुरुआत की।
श्रीदेवी ने अपने जीवन में सब कुछ बहुत जल्दी पा लिया था। वह चार साल में दक्षिण की फिल्मों में अभिनय करने लगी। चौदह साल की उम्र में वह तमिल और तेलुगु फिल्मों की बड़ी स्टार अभिनेत्री बन चुकी थी। बीस साल की उम्र में, वह हिंदी फिल्म हिम्मतवाला (१९८३) से बॉलीवुड की स्थापित नायिका बन गई। वह, १९८५ से १९९२ तक हिंदी फिल्मों की सबसे ज़्यादा पारिश्रमिक पाने वाली अभिनेत्री थी। उनके लिए पहली बार सुपरस्टार का विशेषण इस्तेमाल किया गया। १९९३ से १९९६ तक यानि बोनी कपूर से शादी करने और संन्यास लेने तक वह बॉलीवुड की सबसे ज़्यादा पारिश्रमिक लेने वाली दूसरे स्थान की अभिनेत्री थी। यह विडम्बना ही थी कि मृत्य ने भी उन्हें सबसे जल्दी चुना। वह सिर्फ ५४ साल की उम्र में स्वर्गवासी हो गई। उन्हें श्रद्धांजलि।
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