अनुराग कश्यप एक बार फिर अपनी पसंदीदा शैली थ्रिलर रमन राघव २.० लेकर आ रहे हैं। आज की मुंबई की पृष्ठभूमि पर यह फिल्म वास्तव में १९६० में हुए एक सीरियल किलर रमन राघव के करैक्टर से प्रेरित फिल्म है। रमन राघव २.० एक क्राइम थ्रिलर फिल्म है, क्योंकि इस फिल्म के केंद्र में एक हत्यारा है और उसके द्वारा की गई हत्याओं का रहस्य है। इस फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने रमन की भूमिका की है। आम तौर पर थ्रिलर फ़िल्में दर्शकों की पसंदीदा होती हैं। लेकिन, अगर यह क्राइम थ्रिलर है तो कहने ही क्या ? पहली ही रील में हत्या दर्शकों को सिनेमाघरों में अपनी सीटों से चिपकाए रहती है। आइये जानते हैं ऎसी कुछ अलग किस्म की क्राइम थ्रिलर फिल्मों के बारे में-
तलाश: द आंसर लाइज विदिन- आमिर खान, करीना कपूर और रानी मुख़र्जी
की साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म तलाश: द आंसर लाइज विदिन एक हत्या का रहस्य सुलझाने की ज़िम्मेदारी ओढ़े इंस्पेक्टर सुरजन शेखावत,
उसके परिवार और एक कॉल गर्ल के इर्द गिर्द घूमती थी। इसी रहस्य को खोलने में वह एक कॉल गर्ल के नज़दीक
आता है। जब हत्या का रहस्य खुलता है तो सभी चौंक पड़ते हैं। फिल्म की निर्देशक
रीमा कागती थीं।
मनोरमा सिक्स फीट
अंडर- अभय देओल, गुल पनाग और राइमा सेन की इस फिल्म मनोरमा सिक्स फ़ीट अंडर को बहुत चर्चा नहीं मिली। यह फिल्म एक नौसिखिउए जासूस की थी, जो राजस्थान में एक
हत्या के रहस्य से पर्दा उठाते हुए विचित्र परिस्थितियों में फंस जाता है। इस
फिल्म के निर्देशक नवदीप सिंह थे।
गुप्त: द हिडन ट्रुथ- बॉबी देओल, काजोल और मनीषा कोइराला की मुख्य
भूमिका वाली इस फिल्म में साहिल सिन्हा (बॉबी देओल) पर अपने सौतेले पिता की हत्या
का आरोप है। वह, जब इस इस हत्या की तह में जाने की कोशिश करता है तो नई मुसीबत
में फंस जाता है। इस फिल्म का निर्देशन राजीव राय ने किया था।
इत्तफाक- राजेश खन्ना और नंदा अभिनीत इस फिल्म में एक
पेंटर पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप लगा है । उसे पागलखाने भेजा जाता है कि वह
वहां से भाग निकलता है। वह भागते हुए एक घर में आ छुपता है। लेकिन, उसे क्या
मालूम कि यहाँ उस पर दूसरे खून का आरोप लगने वाला है। इस फिल्म के निर्देशक यश
चोपड़ा थे।
द स्टोनमैन मर्डर्स- अस्सी के दशक की रियल लाइफ घटनाओं पर फिल्म द
स्टोनमैन मर्डर्स पत्थर मार कर अपने शिकार की हत्या करने वाले हत्यारे की
गिरफ्तारी पर फिल्म थी। इस फिल्म में के के मेनन और अरबाज खान मुख्य भूमिका में
थे। फिल्म के निर्देशक मनीष गुप्ता थे ।
अजनबी- अक्षय कुमार, बॉबी देओल, करीना कपूर और बिपाशा
बासु अभिनीत फिल्म अजनबी में राज मल्होत्रा पर हत्या का आरोप लगता है। वह शक के
आधार पर एक जोड़े का पीछा करता है। इस फिल्म के निर्देशक थ्रिलर फिल्मों के उस्ताद
अब्बास मुस्तान की जोड़ी थी।
गुमनाम- मनोज कुमार, नंदा, हेलेन, प्राण और महमूद
निर्देशित फिल्म गुमनाम एक वीराने बंगले में छोड़ दिए लोगों और उनकी एक के बाद एक
होती हत्याओं पर फिल्म थी। इस फिल्म का निर्देशन राजा नवाथे ने किया था। फिल्म का
संगीत सुपर हिट हुआ था ।
तीसरी मंजिल- शम्मी कपूर और आशा पारेख की फिल्म तीसरी मंजिल
सुनीता की बहन को तीसरी मंजिल से फेंक कर मार देने के दृश्य से शुरू होती थी। सुनीता अपनी बहन के कातिल को ढूढ़ना चाहती है।उसे बताया जाता है कि उसकी बहन एक
होटल के बैंड प्लेयर रॉकी से प्रेम करती थी।
जब हत्या का रहस्य खुलता है, तब दर्शक चौंक पड़ते हैं। इस फिल्म का
निर्देशन विजय आनंद ने किया था ।
१०० डेज- माधुरी दीक्षित के किरदार देवी को होने वाली
घटनाओं का आभास हो जाता है. वह भी अपनी बहन के हत्यारे की खोज में लगी है . इस
फिल्म का निर्देशन पार्थो घोष ने किया था ।
खिलाडी- अक्षय कुमार, आयशा जुल्का, सबीहा और दीपक तिजोरी की मुख्य
भूमिका वाली फिल्म चार दोस्तों राज, बोनी, शीतल और नीलम की कहानी है। शीतल की हत्या
हो जाती है। किसने की है यह हत्या? अब्बास मुस्तान की जोड़ी को बतौर निर्देशक
स्थापित कर देने वाली इस फिल्म में रहस्य का पर्दाफाश चौंकाने वाला था।
कौन- केवल मनोज बाजपेई, उर्मिला मातोंडकर और सुशांत
सिंह के करैक्टर के इर्दगिर्द घूमती यह फिल्म एक साइको किलर की तलाश कराती थी। मनोज बाजपेई का करैक्टर कुछ इसी प्रकार की हरकते करता था, जो उर्मिला के घर घुस
आया है। इस फिल्म का निर्देशन रामगोपाल वर्मा ने किया था ।
एक रुका हुआ फैसला- पंकज कपूर, के के रैना, एम् के रैना, अन्नू कपूर, आदि सशक्त
अभिनेताओं की यह फिल्म अपने आप में अनोखी फिल्म थी। बारह सदस्यों की जूरी को अपने
पिता के कातिल युवक को दोषी ठहराए जाने पर निर्णय लेना है। ज़्यादातर एक कमरे में
फिल्माई गई इस फिल्म का निर्देशन बासु चटर्जी ने किया था ।
समय: व्हेन टाइम
स्ट्राइक्स- सुष्मिता सिंह, जैकी श्रॉफ और सुशांत
सिंह की मुख्य भूमिका वाली फिल्म में महिला पुलिस अधिकारी एक सीरियल किलर की तलाश
कर रही है। फिल्म का निर्देशन रोबी ग्रेवाल ने किया था ।
धुंद- अशोक कुमार, संजय खान, जीनत अमान, डैनी डैंग्जोप्पा और नवीन निश्चल की फिल्म धुंद में एक अपाहिज की हत्या हो जाती है । शक के घेरे में उसकी पत्नी है। इस
फिल्म का निर्देशन बीआर चोपड़ा ने किया था ।
रहस्य- के के मेनन, आशीष विद्यार्थी, टिस्का चोपड़ा और
अश्विनी कलसेकर अभिनीत रहस्य डॉक्टर दम्पति की बेटी की हत्या पर फिल्म थी, जिसका दोषी
डॉक्टर दम्पति को ही बताया जा रहा है। इस फिल्म का निर्देशन मनीष गुप्ता ने किया
था ।
बीस साल बाद- विश्वजीत, वहीदा रहमान, मदन पूरी, मनमोहन कृष्ण,
सज्जन और असित सेन अभिनीत फिल्म बीस साल बाद एक हवेली के वंशजो की हो रही हत्याओं
पर केन्द्रित फिल्म थी। यह बॉलीवुड की पहली हॉरर फिल्म मानी जाती है। इस फिल्म
से डायरेक्टर बिरेन नाग का डेब्यू हुआ था ।.
खामोश- नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी, अमोल पालेकर, सोनी
राजदान और पंकज कपूर की फिल्म खामोश एक उभरती अभिनेत्री की हत्या की गुत्थी
सुलझाने की कहानी थी। इस फिल्म में अमोल पालेकर, सोनी राजदान और शबाना आज़मी ने खुद
के काल्पनिक किरदार किये थे। फिल्म के निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा थे ।
हॉलीवुड से प्रेरित क्राइम थ्रिलर
बॉलीवुड की ज्यादा
क्राइम थ्रिलर फ़िल्में हॉलीवुड की फिल्मों पर आधारित थी। मसलन मनोरमा सिक्स फीट
अंडर हॉलीवुड की रोमन पोलंस्की निर्देशित जैक निकल्सन और फाए डनअवे अभिनीत फिल्म
चाइनाटाउन (१९७४०) पर, इत्तफाक हॉलीवुड फिल्म साइनपोस्ट पर, अजनबी निर्देशक एलन जे
पकुला निर्देशित अमेरिकन थ्रिलर कंसेंटिंग एडल्ट्स पर, एक रुका हुआ फैसला सिडनी
लुमेट निर्देशित अमेरिकन फिल्म १२ एंग्री में पर, समय: व्हेन टाइम स्ट्राइक्स
ब्रैड पिट और मॉर्गन फ्रीमैन अभिनीत फिल्म Se7en (सेवेन) पर, बीस साल बाद आर्थर
कानन डायल की फिल्म द हाउंड ऑफ़ बास्कर्विलेस पर आधारित थी। वहीँ द स्टोनमैन
मर्डर्स और रहस्य (मोटे तौर पर आरुषी हत्याकांड) रियल लाइफ घटना पर फ़िल्में थी। गुमनाम अगाथा क्रिस्टी के मशहूर थ्रिलर उपन्यास एंड देन देयर वर नन, धुंद भी अगाथा
क्रिस्टी के उपन्यास द अनएक्सपेक्टेड गेस्ट पर आधारित थी।
बढ़िया हिट संगीत
आम तौर पर थ्रिलर
फिल्मों में संगीत का ख़ास महत्त्व नहीं होता। मगर, बॉलीवुड ने कुछ बढ़िया हिट संगीत वाली सस्पेंस थ्रिलर
फिल्मों का निर्माण किया है। क्राइम थ्रिलर फ़िल्में भी इसका अपवाद
नहीं । एक रुका हुआ फैसला, द स्टोनमैन मर्डर्स और इत्तफाक में कोई नाच गीत नहीं थे। लेकिन, तीसरी मंज़िल में आरडी बर्मन, गुमनाम में शंकर जयकिशन, बीस साल बाद में हेमंत कुमार, खिलाडी में जतिन-ललित, धुंद में रवि, गुप्त में विजू शाह और अजनबी में अनु मालिक का संगीत हिट हुआ था ।
अल्पना कांडपाल
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