भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 4 June 2013
'निःशब्द' चली गयी जिया खान
सोमवार को जब मुंबई की रात जवान हो रही थी, ठीक उसी समय एक खूबसूरत चेहरा अपना जीवन समाप्त कर रहा था। निःशब्द से चर्चा में आई जिया खान ने अपने जुहू स्थित घर में गले पर अपने ही दुपट्टे का फंदा डाल कर आत्महत्या कर ली। अभी 20 फ़रवरी को जिया खान ने अपनी 25वीं सालगिरह मनाई थी। उनका फिल्म कैरियर 2007 में अमिताभ बच्चन के ऑपोज़िट फिल्म निःशब्द से शुरू हुआ था। इस फिल्म के लिए उन्हे फिल्मफेयर के श्रेष्ठ देबू के लिए नामित किया गया था। इस फिल्म से जिया ने अपनी खूबसूरती, सेक्स अपील और अभिनय क्षमता से हिन्दी दर्शकों को परिचित कराया था।
निश्चित रूप से ब्रिटिश इंडियन नफीसा खान जब अपना नाम बदल कर मुंबई आई थी तो उसकी आँखों में भी मुंबई का पूरा आकाश नापने के सपने थे। बिग बी के साथ फिल्म एक सुनहरा अवसर था। पर यह फिल्म फ्लॉप हो गयी। 2008 में उन्हे आमिर खान के साथ फिल्म गाजिनी में देखा गया। इस फिल्म में वह सेकंड लीड में एक लेडी डॉक्टर की भूमिका कर रही थीं। फिल्म Bollywood की पहली सौ करोडिया फिल्म बनी। यह बॉलीवुड की त्रासदी है कि यहाँ फिल्म की सफलता का पूरा फायदा हीरो को ही होता है। गाजिनी का पूरा फायदा आमिर खान को हुआ। कुछ फायदा फिल्म की नायिका असिन को हुआ, जो दक्षिण फिल्म की बड़ी अभिनेत्री थीं। जिया खान के भाग्य में गुमनामी ही आयी। हालांकि, इस फिल्म में भी उन्होने खुद के सक्षम अभिनेत्री होने का प्रमाण दिया। इसके बावजूद उनकी दूसरी फिल्म हाउसफुल रिलीज होने में दो साल लग गए। इस फिल्म में भी वह लीड में नहीं थीं। इसके बाद जिया की कोई फिल्म रिलीज नहीं हुई। हालांकि, उन्होने फिल्म पाने के लिए हरचंद कोशिश की। यहाँ तक कि अपने नाम जिया खान को रद्द कर मूल नाम नफीसा खान पर आ गईं। लेकिन, इसके बावजूद बॉलीवुड की नफीसा नहीं बन सकीं जिया खान।
मुंबई की फिल्म नगरी की त्रासदी है कि यहाँ खूबसूरत चेहरों की गोस्सिप बनाई जाती है। जिया की भी बनाई गयी.। उन्हे आमिर खान से जोड़ा गया। हाउसफुल के दौरान अक्षय कुमार से उनके रोमैन्स के किस्से उड़े। लेकिन, फिल्म तब भी नहीं मिली। इस खूबसूरत चेहरे में कितना दर्द भरा रहा होगा कि जिया ने इसे खत्म करते समय एक मिनट भी नहीं सोचा। जिया ही क्या, बॉलीवुड या मुंबई में न जाने कितनी हसीन शक्लें आती हैं, एक्टर या मोडेल बनने। उनका शोषण होता है। कुछ इसे सहन कर अपनी कोई पोजीशन बना ले जाती हैं। लेकिन, ज्यादातर निराश हो कर ड्रग और शराब में डूब जाती है और एक दिन नशे का शिकार हो कर फूटपाथ पर मारी पायी जाती हैं, किसी अपने के हाथों मार दी जाती हैं या जिया खान की तरह फांसी लगा लेती हैं।
जिया खान ने फांसी लगा ली। एक जीवन समाप्त हो गया। हो सकता है कि बॉलीवुड कि कुछ सेलेब्रिटी टिवीटर पर शोकपूर्ण ट्वीट दर्ज कर दें। इसके बाद जिया खान को बिल्कुल याद नहीं किया जाएगा। क्योंकि, उनका क्या योगदान था बॉलीवुड को। छह सालों में केवल तीन फिल्में ही तो की थीं जिया खान ने। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।
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श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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