Thursday 19 February 2015

गुलशन कुमार की बेटी की शादी (फोटोज में)

Displaying Hitesh Rahlan.JPGDisplaying Hitesh Rahlan and Tulsi Kumar .JPGDisplaying Hitesh Rahlan and Tulsi Kumar.JPGDisplaying Hitesh Rahlan and Tulsi Kumar (2).JPGDisplaying Hitesh Rahlan and Tulsi Kumar .JPGDisplaying Family photograph.JPGDisplaying Divya Khosla Kumar and her son.JPGDisplaying Divya Khosla Bhushan and Bhushan Kumar.JPG
Displaying Mika Singh (1).JPG
Displaying Rajiv Shukla (1).JPGDisplaying Shahnawaz Hussain (2).JPG

भव्य गांधी का एग्जाम टाइम

सोनी सब के पॉपुलर टीवी सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में अब कुछ दिनों तक किशोर चरित्र टप्पू नहीं दिखाई देगा।  क्योंकि, इस करैक्टर को कर रहे अभिनेता भव्य गांधी अपनी बोर्ड परीक्षाओं में व्यस्त हो रहे हैं। भव्य १२ वी के छात्र हैं। उन्हें बोर्ड एग्जाम के लिए कम से कम एक महीना पहले तो पढ़ाई में जुट ही जाना चाहिए।  इसलिए, जब उन्होने यह बात अपने शो के निर्माता को बताई तो वह भव्य को विशेष तौर पर छुट्टी देने को तैयार हो गए।  भव्य कहते हैं, "जब मैंने अपने एग्जाम की बात असित सर को बताई तो उन्होंने  तुरंत छुट्टी देते हुए एग्जाम की अच्छी तरह से तैयारी करने की हिदायत दी।" अपनी परीक्षा के लिए छुट्टी पर जाते भव्य गांधी को शो के उनके वरिष्ठ कलाकार दिलीप जोशी, दिशा वखाणी, आदि ने शुभकामनायें दी।  क्या आप नहीं कहना चाहेंगे भव्य गांधी से -बेस्ट ऑफ़ लक !

फिर सोनी पर गर्मागर्म रोमांस !

सोनी एंटरटेनमेंट के पॉपुलर शो इतना करो न मुझे प्यार में नील और रागिनी के बीच दूरियां कम होती जा रही हैं।  तलाक़ लेकर अलग हो गए चार बच्चो के माता पिता को फिर एक कराने का  उनके बच्चों का प्रयास बहन निशि और जिग्नेश की शादी में रंग लाएगा। फार्म हाउस में शादी की तैयारियों और जश्न में डूबे रागिनी और नील स्वाभाविक रूप से नज़दीक आ गए हैं।  नील रागिनी का ख्याल रखता है।  रागिनी को सर्दी लगती है तो वह उसे ठण्ड दूर करने के लिए ब्रांडी पिला देता है।  ब्रांडी पीने के बाद रिज़र्व और कठोर रागिनी थोड़ा खुल जाती है।  वह जश्न का आनंद उठाने लगती है। वह नील से कहती है कि नील उसे ड्राइव पर ले जाए।  नील मना नहीं कर पाता।  दोनों लॉन्ग ड्राइव पर निकल पड़ते हैं।  एक जगह पर कुछ युवा वैलेंटाइन्स डे मना रहे हैं। उन्हें देख कर युवा उन्हें अंकल और आंटी कह कर चिढ़ाने लगते हैं।  इस पर रागिनी नील का पक्ष लेते हुए हॉट और हैंडसम कहती है। यह पार्टी दोनों को ज़्यादा नज़दीक ले आती हैं।  दोनों के बीच कुछ गहरे रोमांस के क्षण पैदा होते हैं।  दोनों एक दूसरे से सटे फिल्म कभी अलविदा न कहना के तुम्ही देखो न गीत पर थिरक उठते हैं। इस नील और रागिनी के इस रोमांस को दर्शक कितना महसूस करते हैं, यह दर्शकों पर ही छोड़ देते हैं।


अल्पना कांडपाल

'चक दे ! इंडिया' गर्ल का मराठी फिल्म 'चित्रफिती ३.० पिक्सेल' में हॉट स्किन शो (फोटो)







Wednesday 18 February 2015

डी० रामानायडू की मसाला फिल्मों में जयाप्रदा और श्रीदेवी भी अंग प्रदर्शन करती थी

मशहूर फिल्म निर्देशक, दक्षिण के प्रतिष्ठित सुरेश प्रोडक्शंस के संस्थापक और एक व्यक्ति के तौर पर सबसे ज़्यादा १३ भाषाओँ में १५० फिल्मों का निर्माण कर गिनेस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज  कराने वाले तेलुगु और हिंदी फिल्मों के निर्माता डी० रामानायडू का आज देहांत हो गया।  वह समाज कार्यों से सक्रीय रूप से जुड़े थे।  वह १३वी लोकसभा में तेलुगु देशम पार्टी के सदस्य थे। उन्हें पद्मभूषण  और दादासाहेब फालके पुरस्कार से अलंकृत भी किया गया था। आज के हिंदी फिल्मों के युवा दर्शक उनके नाम से परिचित नहीं होंगे, लेकिन उनके पोते राणा दग्गुबाती से यह दर्शक परिचित है। रामानायडू ने १९८० और १९९० के दशक में कई कलाकारों को मौका दिया।  उनकी पारिवारिक फ़िल्में, ख़ास तौर पर जीतेन्द्र और राजेश  खन्ना के साथ दिल और दीवार, दिलदार, बंदिश, मक़सद, तोहफा, आदि फ़िल्में हिंदी दर्शकों द्वारा ख़ास पसंद की गई। बॉलीवुड से डी० रामानायडू के पसंदीदा अभिनेता राजेश खन्ना थे।  वह बतौर फिल्म निर्माता अपनी हर फिल्म के लिए पहले राजेश खन्ना से ही संपर्क करते थे।  राजेश खन्ना के उपलब्ध न होने पर वह जीतेन्द्र के साथ फ़िल्में बनाते थे।  उन्होंने राजेश खन्ना के साथ कुल तीन फ़िल्में बनाई और तीनों ही ब्लॉकबस्टर साबित हुई। उन्होंने रेखा, हेमा मालिनी, जया प्रदा, श्रीदेवी, मिनाक्षी शेषाद्रि, आदि दक्षिण की बड़ी अभिनेत्रियों और जीतेन्द्र, राजेश खन्ना, अनिल कपूर, मिथुन चक्रवर्ती के साथ श्रेष्ठ पारिवारिक फिल्मों का निर्माण किया। दिलचस्प बात यह थी कि  उनकी लगभग सभी फ़िल्में हिट-सुपरहिट हुई। उन्होंने अनाड़ी फिल्म से अपने बेटे वेंकटेश को करिश्मा कपूर के साथ हीरो बना कर पेश किया। एक समय डी ० रामानायडू की फिल्मों के कारण ही हिंदी दर्शकों के बीच के बापैया, के राघवेंद्रराव, के मुरली मोहन राव, दसारी नारायण राव और के० मुरली मोहन राव जैसे निर्देशकों की पहचान बनी। डी० रामानायडू की फिल्मों का ख़ास फॉर्मेट था।  यह फ़िल्में बड़े सितारों  के साथ पारिवारिक हुआ करती थी। लेकिन, इन फिल्मों में मसाला भरने के लिए जयाप्रदा, श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित जैसी अभिनेत्रियों को भी कामुक अंग प्रदर्शन करना पड़ता था।  दक्षिण में बनी फिल्मों में डी० रामानायडू की फिल्मों का दबदबा १९९० के दशक तक जारी रहा।  २००० में रिलीज़ सुनील शेट्टी, सुष्मिता सेन और नम्रता शिरोड़कर की फिल्म आग़ाज़ के बाद  २००२ में कुछ तुम कहो कुछ हम कहें की असफलता के बाद डी रामानायडू की सक्रियता दक्षिण की तेलुगु और तमिल फिल्मों तक सीमित हो गयी।  पिछले साल रिलीज़ तेलुगु फिल्म दृश्यम और इस साल की शुरू में रिलीज़ फिल्म गोपाला गोपाला को अच्छी सफलता मिली थी। उनके द्वारा निर्मित इकलौती बांगला फिल्म असुख को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त हुआ। ६ जून १९३६ को करमचेदु मद्रास में जन्मे डी० रामानायडू के बड़े बेटे सुरेश बाबू फिल्म निर्माता, छोटे वेंकटेश और पोते राणा दग्गुबाती फिल्म अभिनेता है।

Tuesday 17 February 2015

एक बार फिर 'कथा'

साईं परांजपे निर्देशित १९८३ में रिलीज़ कॉमेडी फिल्म 'कथा' को बॉक्स ऑफिस पर न केवल सफलता मिली थी, बल्कि समीक्षकों ने भी इस फिल्म को सराहा था।  कछुआ और खरगोश की प्रतिस्पर्द्धा की लोक कथा पर आधारित इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह एक सीधे सादे और चुपचाप किस्म के  कछुआ राजाराम की भूमिका में थे, जो पड़ोस की लड़की संध्या से प्रेम करता है, लेकिन अपने प्यार  का इज़हार नहीं कर पाता।  फारूक शेख राजाराम के चालू किस्म के दोस्त बासुदेव की भूमिका में थे। संध्या को पाने के लिए कछुआ  और खरगोश की यह अनोखी कहानी अपने अंदाज़ की अलग कॉमेडी फिल्म थी । २०१३ में, साईं परांजपे की १९८१ में रिलीज़ फिल्म 'चश्मे बद्दूर' का रीमेक निर्देशक डेविड धवन ने बनाया था।  इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर अच्छी सफलता मिली थी।  अब साईं परांजपे की १९८३ में रिलीज़ कछुआ और खरगोश की दौड़ पर  फिल्म का रीमेक मशहूर फिल्म समीक्षक और निर्देशक खालिद मोहम्मद बनाने जा रहे हैं । खालिद मोहमद चार फिल्मों फ़िज़ा, तारिख, तहज़ीब और सिलसिले का निर्देशन कर चुके हैं।  कथा उनके निर्देशन में चौथी फिल्म होगी।  इस  फिल्म के निर्माता अंजुम रिज़वी हैं।  अंजुम रिज़वी ने चरस, आहिस्ता आहिस्ता, अ वेडनेसडे, अ फ्लैट, फ़ास्ट फॉरवर्ड और जॉन डे जैसी सात फ़िल्में बनाई हैं।  खालिद मोहमद की कथा में १९८३ की कथा के फारूक शेख के चरित्र को मनीष पॉल, नसीरुद्दीन शाह के कछुआ किरदार को मुहम्मद ज़ीशान अयूब और दीप्ति नवल वाला किरदार नवोदित तरीका शर्मीला मंद्रे करेंगी। इस फिल्म में फराह खान की मेहमान भूमिका है।

बाइक के दीवाने है मोहित मारवाह​

बड़ी और महंगी कारों का दीवाना बॉलीवुड मोटर बाइक्स का भी दीवाना है।  इंडस्ट्री के कई सितारों के दिलों पर बाइक्स का राज है जैसे जॉन अब्राहम ,संजय दत्त, आदि की ​तो बाइक रेसिंग टीम भी है । यह सितारे अपनी बाइक सड़को पर दौड़ाते हुए अक्सर दिखाई देते रहते है।  अब बॉलीवुड की इस बाइक लीग से युवा एक्टर मोहित मारवाह भी जुड़ गए है । फग्ली फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले मोहित मारवाह तेज़ रफ़्तार बाइक्स के दीवाने ही नहीं हैं, बल्कि उन्हें बाइक  एडवेंचर स्पोर्ट्स बेहद पसंद है ।  हाल ही में  एक अमेरिकन बाइक कंपनी ने मोहित के सामने भारत में उनका ब्रांड एम्बेसेडर बनाने का प्रस्ताव रखा है ।​ मोहित मारवाह कहते है, "​मुझे एक पॉपुलर अमेरिकन बाइक कंपनी ने ब्रांड अम्बेस्डर के लिए प्रस्ताव दिया है, इस बात से में बेहद उत्साहित हूँ । मुझे  बाइक राइडिंग और बाइक एडवेंचर स्पोर्ट्स से बहुत लगाव है।  बाइक को हाईवे पर दौड़ाना  सुखद अनुभव होता है। आप हवा की रफ़्तार महसूस करते है, जिससे उत्साह बढ़ता है ।"मोहित इस समय कुछ फिल्मो की स्क्रिप्ट्स पढ़ रहे है।  स्क्रिप्ट फाइनल होने पर वह जल्द ही किसी दूसरी फिल्म के साथ बड़े स्क्रीन पर नजर आएंगे।