भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday, 17 June 2013
'मैन ऑफ स्टील' से चुटाए गए 'अंकुर अरोरा' और 'फुकरे'
हॉलीवुड की फिल्में लगातार बॉलीवुड की फिल्मों को उन्ही के बॉक्स ऑफिस पर लगातार पटखनी दे रही हैं। इस शुक्रवार, बेशक कम मशहूर चेहरों वाली छोटे बजट की फिल्में हॉलीवुड की बड़े बजट की फिल्म के सामने थीं, लेकिन यह फिल्में बड़े प्रोड्यूसरों की फिल्में थी। हॉलीवुड की ज़क Snyder निर्देशित सुपर हीरो फिल्म मैन ऑफ स्टील को वॉर्नर ब्रदर्स पिक्चर्स इंडिया द्वारा 800 प्रिंट्स में रिलीज किया गया था। पर दो हिन्दी फिल्मों फुकरे और अंकुर अरोरा मर्डर केस के निर्माता बड़ी फिल्मों के और अनुभवी निर्माता थे। फुकरे रितेश सिधवानी
और फरहान अख्तर की फिल्म थी। जबकि, अंकुर अरोरा मर्डर केस के निर्माता विक्रम भट्ट काफी अनुभवी
फ़िल्म निर्माता निर्देशक हैं। इसलिए इन लोगों ने अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप अपनी अपनी फिल्मों का जम कर प्रचार किया था। इसके बावजूद दोनों हिन्दी फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर बुरा हाल हुआ। हॉलीवुड के सुपर हीरो सुपरमैन की फिल्म मैन ऑफ स्टील ने छलांगों पर छलांग भरते हुए बॉक्स ऑफिस पर वीकेंड में 21 करोड़ की कमाई कर डाली। इसके मुकाबले फुकरे ने 9 करोड़ से कुछ ज़्यादा कमाए तो अंकुर अरोरा 1 करोड़ से आगे नहीं बढ़ पाये।
हॉलीवुड की विज्ञान फैंटसी भारतीय दर्शकों को खूब रास आ रही है। मैन ऑफ स्टील अपने स्पेशल एफफ़ेक्ट्स के कारण दर्शकों को रास आयी। जबकि, दूसरी ओर फुकरे की चार दोस्तों की कहानी में नयेपन की कोई गुंजायश नहीं थी। वही बासी घटनाक्रम और चुट्कुलेनुमा संवाद दर्शकों को लुभा नहीं सके। भाई रितेश और फरहान काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती। अंकुर अरोरा मर्डर केस बेशक एक ईमानदार कोशिश थी, पर दर्शक फिल्म देखने मनोरंजन के लिए जाता है। वह जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक घटनाओं को देखना चाहता है, पर इतने सपाट ढंग से नहीं। लेकिन, सबसे बड़ी बात यही है कि मैन ऑफ स्टील की अपील हिन्दी फिल्मों पर भरी पड़ी।
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बॉक्स ऑफिस पर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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