निर्माता, निर्देशक
और अभिनेता राजकपूर की फिल्म संगम १८ जून १९६४ को रिलीज़ हुई थी। यह आर के फिल्म्स की ही नहीं, अभिनेता राजकपूर की भी पहली रंगीन फिल्म थी। उससे पहले तक राजकपूर की सभी फ़िल्में श्वेत श्याम थी। इस लिहाज़ से, राजकपूर की छोटे भाई शम्मी कपूर उनसे पहले रंगीन फिल्म जंगली (१९६१) के नायक बन चुके थे। इस रोमांटिक ट्रायंगल फिल्म को इन्दर राज आनंद ने लिखा था। फिल्म में राजकपूर, राजेंद्र कुमार और वैजयंतीमाला का संगम हुआ था। इस फिल्म का संगीत शंकर जयकिशन ने दिया था। टैक्नीकलर में बनाई गई फिल्म संगम की लम्बाई २३८ मिनट यानि चार घंटे से सिर्फ २ मिनट कम अवधि की थी । यह पहली बॉलीवुड फिल्म थी, जिसमे दो मध्यांतर हुए। फिल्म की तमाम शूटिंग वेनिस, पेरिस और स्विट्ज़रलैंड जैसी विदेशी लोकेशन पर हुई थी। देसी लोकेशन पर फिल्म को प्रयाग में शूट किया गया था। संगम के बाद ही बॉलीवुड की तमाम फिल्मों की शूटिंग विदेशी लोकेशन पर होने लगी। आज़ादी के बाद, इस फिल्म में पहली बार चुम्बन का दृश्य दिखलाया गया। यह शायद इकलौती ऎसी फिल्म है, जिसके ज़्यादातर गीतों पर बॉलीवुड फिल्मों के टाइटल रखे गए। बोल राधा बोल (ऋषि कपूर और जूही चावला), हर दिल जो प्यार करेगा (सलमान खान, प्रीटी जिंटा और रानी मुख़र्जी), महबूबा (संजय दत्त, अजय देवगन और मनीषा कोइराला), मेरे सनम (आशा पारेख, विश्वजीत और प्राण), दोस्त (धर्मेंद्र, हेमा मालिनी और शत्रुघ्न सिन्हा), बुड्ढा मिल गया (नवीन निश्चल, ओम प्रकाश और अर्चना) आदि फिल्मों के टाइटल संगम के गीतों से ही उधार लिए गए थे। संगम में राजकपूर के करैक्टर का नाम गोपाल था। गोपाल राजकपूर का पारिवारिक ड्राइवर और केयर टेकर का नाम था। राजेंद्र कुमार की भूमिका के लिए सबसे पहले दिलीप कुमार और फिर देव आनंद को एप्रोच किया गया था। इनके मना करने पर ही राजेंद्र कुमार सुंदर के रोल में लिए गए। दिलीप कुमार गोपाल या सुन्दर में से किसी भी रोल के लिए तैयार थे, बशर्ते कि फिल्म की फाइनल एडिटिंग दिलीप कुमार ही करेंगे। राजकपूर को यह मंजूर नहीं हुआ। संगम के निर्माण में एक करोड़ खर्च हुए थे। लेकिन, संगम ने बॉक्स ऑफिस पर १६ करोड़ की कमाई कर राजकपूर को मालामाल कर दिया। दसारी नारायण राव ने संगम को तेलुगु और कन्नड़ में स्वप्ना टाइटल के साथ रीमेक किया। १९८८ में संगम का रीमेक सनी देओल, अनिल कपूर और श्रीदेवी के साथ राम अवतार बनाया गया।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 17 June 2016
संगम की नायिका ने कैबरे किया था
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क्लासिक फ़िल्में
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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