नीचे दिया गया पोस्टर निर्माता-निर्देशक सुभाष घई की फ़िल्म 'काँची' का है। इस फ़िल्म में एक बंगाली अभिनेत्री मिष्टी ने कांची की भूमिका की है। फ़िल्म के पोस्टर से साफ़ है कि यह फ़िल्म नायिका प्रधान है. फ़िल्म पर्वतीय क्षेत्र की एक भोली भाली, मासूम लड़की कांची के पवित्र प्रेम और विछोह की कहानी है. पोस्टर भूरे रंग में है. ज़ाहिर है कि यह दुःख और विछोह का प्रतीक है. पोस्टर में मिष्टी हीरो कार्तिक के साथ चुम्बनरत दिखायी गयी है. यानि रोमांस आधुनिक है. पोस्टर के बीचो बीच बने मिष्टी के आवक्ष फ़ोटो के बायीं तरफ एक आकृति, जो मिष्टी की है, अकेले खडी दिखाया है, जो शायद किसी का इंतज़ार कर रही है. अलबत्ता, मिष्टी के चित्र के पीछे फैलता सूरज का प्रकाश यह बताता है कि मिष्टी को उसका प्यार मिलेगा। इस रात की सुबह होगी!
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 9 March 2014
सुभाष घई की 'काँची' का पोस्टर
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Poster
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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