इसे अमायरा दस्तूर का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि उनका हिंदी
फिल्मों में बिस्मिल्लाह अच्छा नहीं हुआ. अमायरा की पहली हिंदी फिल्म
प्रतीक बब्बर के साथ इसाक थी. यह फिल्म २६ जुलाई २०१३ को प्रदर्शित यह फिल्म बॉक्स
ऑफिस पर साँस तक नहीं ले सकी. बनारस के दो माफिया परिवारों के बच्चो की आधुनिक
रोमियो जूलिएट कहानी बॉलीवुड की डिजास्टर फिल्मों में शुमार की जाती है.
अमायरा के करियर की इब्दिता तो खराब हुई ही. आगे आगे भी सब कुछ खराब होता
चला गया. उनकी दूसरी हिंदी फिल्म मिस्टर एक्स भी धडाम हुई. फिर तीन साल बाद, सैफ
अली खान के साथ कालकांडी, राजमा चावल रिलीज़ हुई. यह भी फ्लॉप हुई.
पिछले साल, अमायरा की सह भूमिका वाली तीन हिंदी फ़िल्में जजमेंटल है क्या,
प्रस्थानम और मेड इन चाइना रिलीज़ हुई. इन फिल्मों में कंगना रानौत, राजकुमार राव
और संजय दत्त जैसे कलाकार थे. लेकिन, अमायरा की खराब इब्दिता का असर की यह सभी
फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर पानी तक नहीं मांग सकी.
पिछले साल, साजिद नाडियाडवाला तेलुगु फिल्म राजू गाडू की हिंदी रीमेक
फिल्म पिलफेर सिंह कार्तिक आर्यन के साथ अमायरा को लेकर लिख रहे थे. लेकिन, अभी तक
यह कहना मुश्किल है कि यह कॉमेडी फिल्म कब शुरू होगी. फिलहाल तो अमायरा की निगाहें
अपनी दक्षिण भारत की तमिल और तेलुगु फिल्मों पर ही टिकी हुई है.