Friday 14 June 2013

स्पेशल एफ़ेक्ट्स से बना सुपरमैन !


हॉलीवुड को भारत में अपने सुपरमैन से बहुत उम्मीदें रहती हैं। आइरन मैन 3 ने पिछले महीने ही सफलता के रेकॉर्ड तोड़े थे। इसीलिए मैन ऑफ स्टील यानि सुपरमैन से भी काफी उम्मीदें थीं। लेकिन, क्या सुपरमैन सिरीज़ की रिबूट फिल्म मैन ऑफ स्टील Hollywood की उम्मीद पर खरी उतरेगी?
सुपरमैन सिरीज़ की छठी फिल्म मैन ऑफ स्टील में काफी कुछ नया था। यह फिल्म सुपरमैन का सेकुएल नहीं  रिबूट है।  यानि इस  फिल्म में सुपरमैन के मैन ऑफ स्टील बनने और पत्रकार बनने की दास्तान है। सुपरमैन  कौन था, कहाँ से आया, उसे परा शक्तियां कहाँ और कैसे मिली? इस फिल्म की यही कहानी है। इसीलिए फिल्म में एक्शन काम है। चमत्कार हैं, पर स्पेशल इफैक्ट और कम्प्युटर ग्राफिक्स के। फिल्म के डाइरेक्टर भी नए हैं और हीरो भी नया है। सुपरमैन रिटर्न्स की बुरी असफलता के बाद Brandon रॉथ का सिरीज़ से पत्ता कट गया। वह केवल एक ही बार सुपरमैन बन पाये। जैक स्निदर निर्देशक की कुर्सी पर आ बैठे। reboot में इस नयी जोड़ी की कड़ी परीक्षा थी। पर यह जोड़ी फ़र्स्ट क्लास मार्क्स से पास नहीं हो पायी। फिल्म यह तो बताती है कि मैन  ऑफ स्टील की कहानी सुपरमैन के मैन ऑफ स्टील बनने की है। मगर पटकथा लेखक और कहानीकार डेविड एस गोयर तथा Christopher Nolan यह साबित कर पाने में असफल रहे हैं। मानव के बीच में रहने वाले इस लोहे के आदमी को सचमुच लोहा साबित होना चाहिए था। लेकिन जैक स्निडर ने हेनरी केविल के बजाय अपनी तकनीकी टीम पर ज़्यादा भारोषा किया। नतीजतन फिल्म तकनीकी उत्कृष्टता का शिकार हो गयी। इस फिल्म का जब तक क्लाइमैक्स आता है, दर्शक ठंडा हो चुका होता है। यह फिल्म मानवता के प्रति कोई संदेश नहीं देती। जबकि इसके पहले की कड़िया अमेरिका ही नहीं विश्व को बचाने का संदेशा देती थीं।
सुपरमैन के किरदार में हेनरी केविल बहुत प्रभावित नहीं करते। उन पर भारी पड़ते हैं फिल्म के विलेन Michael शेन्नॉन। तकनीकी दृष्टि से फिल्म उत्कृष्ट श्रेणी की है। लेकिन, इनमे कोई नयापन नहीं। इन्हे देखते समय गोड्ज़िला जैसी फिल्मों की याद आ जाती है। ग्लाडियाटोर से मशहूर रसेल क्रोव ने सुपरमैन के पिता की भूमिका की है। वह प्रभावशाली हैं।
 मैन ऑफ स्टील की इंडियन बॉक्स ऑफिस पर शुरुआत अच्छी रही है। इस फिल्म ने 75 प्रतिशत तक की ओपेनिंग ली है। जैसी इस ब्लॉग में मैन ऑफ स्टील के बारे में लिखते समय कहा गया था, फुकरे और अंकुर अरोरा मर्डर केस कहीं बहुत पीछे छूट गए हैं। लेकिन, मैन ऑफ स्टील वीकेंड के बाद इंडियन आडियन्स पर अपनी कितनी पकड़ दिखा पाती है, यही महत्वपूर्ण होगा।
 
 

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