Thursday, 30 May 2013

नहीं रहे बांगला फिल्मों के ऋतु


                     
 हिन्दी फिल्मों या यों कहें कि  बॉलीवुड  फिल्मों के कारण क्षेत्रीय फिल्मों को वह महत्व नहीं मिल पाता, जो उन्हे मिलना चाहिए या यों कहें उनकी कमोबेश उपेक्षा की जाती है। बंगला फिल्मों के  प्रतिष्ठित निर्देशक ऋतुपर्णों घोष को आजीवन यही दुख रहा।  पिछले साल ऑस्कर अवार्ड्स में इंडिया एंट्री के लिए रीजनल फिल्मों की उपेक्षा करते हुए हिन्दी फिल्म बर्फी को भेजे जाने पर उन्होने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। आज जब कि ऋतुपर्णों घोष का देहांत हो चुका है तो खुद वह और उनकी फिल्में इस बात का प्रमाण है कि रीजनल फिल्मों की हिन्दी फिल्मों के सामने उपेक्षा हमेशा होती रही है। घोषदा ने जितनी फिल्में बनायीं, उन्हे पूरे विश्व में चर्चा मिली । उनकी फिल्मों दहन, उत्सब, चोखेर बाली, रेनकोट, दोसोर, द लास्ट लेयर, शोएब चरित्रों कल्पोनिक और अबोहोमन को सर्वोच्च फिल्म पुरस्कार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले। लेकिन, इन फिल्मों में से कितनों को हिन्दी बेल्ट में हिन्दी दर्शकों द्वारा देखा गया? चोखेर बाली ऐश्वर्या राय के कारण चर्चा में आई। रेनकोट को भी ऐश्वर्या राय और अजय देवगन जैसे हिन्दी के कलाकारों और हिन्दी में बनी होने के कारण सीमित दर्शकों ने देखा। रेनकोट उनकी पहली हिन्दी फिल्म थी। द लास्ट लेयर अमिताभ बच्चन, प्रीती जिंटा और अर्जुन रामपाल और विदेशी चर्चा के कारण हिन्दी बेल्ट में चर्चा के योग्य समझी गयी। लेकिन, बाकी फिल्में? ज़ाहिर है कि बॉलीवुड की घिसी पिटी मसाला फिल्मों को हाउसफूल पर हाउसफुल भीड़ मुहैया करने वाले हिन्दी दर्शकों ने ऋतुपर्णों घोष की कलात्मक और उद्देश्यपूर्ण फिल्मों को क्यों नहीं देखा। घोषदा के लिए दुख की बात यह थी कि फिल्म फ़ैडरेशन ऑफ इंडिया ने ओस्कर्स के लिए हिन्दी फिल्मों के सामने उनकी फिल्मों को इस योग्य नहीं समझा।
ऋतुपर्णों घोष ने अपने कैरियर की शुरुआत एडवर्टाइजिंग से शुरू की थी।  हिरेर अंगटी उनकी पहली बंगला फिल्म थी। अबोहमान के लिए उन्हे बेस्ट डाइरेक्टर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। इसके बाद उन्होने कुल आठ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किए।  उन्होने अपने फिल्म कैरियर में 20 फिल्में लिखीं।  एक उड़िया फिल्म से वह पहली बार स्क्रीन में नज़र आए। उनकी फिल्मों दहन और रेन कोट को कार्लोवी वरी इंटरनेशनल  फिल्म
फेस्टिवल  में  तथा चोखेर बाली और अंतरमहल को लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में नामित किया गया था।


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