बॉलीवुड को और बॉलीवुड में दिलचस्पी रखने वालों को हर साल सिद्दीकियों (बाबा और जीशान) की इफ्तार पार्टी का इंतज़ार रहता है। इस पार्टी में अक्षय कुमार जैसे बॉलीवुड अभिनेता या तो बुलाये नहीं जाते या यह लोग जाते नहीं। लेकिन, बॉलीवुड का एक ख़ास तबका इस इफ्तार पार्टी का आनंद लेता है।
ऐसी शाम में फोटोग्राफरों की चांदी हो जाती है। बॉलीवुड के पूरे साल के दुश्मनों को गले मिलते देखा जाता है, दुश्मनी निभाये जाते भी नज़र आते हैं बॉलीवुड सितारे। २०१३ में इस कांग्रेसी नेता की इफ्तार पार्टी में शाहरुख़ खान और सलमान खान गले मिले थे। यह कैटरीना कैफ की २००८ में बर्थडे पार्टी में दोनों खानों के बीच मारामारी के बाद का ऐतिहासिक मिलन था। इसलिए इस साल भी कैमरा क्लिक करने वालों को उम्मीद थी कि जब यह दोनों खान पार्टी में पहुंचेंगे तो करण-अर्जुन वाला मिलाप जैसा कुछ होगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस पार्टी में दोनों पहुंचे ज़रूर। दोनों ने अलग अलग फोटो भी खिंचवाई। पर आपस में गले नहीं मिले और न ही गले मिलते हुए फोटो खिंचवाई। भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday, 26 June 2017
जब गले नहीं मिले सलमान खान और शाहरुख़ खान
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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