Saturday 12 September 2015

'उड़नछू' ब्रूना अब्दुल्ला बनी सेक्सी सेविका

अनुभव सिन्हा की फिल्म 'कॅश' के आइटम सांग 'रहम करे' से सुर्ख़ियों में आई ब्राज़ीलियन ब्यूटी ब्रूना अब्दुल्ला अब सेविका बन गई हैं।  उनकी यह सेवकाई किसी रियल लाइफ गुरु के लिए नहीं बल्कि, आर विज़न इंडिया की विपिन पराशर निर्देशित फिल्म 'उड़नछू' के गुरूजी यानि प्रेम चोपड़ा के लिए है।  फिल्म में सेविका का  उनका रोल हॉट एंड सेक्सी है।  इस रोल के लिए अपने कॉस्ट्यूम खुद ब्रूना अब्दुल्ला ने तैयार किये हैं।  दरअसल, ब्रूना फिल्म कॉस्ट्यूम टीम के साथ अपने परिधान साडी-ब्लूज़ देख रही थी।  उन्होंने कुछ सुझाव दिए और बदलाव करवाये।  अंत में हुआ यह कि उन्होंने फिल्म में अपने सारे परिधान खुद ही डिज़ाइन कर लिए। उन्होंने अपने परिधानों में आकर्षक रंगों इस्तेमाल किया है।  उनके गले से लटका लॉकेट और फ्रेंच छोटी उन्हें अलग बनाता है।  ब्रूना अब्दुल्ला अपनी डिज़ाइन साडी में बेहद हॉट और आकर्षक लगती हैं।  उनकी जैसी सेविका को देख कर किसी भी बाबा के दरबार में भीड़ लगना स्वाभाविक है।  अभी तक, कॅश के बाद देसी बॉयज़ में भी आइटम कर चुकी ब्रूना को एक तमिल हिट 'बिल्ला २' के लिए कलाकार अवार्ड्स भी मिला है। हिंदी की दो फिल्मों 'ग्रैंड मस्ती' और 'जय हो' उनकी भूमिका काफी छोटी थी।  उम्मीद की जानी चाहिए कि उड़नछू के बाबा की सेक्सी सेविका बन कर ब्रूना अब्दुल्ला खुद के लिए दर्शक जुटा पाएगी।







चल गई श्रीदेवी के रोल पर कैंची !

तमिल फिल्म 'पुलि' के निर्माताओं से श्रीदेवी बेहद नाराज़ हैं। फिल्म 'पुलि' की डबिंग के लिए डबिंग थिएटर गई श्रीदेवी सदमे में आ गई ।  उन्हें उम्मीद नहीं थी कि कभी की तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों की क्वीन के रोल के साथ भी ऐसा होगा।  वह फिल्म में अपने रोल की दुर्दशा देख कर सदमे में थी । श्रीदेवी ने एस एस राजामौली की फिल्म 'बाहुबली' पर चिम्बु देवन की फिल्म 'पुलि' को तरजीह दी थी। राजामौली ने श्रीदेवी को बाहुबली की शिवगामी की सशक्त भूमिका ऑफर की थी।  लेकिन, श्रीदेवी को लगता था कि पुलि में रानी सौम्या देवी का किरदार उन्हें सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाएगा  ।  श्रीदेवी के इंकार के बाद राजामौली ने शिवगामी के रोल के लिए राम्या कृष्णन को ले लिया।  सभी जानते हैं कि प्रभाष, राणा  दग्गुबती, अनुष्का शेट्टी और तमन्ना भाटिया की फिल्म 'बाहुबली द बेगिनिंग' ने रिकॉर्ड तोड़ बिज़नेस किया है।  राम्या कृष्णन, जो दक्षिण की फिल्मों में फिर से अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही थी, का रास्ता अब काफी आसान हो गया है। वह अब पूरे देश में मशहूर हो चुकी हैं।  जबकि, जिस श्रीदेवी ने इस रोल  ठुकराया था, पुलि के लिए एकमुश्त तारीखे दे दी थी, वह खुद को ठगा सा महसूस कर रही हैं।  फिल्म में श्रुति हासन और हंसिका मोटवानी के मुकाबले उनकी रानी सौम्या देवी की भूमिका को बहुत छोटा कर दिया गया है। श्रीदेवी ने फिल्म के डायरेक्टर और प्रोडूसर को बुला कर अपने रोल के बारे में पूछा तो उन्होंने सफाई दी कि फिल्म काफी लम्बी हो गई थी।  इस लिए उनके रोल को काटना पड़ा। इस जवाब ने श्रीदेवी को ज़्यादा बेचैन कर दिया।  क्योंकि,  इससे श्रीदेवी के प्रशंसक दर्शकों को सन्देश जाता था कि फिल्म में श्रीदेवी की भूमिका का ख़ास महत्व नहीं है ।  यहाँ बताते चले कि यह फिल्म हिंदी में भी रिलीज़ होनी है।  जब हिंदी दर्शक कभी हिंदी फिल्मों की सबसे महंगी अभिनेत्री में शुमार होने वाली और वापसी फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' में सशक्त भूमिका करने वाली श्रीदेवी को 'पुलि' में साधारण सी भूमिका में देखेंगे तो उनकी इमेज को ही नुकसान होगा।  यह एहसास  श्रीदेवी को बेचैन करने के लिए काफी था।  इसलिए, नाराज़ श्रीदेवी ने पुलि की डबिंग के लिए एक करोड़ रुपये की मांग कर दी।  'पुलि' एक अक्टूबर से पूरे भारत में रिलीज़ होने जा रही है।

Friday 11 September 2015

फ़ास्ट फ़ूड ! इंस्टेंट कॉफ़ी !! इंस्टेंट सेक्स !!! और 'हीरो' की आलू-गोभी सब्जी

सलमान भाई ! फ़ास्ट फ़ूड,  इंस्टेंट कॉफ़ी, इंस्टेंट सेक्स की आदत वाली युवा पीढी के सामने यह कौन सा आलू-गोभी 'हीरो' पेश कर दिया ! स्साला हीरो आपकी तरह अधनंगा हो कर अपना बदन दिखाता है, ढेरों टैटूज का प्रदर्शन करता है, हीरोइन को ऐसे देखता है, जैसा बकरा पीपल की पत्ती खाना चाहता है . दर्शक बेचारे सीटी मारते चीखते चिल्लाते हैं, इस आशा में कि अब देर में ही सही एकाध सेक्स हो ही जायेगा. लेकिन, हीरो हीरोइन होंठो के बजाय गाल चूम कर खुद को सब्जी पसंद साबित करता है.
इस बिलकुल ठंडी फिल्म में उभरे होंठों वाली अथिया शेट्टी भी ठंडी रही.लगता है अपने पप्पा शेट्टी से नॉन एक्टर का पाठ पढ़ कर आई हैं. सूरज पंचोली की गर्दन ऐसे लटकी रहती है, जैसे वह नेक कालर उतार कर शूटिंग पर आया है. सूरज के रियल लाइफ आदित्य पप्पा जब पहली बार परदे पर नज़र आते हैं, तो दर्शक तालियाँ बजाते हैं. लेकिन, जैसे जैसे फिल्म आगे बढ़ती है दर्शक उन्हें गरियाने लगते हैं कि साला क्या बोर कर रहा है. तिग्मांशु धुलिया ने पुरानी हीरो के शम्मी कपूर के पुलिस बूट में पैर डाले हैं. लेकिन, ऐसा लगता है कि वह गैंगस्टर जूते पहनने के ही आदी है. लगता है गैंग्स ऑफ़ वासेपुर २ का लास्ट सीन ख़त्म कर हीरो के सेट पर आ गए हैं. शरद केलकर कुछ ख़ास नहीं जमे . फिल्म में कुछ अच्छा रहा, वह था एक्शन। फिल्म के एक्शन दर्शकों की तालियां पाते हैं।

ग्रेट इंडियन नवरात्री फेस्टिवल

कंट्री क्लब ने ग्रेट इंडियन नवरात्री उत्सव के लिए अपनी कमर कस ली है।  हमेशा की तरह इस बार भी इस फेस्टिवल से बॉलीवुड के सितारों को जोड़ा गया है।  क्लब नवरात्री फेस्टिवल को कैसे मनाने जा रहा है, इसकी एक झलक आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मिल गई।  पूरा कांफ्रेंस हॉल परम्परिक तरीके से सजाया गया था, जो ख़ुशी का वातावरण तैयार कर रहा था।  मौजूद थी टीवी और बॉलीवुड से गौहर खान, देबिना बनर्जी, अमृता खानविलकर, आशा नेगी, समीक्षा भटनागर और पायल रोहतगी।  ग्रेट इंडियन नवरात्री फेस्टिवल की एक झलक भी इन ग्लैमरस अभिनेत्रियों ने पेश की।  देखिये एक झलक -




















GOOSEBUMPS - Official Trailer (HD)

Wednesday 9 September 2015

बॉलीवुड की हिट जोड़ी में शुमार होंगे सूरज और अथिया !

बॉलीवुड ११ सितम्बर को रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'हीरो' की  सूरज पंचोली और अथिया शेट्टी की नई रोमांटिक जोड़ी को लेकर खासा उत्साहित है।  इन्हे दूसरी शाहरुख़ खान और काजोल जोड़ी बताया जा रहा है।  मतलब यह कि सूरज और अथिया को बॉलीवुड आकाश पर चमकना ही है।  लेकिन, इस नवोदित जोड़े की शाहरुख़ खान और काजोल की जोड़ी से तुलना करने वाले यह भूल जाते हैं कि १९९३ में जब शाहरुख़ खान और काजोल ने 'बाज़ीगर' में जोड़ी बनाई, उससे पहले तक बेशक काजोल ने एक ही फिल्म बेखुदी की थी, लेकिन शाहरुख़ खान सात फ़िल्में कर चुके थे।  अर्थात, खान-काजोल जोड़ी सूरज और अथिया की तरह नई नहीं थी।  इसलिए, हीरो के सूरज पंचोली और अथिया शेट्टी की और उनकी जोड़ी की परख पहली फिल्म कर रही जोड़ियों से की जानी चाहिए।
हीरो (२०१५) तक दसियों नई जोड़ियां बॉलीवुड दे चूका है।  अब बाज़ीगर की काजोल को ही लीजिये।  उनकी पहली फिल्म कमल सडाना के साथ बेखुदी थी।  कमल की भी यह पहली फिल्म थी।  काजोल तो खैर खान की जोड़ीदार बन गई।  वह टैलेंटेड भी थी, लेकिन कम प्रतिभाशाली कमल सडाना का करियर सात फिल्मों तक ही लुढक सका।  बेखुदी तो खैर फ्लॉप हो गई थी।  इसलिए कमल सडाना की असफलता समझ में आती है।  फ्लॉप हीरो आगे कैसे बढ़ सकता था।  लेकिन, १९९० की सुपर हिट म्यूजिकल रोमांस फिल्म 'आशिक़ी' की राहुल रॉय और अनु अग्रवाल की जोड़ी के लिए क्या कहा जाये ? आशिक़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म थी।  लेकिन, इतनी बड़ी हिट फिल्म भी राहुल रॉय और अनु अग्रवाल को बॉलीवुड में पनपने का खाद पानी नहीं बन सकी।  इसका मतलब तो कि हिट फिल्म सफलता की गारंटी नहीं !
स्टार किड्ज़ - ऊंची दूकान के फीके पकवान ज़्यादा
अस्सी के दशक में बॉलीवुड पर स्टार किड्ज़ का हमला जैसा हुआ था। हालाँकि, १९७३ में राजकपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को हीरो बनाने के लिए फिल्म 'बॉबी' का निर्माण किया तो एक गुजराती व्यापारी चुन्नीभाई कपाड़िया की बेटी डिंपल कपाड़िया को उनकी नायिका बनाया।  फिल्म सुपर डुपेर हिट हुई।  ऋषि-डिंपल जोड़ी चल निकली।  इस के बाद, कई स्टार बच्चे परदे पर आये।  उनके साथ जोड़ी बनाने के लिए नए चहरे भी लिए गए।  कई ताज़ा जोड़िया बनी।  हिंदी फिल्मों के जुबली कुमार राजेंद्र कुमारं ने फिल्म 'लव स्टोरी' प्रोडूस कर अपने बेटे कुमार गौरव को मैदान पर उतार।  उनके साथ जोड़ीदार थी  पंडित जसराज भतीजी और एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित की छोटी बहन विजयता पंडित।  फिल्म हिट हुई।  १९८३ में धर्मेन्द्र ने अपने बड़े बेटे सनी देओल को हीरो बनाया फिल्म 'बेताब' बना कर।  इस फिल्म में सनी की जोड़ीदार थी मशहूर सोशलाइट रुखसाना सुल्तान की बेटी अमृता सिंह।  यह फिल्म भी हिट हुई।  दिलचस्प तथ्य यह था कि लव स्टोरी के घोस्ट निर्देशक राहुल रवैल ही बेताब के भी निर्देशक थे। देओल खानदान के एक दूसरे चिराग बॉबी देओल ने भी राजेश खन्ना की बेटी ट्विंकल के साथ फिल्म 'बरसात' (१९९५) से डेब्यू किया था।  बरसात बॉक्स ऑफिस पर बरस नहीं पाई।  बॉबी और ट्विंकल का फिल्म करियर भी कुछ ख़ास नहीं जम सका। मज़ेदार बात यह थी कि दोनों हिट फिल्मों की जोड़ियों के साथ घटा अलग अलग।  सनी देओल और अमृता सिंह हिट हो गए।  इन दोनों का करियर लम्बा चला।  लेकिन, कुमार गौरव और विजयता पंडित दर्जन भर फ़िल्में भी नहीं कर सके। ऐसा क्या हुआ ? १९८५ में सुनील दत्त, रेखा, राज किरण, फारूक शेख और दीप्ति नवल के साथ फिल्म 'फासले' में रोमांटिक जोड़ा रोहन कपूर और फराह नाज़ बना रहे थे।  रोहन कपूर गायक महेंद्र कपूर के बेटे थे।  फराह नाज़ तब्बू की बहन। दुर्भाग्यवश यश चोपड़ा की फिल्म 'फासले' से दर्शकों ने फासले बनाये रखे ।  महेंद्र कपूर का बेटा रोहन जल्द ही फिल्मों से बाहर हो गया।  अलबत्ता, फराह का करियर कुछ साल चलता रहा। कपूर खानदान से फिल्मों में आने वाली करिश्मा कपूर की पहली फिल्म प्रेम कैदी साउथ के एक्टर हरीश के साथ बनी थी। फिल्म और करिश्मा कपूर चल गई, लेकिन हरीश बिलकुल नहीं चले।
कुछ और जोड़ियां
१९८४ में फिल्म जवानी से करण शाह और नीलम कोठारी की जोड़ी ने डेब्यू किया।  रमेश बहल की फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई।  नीलम की तो खैर दूसरी फिल्म, गोविंदा के साथ इलज़ाम हिट हो गई।  लेकिन, करण शाह इतनी भाग्यशाली साबित नहीं हुए।  जल्द ही उनका सूरज बॉलीवुड में अस्त हो गया। इसी साल राजश्री प्रोडक्शंस की फिल्म 'अबोध' में माधुरी दीक्षित और तपोस पॉल की जोड़ी दर्शकों के सामने थी।  फिल्म सुपर फ्लॉप हुई।  तपोस पॉल को तुरंत ही अपना बोरिया बिस्तर लपेट का बंगाल वापस जाना पड़ा।  जबकि, माधुरी दीक्षित को एन चंद्रा की फिल्म 'तेज़ाब' ने ऐसी तेज़ाबी एक्ट्रेस बनाया कि वह एक समय बॉलीवुड मे टॉप पर पहुंची। माधुरी जैसा ही कुछ मीनाक्षी शेषाद्रि के साथ भी हुआ था। उन्हें, निर्माता, निर्देशक और अभिनेता मनोज कुमार ने अपने भाई राजीव गोस्वामी की फिल्म पेंटर बाबू' की नायिका बनाया।  फिल्म फ्लॉप हुई।  राजीव इंडस्ट्री से बाहर हो गए।  परन्तु मीनाक्षी शेषाद्रि को सुभाष घई मिल गए।  सूरज पंचोली और अथिया शेट्टी की फिल्म 'हीरो' की मूल फिल्म से वह और जैकी श्रॉफ स्टार बन गए। हालाँकि, सुभाष घई तो मनीषा कोइराला और विवेक मुशरान को भी मिले थे।  इन दोनों को दिलीप कुमार और राजकुमार जैसे दिग्गजों के साथ लेकर सुभाष घई ने 'सौदागर' जैसी बड़ी हिट फिल्म बनाई थी।  पर विवेक मुशरान बिलकुल नहीं चल पाये, जबकि मनीषा कोइराला को टॉप पर पहुँचाने का मौका मिला। पांच साल बाद राजश्री के बैनर ने सलीम खान के बेटे सलमान खान को भाग्यश्री के साथ 'मैंने प्यार किया' की नायिका बना कर पेश किया।  फिल्म सुपर हिट हुई।  सलमान खान आज भी सदाबहार हैं। लेकिन, भाग्यश्री हिंदी फिल्मों से बिलकुल बाहर हो गई। कुक्कू कोहली ने १९९१ में फिल्म 'फूल और कांटे' से अजय देवगन और मधु की नई जोड़ी पेश की। बाहर की जोड़ियों के हिंदी फिल्मों में आने की शुरुआत के० बालाचंदर की फिल्म 'एक दूजे के लिए' से हो चुकी थी।  बालाचंदर ने इस फिल्म से दक्षिण से दो चेहरों कमल हासन और रति अग्निहोत्री को पेश किया।  फिल्म सुपर हिट हुई।  रति अग्निहोत्री आगे चल कर अमिताभ बच्चन की नायिका बनी।  लेकिन, कमल हासन को दक्षिण की फिल्मों में वापस लौटना पड़ा।  क्यों ?
समान्तर फिल्मों की नई जोड़ियां
सत्तर के दशक में न्यू वेव (जिसे न्यूड वेव भी कहा गया) या समान्तर सिनेमा ने भी खूब नई जोड़ियां पेश की।  बी आर इशारा ने अपनी न्यू वेव फिल्मों से नई जोड़ियों की वेव ला दी।  १९७२ में रिलीज़ इशारा निर्देशित फिल्म  ज़रुरत में विजय अरोरा और रीना रॉय की जोड़ी पेश हुई।  १९७५ में  रिलीज़ बी  आर इशारा की ही फिल्म 'कागज़ की नाव' से राज किरण और सारिका की जोड़ी का डेब्यू हुआ था ।  हालाँकि, इशारा ने १९७० में ही फिल्म 'चेतना' से रेहाना सुल्तान और अनिल धवन की नई जोड़ी पेश की थी।  लेकिन, इस फिल्म से कुछ पहले रेहाना सुल्तान की संजीव कुमार के साथ फिल्म 'दस्तक' रिलीज़ ही गई थी।  दस्तक में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाली रेहाना सुल्तान के करियर को चेतना के कॉल गर्ल के रोल ने बिलकुल ख़त्म कर दिया।  उल्लेखनीय है कि बी आर इशारा और रेहाना सुल्तान ने बाद में शादी कर ली थी।
नई शताब्दि, नई जोड़ियां

चालू सदी के पहले साल यानि २००० में पूर्व अभिनेता और फिल्म निर्माता-निर्देशक राकेश रोशन के बेटे ह्रितिक रोशन ने अमीषा पटेल के साथ फिल्म 'कहो न प्यार है' से डेब्यू किया।  अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन ने कपूर खानदान की दूसरी बेटी करीना कपूर के साथ जेपी दत्ता की फिल्म 'रिफ्यूजी' से डेब्यू किया।  २००३ में रितेश देशमुख और जेनिलिया डिसूज़ा  की जोड़ी फिल्म मुझे तेरी कसम से दर्शकों के रु-ब-रु हुई।  प्रियांशु चटर्जी, संदली शर्मा, हिमांशु मालिक और राकेश बापट को अनुभव सिन्हा ने अपनी फिल्म 'तुम बिन' से दर्शकों के सामने पेश किया।  २००२ में राज बब्बर के बेटे आर्य का अमृता राव के साथ फिल्म 'अब के बरस' से डेब्यू हुआ।  २००७ में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'साँवरिया' से दो कपूर- ऋषि कपूर और नीतू सिंह का रणबीर कपूर और अनिल कपूर की बेटी सोनम कपूर दर्शकों के सामने आये।  इसी दौर में सोनू निगम और फ़्लोरा सैनी

ने लव इन नेपाल से एक्टिंग डेब्यू किया।  रहना है तेरे दिल में से दक्षिण के आर० माधवन पूर्व मिस एशिया पैसिफिक दिया मिर्ज़ा के साथ दर्शकों के सामने आये।  इसके अलावा सुधीर मिश्रा की फिल्म हज़ारों ख्वाहिशे ऎसी से शाइनी आहूजा और चित्रांगदा सिंह,  जेम्स से मोहित अहलावत और निशा कोठारी, मोहित सूरी की फिल्म कलयुग से कुणाल खेमू और स्माइली सूरी, विक्रम भट्ट की फिल्म 'इंतहा' से अश्मित पटेल और विद्या मलवाडे, मेरा पहला पहला प्यार से रुसलान मुमताज़ और हेज़ल, जैसे कुछ डेब्यू हुए। अभी स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर से अलिया भट्ट, वरुण धवन और सिद्धार्थ मल्होत्रा दर्शकों के सामने आये हैं।  दर्शक अच्छी तरह से जानते हैं कि इनमे से कितने डेब्यू पेअर हिट हुए या फ्लॉप !
अब जबकि, सलमान खान के बैनर से १९८३ की हिट फिल्म 'हीरो' के रीमेक से आदित्य पंचोली और ज़रीना वहाब का पुत्र सूरज पंचोली सुनील शेट्टी और मोना शेट्टी की बेटी अथिया शेट्टी के साथ डेब्यू कर रहा है, क्या मुतमईन हुआ जा सकता है कि सूरज पंचोली और अथिया शेट्टी 'हीरो' से हिट जोड़ी बनाएगी ? ऊपर के निष्कर्ष से कुछ समझ पाएं तो ठीक है।



अल्पना कांडपाल 

आशा भोंसले के ८२ साल और १०१ गीत !

इसी ८ सितम्बर को गायिका आशा भोंसले ८२ साल की हो जाएंगी।  उनके  जन्मदिन को मनाने के लिए शेमारू एंटरटेनमेंट ने आशा भोंसले के गाये १०१ चुनिंदा गीतों को तीन डीवीडी पैक में '१०१- आशा भोंसले हिट्स' के अंतर्गत जारी करने का निर्णय लिया।  यह डीवीडी पैक ८ सितम्बर को जारी किया जाना था।   लेकिन, चूंकि,  आशा भोंसले को वर्ल्ड टूर पर जाना था, इसलिए यह पैक पिछले दिनों ही आशा भोंसले द्वारा जारी किया गया।  इस मौके पर आशा भोंसले ने डीवीडी में संकलित अपने गीतों की झलकियाँ देखी।  ख़ास तौर  पर, वह चरित्रहीन, बंदिनी, अनकही, आदि फिल्मों के गीतों को सुनते हुए पुरानी यादों में  खो गई।  आशा भोंसले ने  नूतन और हेलेन से लेकर  रेखा और श्रीदेवी के परदे के चरित्रों  को अपनी आवाज़ दी है। उन्होंने एक किस्सा बताया कि एक बार एक दस साल का लड़का उनके पास आया और बोला कि वह लोग उनके गाये गीतों को एन्जॉय करते हैं। इससे साबित होता था कि वह जेन नेक्स्ट से भी सीधा जुड़ सकती हैं।  '१०१- आशा भोंसले हिट्स' की डिस्क १ का शीर्षक डांस मस्ती है।  इस डिस्क में आशा भोंसले के लोकप्रिय गीत पिया तू अब तो आजा और जवानी जानेमन से लेकर घुँघरू टूट गए और डूबा डूबा नशे में जैसे मस्ती भरे डांस नंबर शामिल हैं।  डिस्क १ में आशा भोंसले के 'रोमांटिक और सेंटीमेंटल' गीत शामिल हैं।  इनमे काली घटा छायी, देखने में भोला है, साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना, और इस दिल में, आदि जैसे गीत सुने देखे जा सकते हैं।  डिस्क ३ में आशा भोंसले के 'वेरियस मूड्स' के गीत शामिल हैं।  इनमे क्यों मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, जाऊं तो कहा जाऊं, कोमल है कमज़ोर नहीं तू, आदि गीत आशा भोंसले की बहुमुखी गायन प्रतिभा के प्रमाण हैं।  इस मौके पर आशा भोंसले ने  कहा,"इस  प्रकार के कांसेप्ट आधारित एल्बम जारी कर शेमारू  बॉलीवुड के क्लासिक गीतों की परंपरा को जीवित रखे हुए हैं। " तीन डीवीडी वाले इस सेट की कीमत २९९  रुपये है ।