बकरीद के मौके पर पाकिस्तान में अक्षय कुमार की फिल्म बॉस भी रिलीज़ हुई है. बॉलीवुड के सुपर सितारे की इस फिल्म के बावजूद कोई अफरा तफरी नहीं है, कोई गिला शिक़वा नहीं है. पाकिस्तान के फिल्म प्रोडूसर चिंतित नहीं हैं. कारण ! बकरीद के पाकिस्तान की वार एक एक्शन फिल्म है. बिलाल लशारी के निर्देशन में बनी वॉर में जिंदा बम का उपयोग किया गया है. वास्तविक लड़ाकू जहाज, हेलीकाप्टर और युद्ध की सभी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. करीब १३० मिनट की इस फिल्म के प्रोमोस ने दर्शकों को बेहद आकर्षित किया था. उसी समय तय मान लिया गया था कि यह फिल्म सुपरहिट है. वार पाकिस्तान के फिल्म इतिहास की सबसे महंगी फिल्म है. फिल्म की शूटिंग लाहौर, इस्लामाबाद और स्वत में हुई है. जानते हैं इस फिल्म की निर्माण लागत क्या है? मात्र २० करोड़. दिलचस्प तथ्य यह है कि इस सबसे महंगी फिल्म को पाकिस्तान में ३०-३५ प्रिंट्स में रिलीज़ किया गया है. पाक फिल्म उद्योग इसे अपनी सरताज फिल्म मान रहा है.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 17 October 2013
सरहद पार ईद पर 'वार'
बकरीद के मौके पर पाकिस्तान में अक्षय कुमार की फिल्म बॉस भी रिलीज़ हुई है. बॉलीवुड के सुपर सितारे की इस फिल्म के बावजूद कोई अफरा तफरी नहीं है, कोई गिला शिक़वा नहीं है. पाकिस्तान के फिल्म प्रोडूसर चिंतित नहीं हैं. कारण ! बकरीद के पाकिस्तान की वार एक एक्शन फिल्म है. बिलाल लशारी के निर्देशन में बनी वॉर में जिंदा बम का उपयोग किया गया है. वास्तविक लड़ाकू जहाज, हेलीकाप्टर और युद्ध की सभी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. करीब १३० मिनट की इस फिल्म के प्रोमोस ने दर्शकों को बेहद आकर्षित किया था. उसी समय तय मान लिया गया था कि यह फिल्म सुपरहिट है. वार पाकिस्तान के फिल्म इतिहास की सबसे महंगी फिल्म है. फिल्म की शूटिंग लाहौर, इस्लामाबाद और स्वत में हुई है. जानते हैं इस फिल्म की निर्माण लागत क्या है? मात्र २० करोड़. दिलचस्प तथ्य यह है कि इस सबसे महंगी फिल्म को पाकिस्तान में ३०-३५ प्रिंट्स में रिलीज़ किया गया है. पाक फिल्म उद्योग इसे अपनी सरताज फिल्म मान रहा है.
Labels:
सरहद पार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment