Friday, 16 June 2017

क्या पाकिस्तान में जल पाएगी ट्यूबलाइट !

सलमान खान के पिछले दिनों मीडिया को दिए बयान ने राजनीतिक गरमी तेज़ कर दी है।  सलमान खान ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए एक जवाब में कहा, "जो लोग युद्ध की बात करते हैं, उन्हें सीमा पर आगे कर देना चाहिए।  हाथ पाँव कांपने लगेंगे।  एक ही दिन में बातचीत की मेज पर आ बैठेंगे।" सलमान खान के इस बयान ने शिवसेना जैसे दलों को शोर मचाने का मौका दे दिया है।  सेक्युलर बहस भी छिड़ गई है। यहाँ सवाल यह है कि सलमान खान को इस प्रकार का बयान देने की क्या ज़रुरत पड़ गई ?  सलमान खान और कबीर खान की जोड़ी की पिछली फिल्म 'बजरंगी भाईजान'  पाकिस्तान  में रिलीज़ हुई थी।  फिल्म में कश्मीर के जिक्र के कारण शंकालु पाकिस्तानी अधिकारियों ने बजरंगी भाईजान को कुछ कट के साथ रिलीज़ होने दिया था।  इस फिल्म के सकारात्मक सन्देश ने पाकिस्तानी दर्शकों को प्रभावित किया था।  फिल्म ने पाकिस्तानी बॉक्स ऑफिस पर बढ़िया प्रदर्शन किया था। इस फिल्म के बाद रिलीज़ कबीर खान की सैफ अली खान की फिल्म फैंटम पाकिस्तान में घुस भी नहीं पाई थी ।  पाकिस्तानियों को फिल्म के हीरो सैफ द्वारा पाकिस्तान में घुस कर हफ़ीज़ सईद को मारने का कारनामा नागवार गुजरा था।  अब, जबकि ट्यूबलाइट ईद वीकेंड पर रिलीज़ होने जा रही है, फिल्म के पाकिस्तान में रिलीज़ होने पर सवाल उठने लगे हैं।  क्या पाकिस्तान फैंटम जैसी पाकिस्तान पर हमलावर फिल्म बनाने वाले कबीर खान की इस फिल्म का खैरमकदम नहीं करना चाहता ? हालाँकि, ट्यूबलाइट की कहानी १९६२ के भारत- चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर है।  इसमें कहीं भी पाकिस्तान का ज़िक्र नहीं है।  इसके बावजूद ट्यूबलाइट  पाकिस्तान में रिलीज़ नहीं हो पायेगी। क्योंकि, ईद के  मौके पर दो बड़ी पाकिस्तानी फ़िल्में यलगार और शोर शराबा रिलीज़ होने जा रही हैं इन दोनों फिल्मों में पाकिस्तानी फिल्म निर्माताओं का काफी पैसा लगा है । सलमान खान पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय हैं । पाकिस्तान में उनके प्रशंसक दर्शकों की कोई कमी नहीं है । ट्यूबलाइट के रिलीज़ होने पर यलगार और शोर शराबा को नुकसान हो सकता है । इसीलिए पाकिस्तान के वितरक ट्यूबलाइट पर हाथ लगाना नहीं चाहते। ट्यूबलाइट की पाकिस्तान रिलीज़ पर रोक विशुद्ध व्यावसायिक निर्णय है। इसलिए, सलमान खान के बयान को केवल पब्लिसिटी स्टंट ही  कहा जा सकता है।

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