श्रीदेवी की ३००वी फिल्म मॉम ७ जुलाई को रिलीज़ हो रही है। इसी तारीख को श्रीदेवी के अभिनय की दुनिया में पचास साल पूरे हो जायेंगे। इस दौर में श्रीदेवी ने हिंदी और दक्षिण की फिल्मों में अपने अभिनय और सेक्स अपील का सिक्का जमाया है। वह जितनी आकर्षक और सेक्सी आधुनिक पोशाकों में लगती थी, उससे कहीं ज़्यादा सेक्सी और आकर्षक साड़ी में दिखती थी। मिस्टर इंडिया के काटे नहीं काटते दिन ये रात गीत में नीली शिफॉन साड़ी में भीगती श्रीदेवी कामुकता की देवी नज़र आती थी। यश चोपड़ा की फिल्म चांदनी के ओ मेरी चांदनी गीत में पीली साड़ी में लिपटी श्रीदेवी ग्लैमर से भरपूर लग रही थी। लम्हे में उज्जवल सफ़ेद साड़ी में वह रोमांस की देवी जैसी लगती थी। २०१२ में रिलीज़ फिल्म इंग्लिश विंग्लिश में गृहणी शशि के किरदार के अनुरूप उन्होंने नौ गज की गहरे लाल रंग की साड़ी पहन कर दर्शकों पर जादू कर दिया था। श्रीदेवी के इसी जादू को भुनाने के ख्याल से चेन्नई के परंपरागत वस्त्रों के विक्रेता और श्रीदेवी के प्रशंसक ने श्रीदेवी साड़ियां लांच करने का फैसला किया है। साड़ियों की यह सीरीज श्रीदेवी की फिल्मों में उनके किरदारों से प्रेरित होंगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 23 June 2017
अब श्रीदेवी साड़ी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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