हार्वर्ड और IE के भूतपूर्व छात्र करण गुप्ता और IE
बिज़ेनस स्कूल द्वारा शुरू किये गये अनोखे आई एम वूमन अवॉर्ड्स महिला की
उपलब्धियों का जश्न मनाता है और उनकी ताक़त को पहचानता है। इसकी शुरुआत चार साल
पहले की गई थी। ये कार्यक्रम एक ऐसा अभियान है जिसका मानना है कि महिलाएं शक्ति का
भंडार हैं। इस मंच पर हर साल ताक़तवर महिलाएं अपनी निजी और प्रोफ़ेशनल ज़िंदगी के
बारे में बात करती हैं जिसके ज़रिए वो तमाम महिलाओं को प्रेरित करती हैं।
आई एम वूमन अवॉर्ड्स के चौथे संस्करण के दौरान एक बार फिर से महिला
अचीवर्स द्वारा अलग अलग क्षेत्रों में कामयाबी हासिल करने का जश्न मनाया गया और
ऐसी महिलाओं द्वारा किये गये अद्भुत कार्यों को सम्मानित किया गया। इस साल इस
पुरस्कार से नवाज़े जानेवालों की फ़ेहरिस्त में अभिनेत्री और लेखिका सोनाली
बेंद्रे, व्यवसाई और डिज़ाइनर नीता लुल्ला,
सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सकपाल, इंफ़ोसिस की
लर्निंग हेड किशा गुप्ता, जेनेसिस की को-फ़ाउंडर दीपिका गेहानी,
लेखिका प्रिया कुमार, सामाजिक
कार्यकर्ता और वकील दीपिका सिंह रजावत और सामाजिक कार्यकर्ता निहारी मंडाली शामिल
हैं। इस शो को होस्ट किया पावर वूमन मानसी जोशी रॉय और गायिका मानसी स्कॉट ने।
दोनों के साथ साथ कार्यक्रम का संचालन अभिनेता और निर्देशक रोहित रॉय,
तनुज विरमानी और प्रवीण दबास ने किया। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह में
ज़ाएद खान, सुलेमान
मर्चेंट, आरती और कैलाश सुरेंद्रनाथ,
संदीप सोपारकर आदि उपस्थित थे। इनके अलावा 2017 में हुए आई एम वूमेन
अवॉर्ड्स की विजेता क्रिषिका लुल्ला और 2016 की विजेता किरण बावा,
महेका मीरपुरी और रेश्मा मर्चेंट भी मौजूद थीं।
इस साल हुई परिचर्चा में इस बात पर विशेष ज़ोर दिया गया कि किस तरह से
बिज़नेस में दिलचस्पी लेनेवाली महिलाओं का
सशक्तिकरण किया जाये और किस तरह से वो सभी मिलकर अपने-अपने समाज की मदद कर सकती
हैं।
एक लम्बे समय तक न्यूयॉर्क में हाई ग्रेड कैंसर का इलाज कराकर हाल ही में
काम पर लौटीं सोनाली बेंद्रे ने कहा, "मेरी मां
अक्सर कहा करती थी कि कब तक जब कि आप आर्थिक रूप से स्वतंत्रत न हो जाओ,
तब तक शादी मत करो। अगर आप आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हो तो आप अपने
लिये कभी खड़े नहीं हो सकोगे। फिर ये आप पर निर्भर करता है कि आप अगले दिन ही हार
मान जाओ। वो अलग बात है। ये आपकी च्वाइस है। मगर आपको अपनी शुरुआत आर्थिक रूप से
एक स्वतंत्र व्यक्ति के तौर पर करनी पड़ेगी।
इस तरह से रिश्तों में एक किस्म की बराबरी भी बनी रहती है।"
बेहद उत्साहित नज़र आ रहीं सोनाली ने आगे कहा,
"मुझे हमेशा से अवॉर्ड्स और रिवॉर्ड्स दोनों ही पसंद रहे हैं मगर अवॉर्ड्स
के लिए मेरे दिल में एक अलग ही जगह रही है। मुझे लगता है कि करण गुप्ता एज्युकेशन
फ़ाउंडेशन बहुत अच्छा काम कर रहा है। ऐसे में मेरे लिए ये अवॉर्ड और ज़्यादा
मायने रखता है।"
अन्य पुरस्कार विजेताओं ने भी इस साल पुरस्कार जीतने पर अपनी ख़ुशी साझा
की। 2018 में आई एम वूमन अवॉर्ड से सुष्मिता सेन, टाटा ग्रुप
की इंडस्ट्रियलिस्ट लिया टाटा, अभिनेत्री
और आरजे मलिश्का मेंडोसा, सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति धावाले और प्रीति
श्रीनिवासन, एडवोकेट आभा सिंह और दानदाता मिशेल पूनावाला,
अंतर्राष्ट्रीय डिज़ाइनर शेन पिकॉक और व्यवसायी भावना जसरा को दिया गया
था। वहीं 2017 में आई एम पुरस्कार अमृता फ़डनवीस, लक्ष्मी
अग्रवाल, गौरी सावंत, फ़राह अली
खान, मालिनी अग्रवाल,
शाहीन मिस्त्री और क्रिषिका लुल्ला को प्रदान किया गया था। अगर 2016 की
बात की जाये तो ये पुरस्कार सोनम कपूर, रेशमा
मर्चेंट, महेका
मीरपुरी, रौनक रॉय, देविता
सराफ़, किरण बावा, निशा जामवाल,
अमृता रायचंद, रूबल नागी और लकी मोरानी को दिया गया था।
करण गुप्ता ने कहा, "IE बिज़नेस स्कूल और KGEF
सक्रिय रूप से बिज़नेस करनेवाली महिलाओं की मदद करता है और उन्हें
स्कॉलरशिप प्रदान करता है। हम इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ़ हैं कि बिज़नेस में
महिलाओं को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि हम उन्हें
हर संभव मदद करने की कोशिश करते हैं।"
अंत में 70 के दशक का वो मशहूर अंग्रेज़ी गाना याद आता है जिसके बोल कुछ
इस तरह से हैं - 'आई एम अ वूमन।।। हियर मी रोर,
इन नंबर्स टू बिग टू इग्नोर। इफ़ आई हैव टू, आई कैन डू
एनिथिंग। आई एम स्ट्रॉन्ग, आई एम इनविंसिबल,
आई एम अ वूमन'।
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