आजकल मिशिगन में छुट्टियां मना रही मौनी रॉय के लिए खुशखबरी है। वह जब भारत वापस लौटेंगी, तब उनका स्वागत अक्षय कुमार की फिल्म द गोल्ड का सेट कर रहा होगा। फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी के बैनर एक्सेल एंटरटेनमेंट के अंतर्गत बनाई जा रही गोल्ड का निर्देशन रीमा कागती कर रही हैं। इस फिल्म की कहानी स्वतंत्रता पूर्व भारत द्वारा जीते गए हॉकी के पहले गोल्ड पर केंद्रित है। इस फिल्म में अक्षय कुमार हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह का किरदार कर रहे हैं । पुरुष हॉकी पर, पुरुष किरदारों की इस फिल्म में मौनी रॉय की क्या भूमिका होगी, बहुत साफ़ नहीं है। वैसे सूत्रों का कहना है कि मौनी का किरदार काफी सशक्त होगा। शायद भाग मिल्खा भाग में सोनम कपूर के किरदार जैसा। ३१ साल की मौनी रॉय ने २००७ में कृष्णा तुलसी विरानी के किरदार से टेलीविज़न डेब्यू किया था। देवों के देव महादेव में सति के किरदार से वह काफी लोकप्रिय हुई। टेलीविज़न शो नागिन और नागिन २ में अपने शिवन्या और शिवांगी के दोहरे किरदार से वह टेलीविज़न की टॉप अभिनेत्रियों में शुमार हो गई। पिछले दिनों यह खबर थी कि मौनी रॉय का फिल्म डेब्यू सलमान खान की फिल्म से होयेगा। इस फिल्म में फरहान अख्तर और कुणाल कपूर के साथ कियरा अडवाणी भी काम कर रही हैं।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday 24 June 2017
इन रीलों में रियल लाइफ की कहानी है !
हिंदी रील पर रियल लाइफ करैक्टरो या रियल लाइफ इंसिडेंट का ज़बरदस्त हमला शुरू हो गया है। अभी जिन दो फिल्मों के पोस्टर बड़े जोरशोर के साथ रिलीज़ गए हैं, उनकी रील लाइफ पर रियल लाइफ तेवर प्रभावी नज़र आते हैं। मधुर भंडारकर की फिल्म इंदु सरकार और मिलन लुथरिया की फिल्म बादशाहो की पृष्ठभूमि पर १९७५ की वह इमरजेंसी है, जिस दौरान पूरा हिंदुस्तान एक बड़ी जेल में तब्दील हो गया था । इन दो फिल्मों के अलावा कुछ दूसरी फ़िल्में भी रील लाइफ करैक्टर या इंसिडेंट यानि घटनाओं पर हैं। ज़्यादा फ़िल्में बायोग्राफिकल कही जा सकती हैं।
रियल इंसिडेंट पर फ़िल्में बनाने के अपने खतरे होते हैं। अब गुलज़ार की फिल्म आंधी को ही ले लीजिये। फिल्म के सुचित्रा सेन के करैक्टर आरती का मेकअप-गेटअप तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी से क्या मिला, तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने फिल्म को सिनेमाघरों से उतरवा दिया । बाद मे यह फिल्म जनता पार्टी के शासन काल में रिलीज़ हो पाई। अमृत नाहटा की फिल्म किस्सा कुर्सी के प्रिंट ही जलवा दिए गए। यह सब इंदिरा गांधी के द्वारा देश में आपातकाल की घोषणा के बाद किया गया। यह दो फ़िल्में आपातकाल के दौरान हुए सरकारी सितम की रियल घटनाये है।
आपातकाल पर दो फ़िल्में
इस साल जुलाई और सितम्बर में एक महीने के अंतराल से दो ऎसी फ़िल्में रिलीज़ होंगी, जो आपातकाल की पृष्ठभूमि पर है। २८ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही मधुर भंडारकर की फिल्म इंदु सरकार आपातकाल के १९७५ से १९७७ के बीच के २१ महीनों की कहानी है। इस फिल्म में कीर्ति कुल्हारी का किरदार का आपातकाल के दौरान आम आदमी के हक़ और स्वतंत्रता के लिए लड़ता है। इस फिल्म में नील नितिन मुकेश ने संजय गांधी और सुप्रिया विनोद ने इंदिरा गांधी का किरदार किया है। फिल्म के अन्य कलाकारों में तोता रॉय चौधरी, अनुपम खेर, शीबा चड्डा और परवीन डबास के नाम शामिल हैं। १ सितम्बर को रिलीज़ होने जा रही दूसरी फिल्म में भी आपातकाल का दौर है। मिलन लुथरिया की फिल्म बादशाहो की कहानी इमरजेंसी के दौर के ९६ घंटों की है, जब हथियार बंद गारद के साथ ले जाए जा रहे अरबों के सोने की लूट की योजना बनाई जाती है। इस काम को ६०० किलोमीटर में पूरा किया जाना है। इस समय में छह किरदार अपने अपने काम अंजाम देते हैं। इन छह किरदारों को अजय देवगन, इलीना डिक्रूज़, एशा गुप्ता, विद्युत् जम्वाल, इमरान हाश्मी और संजय मिश्रा ने किया है। हालाँकि यह दोनों फ़िल्में १९७५ में लगी इमरजेंसी की पृष्ठभूमि पर है। लेकिन, इन दोनों फिल्मों की कहानियां और घटनाएं काल्पनिक हैं। मधुर भंडारकर ने अपनी फिल्म का शीर्षक इंदिरा गांधी के उपनाम इंदु पर रखा है तथा फिल्म में संजय गांधी, इंदिरा गांधी, आदि के किरदार भी रखे गए हैं। लेकिन मोटामोटी यह काल्पनिक कहानी है। मिलन लुथरिया की फिल्म तो पूरी तरह से सस्पेंस, थ्रिल और एक्शन से भरपूर काल्पनिक घटना है।
बॉम्बे के डॉन
बॉलीवुड को डॉन करैक्टर बहुत भाते हैं। बॉलीवुड की ज़्यादा फ़िल्में बॉम्बे बम ब्लास्ट के कुख्यात भगौड़े अपराधी डॉन दाऊद इब्राहिम पर कंपनी, वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई, आदि फ़िल्में बनाई गई हैं। अब दो ऎसी फ़िल्में आ रही हैं, जिनके मुख्य किरदारों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं या उनके बारे में जानकारी रखते हैं। पहली फिल्म १८ अगस्त को रिलीज़ होने जा रही हसीना पारकर है। इस फिल्म का निर्देशन अपूर्व लखिया ने किया है। यह फिल्म भगोड़े दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर पर केंद्रित है। हसीना ने मुंबई में अपने भाई के पाकिस्तान भाग जाने के बाद उसका कारोबार बखूबी सम्हाला था। फिल्म का पोस्टर बताता है कि हसीना पर ८८ मुकदमे चल रहे थे। इस फिल्म में मुंबई की महिला डॉन हसीना का किरदार अभिनेत्री श्रद्धा कपूर ने किया है। उनके भाई सिद्धांत कपूर डॉन दाऊद इब्राहिम बने हैं। अंकुर भाटिया ने हसीना का शौहर इब्राहिम पारकर का किरदार किया है। दूसरी डायरेक्टर अशीम अहलूवालिया की फ़िल्म डैडी बॉम्बे के गैंगस्टर अरुण गवली पर है, जिसका १९८० के दशक में मुंबई के चिंचपोकली इलाके में दबदबा हुआ करता था। बाद में अरुण गवली राजनीती में भी उतरा था। इस फिल्म का शीर्षक डैडी इसी लिए रखा गया है कि उसके इलाके के लोग डॉन को डैडी कह कर पुकारते थे। स्थानीय चॉल के लोगों में उसे रोबिन हुड कहा जाता था। इस किरदार को अर्जुन रामपाल ने किया है। उन्होंने ही फिल्म की कहानी में भी योगदान दिया है। यह फिल्म १ दिसंबर को रिलीज़ हो रही है।
रियल लाइफ फिल्मों के गोल्ड अक्षय कुमार
रियल लाइफ फिल्मों का किरदार करने के जहां अपने खतरे हैं, वही लोकप्रियता के फायदे भी हैं। इसीलिए तमाम बॉलीवुड अभिनेता और अभिनेत्रियां रियल लाइफ किरदारों को करने की कोशिश करते हैं। ऐसे एक्टरों में अभिनेता अक्षय कुमार सबसे आगे हैं। अक्षय कुमार को रियल लाइफ किरदारों के गोल्ड अभिनेता कहना उचित होगा। अक्षय कुमार ने कई रियल लाइफ किरदार किये हैं और उन्हें बॉक्स ऑफिस पर अच्छी सफलता भी मिली है। २०१३ में अक्षय कुमार ने रियल लाइफ घटनाओं पर दो फ़िल्में की थी। नीरज गुप्ता की फिल्म स्पेशल २६ की कहानी १९८७ में मुंबई के ओपेरा हाउस में जौहरियों के शो रूम में पड़ी अनोखी डकैती पर थी, जिसमे कुछ लोग नकली सीबीआई बन कर लूट करते हैं। अक्षय कुमार ने लुटेरों के सरगना का किरदार किया था। इसी साल रिलीज़ दूसरी फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा में अक्षय कुमार ने रियल लाइफ दाऊद इब्राहिम के रील लाइफ किरदार शोएब खान का किरदार किया था। २०१६ में अक्षय कुमार की दो फ़िल्में एयरलिफ्ट और रुस्तम रियल लाइफ किरदारों पर थी। एयरलिफ्ट १९९० में कुवैत पर इराक के हमले के दौरान एक भारतीय मूल के कुवैती व्यापारी मथुनि मैथ्यूज द्वारा कुवैत से भारतीयों को बाहर निकालने की कहानी थी। मैथ्यूज का किरदार अक्षय कुमार ने किया था। रुस्तम में अक्षय कुमार ने नौसेना अधिकारी के एम नानावटी का रील किरदार किया था। यह फिल्म साथ के दशक में बॉम्बे में हुए एक मशहूर हत्याकांड पर थी। अक्षय कुमार इस समय भी रियल लाइफ किरदार कर रहे हैं। १९८९ में रानीगंज कोलफील्ड में हुए हादसे पर बनाई जा रही फिल्म में अक्षय कुमार कोलफील्ड के चीफ इंजीनियर जे एस गिल का किरदार कर रहे हैं, जिसने ६४ खनिकों की जान बचाई थी। रीमा कागती की फिल्म गोल्ड में अक्षय कुमार हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह का किरदार कर रहे हैं। पैडमैन में वह सस्ते सेनेटरी पेड बनाने वाले मशीन की ईज़ाद करने वाले अरुणाचलम मुरुगनंथम का किरदार कर रहे हैं। टी सीरीज की फिल्म मुग़ल में अक्षय कुमार ने गुलशन कुमार का किरदार किया है। इसके अलावा बैटल ऑफ़ सरगढ़ी और टॉयलेट एक प्रेम कथा या तो रियल लाइफ किरदार पर हैं या रियल इंसिडेंट पर हैं।
रिलीज़ हो गई फ़िल्में
रियल लाइफ किरदारों या घटनाओं पर कुछ फिल्में इसी साल रिलीज़ हुई हैं। द गाज़ी अटैक १९७१ के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान हुई उस घटना पर है, जिसमे भारतीय नौसैनिकों ने पाकिस्तान की पनडुब्बी गाज़ी को डुबो दिया था। सचिन: अ बिलियन डॉलर ड्रीम क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर पर और एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी क्रिकेटर धोनी पर बनाई गई बायोग्राफिकल फ़िल्में हैं। राहुल बोस की फिल्म पूर्णा माउंट एवरेस्ट पर चढाने वाली छोटी बच्ची पूर्ण की रियल लाइफ कहानी थी। जब तक यह लेख प्रकाशित होगा सलमान खान की फिल्म ट्यूबलाइट रिलीज़ हो गई होगी। यह फिल्म १९६२ के भारत-चीन युद्ध पर फिल्म है।
बायोग्राफिकल फ़िल्में बनाने के अपने खतरे हैं। रियल लाइफ करैक्टर को ऐतराज़ हो सकता है। जैसे हसीना पार्कर के जीवन पर फिल्म हसीना पारकर को लेकर ऐतराज़ जताया गया था। इसी परिवार ने वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई के निर्माण के दौरान भी आपत्ति जताई थी। इसीलिए फिल्म में करैक्टर के नाम पर बदलाव किया गया। पूर्व प्रधान मंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह पर बनाई जा रहे फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर तो सेंसर बोर्ड चीफ पहलाज निहलानी का ही ऐतराज़ था कि पहले मनमोहन सिंह से अनुमति ली जाए। कांग्रेस को तो इमरजेंसी पर बनाई गई इंदु सरकार पर भी नाराज़गी है।
हिंदी में डब होगी प्रभाष की बिल्ला
हिंदी दर्शकों पर बाहुबली के शिवुडु अमरेंद्र बाहुबली का जादू चढ़ गया है। इस फिल्म में रानी देवसेना यानि अनुष्का शेट्टी के साथ उनकी जोड़ी काफी पसंद की गई थी। दुनिया के दर्शक इस जोड़ी की दूसरी फिल्म में देखना चाहते हैं। बाहुबली के बाद इस जोड़ी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन दोनों को लेकर तेलुगु, तमिल और हिंदी में एक फिल्म साहो बनाई जा रही है। इस थ्रिलर फिल्म के डायरेक्टर सुजीत हैं। फिल्म की शूटिंग ९ जून से हैदराबाद में शुरू हो चुकी है। फिलहाल साहो की रिलीज़ की तारीख तय नहीं हैं। बताते चलें कि प्रभाष और अनुष्का शेट्टी की जोड़ी ने बाहुबली से पहले बिल्ला और मिर्ची में अभिनय किया था। यह दोनों ही प्रभाष की एक्शन फ़िल्में हैं। प्रभाष की लोकप्रियता को भुनाने के ख्याल से बिल्ला (२००९) को हिंदी में डब कर रिलीज़ किये जाने की खबर हैं। बिल्ला में प्रभाष की दोहरी भूमिका है। फिल्म की कहानी शत्रुघ्न सिन्हा की १९७६ में सुभाष घई निर्देशित फिल्म कालीचरण और अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन जैसी है। डॉन बिल्ला (प्रभाष) पुलिस के पीछा करने के दौरान दुर्घटना में मारा जाता है। पुलिस कमिश्नर डॉन की मौत की खबर को दबा देता है और उसकी जगह एक छोटे मोटे चोर स्वामी रंगा (प्रभाष) को प्लांट कर देता है। इस फिल्म में अनुष्का शेट्टी के अलावा नमिता और हंसिका मोटवानी जैसी सेक्स बम अभिनेत्रियां भी हैं। हंसिका तो हिंदी फिल्मो में अभिनय भी कर चुकी हैं। जल्द ही फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ किया जायेगा। इस फिल्म को रिटर्न ऑफ़ रिबेल रखा गया है।
Friday 23 June 2017
शबीना के साथ मगन होके नाचे सलमान खान
आज रिलीज़ हो रही सलमान खान की फिल्म ट्यूबलाइट का एक गीत नाच मेरी जान काफी पॉपुलर हो चुका है। इस गीत पर दोनों खान भाइयों सलमान खान और सोहैल खान को नचाने का काम किया शबीना खान ने। सलमान खान और शबीना खान का साथ बरसों पुराना है। शबीना ने पहली बार सलमान खान की फिल्म ख़ामोशी द म्यूजिकल में गणेश हेगड़े की असिस्टेंट के रूप में पहली बार सलमान खान को स्टेप करवाए थे। शबीना सरोज खान और प्रभुदेवा की असिस्टेंट भी रह चुकी हैं। स्वतंत्र कोरियोग्राफर के रूप में ऑफर शबीना को ख़ामोशी के दौरान ही मिलने लगे थे। सलमान खान को शबीना की आर्टिस्टिक स्किल्स काफी पसंद है। इसलिए वह दूसरे कोरियोग्राफर के बजाय शबीना को प्राथमिकता देते हैं। यही कारण है कि शबीना खान फिल्म दबंग, जय हो और प्रेम रतन धन पायो जैसी फिल्मों में सलमान खान के स्टेप तैयार कर चुकी हैं। नाच मेरी जान की कोरियोग्राफी के बारे में बात
करते हुए शबीना कहती हैं, "यह गाना मेरे दिल के बहुत करीब है। यह गाना भाइयो के
रिश्तों को स्क्रीन पर सुंदर ढंग से पेश करता है। ख़ास बात यह है कि मेरे भाई शर्जिल ने भी इस गाने की कोरियोग्राफी करने में मदद की है।" इस गीत में सलमान खान और सोहेल खान के अलावा चीनी एक्ट्रेस जूजू भी नजर आती हैं ।
प्रियंका चोपड़ा की दो हॉलीवुड फ़िल्में
बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, जहाँ हिंदी
फिल्मों में व्यस्त हैं, वही वह हॉलीवुड फ़िल्में भी साइन करती जा रही हैं। पिछले दिनों प्रियंका चोपड़ा ने बहुत गुपचुप दो हॉलीवुड फ़िल्में साइन कर ली हैं। इनमे से एक फिल्म अ
किड लाइक जेक की तो उन्होंने शूटिंग भी शुरू कर दी है। ड्रामा फिल्म अ किड लाइक जेक में प्रियंका चोपड़ा अमाल का किरदार कर रही हैं। यह फिल्म अलेक्स और ग्रेग व्हीलर परिवार की है। उनका बेटा जेक तीव्र बुद्धि ट्रांसजेंडर बच्चा है। उन्हें उससे काफी उम्मीदें हैं। उसे अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की तरह जीआई जो के बजाय सिंडरेला पसंद है। इस ट्रांसजेंडर बच्चे के न्यू यॉर्क सिटी के किंडरगार्टेन में एडमिशन के लिए उनके सामने आर्थिक कठिनाइयां हैं। फिल्म में व्हीलर दम्पति का किरदार क्लेयर डॅन्स और जिम पार्सन्स ने की है। इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा उनकी मित्र अमाल का किरदार कर रही हैं। जो एक बच्चे की तलाक़शुदा माँ है। उसे भी किंडरगार्टेन में बच्चे के दाखिले के लिए संघर्ष करना है। इस फिल्म के निर्देशक सिलास होवार्ड (बाय हुक ऒर बाय क्रूक) हैं। यह फिल्म अगले साल रिलीज़ होगी। प्रियंका चोपड़ा की दूसरी हॉलीवुड फिल्म इज नॉट इट एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है। प्यार में धोखा खाई रूखे स्वभाव की युवती महसूस करती है कि उसकी ज़िन्दगी रोमांटिक कॉमेडी बन गई है। टॉड स्ट्रॉस-शुलसन निर्देशित फिल्म में केंद्रीय किरदार रिबेल विल्सन ने किया है। हंगर गेम्स के लिएम हैम्सवर्थ और एडम डेविन के किरदारों के विल्सन के साथ प्रेम त्रिकोण में प्रियंका चोपड़ा का कोण बहुत साफ़ नहीं है। यह फिल्म २०१९ में रिलीज़ होगी। क़्वान्टिको और बेवॉच से प्रियंका चोपड़ा ने खुद की इमेज निगेटिव किरदार वाली बना ली है। देखने वाली बात होगी कि इन दो फिल्मों का ड्रामा और रोमांस कॉमेडी उनके हॉलीवुड करियर में क्या रंग लाती है।
अब श्रीदेवी साड़ी
श्रीदेवी की ३००वी फिल्म मॉम ७ जुलाई को रिलीज़ हो रही है। इसी तारीख को श्रीदेवी के अभिनय की दुनिया में पचास साल पूरे हो जायेंगे। इस दौर में श्रीदेवी ने हिंदी और दक्षिण की फिल्मों में अपने अभिनय और सेक्स अपील का सिक्का जमाया है। वह जितनी आकर्षक और सेक्सी आधुनिक पोशाकों में लगती थी, उससे कहीं ज़्यादा सेक्सी और आकर्षक साड़ी में दिखती थी। मिस्टर इंडिया के काटे नहीं काटते दिन ये रात गीत में नीली शिफॉन साड़ी में भीगती श्रीदेवी कामुकता की देवी नज़र आती थी। यश चोपड़ा की फिल्म चांदनी के ओ मेरी चांदनी गीत में पीली साड़ी में लिपटी श्रीदेवी ग्लैमर से भरपूर लग रही थी। लम्हे में उज्जवल सफ़ेद साड़ी में वह रोमांस की देवी जैसी लगती थी। २०१२ में रिलीज़ फिल्म इंग्लिश विंग्लिश में गृहणी शशि के किरदार के अनुरूप उन्होंने नौ गज की गहरे लाल रंग की साड़ी पहन कर दर्शकों पर जादू कर दिया था। श्रीदेवी के इसी जादू को भुनाने के ख्याल से चेन्नई के परंपरागत वस्त्रों के विक्रेता और श्रीदेवी के प्रशंसक ने श्रीदेवी साड़ियां लांच करने का फैसला किया है। साड़ियों की यह सीरीज श्रीदेवी की फिल्मों में उनके किरदारों से प्रेरित होंगी।
Wednesday 21 June 2017
'फ्यूरी रोड' पर हार्डी और थेरॉन टकराव ?
२०१५ की हिट फिल्म मैड मैक्स : फ्यूरी रोड के निर्माण के दौरान फिल्म में मैक्स का किरदार करने वाले अभिनेता टॉम हार्डी और विलेन फ्यूरिओसा की एक्ट्रेस चार्लीज थेरॉन के बीच टकराव की खबरें आती रहती थी। लेकिन, इन खबरों की पुष्टि करने कोई भी आगे नहीं आता था। पिछले दिनों फिल्म में टोस्ट द नोईंग का किरदार करने वाली अभिनेत्री जोए क्रेविट्ज़ ने फिल्म रफ़ नाईट के प्रमोशन के दौरान ऐसा संकेत दिया कि हार्डी और थेरॉन में टकराव होता था। उनके अनुसार, "यह ऐसा टकराव था, जैसे हम समर कैंप में रहते हैं। घर से छह महीने तक अलग रेगिस्तान में बसते हैं। ऐसे में सभी लोगों के बीच कोई न कोई मुद्दा पैदा हो जाता है।" क्रेविट्ज़ की बात से बात मिलाती हुई इलाना ग्लेज़र मज़ाकिया लहज़े में इसे गर्भपात और प्रजनन के अधिकार से जोड़ देती है । इससे ऐसा लग सकता है कि हार्डी और थेरॉन टकराव पात्रों के अनुरूप बैठाने के लिए पैदा हुआ अधिक था। परन्तु जब हमें यह मालूम होता है कि फिल्म के डायरेक्टर जॉर्ज मिलर ने जो दो स्क्रिप्ट लिख रखी हैं, उनसे बन रही पहली फिल्म मैड मैक्स : द वेस्टलैंड में चार्लीज़ थेरॉन का फ्यूरिओसा का किरदार नहीं हैं, तब टकराव का सवाल फिर सर उठाता है । लेकिन, संकेत देते हैं जॉर्ज मिलर कि दूसरे सीक्वल में मैक्स और फ्यूरिओसा के बीच फिर वाद-विवाद होगा। साफ़ तौर पर मैड मैक्स: फ्यूरी रोड के पहले सीक्वल में फ्यूरिओसा नहीं है, लेकिन यह हार्डी से थेरॉन के टकराव का परिणाम नहीं है।
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