बॉलीवुड की मशहूर नृत्य निर्देशिका सरोज खान का ७१ साल की उम्र घातक
हृदयाघात के बाद देहांत हो गया. वह, सांस की
तकलीफ के बाद, २० जून से मुंबई के गुरुनानक हॉस्पिटल में
भर्ती थी. आज ३ जुलाई की सुबह २.३० पर उनका दिल का दौरा पडा था. उनका अंतिम
संस्कार सुबह कर दिया गया. बॉम्बे में २२ नवम्बर १९४८ को जन्मी निर्मला नागपाल ने
दूसरी शादी के बाद, धर्म परिवर्तन और नाम परिवर्तन कर खुद को
सरोज खान बना दिया था. उनका करियर ३ साल की उम्र में अभिनय के साथ शुरू हुआ. वह उस
समय के बड़े नृत्य निर्देशक बी सोहनलाल के नृत्य समूह की एक नृत्यांगना थी. तेरह
साल की सरोज खान का ४८ साल के बी सोहंलाल से विवाह हुआ था. उन्होंने,
कई फिल्मों में सोहनलाल की सहायक के तौर पर काम किया. १९७४ में,
साधना द्वारा निर्देशित फिल्म गीता मेरा नाम से,
सरोज खान की स्वतंत्र नृत्य निर्देशक के तौर परे शुरुआत हुई.
उन्होंने ४०
साल लम्बे अपने करियर में ३०० से ज्यादा फिल्मों में दो हजार करीब गीतों का नृत्य
संयोजन किया था. हालाँकि, सरोज खान ने, गोविंदा की
लव ८६, तन बदन, स्वर्ग से
सुंदर, आदि फिल्मों में कोरियोग्राफी की थी. लेकिन,
उन्हें पहचान मिली श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित पर फिल्माए गए गीतों का
नृत्य संयोजन कर. श्रीदेवी की इच्छाधारी नागिन वाली फिल्म नगीना के मैं नागिन तू
सपेरा की कोरियोग्राफी सरोज खान ने ही की थी. इस फिल्म का नागिन गीत इतना लोकप्रिय
हुआ कि कई अभिनेत्रियों ने सरोज खान से अपने नागिन गीत कोरियोग्राफ करवाए. इनमे
रेखा भी थी, जिनकी फिल्म शेषनाग के गीतों का नृत्य
संयोजन सरोज खान ने ही किया था. अनिल कपूर और श्रीदेवी की फिल्म मिस्टर इंडिया के
गीत काटे नहीं कटते दिन ये रात की कोरियोग्राफी बड़ी दिलचस्प थी. अनिल कपूर अदृश्य
रूप में हैं, श्रीदेवी उनको देख नहीं पा रही. लेकिन,
अनिल कपूर जब तक आकर उनकी गर्दन आदि को चूमते हैं. यह गीत काफी कामुक बन
पडा था. इसी फिल्म के हवा हवाई गीत को बड़ी लोकप्रियता मिली. श्रीदेवी को बॉलीवुड
की चाँदनी बना देने वाला फिल्म चांदनी का मेरे हाथों में नौ नौ चूड़ियाँ हैं का
नृत्य संयोजन सरोज खान ने ही किया था. चालबाज़ का न जाने कहाँ से आई है लड़की गीत
कोरियोग्राफी की श्रेष्ठता का उदाहरण है. माधुरी दीक्षित और अनिल कपूर की ही फिल्म
राम-लखन के तेरे लखन ने बड़ा दुःख दीना बड़ी खूबसूरती से फिल्माया गया था. सरोज खान
ने माधुरी दीक्षित के लिए एक दो तीन चार गीत के ज़रिये बॉलीवुड में स्थापित कर
दिया. फिल्म बेटा के दिल धक् धक् करने लगा गीत से तो माधुरी दीक्षित दिलों को धड़का
देने वाली एक्ट्रेस बन गई. माधुरी दीक्षित के तमाम उत्तेजक नृत्य गीत सरोज खान ने
ही संयोजित किये थे. लगान के राधा कैसे न जले गीत की कोरियोग्राफी भी सरोज खान की
थी.
सरोज खान को देवदास के डोला रे
डोला, जब वी मेट के ये इश्क हाय तथा तमिल फिल्म
श्रीनगरम के तमाम गीतों के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था. श्रीदेवी और
माधुरी दीक्षित के अलावा सरोज खान ने शिल्पा शेट्टी (बाज़ीगर),
जूही चावला (डर), रवीना टंडन (मोहरा) और ऐश्वर्या राय (ताल)
के लिए भी कोरियोग्राफी की. कंगना रानौत ने फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झांसी के
एक ख़ास रोमांटिक गीत की कोरियोग्राफी सरोज खान से ही कराई थी. सरोज खान के नृत्य
संयोजन वाला आखिरी गीत फिल्म कलंक का तबाह हो गए था.