Saturday, 3 June 2017

क्या ड्रेस सेंस नहीं है बॉलीवुड में ?

प्रियंका चोपड़ा फिर ट्रोल हो रही हैं।  वह आजकल बर्लिन में अपनी हॉलीवुड फिल्म  'बेवॉच' का प्रमोशन कर रही हैं।  इसी दौरान भारत  के प्रधान मंत्री भी जर्मनी के राजकीय दौरे पर थे।  प्रियंका ने भारतीय प्रधान मंत्री से मिलने का समय माँगा, जो उन्हें मिल भी गया।  बेहद खुश प्रियंका चोपड़ा ने अपनी प्रधान मंत्री के साथ फोटो इंस्टाग्राम में साझा की।  इसके साथ ही प्रियंका चोपड़ा अपनी ड्रेस सेंस के लिए सोशल साइट्स  पर ट्रोल होने लगी।  उन्हें असंस्कारी कहा गया।  कुछ ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें प्रधान मंत्री से मिलते जाते समय ऐसी पोशाक नहीं पहननी चाहिए थी।   उनके टाँगे क्रॉस कर बैठने के ढंग पर भी कमैंट्स हुए।
लगता है प्रियंका चोपड़ा पर हॉलीवुड का नशा पूरी तरह से छाया हुआ है । पिछले दिनों वह अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म बेवाच के प्रमोशन में टू पीस बिकिनी पहने समुद्र में अटखेलियाँ करती दिखाई दे रही थी । एक इंटरव्यू के दौरान बेवाच में उनके कोस्टार ड्वेन जॉनसन बार बार आकर उनका चुम्बन ले जा रहे थे और प्रियंका थी कि बेतहाशा खिलखिला रही थी । यह एक हॉलीवुड फिल्म का प्रमोशन था, जिसमे वह एक विलासी खल नायिका का किरदार कर रही थी । बिकिनी और चुम्बन इस इमेज को सपोर्ट करते थे । लेकिन, क्या इसी किरदार के साथ प्रियंका चोपड़ा बाहर की उस दुनिया में भी फिर सकती है, जो फिल्म से जुडी नहीं है ? 
प्रियंका चोपड़ा को फ़िल्मी पार्टी, प्रमोशनल टूर और राष्ट्रीय हस्तियों से जुड़े मामलों में फर्क महसूस करना चाहिए था। वह किसी फ़िल्मी पार्टी और टूर में कुछ भी झलकाता-दिखलाता पहन सकती हैं। ग्लैमर का मामला जो है।  लेकिन, हर मौके को फ़िल्मी पार्टी की तरह नहीं माना जा सकता। वह प्रधान मंत्री से मिलने गई थी। बेशक, बर्लिन शहर खुलापन लिए शहर है। वह यहाँ अपनी फिल्म का प्रमोशन कर रही थी। उन्होंने प्रमोशन के दौरान हुई प्रेस कांफ्रेंस में मार्क जैकब की सफ़ेद ड्रेस पहन रखी थी, जिसमे उनकी सुडौल टाँगे नज़र आ रही थी। तमाम अखबारों के लेंस प्रियंका चोपड़ा को शूट कर रहे थे। वहां उनकी यह ड्रेस उनकी इमेज के अनुरूप थी। प्रचार के लिहाज़ से अव्वल। लेकिन प्रधान मंत्री की यह राजकीय यात्रा थी। प्रियंका चोपड़ा किसी व्यक्ति नरेंद्र मोदी से नहीं बल्कि, प्रधान मंत्री से मिल रही थी। उनसे मिलते समय भी औपचारिक ड्रेस के बजाय टाँगे दिखाने वाली ऊंची पोशाक पहनने का सेंस समझ से बाहर था। उस पर वह टाँगे क्रॉस कर बैठी नज़र आ रही थी। हालाँकि, फोटो में वह मुग्ध भाव से प्रधान मंत्री को देख रही हैं। इसलिए, उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। हालाँकि उनके समर्थन करने वाले उनके जर्मनी जैसे खुले शहर में होने की दुहाई दे रहे थे।  
प्रियंका चोपड़ा प्रधान मंत्री से मिलते समय पहनी अपनी पोशाक के कारण असंस्कारी या कुसंस्कारी नहीं साबित होती थी। लेकिन, वह गलत ड्रेस चुनने की गलती कर रही थी।  चोपड़ा एक फिल्म एक्ट्रेस हैं।  मौके के अनुरूप ड्रेस पहनने के लिए वह डिज़ाइनरो से सलाह लेती हैं।  उन्हें इसी के अनुरूप ड्रेस बना कर दी भी जाती हैं।  प्रधान मंत्री से मिलने का समय उन्होंने पहले से लिया होगा। वह उसके अनुरूप पोशाक रख कर अपनी परिपक्वता का परिचय दे सकती थी। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।  
सवाल यह है कि ड्रेस सेंस की दरकार प्रियंका चोपड़ा से ही क्यों की जाए। उनकी बॉलीवुड की साथी कंगना रनौत तो उनसे कहीं आगे हैं। कभी कंगना रनौत इंडस्ट्री के लोगों पर उनकी अंग्रेजी और ड्रेस सेंस पर हंसने का रोना रोती थी।  वह जताती थी कि चूंकि वह छोटे शहर की हैं, इसलिए उनके साथ भेदभाव किया जाता है।  हालाँकि आज अपनी मेहनत से उन्होंने अपनी कमियों को दूर कर लिया है और बॉलीवुड में अपनी जगह बना ली है।  लेकिन, वह अपनी समझ खो चुकी लगती है। कंगना रनौत को तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है।  पहली बार वह श्रेष्ठ अभिनेत्री घोषित प्रियंका चोपड़ा के साथ फिल्म फैशन (२००८) के लिए श्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार ले रही थी। उन्हें यह पुरस्कार दे रही थी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल।  उस समय कंगना और प्रियंका दोनों ने ही डेकोरम को ध्यान में  रखते हुए ही पोशाके पहन रख थी। कंगना रनौत दूसरी बार श्रेष्ठ अभिनेत्री चुनी गई।  फिल्म थी क्वीन।  उन्हें यह पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने दिया। परन्तु कंगना रनौत बोल्ड हो रही थी। वह अमेरिका से ड्रेस डिज़ाइनर विभु महापात्र की ड्रेस में थोड़ा खुली नज़र आ रही थी।  उन्होंने अपनी इस बोल्ड ड्रेस का कुछ इस तरह बचाव किया, "मैं पहले भी अवार्ड्स में गई थी।  लेकिन दुर्भाग्यवश मैं अनारकली सूट पहन कर गई थी।  मैं उस समय की फोटोग्राफ देखी। मैं पुरस्कार लेते समय बहनजी टाइप लग रही थी।  मैंने सोचा मैं स्टार हूँ। मुझे फिल्म स्टार की तरह लगना चाहिए।"  वह तीसरी बात तनु वेड्स मनु २ के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से पुरस्कृत हुई। इस बार वह कुछ ज़्यादा बोल्ड थी।  उनकी पोशाक चुस्त और अंगप्रदर्शक थी। सभी निगाहें उनकी ड्रेस पर जमी थी। 
प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत के ड्रेस सेंस को लेकर पूरे बॉलीवुड की आलोचना नहीं की जा सकती। बाकी सितारे मौके की नज़ाकत को समझते हैं।  इस साल के पुरस्कारों में बॉलीवुड की फैशन आइकॉन सोनम कपूर को फिल्म नीरजा के लिए स्पेशल जूरी अवार्ड मिला था।  उन्होंने साड़ी पहन रखी थी।  इससे पहले भी तब्बू, माधुरी दीक्षित, कोंकणा सेनशर्मा और विद्या बालन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है।  इन सभी अभिनेत्रियों ने अवसर के अनुकूल ड्रेस पहनी थी।  इसी तरह से कुछ समय पहले अभिनेता अक्षय कुमार और आमिर खान प्रधान मंत्री से मिले थे। इन अभिनेताओं ने शालीन और मौके के उपयुक्त पोशाक पहन रखी थी। इसलिए प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत को अपवाद माना जा सकता है।  
प्रियंका चोपड़ा अब प्रचार का खेल खेलने लगी हैं।  उन्होंने प्रधान मंत्री से मिलते समय टाँगे दिखाती हुई पोशाक तो पहनी ही, वह अपनी टाँगे क्रॉस कर भी बैठी थी। यह पूरी तरह से अमर्यादित था। उन्हें समझना चाहिए था कि वह कॉफी विथ करण के करण जौहर के सामने नहीं बैठी थी। प्रियंका चोपड़ा ने इसे समझने के बजाय प्रचार पाने के लिहाज़ से ट्विटर पेज और इंस्टाग्राम में अपनी और अपनी माँ मधु चोपड़ा की टाँगे दिखाती फोटो लगा कर कमेंट लिखा- लेग्स फॉर द डेज। 


 अल्पना कांडपाल 

No comments: