‘वीनस ऑफ इंडियन सिनेमा' और 'द ब्यूटी ऑफ ट्रेजेडी’ के उपनामों से संबोधित मधुबाला का आज जन्मदिन है. प्यार के उत्सव के दिन 1933 में जन्मी मुमताज़ जहाँ बेगम देहलवी को मधुबाला के नाम से अपने परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए 9 साल की उम्र में कैमरा के सामने उतरना पडा । वह एक ऐसी अभिनेत्री थी, जो बहुत छोटे फ़िल्मी जीवन के बाद भी प्रसिद्धि के शीर्ष पर पहुंची. उन्होंने ७० फिल्मों में अभिनय किया.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 14 February 2023
आज जन्मी थी Venus of Indian Cinema Madhubala
Tuesday, 15 November 2022
वरिष्ठ तेलुगु सुपरस्टार कृष्णा का निधन !
तेलुगु फिल्मों के युवा सुपरस्टार महेश बाबू के फिल्म निर्माता, निर्देशक और अभिनेता पिता गट्टामनेनी शिव राम कृष्णामूर्ति का ७९ साल की आयु में हृदयाघात से देहांत हो गया.
वह १९६०, १९७० और १९८० के दशक की तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार कहलाते थे. उन्होंने ३५० से अधिक तेलुगु फिल्मों में अभिनय किया. उनके पद्मालय स्टूडियो से कई हिट हिंदी फिल्मों का निर्माण भी हुआ.
कृष्णा के नाम, दो अभिनेत्रियों विजय निर्मला के साथ ४८ और जया प्रदा के साथ ४७ फिल्में करने का कीर्तिमान लिखा हुआ है.
कृष्णा ने, तेलुगु फिल्मों में कई नई तकनीक और जोनर के साथ फिल्मों का परिचय कराया. काऊबॉय फिल्मों की शुरुआत भी कृष्णा ने की. पहली सिनेमास्कोप फिल्म अल्लूरी सीताराम राजू के निर्माता भी कृष्णा थे. पहली ईस्टमैन कलर फिल्म ईनाडु, पहली ७०एमएम् फिल्म सिंहासन, पहली डीटीएस फिल्म वीर लेवारा से कृष्णा का नाम जुड़ा हुआ था. उन्होंने तेलुगु भाषा की पहली स्पाई फिल्म गुदाचारी ११६ (१९६६) अभिनय करने के बाद जेम्स बांड ७७७ (१९७१), एजेंट गोपी (१९७८), रहस्य गुदाचारी (१९८१) और गुदाचारी ११७ (१९८९) जैसी स्पाई थ्रिलर फिल्मों में भी अभिनय किया.
उन्होंने अपने बेटे महेश बाबु को लेकर छः फिल्मों का निर्देशन किया.
उन्होंने कुल १७ फीचर फिल्मों का निर्देशन किया. वह कांग्रेस पार्टी के टिकट से
लोकसभा के लिए भी चुने गए.
कृष्णा का आकस्मिक निधन, अभिनेता महेश
बाबु के लिए इस साल तीसरा आधात है. इस साल जनवरी में उनके भाई रमेश बाबु और
सितम्बर में उनकी माँ इंदिरा देवी का निधन हो गया था. ईश्वर महेश बाबु को इन
आघातों को सहने की शक्ति दे. कृष्णा को श्रद्धांजलि.
Sunday, 6 February 2022
मेरी आवाज़ ही पहचान है- लता मंगेशकर
हिंदी फिल्म संगीत को मधुर आवाज़ देने वाली लता मंगेशकर
स्वर कोकिला और हिंदी फिल्मों की मशहूर पार्श्वगायिका लता मंगेशकर का जन्म २८ सितम्बर १९२९ को ब्रिटिश इंडिया के अंतर्गत सेंट्रल इंडिया एजेंसी के इंदौर राज्य के इंदौर में हुआ था। उनकी माँ का नाम शेवंती था। शेवंती, पिता दीनानाथ की दूसरी पत्नी थी। लता का जन्म का नाम हेमा था। जिसे बाद में बदल कर लता कर दिया गया। यह नाम पिता के एक नाटक भाव बंधन की किरदार लतिका से लिया गया था। पिता ने अपना उपनाम हार्डिकर से बदलकर मंगेशकर किया था, क्योंकि वह गोवा में अपने गाँव मंगेशी की याद बनाए रखना चाहते थे।
Friday, 16 July 2021
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता सुरेखा सीकरी का निधन
फिल्म बधाई हो में, आयुष्मान खुराना की दादी की भूमिका करने वाली अभिनेत्री सुरेखा सीकरी का हृदयाघात से निधन हो गया है. वह ७६ साल की थी.
१९ अप्रैल १९४५ को दिल्ली में जन्मी सुरेखा सीकरी के अभिनय जीवन की शुरुआत रंगमंच से हुई थी. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्नातक सुरेखा सीकरी की फिल्मों में अभिनय यात्रा अमृत नाहटा की राजनीतिक व्यंग्य फिल्म किस्सा कुर्सी का (१९७५) से हुई थी.
उन्होंने अपने अभिनय जीवन में रंगमंच, फिल्म और टीवी में समान अधिकार से अभिनय किया. उन्होंने अभिनय के लिए तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिलें. यह पुरस्कार तामस, मम्मो और बधाई हो के लिए थे. फिल्म बधाई हो में सुरेखा सीकरी ने आयुष्मान खुराना की दादी की भूमिका से दर्शकों और समीक्षकों को बेहद प्रभावित किया था.
नसीरुद्दीन शाह, सुरेखा सीकरी के पूर्व जीजा थे. नसीरुद्दीन शाह की बेटी हिबा शाह ने टीवी सीरियल बालिका वधु में अपनी मौसी की युवा भूमिका की थी. सुरेखा सीकरी को १९८९ में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार दिया गया था. उन्हें श्रद्धांजलि.
Monday, 12 July 2021
कुश्ती के अपराजेय रुस्तम दारा सिंह
उन्होंने १९५४ में नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप जीती. वह इस खिताब को जीतने के समय सिर्फ २४ साल के थे. रुस्तम ए पंजाब और रुस्तम ए हिन्द का खिताब जीता. वह रुस्तम ए हिन्द का खिताब जीतने के समय २६ साल के थे. १९५९ और १९९६ में कॉमनवेल्थ चैंपियन बने.
उनका फिल्म करियर फिल्म संगदिल (१९५२) से शुरू हुआ. बाबुभाई मिस्त्री की फिल्म किंग कोंग उनकी बतौर नायक पहली फिल्म थी. उनकी मुमताज़ के साथ जोड़ी खूब जमी. हालाँकि, किंग कोंग की नायिका कुमकुम थी. उन्होंने मुमताज़ के साथ १६ फ़िल्में की.
उन्हें उस समय प्रति फिल्म ४ लाख मिला करते थे. उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में फौलाद, रुश्तम ए बग़दाद, आवारा अब्दुल्ला, सेमसन, आया तूफ़ान, आंधी और तूफ़ान, रुश्तम ए हिन्द, बॉक्सर, आदि थी.
वह सिकंदर ए आज़म में पृथ्वीराज कपूर के पोरस के सिकंदर थे. बलराम श्रीकृष्णऔर कृष्णा कृष्णा के बलराम थे. हरी दर्शन और हर हर महादेव में शिव बने थे. अमर शहीद भगत सिंह में क्रन्तिकारी केहर सिंह बने थे. वह फिल्म बजरंगबलि, लव कुश और रामायण सीरियल के हनुमान थे.
उन्होंने ७ पंजाबी और हिंदी फिल्मों का निर्देशन किया . फिल्म मर्द में
अमिताभ बच्चन के बाप और जबन वी मेट में करीना कपूर के दादा जी तथा राज्य सभा सांसद
बनने वाले यह व्यक्ति थे कुश्ती के अजेय दारा सिंह. कैसी विडम्बना थी कि उनकी
मृत्यु आज के दिन १२ जुलाई २०१२ को दिल का दौरा पड़ने से हुई.