हिंदी फिल्म दर्शक मुग़ल ए आज़म की बहार को नहीं भूल सकते, जो सलीम अनारकली की मोहब्बत की दुश्मन थी। लेकिन, बहार की भूमिका निगार सुल्ताना के लिए नहीं लिखी गई थी। फिल्म के निर्देशक के आसिफ ने इस रोल को अपनी पहली पत्नी सितारा देवी को ध्यान में रख कर लिखा था। लेकिन, निगार सुल्ताना से निकाह के बाद यह रोल निगार को चला गया। निगार सुल्ताना ने बहार की भूमिका को सजीव बना दिया। निगार सुल्ताना की पहली फिल्म रंगभूमि थी, जो १९४६ में रिलीज़ हुई थी। राजकपूर की फिल्म आग उनका पहला ब्रेक था। १९४९ में रिलीज़ फिल्म पतंगा में उन पर फिल्माया गया मेरे पिया गए रंगून, वहां से किया है टेलीफोन आज भी पॉपुलर गीतों में शुमार हैं। निगार सुल्ताना ने अपने करियर में कोई ४९ फिल्मों में अभिनय किया। उन्हें ज़्यादातर सह भूमिकाओं के लिए याद किया जाता है। उन्होंने अशोक कुमार और बीना रॉय के साथ फिल्म सरदार और दिलीप कुमार और मीना कुमारी के साथ फिल्म यहूदी जैसी उल्लेखनीय फ़िल्में की। उनकी अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में दिल की बस्ती, खेल, शीश महल, दामन, आनंद भवन, तनख्वाह, दुर्गेश नन्दिनीं और मिर्ज़ा ग़ालिब थी। पचास के दशक मे काफी सक्रिय निगार सुल्ताना ने राज की बात, दो कलियाँ, बंसी और बिरजू और राज की बात में चरित्र भूमिकाएं की। उनकी आखिरी फिल्म जुम्बिश अ मूवमेंट १९८६ में रिलीज़ हुई थी। २१ जून १९३२ को हैदराबाद में जन्मी निगार सुल्ताना की मौत ६७ साल की उम्र में मुंबई में हो गई।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
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Tuesday, 21 June 2016
सह नायिका की बहार निगार सुल्ताना !
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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