‘वीनस ऑफ इंडियन सिनेमा' और 'द ब्यूटी ऑफ ट्रेजेडी’ के उपनामों से संबोधित मधुबाला का आज जन्मदिन है. प्यार के उत्सव के दिन 1933 में जन्मी मुमताज़ जहाँ बेगम देहलवी को मधुबाला के नाम से अपने परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए 9 साल की उम्र में कैमरा के सामने उतरना पडा । वह एक ऐसी अभिनेत्री थी, जो बहुत छोटे फ़िल्मी जीवन के बाद भी प्रसिद्धि के शीर्ष पर पहुंची. उन्होंने ७० फिल्मों में अभिनय किया.
यह भारतीय सिनेमा की फर्स्ट लेडी फिल्म निर्माता, अभिनेत्री और निर्देशक देविका रानी थीं, जिन्होंने युवा मताज़ जहाँ बेगम में असीमित अभिनय क्षमता देखी. उन्होंने ही मधुबाला को परदे का नाम दिया । मधुबाला ने १९४७ की फिल्म नील कमल में राज कपूर के साथ अपनी पहली मुख्य भूमिका निभाई, इस फिल्म में उनका मुमताज के नाम से अंतिम परिचय कराया गया था.
मधुबाला ने 36 साल के जीवन काल में महल, अमर, मिस्टर एंड मिसेज '55, चलती का नाम गाड़ी, हावड़ा ब्रिज, बरसात की रात और मुगल ए आजम सहित कई यादगार फिल्में कीं। देवानंद के साथ शराबी उनकी अंतिम फिल्म थी. ज्वाला को उनकी मृत्यु के दो साल बाद प्रदर्शित हुई थी. पर फिल्म फ्लॉप हुई.
23 फरवरी 1969 को, अपने 36वें जन्मदिन के नौ दिन बाद लम्बी बीमारी से जूझने के बाद, उनका दुखद निधन हो गया. मृत्यु से पहले तक असीम कष्ट झेलने वाली मधुबाला का फिल्मो के प्रति प्रेम कम नहीं हुआ था. वह फिल्म फ़र्ज़ और इश्क से अपने फिल्म करियर में निर्देशक को जोड़ना चाहती थी. किन्तु मृत्यु ने उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी. उन्हें श्रद्धांजलि.
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