Tuesday 4 June 2013

बॉलीवुड टैप डांसिंग के ऑस्कर


1970 में अर्जुन हिंगोरनी की धर्मेंद्र, बबीता और प्राण अभिनीत फिल्म कब? क्यों? और कहाँ? में गो गो डांस गीत की स्वतंत्र रूप से choreography करने वाले ऑस्कर उंगेर आजीवन डांस को समर्पित रहे।  भारतीय  नौसेना के एंटि एयरक्राफ्ट गनर रहे ऑस्कर समुद्र यात्रा के दौरान नाच गा कर समय काटा करते थे। तेरे घर के सामने के एक गीत की रीहर्सल के दौरान अपने दोस्त के साथ सेट पर गए ऑस्कर को इत्तेफाक से ही तब के श्रेष्ठ डांस डाइरेक्टर सूर्य कुमार के सामने एक कठिन डांस स्टेप आसानी से करने का मौका मिल गया। यह शुरुआत थी नेवी के गनर की डांस मास्टर बनने की।  डांस मास्टर कमल के इस शिष्य ने नया ज़माना, ऐलान और भाई हो तो ऐसा में सहायक नृत्य निर्देशक की भूमिका निबाहने के बाद फिल्म बड़ा कबूतर और धर्मात्मा की स्वतंत्र कोरियोग्राफी की। Vijay के साथ मिलकर उन्होने विकास और अरुणा देसाई की फिल्म शक़ का नृत्य निर्देशन किया। इस जोड़ी की धूम मचा करती थी।  उन्होने इंकार, फांसी, लहू के दो रंग, दो और दो पाँच, कुदरत, क्रोधी, खुदा कसम, झूठा सच, कालिया, अंदर बाहर, आदि बड़ी फिल्मों की नृत्य रचना की। उनके इशारे पर Amitabh बच्चन, विनोद खन्ना, जैकी श्रोफ़्फ़, अनिल कपूर,रेखा, हेमा मालिनी,  आदि ने ठुमके लगाए। इंकार के मूंगड़ा मूंगड़ा गीत में Helen को कमर का लोच दिखने का गुर ऑस्कर ने ही सिखाया था। उन्होने गोविंदा को भी टिप्स दीं। अरमान फिल्म का रंभा हो हो हो, ज़ीनत अमान पर कुर्बानी का आप जैसा कोई तथा इल्ज़ाम में गोविंदा का आई एम अ स्ट्रीट डांसर उनके सदाबहार डांस नंबर थे। फिरोज खान की फिल्मों के वह रेगुलर choreographer थे।  उन्होने अपने 27 साल लंबे कैरियर में 103 फिल्मों का नृत्य संयोजन किया। लेकिन, जैसा की होता है। समय बदलता है, दर्शक बदलते हैं, इसके साथ ही दर्शकों की पसंदगी बदलती है, सरोज खान, फराह खान, आदि के आने के बाद विजय ऑस्कर के स्टेप्स का जादू खत्म होता चला गया। उन्होने आखिरी बार फिल्म खोया खोया चाँद के लिए कोरियोग्राफी की। उनकी अंतिम इच्छा रितिक रोशन के लिए स्टेप्स तैयार करने की थी। वह अपनी डांस अकादेमी में युवाओं को डांस के स्टेप्स सिखाया करते थे। उनकी इच्छा अपने किसी शिष्य को बॉलीवुड में  टैप डांसिंग का  अपना कमाल दिखाते हुए देखने की थी।   लेकिन, उनकी यह इच्छा अधूरी ही रह गयी। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। 

 

अबीर का यों चले जाना


मौत कब दबे पाँव पास आ जाती है और एक ज़िंदा शरीर को दबोच कर मुर्दा कर देती है, अबीर गोस्वामी इसका ताज़ातरीन उदाहरण है। इस टीवी एक्टर को क्या पता था कि वह जिस सेहत के लिए जिम में वर्कआउट कर रहा है, वह उसको बिल्कुल खत्म कर देगी। ट्रेड मिल पर दौड़ रहे अबीर को हार्ट अटैक ने वहीं दबोच लिया। उन्हे अस्पताल ले जाया गया। पर वह बच नहीं सके। मुश्किल से 34 साल के थे अबीर। यह उम्र तो अभी जवान होने की होती है। इस उम्र में कोई खाक मरता है। फिर तीन साल पहले ही तो अबीर ने शादी की थी। अच्छी ख़ासी ज़िंदगी चल रही थी। हिन्दी टीवी सिरियल कुसुम और प्यार का दर्द है काफी लोकप्रिय हुए थे। होटल किंगडम, छोटी माँ, बदलते रिश्तों की दास्तां और घर आजा परदेशी में भी उनके काम को सराहा गया। टीवी दर्शकों में अबीर की फ़ैन फॉलोइंग बन गयी थी। उन्होने एक बांगला फिल्म में षयांतनी घोष के साथ काम किया था। षयांतनी से ही उनकी आखिरी बार रात 11 बजे बात हुई थी। उन्होने पिछले साल ही अपना ऑपरेशन करा कर रक्त कैंसर से छुटकारा पाया था। लगता था कि सब ठीक हो जाएगा। पर मौत को शायद यह मंजूर नहीं था। एक दिन पहले ही ऋतुपर्णों घोष की मृत्यु पर टिवीटर पर शोक व्यक्त करने वाले अबीर को क्या पता था कि दूसरे दिन ही उनके लिए ट्वीट किए जाएंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।

'निःशब्द' चली गयी जिया खान


सोमवार को जब मुंबई की रात जवान हो रही थी, ठीक उसी समय एक खूबसूरत चेहरा अपना जीवन समाप्त कर रहा था। निःशब्द से चर्चा में आई जिया खान ने अपने जुहू स्थित घर में गले पर अपने ही दुपट्टे का फंदा डाल कर आत्महत्या कर ली। अभी 20 फ़रवरी को जिया खान ने अपनी 25वीं सालगिरह मनाई थी।  उनका फिल्म कैरियर  2007 में  अमिताभ  बच्चन के ऑपोज़िट फिल्म निःशब्द से शुरू हुआ था। इस फिल्म के लिए उन्हे फिल्मफेयर के  श्रेष्ठ  देबू के लिए नामित किया गया था। इस फिल्म से जिया ने अपनी खूबसूरती, सेक्स अपील और अभिनय क्षमता से हिन्दी दर्शकों को परिचित कराया था।
निश्चित रूप से ब्रिटिश इंडियन नफीसा खान जब अपना नाम बदल कर मुंबई आई थी तो उसकी आँखों में भी मुंबई का पूरा आकाश नापने के सपने थे। बिग बी के साथ फिल्म एक सुनहरा अवसर था। पर यह फिल्म फ्लॉप हो गयी। 2008 में उन्हे आमिर खान के साथ फिल्म गाजिनी में देखा गया। इस फिल्म में वह सेकंड लीड में एक लेडी डॉक्टर की भूमिका कर रही  थीं। फिल्म Bollywood की पहली सौ करोडिया फिल्म बनी। यह बॉलीवुड की त्रासदी है कि यहाँ फिल्म की सफलता का पूरा फायदा हीरो को ही होता है। गाजिनी का पूरा फायदा आमिर खान को हुआ। कुछ फायदा फिल्म की नायिका असिन को हुआ, जो दक्षिण फिल्म की बड़ी अभिनेत्री थीं। जिया खान के भाग्य में गुमनामी ही आयी। हालांकि, इस फिल्म में भी उन्होने खुद के सक्षम अभिनेत्री होने का प्रमाण दिया। इसके बावजूद उनकी दूसरी फिल्म हाउसफुल रिलीज होने में दो साल लग गए। इस फिल्म में भी वह लीड में नहीं थीं। इसके बाद जिया की कोई फिल्म रिलीज नहीं हुई। हालांकि, उन्होने फिल्म पाने के लिए हरचंद कोशिश की। यहाँ तक कि अपने नाम जिया खान को रद्द कर मूल नाम नफीसा खान पर आ गईं। लेकिन, इसके बावजूद बॉलीवुड की नफीसा नहीं बन सकीं जिया खान।
मुंबई की फिल्म नगरी की त्रासदी है कि यहाँ खूबसूरत चेहरों की गोस्सिप बनाई जाती है। जिया की भी बनाई गयी.। उन्हे आमिर खान से जोड़ा गया। हाउसफुल  के दौरान अक्षय कुमार से उनके रोमैन्स के किस्से उड़े। लेकिन, फिल्म तब भी नहीं मिली। इस खूबसूरत चेहरे में कितना दर्द भरा रहा होगा कि जिया ने इसे खत्म करते समय एक मिनट भी नहीं सोचा। जिया ही क्या, बॉलीवुड या मुंबई में न जाने कितनी हसीन शक्लें आती हैं, एक्टर या मोडेल बनने। उनका शोषण होता है। कुछ इसे सहन कर अपनी कोई पोजीशन बना ले जाती हैं। लेकिन, ज्यादातर निराश हो कर ड्रग और शराब में डूब जाती है और एक दिन नशे का शिकार हो कर फूटपाथ पर मारी पायी जाती हैं, किसी अपने के हाथों मार दी जाती हैं या जिया खान की तरह फांसी लगा लेती हैं।
 जिया खान ने फांसी लगा ली। एक जीवन समाप्त हो गया। हो सकता है कि बॉलीवुड कि कुछ सेलेब्रिटी टिवीटर पर शोकपूर्ण  ट्वीट दर्ज कर दें। इसके बाद जिया खान को बिल्कुल याद नहीं किया जाएगा। क्योंकि, उनका क्या योगदान था बॉलीवुड को। छह सालों में केवल तीन फिल्में ही तो की थीं जिया खान ने। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।

Monday 3 June 2013

बॉलीवुड का नया सुपर स्टार रणबीर कपूर

            
 फिल्म यह जवानी है दीवानी की समीक्षा करते समय मैंने अंत में लिखा था कि फिल्म को दर्शक जैसा रेस्पोंस  दे रहे हैं, उससे यह फिल्म इस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म साबित होने जा रही है। ठीक वैसा ही हुआ। बीस करोड़ की लागत में बनी यह जवानी है दीवानी बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म बन गयी है, जिसने 60 करोड़ का वीकेंड मनाया है। फिल्म की रिलीज के दिन तक यही अनुमान किया जा रहा था कि फिल्म को जैसी हाइप मिली है, उससे यह फिल्म 15 करोड़ की ओपेनिंग ले लेगी तो इस साल की बड़ी हिट फिल्मों में शुमार हो जाएगी। हालांकि फिल्म 12-14 करोड़ के बीच ओपेनिंग लेने का ही अनुमान था। लेकिन, यह जवानी है दीवानी ने तमाम अनुमानों को पछाड़ते हुए 19.45 करोड़ की ओपेनिंग ले ली। उस समय यह जवानी है दीवानी सलमान खान की फिल्म दबंग 2  से पीछे थी। अमूमन, पहले दिन बड़ी ओपेनिंग ले लेने वाली बड़ी फिल्मों का शनिवार थोड़ा गिरता है। दबंग 2 का दूसरा दिन भी कमजोर गया था। लेकिन यह जवानी है दीवानी ने सलमान खान की दबंगई की भी हवा निकाल दी। जवानी का दूसरा दिन यानि शनिवार 20 करोड़ से ऊपर गया । इस प्रकार से यह जवानी है दीवानी ने दबंग 2 को 50 लाख से पीछे धकेल दिया। यहाँ यह बताते चलें कि दबंग 2 के कुल 3500 प्रिन्ट जारी किए गए थे, जबकि यह जवानी है दीवानी केवल तीन हजार प्रिंट्स में ही रिलीज की गयी थी।  सनडे को फिल्म का बिज़नस 23 करोड़ को पार कर गया। यह जवानी है दीवानी का वीकेंड बिज़नस एक था टाइगर, दबंग 2, रा1, बॉडीगार्ड तथा कुछ अन्य बड़ी फिल्मों के बिज़नस आंकड़ों को पीछे छोड़ गया। इन सभी फिल्मों ने आगे चलकर 100 करोड़ का क्लब बनाया। अब अगर दर्शकों पर यह जवानी है दीवानी का जादू वीक डेज़ में बरकरार रहा तो इस फिल्म बिज़नस आगे रिलीज होने वाली फिल्मों के लिए बड़ी चुनौती बन जाएगी।  देखते ही देखते यह शोर मच गया कि बॉलीवुड को नया सुपर स्टार मिल गया। यह सलमान खान के अब तक के रेकॉर्ड को तोड़ना ही नहीं था, बल्कि सलमान खान और अन्य तमाम खान सितारों के सुपरस्टारिज़्म को गंभीर चुनौती और खतरे का संकेत भी था। यह जवानी है दीवानी के रिलीज के 72 घंटे बीतते बीतते यह तय हो गया कि रणबीर कपूर सभी खानों को पीछे छोड़ते हुए नए सुपर स्टार बन गए हैं।
यह जवानी है दीवानी की बड़ी सफलता हाइप की सफलता नहीं है। हाइप तो पहले दिन या बहुत हुआ वीकेंड तक ही रहती है। हाइप वाली फिल्मे दिन ब दिन ज़्यादा बिज़नस नहीं करतीं। यह फिल्म का टेम्पो था। कलाकारों की कैमिस्ट्रि थी, जिसने दर्शकों को मुग्ध कर लिया। यह फिल्म हर प्रकार से अच्छी बन पड़ी फिल्म है। यह पहली फिल्म है, जो युवाओं के लिए होने के बावजूद अश्लील संवादों और हाव भाव वाली नहीं तथा इस कारण से पूरे परिवार के देखने योग्य है। रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण ऐसे स्टार बन कर उभरे हैं, बॉलीवुड  जिन पर भरोसा कर सकता है। रणबीर कपूर किसी भी अभिनेत्री के स्वीकार्य हीरो हैं और दीपिका हीरोइन। यह दोनों साथ साथ होंगे तो सुहागा होगा ही।
अब बड़ा खतरा खान अभिनेताओं के लिए है। वह अपनी घिसिपीटी मैनरिज़म के जरिये दर्शकों की जेब को चूना नहीं लगा सकते। उन्हे अपने अभिनय को सुधारना होगा, ऐसी फिल्में करनी होंगी, जो दर्शकों को मनोरंजन करने के साथ साथ संदेश भी दे।

Friday 31 May 2013

बॉक्स ऑफिस को दीवाना बना देगी यह जवानी

     
                  यह जवानी है दीवानी क्यों देखें? देखें तो क्यों, न देखें तो क्यों? इस पर बात करने से पहले सबसे बड़ी बात यह कि रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण की इस जवानी को ज़रूर देखें। यह आज के युवा की फिल्म है जो घूमना चाहता है, दौड़ना चाहता है, ऊँचाइयाँ छूना चाहता और गिरना भी चाहता है। पर फिल्म खालिस आज के युवा वाली नहीं, जैसी कुछ हफ्ते पहले रिलीज हिट फिल्म आशिक़ी 2 थी, जिसका युवा निराश, शराब में डूबा हुआ और लड़की से शादी से पहले सेक्स करने वाला। ठेठ आज के युवा की तरह, जो मिलते ही सेक्स और बिस्तर की बात ही करते हैं। कोंडोम और गर्भ निरोधक पर्स में जमे रहते हैं, न जाने कब ज़रूरत पड़ जाये। यह जवानी है दीवानी का बनी फ्लर्ट से इश्क को ज़्यादा बेहतर समझता है।
                       यह जवानी है दीवानी में आशिक़ी 2 के हीरो आदित्य रॉय कपूर भी हैं। इत्तेफाक ही है कि उनका   चरित्र अवि, आशिक़ी 2 के राहुल जैसा ही है- शराब पीने वाला, बिसतरबाज़ और कमोबेश अपनी कमजोरियों के लिए खुद को दोषी नहीं मानने वाला। अगर फिल्म अवि पर होती तो शायद आशिक़ी 2 का सेकुएल बन गयी होती। पर यह फिल्म भट्ट कैंप से नहीं, बल्कि धर्मा प्रॉडक्शन के करण जौहर की फिल्म है। यह बैनर कहीं न कहीं मूल्यों की बात करता है। अयान मुखर्जी फिल्म के डाइरेक्टर हैं, जिन्होंने वेक अप सिड बनाई थी। उनकी फिल्म का नायक कबीर थापर उर्फ बनी आज का युवा है। बनी आज का युवा है तो वह घूमना चाहता है, दौड़ना चाहता है, ऊँचाइयाँ छूना चाहता और गिरना भी चाहता है। बिल्ली यानि चशमिश पढ़ाकू नैना तलवार। हमेशा किताबों में डूबी रहने वाली। वह पढ़ाई से ऊब कर, अपने स्कूल के साथियों को मौज मजा लेते हुए देख कर, खुद भी एंजॉय करना चाहती है। इसलिए वह मनाली जाती है। स्टेशन पर मिलता है, बनी। बनी लड़कियों से फ्लर्ट करता है। लेकिन वह आज के लड़कों की तरह पहली मुलाकात में लड़कियों से सेक्स करना नहीं चाहता। नैना तलवार घरेलू प्रकार की है। अपना शहर, माता पिता और दोस्त परिवार उसकी प्राथमिकता हैं। बनी उसको देखता है। पर उससे फ्लर्ट नहीं करता। नैना पूछती है तो कहता है कि तुम फ्लर्ट के नहीं इश्क के काबिल हो। यही फर्क है आज के सेक्स के भूखे युवा से अलग इश्क को इबादत समझने वाला यह जवानी है दीवानी का बनी में।  मनाली में नैना  बिल्कुल बिंदास हो जाती है। वह उस लाइफ को एंजॉय करती है। वह बनी से प्रेम करने लगती है। वह उससे अपने प्रेम का इज़हार करना चाहती है कि बनी बताता है कि वह विदेश जा रहा है, अपना सपना पूरा करने के लिए। आठ साल बीत जाते हैं। बनी अपनी बेस्ट फ्रेंड की शादी में शामिल होने आता है। चारों दोस्त फिर मिलते हैं। बनी न जाने कब नैना से प्यार करने लगता है। वह उससे कहता है कि वह नैना से प्रेम करता है और शादी करना चाहता है। वह नैना से कहता है कि चलो, मैं तुम्हारा हाथ थाम कर दुनिया घूमना चाहता हूँ। नैना शहर, दोस्त, परिवार को तरजीह देती है। वह कहती है, हम कितनी भी कोशिश करें, कुछ न कुछ तो छूट ही जाता है। इसलिए जो सामने है उसे एंजॉय करो। बनी को एहसास होता है कि ऊँचाइयाँ  छूने   के उसके सपनों ने उसे पिता की मौत की खबर तक नहीं लगने दी थी। तब वह नैना से शादी कर अपने शहर में दोस्तों के बीच रहने का निर्णय लेता है।
यह जवानी है दीवानी युवाओं को उपदेश नहीं देती तो पतन की राह भी नहीं दिखाती। फिल्म यह नहीं कहती कि आप सपने मत देखो। लेकिन यह ज़रूर बताती है कि कुछ न कुछ तो छूट ही जाता है।  फिल्म बताती है कि कुछ ऐसे मूल्य हैं, जिनका भौतिकवादी युग में भी महत्व हैं। अयान ने इस घिसी पिटी उपदेश देती जैसी लगने वाली फिल्म को बेहद मनोरंजक ढंग से बिना अश्लील हुए बनाया है। फिल्म का कोई भी एक्टर मिडिल फिंगर नहीं दिखाता, हीरो अपनी हीरोइन से नहीं पूछता कि क्या उसने सेक्स किया है। वह उसे बिस्तर पर पटकने की कोशिश नहीं करता। दोनों इश्क को एहसास की तरह भोगते हैं, आँखों और हाव भाव से व्यक्त करते हैं। इसके बावजूद फिल्म युवा है, क्योंकि, फिल्म में वह पूरी मस्ती है जो आज का युवा करता है और करना चाहता है। बस सेक्स की डोज़ नहीं है।
फिल्म में रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में हैं। यकीन जानिए क्या खूब कैमिस्ट्रि है दोनों के बीच। दोनों अपनी आँखों और चेहरे से अपने इमोशन एक्सप्रेस करते हैं। रणबीर कपूर तो गजब की एक्टिंग करते ही हैं। दीपिका पादुकोण साबित करती हैं कि वह अपनी समकालीन सभी अभिनेत्रियों को पीछे छोड़ कर बहुत आगे जाने वाली हैं। वह खूबसूरत है, वह सेक्सी हैं पर यहाँ ग्लैमरस लगती हैं। उन्होने अपने ऊम्फ फैक्टर   को यूज करने की कोई कोशिश नहीं की है। रणबीर कपूर की तरह युवाओं के दिलों में बस जाती हैं दीपिका। फिल्म में दीपिका का एक डाइलॉग है, जो फिल्म के प्रोमोस में काफी चला है- अवि तुम समझते क्यों नहीं कि अगर मैं दो मिनट भी तुम्हारे पास रही तो मुझे प्यार हो जाएगा...फिर से। यकीन जानिए सिनेमाघर में बैठे दर्शक बेतहाशा तालियाँ बजाते हैं और स्वागत करते हैं दीपिका के निर्णय का। यह प्रमाण है कि दर्शकों को दीपिका-रणबीर chemistry खूब जमी। कल्कि कोएचलीन पहली बार अच्छी लगीं। आदित्य रॉय कपूर को थोड़ा एक्टिंग से काम लेना होगा, नहीं तो वह जल्द ही बासी हो जाएंगे। बाकी कलाकार ठीक ठाक हैं।
फिल्म निर्देशक की फिल्म है, लेखकों की फिल्म है। अयान मुखर्जी इस पुरानी लगने वाली कहानी को अपनी कल्पनाशीलता के सहारे बिल्कुल नए ढंग से पेश करते हैं। देशी विदेशी लोकेशन है, पर यह कहानी को भटकाती नहीं, चरित्रों को उभारती है। मनिकन्दन का कैमरा मुख्य चरित्र की ऊंचाई तक पहुँचने की इच्छा को पूरा सहयोग देता है। एडिटिंग काफी चुस्त है, इसलिए फिल्म तेज़ तर्रार बन पड़ी है।
प्रीतम युवाओं को पसंद आने वाला संगीत बनाते हैं। यंग आडियन्स को टार्गेट करने वाली फिल्मों की वह जान हैं। यह जवानी है दीवानी का संगीत युवाओं को जवानी का एहसास कराने वाला है।
फिल्म देखिये। युवा भी देखें और युवाओं के अम्मा अब्बा भी। युवा इसलिए देखें कि सपने देखने और पूरा कराने  ज़रूरी हैं, पर उतने ही ज़रूरी माता पिता और उनके एहसास भी। फिल्म में सेक्स उतना ज़रूरी नहीं, जितना इश्क। रणबीर कपूर के स्वाभाविक अभिनय के लिए फिल्म देखी जा सकती है। यों फिल्म केवल दीपिका पादुकोण के लिए भी देखी जा सकती है। फिल्म की शुरुआत में ही माधुरी दीक्षित का घाघरा आइटम डांस है। वैसे यह फिल्म में नहीं होता तो भी फिल्म चलती ही। लेकिन, यह आइटम बताता है कि माधुरी दीक्षित में आज भी तेज़ाब है।
कल दीपिका पादुकोण अपनी फिल्म की सफलता की मन्नत मनाने Mumbai के मशहूर सिद्धिविनायक मंदिर गयी थीं। आज उनकी  फिल्म को अच्छी ओपेनिंग मिली है। लेकिन, अगर दीपिका मंदिर नहीं भी जाती तो फिल्म को हिट होना ही था। सच जानिए फिल्म को देखने के बाद दर्शक जैसे रिसपोन्स दे रहे हैं, वह इस फिल्म को इस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म बनाने का संकेत कर रहे हैं। मार दी रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण ने हिट फिल्मों की हट्रिक्क एक साथ।




Thursday 30 May 2013

नहीं रहे बांगला फिल्मों के ऋतु


                     
 हिन्दी फिल्मों या यों कहें कि  बॉलीवुड  फिल्मों के कारण क्षेत्रीय फिल्मों को वह महत्व नहीं मिल पाता, जो उन्हे मिलना चाहिए या यों कहें उनकी कमोबेश उपेक्षा की जाती है। बंगला फिल्मों के  प्रतिष्ठित निर्देशक ऋतुपर्णों घोष को आजीवन यही दुख रहा।  पिछले साल ऑस्कर अवार्ड्स में इंडिया एंट्री के लिए रीजनल फिल्मों की उपेक्षा करते हुए हिन्दी फिल्म बर्फी को भेजे जाने पर उन्होने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। आज जब कि ऋतुपर्णों घोष का देहांत हो चुका है तो खुद वह और उनकी फिल्में इस बात का प्रमाण है कि रीजनल फिल्मों की हिन्दी फिल्मों के सामने उपेक्षा हमेशा होती रही है। घोषदा ने जितनी फिल्में बनायीं, उन्हे पूरे विश्व में चर्चा मिली । उनकी फिल्मों दहन, उत्सब, चोखेर बाली, रेनकोट, दोसोर, द लास्ट लेयर, शोएब चरित्रों कल्पोनिक और अबोहोमन को सर्वोच्च फिल्म पुरस्कार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले। लेकिन, इन फिल्मों में से कितनों को हिन्दी बेल्ट में हिन्दी दर्शकों द्वारा देखा गया? चोखेर बाली ऐश्वर्या राय के कारण चर्चा में आई। रेनकोट को भी ऐश्वर्या राय और अजय देवगन जैसे हिन्दी के कलाकारों और हिन्दी में बनी होने के कारण सीमित दर्शकों ने देखा। रेनकोट उनकी पहली हिन्दी फिल्म थी। द लास्ट लेयर अमिताभ बच्चन, प्रीती जिंटा और अर्जुन रामपाल और विदेशी चर्चा के कारण हिन्दी बेल्ट में चर्चा के योग्य समझी गयी। लेकिन, बाकी फिल्में? ज़ाहिर है कि बॉलीवुड की घिसी पिटी मसाला फिल्मों को हाउसफूल पर हाउसफुल भीड़ मुहैया करने वाले हिन्दी दर्शकों ने ऋतुपर्णों घोष की कलात्मक और उद्देश्यपूर्ण फिल्मों को क्यों नहीं देखा। घोषदा के लिए दुख की बात यह थी कि फिल्म फ़ैडरेशन ऑफ इंडिया ने ओस्कर्स के लिए हिन्दी फिल्मों के सामने उनकी फिल्मों को इस योग्य नहीं समझा।
ऋतुपर्णों घोष ने अपने कैरियर की शुरुआत एडवर्टाइजिंग से शुरू की थी।  हिरेर अंगटी उनकी पहली बंगला फिल्म थी। अबोहमान के लिए उन्हे बेस्ट डाइरेक्टर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। इसके बाद उन्होने कुल आठ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किए।  उन्होने अपने फिल्म कैरियर में 20 फिल्में लिखीं।  एक उड़िया फिल्म से वह पहली बार स्क्रीन में नज़र आए। उनकी फिल्मों दहन और रेन कोट को कार्लोवी वरी इंटरनेशनल  फिल्म
फेस्टिवल  में  तथा चोखेर बाली और अंतरमहल को लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में नामित किया गया था।


Wednesday 29 May 2013

युवा दर्शकों को दीवाना बना लेने वाली है यह जवानी !

इस शुक्रवार रिलीज होने जा रही फिल्म यह जवानी है दीवानी की सफलता के लिए फिल्म की नायिका दीपिका पादुकोने व्रत उपवास रख रहीं हैं तथा उनके सिद्धि विनायक मंदिर जाने की भी खबर है। दीपिका यह सब किस लिए कर रही हैं? क्योंकि, किसी फिल्म की सफलता या असफलता का दारोमदार किसी एक एक्टर या एक्ट्रेस पर नहीं होता, बल्कि यह एक टीम वर्क है। वैसे अगर यह जवानी है दीवानी हिट हो गयी तो दीपिका पादुकोण कॉकटेल और रेस 2 के बाद लगातार तीसरी हिट फिल्म देने वाली अभिनेत्री  बन जाएंगी। मगर, दीपिका का उपवास महज इसी कारण से नहीं। दीपिका पादुकोण फिल्म के प्रति काफी उत्साहित हैं। यह उनकी पसंदीदा फिल्म में से एक है। दीपिका को लगता है कि यह जवानी है दीवानी अच्छी बन पड़ी फिल्म है।  उन्होने इसके लिए काफी मेहनत भी की है। इसलिए, उनका फिल्म की सफलता के लिए उत्साह में उपवास रखना स्वाभाविक है।
यह जवानी है दीवानी के हिट होने की प्रार्थना तो कई लोग कर रहे होंगे। करण जौहर भी, जो फिल्म के निर्माता हैं। अयान मुखर्जी भी, जो फिल्म के निर्देशक हैं। इस फिल्म के बाद वह अपनी पहली दोनों फिल्में हिट बनाने वाले निर्देशक बन जाएंगे। रणबीर कपूर भी, जो फिल्म के हीरो  हैं। यह फिल्म उन्हे बरफी के बाद एक वास्तविक हिट फिल्म का हीरो बना देगी। कल्कि कोएचलीन और आदित्य रॉय कपूर भी, जो फिल्म के को-स्टार हैं। आदित्य तो आशिक़ी 2 के बाद इस साल लगातार दूसरी हिट फिल्म दे सकेंगे।
फिल्म का हिट और फ्लॉप का गणित बहुत आसान नहीं। आजकल कोई फिल्म केवल बॉक्स ऑफिस के बूते पर सफल होने का इत्मीनान नहीं रखती। बहुत से ऐसे रास्ते हैं, जिनसे किसी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर दर्शक न बटोर पाने के बावजूद घाटे का सौदा नहीं समझा जाता। इस लिहाज से यह जवानी है दीवानी को रिलीज से पहले ही हिट क्या 100 करोड़ कमा लेने वाली फिल्म बताया जा रहा है। करण जौहर ने, यह जवानी है दीवानी के वितरण अधिकार 55 करोड़ में बेच लिए हैं। उन्होने सैटिलाइट राइट्स 28 करोड़ में बेचे हैं। सात करोड़ म्यूजिक राइट्स बेच कर मिल गए हैं। ओवरसीज डिस्ट्रीबूटर्स ने 11 करोड़ पहले ही दे दिये हैं। विडियो और अन्य राइट्स बेच कर करण जौहर को 2.5 करोड़ वैसे ही मिल जाने हैं। इस प्रकार से यह जवानी है दीवानी सौ करोड़ से ज़्यादा तो फिल्म रिलीज होने से पहले ही कमा चुकी है।
इसके बावजूद तमाम निगाहें 31 मई के यह जवानी है दीवानी के बॉक्स ऑफिस आंकड़ों पर लगी होगी। कहा जा रहा है कि क्या यह जवानी है दीवानी का पहले दिन का कलेक्शन 15 करोड़ तक हो सकेगा? इसकी उम्मीद काफी है। हालांकि, फिल्म में आशिक़ी 2 के आदित्य रॉय कपूर भी हैं, लेकिन इस फिल्म को पहचान रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण की फिल्म की तरह ही मिली है। इसलिए फिल्म की अच्छी ओपेनिंग रणबीर कपूर की फिल्म की अच्छी ओपेनिंग मानी जाएगी, न कि आदित्य रॉय कपूर की। जहां तक यह जवानी है दीवानी को बढ़िया ओपेनिंग का सवाल है, फिल्म के लिए समय पूरी तरह से अनुकूल है। आईपीएल खत्म हो चुका है। छुट्टियों का समय है। युवा पीढ़ी पढ़ाई से उबर कर छुट्टी के मूड में है। वैसे पिछले चार सालों का इतिहास गवाह है कि जून में रिलीज फिल्में बॉक्स ऑफिस पर चाँदी बटोरती हैं। 2010 में रणबीर कपूर की कैटरीना कैफ और अन्य के स्टार्स के साथ फिल्म राजनीति रिलीज हुई थी। 4 जून 2010 को रिलीज इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 94 करोड़ कमाए। 3 जून 2011 को सलमान खान और असिन की अनीस बजमी निर्देशित एक्शन कॉमेडी रेडी रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने बढ़िया ओपेनिंग लेकर 3 इडियट्स का
वीकेंड रेकॉर्ड भी ध्वस्त कर दिया। फिल्म ने कमाए कुल 122 करोड़। 2012 में 1 जून को अक्षय कुमार प्रभूदेवा के निर्देशन में एक्शन कॉमेडी राउडि राठोर में नज़र आए। इस फिल्म ने सभी रेकॉर्ड ध्वस्त करते हुए 2012 की तीसरी सबसे ज़्यादा कलेक्शन करने वाली फिल्म होने का सम्मान प्राप्त किया। इस लिहाज से रणबीर कपूर तथा अन्य की फिल्म यह जवानी है दीवानी के बढ़िया ओपेनिंग लेने तथा 100 करोड़ से ज़्यादा कमाई केवल बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन से करने की उम्मीद की जा रही है।
यह संभव है। फिल्म की हाइप ज़बरदस्त बन गई है। फिल्म का संगीत चार्ट बस्टर है। छोटे पर्दे पर फिल्म के प्रोमोस और सिनेमाघरों में ट्रेलर दर्शकों को आकर्षित कर रहे हैं। दीपिका पादुकोण सेक्सीएस्ट बेस्ट हैं। रणबीर कपूर हमेशा की तरह युवा दिलों की धड़कन बनने को बेकरार नज़र आ रहे हैं। आदित्य रॉय कपूर और कल्कि कोएचलीन की जोड़ी रणबीर दीपिका की जोड़ी को सपोर्ट कर रही है। इससे यह उम्मीद करना बेमानी नहीं कि यह जवानी है दीवानी भारतीय युवाओं को अपना दीवाना बना लेगी।