आज २०१३ का आखिरी शुक्रवार है. बॉलीवुड की तमाम लाइव फ़िल्में, कड़ाके की ठण्ड के बजाय बॉक्स ऑफिस पर धूम ३ की धूम से काँप रही हैं. ऐसे में एक एनीमेशन फ़िल्म महाभारत ही २०१३ की आखिरी फ़िल्म साबित होने जा रही है. हालाँकि, इस फ़िल्म के एनिमेटेड करैक्टर को फ़िल्म इंडस्ट्री के अमिताभ बच्चन, अनिल कपूर,अजय देवगन, जॅकी श्रॉफ, मनोज बाजपेयी, विद्या बालन, आदि दिग्गज कलाकारों ने आवाज़ दी है. लेकिन, लगता नहीं कि इतनी बड़ी बड़ी आवाज़ें भी, दर्शकों को आमिर खान की कचरा धूम से उबर कर, महाभारत के एनिमेटेड भीष्म, पांडव, कौरवों और कृष्ण की ओर आकर्षित कर पाएंगी।
वास्तविकता तो यह है कि पहले के सालों की तरह २०१३ में भी बड़े अभिनेताओं का फेंका गया कचरा, स्टारडम और स्टार अपील के नाम पर दर्शकों द्वारा स्वीकार किया गया. इतना ही नहीं इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कलेक्शन भी किया। रेस २ ३ तक, तमाम १०० करोड़ या २०० करोड़ की फिल्मों में कहानी के नाम पर कुछ भी नहीं था. सेक्स, हिंसा और आइटम सोंग्स से भरी यह फ़िल्में दर्शकों को माइंडलेस एंटरटेनमेंट देने वाली फ़िल्में थीं. इन फिल्मों ने वीकेंड या हॉलिडे वीकेंड में, बड़े पैमाने पर प्रिंट्स और स्क्रीन में दर्शकों को अपनी स्टार अपील का शिकार बनाया। टॉप का कलेक्शन करने वाली फ़िल्में रेस २, ग्रांड मस्ती, भाग मिल्खा भाग, राम लीला, यह जवानी है दीवानी,चेन्नई एक्सप्रेस, कृष ३ और धूम ३, दो एस यानि सुपर स्टार और सेक्स की सफलता का उदाहरण हैं.
ऐसा भी नहीं कि २०१३ में कोई ऐसी फ़िल्म नहीं चली, जिसे उपरोक्त २ एक सहारा न मिला हो. द लंचबॉक्स, मद्रास कैफ़े, रांझना, फुकरे, आशिकी २, चश्मे बद्दूर, जॉली एलएल बी, कई पो छे, एबीसीडी- अन्य बॉडी कैन डांस, आदि कुछ ऎसी ही फ़िल्में थी, जो बिना किसी एस के चलीं।
बहरहाल, २०१४ में स्टारडॉम का वर्चस्व रहना ही है. इस साल तो सलमान खान की २-२ फ़िल्में रिलीज़ हो सकती हैं. साल की धमाके दार शुरुआत तो २४ जनुअरी को सलमान खान की फ़िल्म जय हो से हो जायेगी। लेकिन,२०१३ में रिलीज़ पर बॉक्सऑफिस पर औंधे मुंह गिरी हिम्मतवाला, बॉस, पोलीसगिरी, वन्स अपॉन अ टाइम इन मुम्बई दुबारा, ज़ंजीर, फटा पोस्टर निकला हीरो, बेशर्म, गोरी तेरे प्यार में और बुलेट राजा जैसी फ़िल्में यह चेताती रहेंगी कि ज़रूरी नहीं की स्टार का सिक्का चल ही जाए.
वास्तविकता तो यह है कि पहले के सालों की तरह २०१३ में भी बड़े अभिनेताओं का फेंका गया कचरा, स्टारडम और स्टार अपील के नाम पर दर्शकों द्वारा स्वीकार किया गया. इतना ही नहीं इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कलेक्शन भी किया। रेस २ ३ तक, तमाम १०० करोड़ या २०० करोड़ की फिल्मों में कहानी के नाम पर कुछ भी नहीं था. सेक्स, हिंसा और आइटम सोंग्स से भरी यह फ़िल्में दर्शकों को माइंडलेस एंटरटेनमेंट देने वाली फ़िल्में थीं. इन फिल्मों ने वीकेंड या हॉलिडे वीकेंड में, बड़े पैमाने पर प्रिंट्स और स्क्रीन में दर्शकों को अपनी स्टार अपील का शिकार बनाया। टॉप का कलेक्शन करने वाली फ़िल्में रेस २, ग्रांड मस्ती, भाग मिल्खा भाग, राम लीला, यह जवानी है दीवानी,चेन्नई एक्सप्रेस, कृष ३ और धूम ३, दो एस यानि सुपर स्टार और सेक्स की सफलता का उदाहरण हैं.
ऐसा भी नहीं कि २०१३ में कोई ऐसी फ़िल्म नहीं चली, जिसे उपरोक्त २ एक सहारा न मिला हो. द लंचबॉक्स, मद्रास कैफ़े, रांझना, फुकरे, आशिकी २, चश्मे बद्दूर, जॉली एलएल बी, कई पो छे, एबीसीडी- अन्य बॉडी कैन डांस, आदि कुछ ऎसी ही फ़िल्में थी, जो बिना किसी एस के चलीं।
बहरहाल, २०१४ में स्टारडॉम का वर्चस्व रहना ही है. इस साल तो सलमान खान की २-२ फ़िल्में रिलीज़ हो सकती हैं. साल की धमाके दार शुरुआत तो २४ जनुअरी को सलमान खान की फ़िल्म जय हो से हो जायेगी। लेकिन,२०१३ में रिलीज़ पर बॉक्सऑफिस पर औंधे मुंह गिरी हिम्मतवाला, बॉस, पोलीसगिरी, वन्स अपॉन अ टाइम इन मुम्बई दुबारा, ज़ंजीर, फटा पोस्टर निकला हीरो, बेशर्म, गोरी तेरे प्यार में और बुलेट राजा जैसी फ़िल्में यह चेताती रहेंगी कि ज़रूरी नहीं की स्टार का सिक्का चल ही जाए.
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