श्रीदेवी की
रवि उदयवार निर्देशित फिल्म मॉम हिंदी के अलावा तीन दूसरी भारतीय भाषाओँ तमिल, तेलुगु और मलयालम में रिलीज़ की
जाएगी। श्रीदेवी पर केंद्रित इस फिल्म में
नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी और अक्षय खन्ना पहली बार श्रीदेवी के साथ अभिनय कर रहे हैं। फिल्म में श्रीदेवी ने दो बेटियों की माँ देवकी
का किरदार किया है। उसकी बेटी आर्या भावुक लड़की है। उसका मानना है कि एक माँ की ज़िन्दगी में बेटी आती है, न कि बेटी की ज़िन्दगी में माँ आती
है। इसे लेकर दोनों में मतभेद हैं। देवकी इंतज़ार करती है अपनी बेटी के प्यार और
उसे स्वीकार करने का,
ताकि दोनों
के बीच मतभेद दूर हो सके। परन्तु एक
दुर्घटनावश यह दूरियां बढ़ जाती है। अब
देवकी के सामने दो ही रास्ते हैं कि वह ज़्यादा खराब और काम खरब में से किसी को
चुनना है। ज़ाहिर है कि देवकी का किरदार श्रीदेवी की अभिनय क्षमता को उभारने वाला
है। श्रीदेवी ने अभिनय का सिलसिला दक्षिण की फिल्मों से शुरू किया था। अब बॉलीवुड
फिल्मों को भी दक्षिण के बाजार की तलाश है। कहते हैं फिल्म के निर्माता और
श्रीदेवी के पति बोनी कपूर,
"साउथ इंडिया
में तो उनकी इतनी फैनफॉलोविंग हैं कि फिल्म वितरक हमेशा श्रीदेवी की फिल्मों का
इंतजार करतें रहते हैं। जब से ‘मॉम’
का प्रोमो
ऑनलाइन रिलीज हुआ हैं। तब से वितरक इस फिल्म को दक्षिण भारतीय भाषाओं में डब कर
रिलीज़ करने की मांग कर रहें हैं। इसी वजह से यह फिल्म हिंदी के साथ ही तमिल, तेलुगु, और मलयालम में भी रिलीज कर रहें हैं।"
फिल्म करियर
के ५० साल
मॉम ७ जुलाई
को रिलीज़ हो रही है। इस तारिख का श्रीदेवी की ज़िन्दगी में विशेष महत्व है।
तमिलनाडु में शिवकाशी में १३ अगस्त १९६३
को जन्म हुआ था। श्रीदेवी ने अपने फिल्म
करियर की शुरुआत तमिल भक्ति फिल्म कंधन करुणाई में बतौर बाल कलाकार की थी। इस फिल्म में वह भगवान मुरुग का बालावतार
थी। उस समय श्रीदेवी की उम्र महज़ चार साल
थी। कंधन करुणाई ७ जुलाई १९६७ को रिलीज़
हुई थी। इस प्रकार से श्रीदेवी के एक्टिंग
करियर को इस साल ७ जुलाई को ५० साल पूरे हो जाते हैं। इसे देखते हुए ही बोनी कपूर ने मॉम को ७ जुलाई
को दक्षिण की तीन भाषाओँ के साथ रिलीज़ करने का फैसला लिया है। संयोग की बात यह है कि मॉम श्रीदेवी की बतौर एक्ट्रेस ३००वी फिल्म है। यह तीन सौ फ़िल्में हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषाओं में है। इस प्रकार से अपने अभिनय जीवन के पचास
सालों में ५३ साल की श्रीदेवी कुल ३०० फ़िल्में कर चुकी हैं। जबकि, वह पिछले पांच सालों से हिंदी फ़िल्में नहीं कर रही थी। उन्होंने १९७९ से कोई कन्नड़ फिल्म नहीं की
है। १९९४ से तेलुगु और १९९६ से मलयालम
फिल्मों से दूर हैं। जिस तमिल इंडस्ट्री
से श्रीदेवी ने अपने करियर की शुरुआत की थी, उसमे भी उनकी २६ साल बाद वापसी २०१५ में रिलीज़ कॉस्ट्यूम ड्रामा
ऐतिहासिक फिल्म पुलि से हुई थी ।
तमिल फिल्म
से शुरुआत करने के बाद श्रीदेवी ने
बॉलीवुड का रुख किया। दक्षिण के
फिल्म निर्माता बी नागिरेड्डी और चक्रपाणि की के एस सेतुमाधवन निर्देशित फिल्म
जूली (१९७५) ने उन्हें फिल्म की नायिका लक्ष्मी की छोटी बहन के रोल में मौक़ा दिया।
इस बड़ी हिट फिल्म के बावजूद श्रीदेवी की अगली फिल्म सोलवां सावन १९७८ में रिलीज़
हुई। पी भारतीराजा की इस फिल्म में
श्रीदेवी ने अमोल पालेकर के अपोजिट १६ साल की लड़की के प्यार को अंजाम दिया
था। फिर कमल हासन के साथ रीमेक फिल्म
सदमा रिलीज़ हुई। यह दोनों फ़िल्में बुरी तरह से असफल हुई।
थंडर थइ
श्रीदेवी
जब ऐसा लग
रहा था कि दक्षिण की इस अभिनेत्री का करियर तीन फिल्मों के साथ ही ख़त्म हो जायेगा, अभी रिलीज़ हुई के राघवेंद्र राव के
निर्देशन में बनी एक्शन कॉमेडी फिल्म हिम्मतवाला । यह फिल्म हिट तमिल फिल्म उरिकी
मोनगाडू की रीमेक थी। तमिल फिल्म में
कृष्णा की नायिका जयाप्रदा थी। बाद में, इन्ही जयाप्रदा के साथ श्रीदेवी ने कई
फ़िल्में की और दोनों के बीच लगातार कैट फाइट होती रही। हिम्मतवाला में श्रीदेवी ने जम कर अंग प्रदर्शन
किया था। इस फिल्म ने उन्हें थंडर थइ वाली
अभिनेत्री का खिताब दिलवाया। श्रीदेवी ने
इसी साल एक के बाद अंग प्रदर्शन से भरपूर फ़िल्में की। जानी दोस्त, जस्टिस चौधरी और मवाली फिल्मों की सफलता के पीछे श्रीदेवी की सेक्स
अपील ही थी। वह बॉलीवुड की सेक्स बम के बतौर स्थापित हो गई।
अभिनय भी
दिखाया
हिंदी
फिल्मों में श्रीदेवी ने केवल अंग प्रदर्शन ही नहीं किया। श्रीदेवी की सेक्स अपील
का प्रदर्शन करने वाली तमाम फ़िल्में साउथ के निर्माताओं द्वारा बनाई गई थी। साउथ
के फिल्म निर्माता श्रीदेवी की अभिनय क्षमता को जानते और पहचानते थे। इसीलिए, जिस दौर में बॉलीवुड दर्शकों को आकर्षित करने के लिए तोहफा, मकसद और सरफ़रोश जैसी श्रीदेवी की सेक्स
अपील उभारने वाली फ़िल्में बनाई गई, वहीँ के विश्वनाथ ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ फिल्म जाग उठा इंसान में
श्रीदेवी के नृत्यांगना किरदार को भावाभिनय से सरोबार पेश किया। १९८६ में श्रीदेवी
के करियर में बड़ा बदलाव आया। इस दौरान श्रीदेवी को हरमेश मल्होत्रा ने नागिन
किरदार में पेश किया। फिल्म थी नगीना। यह फिल्म बड़ी हिट साबित हुई। इस फिल्म के साथ श्रीदेवी बॉलीवुड की सबसे
महँगी अभिनेत्री बन गई। पारिवारिक फिल्म घर संसार में श्रीदेवी ने अपने सशक्त
अभिनय से दर्शकों और समीक्षकों की वाहवाही बटोरी।
सुहागन,
औलाद और
नज़राना के बाद श्रीदेवी ने अपने उत्कृष्ट अभिनय से अनिल कपूर के साथ फिल्म मिस्टर
इंडिया को मिस इंडिया बना दिया। राम-अवतार, चांदनी, चालबाज़,
लम्हे, गुमराह, आदि उनकी उल्लेखनीय फ़िल्में थी, जिनमे श्रीदेवी ने खुद की पहचान बतौर सेक्स बम नहीं अभिनेत्री बनाई।
श्रीदेवी ने
१९९६ में अपनी मिस्टर इंडिया, रूप की रानी चोरों का राजा और जुदाई जैसी फिल्मों निर्माता बोनी कपूर
से विवाह कर लिया। १९९७ में पहली बेटी के
जन्म के साथ ही श्रीदेवी ने फिल्मों को पूरी तरह से अलविदा कह दी। कोई १५ साल श्रीदेवी की वापसी हुई गौरी शिंदे
की कॉमेडी ड्रामा फिल्म इंग्लिश विंग्लिश से।
इस फिल्म में श्रीदेवी ने एक ऐसी गृहणी के किरदार को किया था, जो इंग्लिश नहीं बोल सकती है। इससे उसकी घर में उपेक्षा होती ही है, जब वह एक शादी में विदेश जाती है तो यह
समस्या ज़्यादा बढ़ जाती है। इसलिए वह
इंग्लिश क्लास ज्वाइन कर लेती है। इस
फिल्म को हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु,
फ्रेंच और
इंग्लिश में भी बनाया गया। इस फिल्म के बाद
श्रीदेवी को बॉलीवुड की मेरिल स्ट्रीप और जापान में फीमेल रजनीकांत का
खिताब दिया गया।
श्रीदेवी उम्र का अर्धशतक लगा चुकी हैं। वह रोमांटिक किरदार नहीं कर सकती। इसलिए वह अपनी उम्र के अनुरूप किरदार कर रही हैं। इंग्लिश विंग्लिश में एक बेटी की माँ का किरदार करने के बाद श्रीदेवी मॉम में दो बेटियों की माँ का किरदार कर रही है। लेकिन, यह फिल्म सोशल ड्रामा नहीं। इस फिल्म में थ्रिल की छौंक है। संबंधों और परिस्थितियों की जटिलता है। श्रीदेवी कहती हैं, "यह फिल्म मेरे लिए बड़ा चैलेंज थी। मुझे इसका ख़ास अनुभव हुआ। मैं खुश हूँ कि मुझे इन महान अभिनेताओं (नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी और अक्षय खन्ना) के साथ अभिनय करने का मौक़ा मिला।"
श्रीदेवी उम्र का अर्धशतक लगा चुकी हैं। वह रोमांटिक किरदार नहीं कर सकती। इसलिए वह अपनी उम्र के अनुरूप किरदार कर रही हैं। इंग्लिश विंग्लिश में एक बेटी की माँ का किरदार करने के बाद श्रीदेवी मॉम में दो बेटियों की माँ का किरदार कर रही है। लेकिन, यह फिल्म सोशल ड्रामा नहीं। इस फिल्म में थ्रिल की छौंक है। संबंधों और परिस्थितियों की जटिलता है। श्रीदेवी कहती हैं, "यह फिल्म मेरे लिए बड़ा चैलेंज थी। मुझे इसका ख़ास अनुभव हुआ। मैं खुश हूँ कि मुझे इन महान अभिनेताओं (नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी और अक्षय खन्ना) के साथ अभिनय करने का मौक़ा मिला।"
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