Sunday 29 March 2015

बॉलीवुड के इतिहास का सबसे लम्बा गीत

सलमान खान और सोनम कपूर की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' के लिए १३ मिनट लम्बा गीत फिल्माया गया है।  यह बॉलीवुड के इतिहास का सबसे लम्बा गीत बताया जा रह है। वैसे २०१२ में तोषी और शारिब ने फिल्म मस्तान के लिए २१ मिनट लम्बा गीत रिकॉर्ड कराया था। इस से पहले १९५८ में रिलीज़ फिल्म 'अल हिलाल' की ११ मिनट लम्बी कव्वाली को सबसे लम्बा गीत माना जाता था। 'प्रेम रतन धन पायो' के निर्देशक सूरज बड़जात्या की फ़िल्में गीत संगीत से भरपूर होती हैं।  प्रेम रतन धन पायो में भी ९ गीत हैं।  इन तमाम गीतों को सलमान खान के प्रिय संगीतकार हिमेश रेशमिया ने कंपोज़ किया है।  तेरह मिनट लम्बा गीत भी हिमेश का कंपोज़ है।  पिछले दिनों उदयपुर में इस गीत का फिल्मांकन किया गया। अहमद खान के स्टेप्स पर सलमान खान और सोनम कपूर अपने फिल्म के परिवार के साथ थिरक रहे थे।  सूरज बड़जात्या की पिछली फिल्म 'हम आपके हैं कौन' में सलमान खान अपने फ़िल्मी  परिवार के साथ क्रिकेट वाले स्टेप्स कर रहे थे।  इस फिल्म में  सलमान खान और सोनम कपूर को फुटबॉल खेलते दिखाया गया है।  लेकिन, इस गीत का कैनवास कुछ ज़्यादा बड़ा है।  सूत्र बताते हैं कि यह फुटबॉल गीत फिल्म के लिहाज़ से काफी अहम है। बताते हैं कि  यह गीत काफी खूबसूरत बन पड़ा है।  इसलिए फिल्म की बॉक्स ऑफिस वैल्यू के लिहाज़ से भी काफी महत्वपूर्ण बन चूका है।  अब देखने वाली बात होगी कि  दिवाली में रिलीज़ होने जा रही ' प्रेम रतन धन पायो' बॉक्स ऑफिस पर कितनी  बड़ी हिट फिल्म साबित होती है !



सनी लेओनी के हस्बैंड की 'डेंजरस हुस्न'

बॉलीवुड के इतिहास में यह घटना अभूतपूर्व होगी कि किसी अभिनेत्री के करियर के कारण उसके पति का करियर भी बन गया।  जी हाँ, यह करियर गाथा डेनियल वेबर की है। डेनियल वेबर के परिचय में इतना ही कहा जा सकता है कि वह पूर्व पोर्न स्टार और अब बॉलीवुड फिल्म स्टार सनी लेओनी के पति हैं।  सनी लेओनी के पैर जब बॉलीवुड में जम गए तो उनके साथ वेबर भी आ गए। डेनियल शक्ल सूरत से एक्टर मैटीरीअल लगते हैं। वह खुद में एक एक्टर को छुपा पाते हैं।  इसलिए उन्हें जैसे ही दिनेश तिवारी की म्यूजिकल फिल्म 'डेंजरस हुस्न' का प्रस्ताव मिला, उन्होंने उसे तुरंत लपक लिया।  इस फिल्म में वह गायिका एक्ट्रेस सारू मैनी के हीरो बन रहे हैं। यह महज़ इत्तेफ़ाक़ है कि फिल्म 'डेंजरस हुस्न' में डेनियल वेबर नायिका सारू मैनी और निर्देशक दिनेश तिवारी की भी यह पहली फिल्म है।  'डेंजरस हुस्न' पाकर खुश डेनियल कहते हैं, "मैं बहुत खुश हूँ कि अब मैं भी एक्टिंग करने जा रहा हूँ। मैंने खुद में एक एक्टर पाया है। मुझे ख़ुशी है कि मुझे श्रेष्ठ स्क्रिप्ट और श्रेष्ठ निर्देशक के साथ काम करने का मौका मिल रहा है।" 'डेंजरस हुस्न' का संगीत डीजे शेज़वुड का है।  पिछले दिनों फिल्म के एक गीत का फिल्मांकन किया गया। शेज़वुड दावा करते हैं, "फिल्म का म्यूजिक चार्ट बस्टर होगा।"



Saturday 28 March 2015

स्वरा भास्कर को बहुत भाती है नोजपिन

अभिनेत्री स्वरा भास्कर को उनकी एक फिल्म में अपने किरदार के लिए नाक छीदवाणी पड़ी क्यूंकि उन्हें नोजपिन पहना था। तब स्वरा को दर्द तो बहुत हुआ पर उन्हें नोजपिन पहने का शोक सा होगया। स्वरा अब जहा कही जाती अलग अलग प्रकार की सोने की नोज पिन खरेदी करती है साथ वे सोना भी खरीद लेती है। ​स्वरा भास्कर अपनी इस आदत के बारे में कहती है " यह आदत मुझे गरीब बनाकर छोड़ेगी। में अपने आप को सोना लेने से रोक नहीं पाती , में जब अपने लिए कुछ लेने जाती हु तो परिवार वालो के लिए भी कुछ न कुछ ले लेती हु। कुछ ही दिन पहले मेने अपनी दादी के लिए हियरिंग खरीदे इस से दादी खुश हुई पर पापा गुस्सा हो गए। पापा को मेरी यह आदत पसंद नहीं क्यूंकि इस पर ज्यादा पैसे खर्च होते है ।

बाप- बेटी फ़िल्में- कुछ कल कुछ आज

ए आर मुरुगदॉस की एक अनाम फिल्म में  अनुराग कश्यप खल भूमिका कर रहे हैं।  लेकिन १०० करोड़ की कमाई करने वाली गजिनी और हॉलिडे जैसी हिंदी फ़िल्में बनाने वाले मुरुगदॉस की फिल्म की सुर्खियां हैं शत्रुघ्न सिन्हा और सोनाक्षी सिन्हा की बाप-बेटी जोड़ी।  दिलचस्प तथ्य यह है कि रील लाइफ में भी यह दोनों बाप-बेटी की भूमिका में ही हैं।  क्या मुरुगदॉस की तीसरी हिंदी फिल्म भी १०० करोडिया बिज़नेस करेगी? आम तौर पर बाप-बेटा फ़िल्में ही दर्शकों द्वारा पसंद की जाती हैं।  इसके बावजूद बाप-बेटी पर फ़िल्में भी बनती रहती हैं।  इनमे कुछ सफल होती हैं तो कुछ असफल भी। बाप-बेटा फ़िल्में अपने एक्शन के कारण दर्शकों द्वारा पसंद की जाती हैं। 'सनी' जैसी फ़िल्में गवाह हैं, जिनमे बाप-बेटा के इमोशन ने फिल्म की मिटटी पलीद कर दी।  इस लिहाज़ से बॉलीवुड की पिता- बेटी फिल्मों के इमोशन का रिकॉर्ड काफी अच्छा है। आज तक की बाप- बेटी फिल्मों में पिता अपनी बेटी के भविष्य के लिए चिंतित पिता है, जिसकी बेटी गरीब या कम आमदनी वाले आदमी से प्रेम करती है और शादी करना चाहती है। तेज़ाब जैसी फ़िल्में अपवाद थी, जिसमे पिता अनुपम खेर अपनी बेटी माधुरी दीक्षित को स्टेज पर डांस करवा कर कमाई करता है। ज़्यादातर फिल्मों को उनके इमोशन के कारण दर्शकों ने पसंद किया।
बाप- बेटी फ़िल्में- कुछ कल कुछ आज  
राकेश ओमप्रकाश मेहरा की आगामी अनाम फिल्म भी बाप -बेटी रिलेशनशिप पर है।  पिता चाहता है कि उसकी बेटी सफल गायिका बने।  परदे पर इन भूमिकाओं के अमिताभ बच्चन और रागिनी खाना करेंगे।
बजरंगी भाईजान- कबीर खान की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' में एक छोटी बच्ची के पिता बने हैं। लेकिन, वह लड़की उनकी सगी बेटी नहीं।  भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर यह छोटी लड़की अपने माता पिता से बिछड़ जाती है।  बजरंगी सलमान खान इस लड़की को पाकिस्तान में उसके माँ-बाप से मिलाते हैं।
दृश्यम- अजय देवगन की फिल्म दृश्यम एक्शन फिल्म है।  लेकिन, इस फिल्म में अजय देवगन अपनी बेटी और पत्नी को अपराधियों से बचाने की कोशिश करता है।
पीकू - सुजीत सरकार की फिल्म 'पीकू' एक वृद्ध पिता और उसकी बेटी के संबंधों पर है। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और दीपिका पादुकोण एक बार फिर पिता और पुत्री का किरदार कर रहे हैं।
दंगल -  निर्देशक नितेश तिवारी की फिल्म 'दंगल' में आमिर खान दो लड़कियों के पहलवान पिता बने हैं, जो अपनी बेटियों को भी कुश्ती का मेडल जीतने के लिए तैयार करता है।
चीनी कम - आर० बाल्की की फिल्म चीनी कम में अमिताभ बच्चन ने ज़्यादा उम्र के खानसामे की भूमिका की थी।  परेश रावल  कम उम्र उस तब्बू के पिता बने थे,  जो नहीं चाहता कि उसकी  उम्रदराज़ आदमी से शादी करे।  इस फिल्म में बाप बेटी के सम्बन्ध काफी गहराई से हास्य मिश्रित फिल्माए गए थे।
दबंग- इस एक्शन कॉमेडी फिल्म में बेटी- पिता बने सोनाक्षी सिन्हा और महेश मांजरेकर के ज़रिये पिता पुत्री के संबंधों को बड़े स्वाभाविक इमोशन के साथ दिखाया गया था।  बेटी की शादी हो जाये, इसलिए बाप आत्म हत्या कर लेता है।

वेल डन अब्बा - फिल्म में बोमन ईरानी का ड्राइवर किरदार अपनी बेटी मिनिषा लाम्बा के साथ गाँव में पानी लाने के लिए  कुआ  खोदते हैं।  श्रम के महत्त्व को समझाने वाली श्याम बेनेगल की यह फिल्म बेटी और पिता के संबंधों को वास्तविकता के धरातल पर पेश करती थी।
डैडी- महेश भट्ट निर्देशित फिल्म में पिता अच्छा गायक है।  लेकिन, घरेलु कलह के कारण वह शराबी हो गया है और गाने से दूर हो गया है।  तब उसकी बेटी उसे शराब छोड़ने और फिर से गीत गाने के  लिए प्रेरित करती है।  अनुपम खेर और पूजा भट्ट की बाप-बेटी फिल्म में बाप बेटी के कोमल रिश्तों को उभरा गया था।
बेवकूफियां- सेवानिवृत अधिकारी पिता नहीं चाहता कि उसकी बेटी एक कम पैसे कमाने वाले आदमी से शादी करके आर्थिक परेशानियों में रहे।  वह हरचंद कोशिश करता है, इस शादी को रोकने की।  लेकिन, अंततः लडके की अच्छाई उसे भी प्रभावित करती है। फिल्म में ऋषि कपूर, सोनम कपूर और आयुष्मान खुराना ने यह भूमिकाएं की थी।
हिंदी फिल्मों के ऐसे ऐसे पापा 
बिलखते पिता
पुराने ज़माने की फिल्मों के नज़ीर हुसैन अपनी बेटी के लिए चिंतित रहने वाले पिता की भूमिकाएं करने के कारण स्टीरियो टाइप्ड बन गए थे।   उनकी एक फिल्म का नाम ही 'बाप बेटी' था। वह मीना कुमारी और वैजयंतीमाला से लेकर टीना मुनीम तक के ऑन स्क्रीन फादर बने। 
हिंदी फिल्मों के डैडी अनुपम खेर
अनुपम खेर ने अपने करियर शुरुआत ही एक पिता की भूमिका वाली फिल्म सारांश से की थी।  अगली फिल्म महेश भट्ट द्वारा ही निर्देशित 'डैडी' में वह पूजा भट्ट के पिता बने।  इसके साथ वह बेबीज डैडी यानि नायिकाओं के डैडी या ससुर के रूप में मशहूर हो गए।  वह लगभग सभी अभिनेत्रियों के डैडी बन चुके हैं।
एक पिता के चार लुक
महिला कुश्ती कोच महावीर सिंह फोगट रियल लाइफ पर फिल्म है दंगल।  इस फिल्म में आमिर खान पहलवान महावीर सिंह की भूमिका करेंगे। वह फिल्म में अपनी दो बेटियों और एक भतीजी को कुश्ती की ट्रेनिंग देंगे। बताते हैं कि पहलवान से अपनी बेटियों को कुश्ती के गुर सिखाते पिता की भूमिका के लिए आमिर खान ने अपना वज़न बढ़ाया है। वह फिल्म में चार लुक में नज़र आएंगे।
 सुपर स्टार डैडी
बॉलीवुड के तमाम सुपर सितारों ने ऑन स्क्रीन फादर का  रोल किया है। इनमे अमिताभ बच्चन से लेकर शाहरुख़ खान और आमिर खान तक शामिल हैं। अशोक कुमार ने फिल्म 'आशीर्वाद' में एक बेटी के पिता का रोल किये था।  इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था। प्रकाश झा ने अपनी फिल्मों 'आरक्षण' और 'सत्याग्रह' में पिता और बेटी के संबंधों का खूबसूरती से चित्रण किया है। अमिताभ बच्चन के साथ यह भूमिकाएं दीपिका पादुकोण और करीना कपूर ने की थी। शाहरुख़ खान कुछ कुछ होता है में एक बेटी के पिता बने थे। आमिर खान 'दंगल'  में  बेटियों के पिता बनेंगे। सलमान खान, जब प्यार किसी से होता है, पार्टनर और बीवी नंबर १ में पिता की भूमिका कर चुके हैं। वह बजरंगी भाईजान में एक पाकिस्तानी लड़की के हिंदुस्तानी पिता के किरदार में नज़र आएंगे।




सलमान खान की नायिका अब क्रिकेटर के० श्रीकांत की नायिका

सलमान खान, कटरीना कैफ की हमशक्ल ज़रीन खान को लंदन से बड़े जोरशोर से अपनी फिल्म वीर के लिए इम्पोर्ट कर लाये थे।  लेकिन, फिल्म चली नहीं।  ज़रीन खान के चलने का तो सवाल ही कहाँ उठता था।  इसके बाद वह सलमान खान की फिल्म 'रेडी' में आइटम करती नज़र आई।  साजिद खान की फिल्म 'हाउस फुल २' में अभिनेत्रियों की भीड़ में ज़रीन खान खो गई।  फिर वह एक तमिल फिल्म करने दक्षिण चली गई। फिल्म में उनका स्पेशल अपीयरेंस था।  वह एक पंजाबी फिल्म 'जट्ट जेम्स बांड' में गिप्पी ग्रेवाल की नायिका थी। ज़रीन इस समय दो हिंदी फ़िल्में 'द लीजेंड ऑफ़ माइकल मिश्रा' और 'अमर मस्ट डाई' में अभिनय करने के अलावा एक तमिल फिल्म 'करईकलां' तथा पंजाबी फिल्म इश्क़ माय रिलिजन' भी कर रही हैं। अब ज़रीन को ले कर एक बड़ी खबर दक्षिण से ही है। वह मशहूर क्रिकेटर के० श्रीकांत की बतौर हीरो तेलुगु फिल्म 'जलसा रायुडू' में उनकी नायिका बन कर आ रही हैं। निर्माता- निर्देशक श्रीधर राजू की यह फिल्म एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है। फिल्म में श्रीकांत एक गंवार का  किरदार कर रहे हैं। क्या श्रीकांत के साथ फिल्म जलसा रायुडू दक्षिण में ज़रीन खान की किस्मत का ताला खोल सकेगी !

कपूर एंड संस' में 'ऋषि' अकेले ही हैं 'कपूर'


निर्माता करण जौहर की फिल्म 'कपूर एंड संस' में एक कपूर ज़रूर हैं।  लेकिन, फिल्म में उनका कोई बेटा काम नहीं कर रहा।  'कपूर एंड संस' का निर्देशक शकुन बत्रा कर रहे हैं।  तीन साल पहले शकुन ने इमरान खान और करीना कपूर को लेकर 'गोरी तेरे प्यार में' जैसी  असफल फिल्म बनाई थी।  'कपूर एंड संस' में इमरान खान नहीं हैं।  करीना कपूर भी नहीं ली गई हैं।  अगर, इस फिल्म में करीना होती तो कहा जा  सकता था कि संस न सही डॉटर तो है। जी हाँ, आप ठीक समझे इस फिल्म में करीना कपूर के पिता ऋषि कपूर चरित्र भूमिका में हैं।  वह फिल्म में एक बर्बाद परिवार के ९० साल के दादाजी  का किरदार कर रहे हैं।  इस फिल्म में उनके पोता पोती की भूमिका सिद्धार्थ मल्होत्रा, पाकिस्तान के अभिनेता फवाद खान  और अलिया भट्ट कर रही हैं।  इसका मतलब यह हुआ कि ऋषि कपूर की भूमिका पर केंद्रित फिल्म 'कपूर एंड संस' में कोई दूसरा कपूर नहीं।  यहाँ ख़ास बात
यह है कि 'स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' में सिद्धार्थ मल्होत्रा और अलिया भट्ट की रोमांटिक जोड़ी, फिल्म में भाई बहन का किरदार कर रही हैं।  बताते हैं कि शकुन बत्रा 'एक मैं और एक तू' के दौरान ही अलिया भट्ट के साथ फिल्म करना चाहते थे। ख़ास बात यह है कि शकुन बत्रा के निर्देशन में अलिया भट्ट के साथ इंटरनेट फिल्म 'अलिया जीनियस ऑफ़ द ईयर' वायरल हुई थी।  अब फिर आते हैं कपूर के संस पर।  इस कहानी से साफ़ है कि  फिल्म में ऋषि कपूर के दो ग्रैंड संस ज़रूर हैं।  वैसे हो सकता है कोई कपूर फिल्म में आ जाये।  क्योंकि, ऋषि कपूर के बेटा-बहु किरदार की जगह अभी खाली है।

अब अलिया भट्ट के भाई सिद्धार्थ मल्होत्रा


अल्पना कांडपाल

'हैदर' को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों पर बरस पड़े अनुपम खेर

पिछले सालों की तरह, इस साल भी, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विवादों से बचे नहीं रह सके।  हालाँकि, यह विवाद दिए गए पुरस्कारों को लेकर नहीं उठा।  किसी ने किसी ख़ास फिल्म को पुरस्कार न दिए जाने या किसी को दिए जाने पर अपना विरोध नहीं जताया ।  वैसे भी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अब हर भारतीय भाषा की फिल्म को दिया जाने लगा है।  लेकिन, अन्य श्रेणियों में विवाद की गुंजायश बनी रहती हैं।  पर इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ।  कन्नड़ अभिनेता विजय श्रेष्ठ अभिनेता घोषित किये गए।  इस श्रेणी के लिए पिछले साल की सबसे अधिक कमाई करने वाली हिंदी फिल्म 'पीके' के आमिर खान और विवादित हिंदी फिल्म 'हैदर' के शाहिद कपूर भी नामित हुए थे।  मलयालम फिल्मों के मामूठी ने भी अपनी दावेदारी पेश की थी।  इसके बावजूद विजय को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना जाना विवादित नहीं हुआ।
फिल्म 'क्वीन' के लिए अभिनेत्री कंगना रनौत को श्रेष्ठ अभिनेत्री घोषित किया जाना भी विवाद का विषय नहीं बना। इसे बहुत सही निर्णय ही कहा  जा सकता है।  क्योंकि, यह फिल्म नारी स्वतंत्रता की स्वाभाविक वकालत करने वाली फिल्म थी। हालाँकि, कंगना के सामने भी फिल्म 'मैरी कॉम' की रील लाइफ मैरी कॉम प्रियंका चोपड़ा दावेदार थी।  लेकिन, कंगना रनौत ने बाज़ी मारी। अपेक्षाकृत कम  बजट की 'क्वीन' ने बॉक्स ऑफिस पर ज़ोरदार बिज़नेस किया था।  यह पूरी फिल्म कंगना रनौत के कन्धों पर टिकी हुई थी।  कंगना का अभिनय भी प्रियंका चोपड़ा की तुलना में कमतर नहीं था। यह कंगना रनौत का दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार था।  इससे पहले वह मधुर भंडारकर की फिल्म 'फैशन' के लिए श्रेष्ठ सह अभिनेत्री का खिताब जीत चुकी थी।  इसी साल प्रियंका चोपड़ा ने श्रष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विवादों में घिरे इनके ऐलान के बाद।  विशाल भारद्वाज की कश्मीर की पृष्ठभूमि पर फिल्म 'हैदर' को श्रेष्ठ फिल्म, श्रेष्ठ निर्देशक और श्रेष्ठ अभिनेता और अभिनेत्री जैसे मुख्य पुरस्कार नहीं मिले।  लेकिन, इस फिल्म ने श्रेष्ठ गायक, कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग, संगीत निर्देशन और कोरियोग्राफी के पुरस्कार बटोरे।  इन पुरस्कारों के घोषित होने के बाद विवाद की शुरुआत हुई फिल्म 'हैदर' के निर्देशक विशाल भारद्वाज की प्रेस कांफ्रेंस में उनके बयान के बाद।  विशाल भारद्वाज ने शाहिद कपूर को पुरस्कार न मिल पाने पर दुःख जताने के बाद यह कहा कि वह इन पुरस्कारों को कश्मीरी पंडितों को समर्पित करते हैं।  जिन कश्मीरी आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों की हत्या की, उन्हें बेघर किया, उनका सेना के विरुद्ध समर्थन करने वाली फिल्म को समर्पित करना कश्मीरी पंडितों को नागवार गुजरना ही था।  विशाल भारद्वाज  पर बरस पड़े अभिनेता अनुपम खेर।  अनुपम खेर खुद कश्मीरी पंडित हैं। उन्होंने फिल्म 'हैदर' का रिलीज़ के दौरान ही घोर  विरोध किया था।  उन्होंने ट्विटर पर विशाल भारद्वाज पर वार पर वार करते हुए लिखा, "मैं विशाल भारद्वाज को राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए बधाई देता हूँ। परन्तु इन पुरस्कारों को कश्मीरी पंडितों की हत्याओं को समर्पित करना, उनके साथ धोखाधड़ी करना है।"  अनुपम खेर यहीं पर नहीं रुके।  पिछले दिनों, विशाल भारद्वाज ने कश्मीरी पंडितों की दशा पर आंसू बहते हुए, उन पर फिल्म बनाने का ऐलान किया था।  अनुपम खेर ने इस पर निशाना साधते हुए  लिखा,"विशाल भारद्वाज शैतानों पर फिल्म बनाने के बाद अब घावों पर नमक छिड़क रहे हैं। " उन्होंने भारत की कथित हिंदूवादी सरकार द्वारा हिन्दू और सेना विरोधी हैदर को पुरस्कार दिए जाने की आलोचना भी की।  अशोक पंडित ने अनुपम खेर का समर्थन किया।
बहरहाल, ६२ वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार बॉलीवुड के पक्ष में नज़र आये।  जहाँ कंगना रनौत ने हिंदी फिल्म क्वीन के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का खिताब जीता। हिंदी फिल्म 'हैदर' को चार पुरस्कार मिले।  क्वीन को श्रेष्ठ हिंदी फिल्म का अवार्ड भी मिला।  ओमंग कुमार और संजयलीला भंसाली की फिल्म 'मैरी कॉम' को सम्पूर्ण मनोरंजक फिल्म पाया गया। हालाँकि, हिंदी फिल्म 'भूतनाथ रिटर्न्स' को कोई  पुरस्कार नहीं मिला लेकिन इस फिल्म का ख़ास तौर पर जिक्र किया गया।  जिस फिल्म 'कोर्ट' को श्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार दिया गया, वह हिंदी में भी बनी है।

राजेंद्र कांडपाल