होली का मतलब हास्य
- मस्ती , रास -- रंग, गीत - संगीत, हंसी --ठिठोली होता है। होली के त्यौहार में छोटे
- बड़े क्या सभी इसकी मस्ती में डूबे दिखाई देते हैं। कुछ लोग सादगी के साथ गालों में रंग
- गुलाल लगा कर होली मनाते हैं और कुछ लोग जब तक दूसरों को रंग बिरंगे रंगों से जब तक न रंग दे उनकी होली पूरी नही होती है। आइये जानते हैं गीत -- संगीत जुड़े लोग किस तरह से होली के इस रंग बिरंगे त्यौहार को मनाते हैं। सबसे पहले हम बात करते हैं कैलाश खेर से उनकी होली के बारे में
---
कैलाश खेर - “जहाँ तक मेरी कोशिश रहती है इस त्यौहार को मैं अपने परिवार के साथ मनाता हूँ,कोशिश करता हूँ कि जैसे हमने पारंपरिक तरीके से इस
त्यौहार को बचपन से
लेकर बड़े होने तक मनाया है. वैसे
ही मेरा बेटा कबीर भी मनाये जो कि
अब बड़ा हो रहा है। मैं चाहता हूँ कि वो हर पूजा और त्यौहार के बारे में बारीकी से जाने और समझे
और समझें हमारी सभ्यता और संस्कृति के बारें में . जिससे बड़े होने पर उसे गूगल में सर्च नही करना पड़े किसी के भीबारे में जानने की. होलिका दहन होता है और उसके अगले दिन होली खेली जाती है वो मैं सब करता हूँ इसके साथ ही नाच गाना तो होता ही है.
दोस्तों व परिवार के साथ होली खेलता हूँ बड़ो से आशीर्वाद और छोटो कोगले लगाने की परंपरा भी निभाता हूँ.
हार्ड कौर --- होली में सबसे ज्यादा मज़ा मुझे
आता है दूसरों को रंगने में, लेकिन जब मेरी बारी आती है तो
मैं छुप जाती हूँ. लेकिन हर बार मेरी मर्जी से नही हो पाता और पकड़ी जाती हूँ। नाच
- गाना भी करती हूँ दोस्तों के साथ। होली में रंग बिरंगे चेहरे देख कर बहुत मज़ा
आता है।
मलकीत सिंह ----
गुड़ नाल इश्क़ मिठा और तूतक तूतक फेम
मलकीत सिंह भी बहुत ही मस्ती के साथ होली को मनाते हैं वैसे तो वो ब्रिटेन
में रहते हैं लेकिन वहाँ पर भी अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ होली मनाते हैं.
होली को याद करते हुए मलकीत कहते हैं त्योहारों का मज़ा तो अपने देस भारत में ही
आता है वहाँ की बात तो बहुत निराली है हर जगह त्यौहार की पहले से ही नज़र आती है।
पंजाबी लोग त्यौहार में नाच गाना न करे तो फिर क्या मज़ा है
? तो नाच गाना होता ही है
शिबानी कश्यप ----
सजना आ भी जा और ज़िंदा हूँ जैसे लोकप्रिय गीतों को गाने वाली
शिबानी कश्यप भी होली को बहुत ही शौक से मनाती हैं.
बताया कि," जब मैं छोटी थी दिल्ली में बहुत ही मज़ा करती थी अपने दोस्तों के साथ। वो भी क्या दिन थे आज भी याद आते हैं। उतनी होली तो नही खेलती अब मैं, हाँ थोडा रंग तो जरुर लगती हूँ और दोस्तों से मिलती हूँ। वैसे तो होली के बहुत सारे गीत हैं जो मुझे पसंद हैं लेकिन सबसे ज्यादा जो पसंद है वो है "रंग बरसे ".
नकाश अज़ीज़
----साड़ी के फॉल फेम नकाश अज़ीज़ को भी अपने दोस्तों के साथ होली खेलना पसंद है। वो कहते हैं, "होली में हम सब एक दूसरे को रंग लगाते हैं, नाचते - गाते हैं। बचपन से मुझे होली बहुत पसंद है और आज भी पसंद है लेकिन मैं आज पानी की होली नही खेलता बस हम दोस्त किसी एक जगह मिलते हैं रंग लगाते हैं और पार्टी करते हैं।
जैजी बी --- जैजी बी भी किसी से कम नही हैं वो कहते हैं बचपन में तो मैं बहुत ही शरारत करता था होली पर , लेकिन अब कहाँ उस तरह से होली खेलते हैं। होली परिवार और दोस्तों से मनाता हूँ रंग लगाता हूँ बड़ो का आशीर्वाद लेता हूँ। मिठाई के बिना हम हिन्दुस्तानियों का कोई भी त्यौहार पूरा नही होता तो यह भी खाता हूँ और साथ में जोश के साथ नाच - गाना। पार्टी होती हैं. होली के बहाने लोगों से मिलना जुलना भी हो जाता है. अच्छा लगता है मुझे होली का रंग बिरंगा यह त्यौहार।