Saturday, 1 March 2014

क्या कंगना रनौत को बॉक्स ऑफिस 'क्वीन' बनने से रोक सकेगा 'गुलाब गैंग' !

              इस साल बॉक्स ऑफिस पर महिला प्रधान फिल्मों का बोलबाला रहेगा। हिंदी फिल्मों की तमाम छोटी बड़ी अभिनेत्रियां अपनी बॉक्स ऑफिस पर पकड़ का बार बार प्रदर्शन करेंगी।  यह तमाम अभिनेत्रियां अपनी फिल्मों, अपनी भूमिकाओं के बल पर खुद को बॉक्स ऑफिस की क्वीन साबित करने की फिराक में होंगी।  इस लिहाज़ से शुक्रवार ७ मार्च का दिन ख़ास होगा। यह महिला दिवस से एक दिन पहले का दिन है. इस लिहाज़ से सिनेमाघरों में महिला शक्ति का प्रदर्शन होना स्वाभाविक लगता है।  इस दिन तीन फ़िल्में गुलाब गैंग, क्वीन और टोटल सियापा रिलीज़ होंगी।  पहली दो फ़िल्में गुलाब गैंग और क्वीन नायिका प्रधान फ़िल्में हैं. जबकि, तीसरी फ़िल्म टोटल सियापा में नायिका की भूमिका महत्वपूर्ण है।  गुलाब गैंग से पहली बार जूही चावला और माधुरी दीक्षित किसी फ़िल्म में एक दूसरे के  आमने सामने होंगे। माधुरी और जूही किसी  समय में बॉलीवुड फिल्मों में अपने ग्लैमर और सेक्स अपील के जलवे बिखेरा करती थीं. दोनों के बीच टॉप में रहने और बड़े बजट और बड़े हीरो वाली फिल्मों को हड़पने की होड़  लगा करती थी।  अब यह बात दीगर है कि दो दशक लम्बे अपने कैरियर के दौरान यह दोनों कभी किसी फ़िल्म में एक साथ नहीं नज़र आयीं। इस लिहाज़ से भी यह ऐतिहासिक फ़िल्म है. फ़िल्म में जूही चावला के रोल में नेगेटिव  शेड हैं. वह अपने किरदार के कारण माधुरी पर भारी पड़ सकती हैं. इसलिए गुलाब गैंग, माधुरी के किरदार पर केंद्रित होने के बावज़ूद माधुरी के लिए टफ होगी। उन्हें जूही चावला का सामना तो करना ही है, दर्शकों को भी  अपनी ओर  आकृष्ट करना है।  उन्हें यह भी साबित करना है कि अस्सी के दशक में उन्होंने हिंदी फ़िल्म दर्शकों के दिलों में धकधक मचाई थी, वह आज भी बरकरार है. यह ख़ासा कठिन होगा। क्योंकि, जनवरी में ही उनकी फ़िल्म  डेढ़ इश्क़िया तमाम हाइप के बावज़ूद कुछ नए चेहरों वाली फ़िल्म यारियां से मात खा चुकी है. गुलाब गैंग से उन्हें यह साबित करना ही होगा कि उनके चहरे की चमक बड़े परदे पर फीकी नहीं पड़ी है.
' रज्जो' के बाद अभिनेत्री कंगना रनौत 'क्वीन' बनने की फ़िराक़ में हैं. कंगना की फ़िल्म क्वीन गुलाब गैंग के अपोजिट रिलीज़ होगी।  कमोबेश काफी बड़ी दो अभिनेत्रियों की फ़िल्म के सामने कंगना की फ़िल्म थोडा कमज़ोर फ़िल्म साबित होती हैं. लेकिन, कंगना अपने जीवट वाली अभिनेत्री हैं क्वीन पूरी तरह से उन पर केंद्रित कॉमेडी ड्रामा फ़िल्म है. वह एक ऎसी महिला बनी है जो अकेले ही अपना हनीमून मनाने निकल पड़ती है. कंगना क्वीन के जरिये खुद को बॉक्स ऑफिस की क्वीन साबित करना चाहेंगी। वह तनु वेड्स मनु जैसी फ़िल्म को अपने अकेले नाज़ुक कंधे पर लेकर बॉक्स ऑफिस की वैतरणी पार करा चुकी हैं. कंगना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह बॉलीवुड की हवा के विपरीत बहना चाहती हैं. वह ऎसी फ़िल्में करना चाहती हैं, जो उनके करैक्टर के इर्द गिर्द घूमती हों. उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह फ़िल्म छोटे बजट की है या बड़े बजट की. उनकी फिल्मे फ्लॉप हो जाती हैं, लेकिन इसके बावज़ूद वह खुद पर विश्वास खोती नहीं। पिछले साल ही उनकी, उन्ही पर केंद्रित फ़िल्म रज्जो फ्लॉप हो चुकी है, जबकि उसी साल उनकी हीरो ओरिएंटेड दो फ़िल्में कृष और शूटआउट एट वडाला हिट हुई थी. इसके बावज़ूद वह नायिका प्रधान फिल्मों पर बल दे रही हैं. उनकी रिवाल्वर रानी, क्वीन और उंगली उन्ही पर केंद्रित है. यह कहना तो ज़ल्दबाज़ी होगी कि विकास बहल की फ़िल्म क्वीन उन्हें बॉलीवुड की क्वीन बना देगी।  लेकिन, इतना तय है कि कंगना की फ़िल्म क्वीन माधुरी दीक्षित और जूही चावला की फ़िल्म गुलाब गैंग को बॉक्स ऑफिस पर कड़ी टक्कर ज़रूर देगी।
 

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