Tuesday, 17 January 2017

एम जी रामचंद्रन पहला फिल्म अभिनेता, जो मुख्य मंत्री बना

मरुदुर गोपालन रामचंद्रन आज जीवित होते तो अपना १००वा जन्मदिन मना रहे होते। कैंडी श्रीलंका में जन्मे एमजीआर नाम से पोपुलर तमिल फिल्मों के सुपर स्टार एमजी रामचंद्रन पहले फिल्म स्टार थे, जो किसी सूबे की सबसे ऊंची कुर्सी पर पहुंचे।  १७ जनवरी १९१७ को जन्मे रामचंद्रन ने १९३६ में तमिल फिल्म सती लीलावती में सह भूमिका करके अपने फिल्म करियर की शुरुआत की। उन्हें हिट बनाया एम करूणानिधि की लिखी फिल्म मंथिरी कुमारी ने।  उन्हें १९७१ में फिल्म रिक्शावकरण के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। अन्नादुरै द्वारा स्थापित डीएमके के सदस्य रहे रामचंद्रन ने अपने पोलिटिकल करियर की शुरुआत इंडियन नेशनल कांग्रेस से की।  अन्नादुरै की मृत्य के तीन साल बाद द्रविड़ मुन्नेत्र कज़गम से अलग हो कर उन्होंने आल इंडिया अन्ना डीएमके पार्टी की स्थापना की।  उनकी पार्टी ने १९७७ में करूणानिधि की डीएमके को बुरी तरह से रौंद कर तमिलनाडु की सत्ता सम्हाली।  वह दूसरी बार ९ जून १९८० को तमिलनाडु के मुख्य मंत्री बने और जीवन पर्यंत (मृत्यु २४ दिसम्बर १९८७) बने रहे।  एमजीआर ने अपनी फिल्मों की इमेज को राजनीती में खूब भुनाया।  वह अपनी फ़िल्मी इमेज के अनुरूप तमिल जनता के मसीहा के बतौर पेश हुए।  उन्हें १९८८ में मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया।  एमजी रामचंद्रन और जे जयललिता ने कई फिल्मों में अभिनय किया था। रामचंद्रन ही जयललिता को राजनीती में लाये।  रामचंद्रन मृत्यु के बाद जयललिता अन्ना द्रमुक की सर्वेसर्वा और तमिलनाडू की मुख्य मंत्री बनी।

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