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Tuesday, 28 December 2021

ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज़ हुई फ़िल्में



ओटीटी प्लेटफार्म पर कई हिंदी फ़िल्में रिलीज़ हुई. यह फ़िल्में या तो मौलिक रूप से किसी ख़ास प्लेटफार्म के लिए बनाई गई या सीधे प्लेटफार्म पर स्ट्रीम हुई. ऎसी फ़िल्में भी थी जो सिनेमाघरों के साथ साथ प्रदर्शित हुई यह सिनेमाघरों में रिलीज़ होने के कुछ हफ़्तों बाद. प्रमुख रूप से नेटफ्लिक्स, जी५, अमेज़न प्राइम वीडियो और हॉट स्टार पर यह फ़िल्में रिलीज़ हुई. यह फ़िल्में अक्षय कुमार, सलमान खान आदि की भी थी और मंझोले छोटे एक्टरों की भी. ऎसी फिल्मों में नेटफ्लिक्स पर सूर्यवंशी, मीनाक्षी सुन्दरम, धमाका, हसीन दिलरुबा, गर्ल ऑफ़ द ट्रेन, पगलैट थालैवी, द वाइट टाइगर, अजीब दस्तांस, स्केटर गर्ल, सरदार का ग्रैंडसन. त्रिभंग, रूही, मिमी, अनकही कहानिया, मदाम चीफ मिनिस्टर, आदि फ़िल्में प्रदर्शित हुई. जी५ पर रश्मि राकेट, राधे योर मोस्ट वांटेड भाई, बॉब बिस्वास, १४ फेरे, कागज़, डायल १००, स्टेट ऑफ़ सीज टेम्पल अटैक, स्क्वाड, नेल पोलिश, क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है, रात बाकी है, २०० हल्ला हो, आदि प्रदर्शित की गई. अमेज़न प्राइम वीडियो पर सरदार उधम, मुंबई सागा, छोरी, शेरनी, डेबुक, बेल बॉटम, साइना. शेरशाह, थालैवी, मास्टर, हेल्लो चार्ली, द ग्रेट इंडियन किचन. आदि फिल्मने प्रदर्शित हुई. इसके अलावा हॉट स्टार शिद्दत, भूत पुलिस, तूफ़ान, भुज द प्राइड ऑफ़ इंडिया, द बिग बुल, हम दो हमारे दो, हंगामा २, मेस्ट्रो, कालर बम, शादिस्तान, आदि भी स्ट्रीम हुई.


इस साल, बॉलीवुड की कुछ हस्तियों की शादियाँ मीडिया पर चर्चित रही. दिसम्बर में बॉलीवुड की बड़ी सितारा अभिनेत्री कैटरीना कैफ की शादी काफी चर्चित और महंगी रही. कैटरीना कैफ ने उरी द सर्जिकल स्ट्राइक के अभिनेता विक्की कौशल से विवाह कर लिया.


बॉलीवुड की दूसरी सबसे चर्चित्र शादी अभिनेता वरुण धवन की अपनी लम्बे समय से प्रेमिका नताशा दलाल से शादी थी.


उरी द सर्जिकल स्ट्राइक के निर्देशक आदित्य धर की अभिनेत्री यमी गौतम से शादी भी खूब चर्चा में रही.


सोनम कपूर की डिज़ाइनर बहन रिया कपूर की शादी गुपचुप कही जायेगी.


सलमान खान की फिल्म तुम को न भूल पाएंगे की नायिका दिया मिर्ज़ा ने २०१४ में कारोबारी साहिल संघा से शादी की थी. २०१९ में इन दोनों ने तलाक़ ले लिया. इन्ही दिया मिर्ज़ा ने फरवरी में वैभव रेखी से शादी कर सबको चौंका दिया.


पद्मिनी कोल्हापुरे और फिल्म निर्माता टूटू शर्मा के बेटे प्रियांक शर्मा ने अपनी फिल्मों से ज्यादा शादी से सुर्खी पाई.


ऑस्ट्रेलिया से बॉलीवुड में किस्मत आजमाने आयी इवलिन शर्मा को हिंदी फिल्मों में सफलता नहीं मिली. इस असफलता से निराश इवलिन ऑस्ट्रेलिया वापस जा कर शादी कर के अपने करियर को ख़त्म कर लिया.


हंसल मेहता की फिल्म सिटी लाइट्स की राजकुमार राव और पत्रलेखा की जोड़ी रील लाइफ में तो सफल नहीं हो सकी. उम्मीद है कि यह जोड़ी रियल लाइफ में सफल होगी.


कुछ चर्चित शादियों में अभिनेता आदित्य सीयाल, विनीत कुमार, गायिका  शिल्पा राव, अंगीरा धर की शादियाँ उल्लेखनीय हैं. वर्ष की अंतिम चर्चित शादी सुशांत सिंह राजपूत  की पवित्र रिश्ता अभिनेत्री अंकिता लोखंडे की रही.


सितारों के बच्चे



२०२१ में बहुत से बॉलीवुड फिल्म सितारों के बच्चों का हिंदी फिल्म डेब्यू होता नज़र आता, अगर कोरोना प्रकोपों ने बॉलीवुड को झटका न दिया होता. नतीजे के तौर पर बॉलीवुड सेलेब्रिटी के बच्चों के फिल्म डेब्यू की रफ़्तार कमज़ोर पड़ गई.


२०२१ में, बॉलीवुड फिल्म डेब्यू करने वाले अंतिम सेलेब्रिटी सन अहान शेट्टी थे. उन्हें मिलन लुथरिया की फिल्म तड़प में तारा सुतारिया के साथ देखा गया. अहान शेट्टी बॉलीवुड की १९९० के दशक की एक्शन फिल्मों के पहलवान नायक सुनील शेट्टी के बेटे हैं.


डैनी डेंगजोप्पा के बेटे रिन्जिंग की फिल्म स्क्वाड सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं हो सकी. संजय दत्त के भाई नीलेश सहाय निर्देशित यह एक्शन फिल्म जी५ पर स्ट्रीम हो रही है.


रिन्जिंग से अलग, गुजरे  जमाने की अभिनेत्री पूनम ढिल्लों के बेटे अनमोल ठाकरिया की पहली फिल्म ट्यूसडेज एंड फ्राइडेज सिनेमाघरों में तो प्रदर्शित हुई. परन्तु, बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी.


राज कपूर के नाती आदार  जैन की पहली फिल्म हेल्लो चार्ली तथा परेश रावल के आदित्य रावल की फिल्म पहली फिल्म बमफाड़ भी २०२१ में ही प्रदर्शित हुई.

सबसे ज्यादा ग्रॉस करने वाली फ़िल्में



लेख लिखे जाने तक हाईएस्ट ग्रोस्सिंग बॉलीवुड फिल्मों की बात करें तो टॉप टेन पर सूर्यवंशी, अंतिम द फाइनल ट्रुथ, बेल बॉटम, रूही, तड़प, चंडीगढ़ करे आशिकी, मुंबई सागा, बंटी और बबली २, राधे योर मोस्ट वांटेड भाई और सत्यमेव जयते २ के नाम दर्ज है.


लेकिन यहाँ एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि साल की फ्लॉप फिल्मों में भी अंतिम द फाइनल ट्रुथ, बेल बॉटम, तड़प, मुंबई सागा, संदीप और पिंकी फरार, मुंबई सागा, सत्यमेव जयते २, चेहरे, थालैवी (हिंदी) के नाम दर्ज है. 


यह बताता है कि कोरोना महामारी की मार किस बुरी तरह से सिनेमाघरों पर पड़ी है कि टॉप ग्रोसर फ़िल्में भी फ्लॉप फिल्मों में शामिल की जानी पड़ रही हैं.   

अलविदा सितारों



गुजर रहा साल, भारत के मनोरंजन उद्योग का बाजा बजा गया. कई प्रतिभाशाली और लोकप्रिय कलाकारों को कोरोना या दूसरी बीमारी ने निगल लिया.


२०२१ में अकस्मात् मौत के मुंह मे समाने वाली मौत थी टीवी और फिल्म एक्टर सिद्धार्थ शुक्ल की. उनकी हृदयाघात से मृत्यु ने उनके प्रशंसकों के साथ साथ उन्हें टीवी पर देख चुके लोगों को भी स्तब्ध कर दिया.


इसके अलावा बॉलीवुड को सबसे बड़ा आघात बॉलीवुड की फिल्मों के ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार की मृत्यु से लगा. वह ९३ साल की उम्र मे लम्बी बीमारी के बाद संसार को अलविदा कर गए.


फिल्म और टीवी एक्टरों में सुरेखा सीकरी, अमित मिस्त्री, विक्रमजीत कंवरपाल, आदि की अकस्मात् मृत्यु हो गई. राजकपूर के बेटे राजीव कपूर के अलावा फिल्म निर्देशक राज कौशल, ड्रीम गर्ल से रोशनी में आई अभिनेत्री रिंकू सिंह निकुम्भ का कोरोना से निधन हो गया.


छिछोरे फिल्म की एक्ट्रेस अभिलाषा पाटिल के अलावा मशहूर नदीम-श्रवण जोड़ी के श्रवण राठौर का निधन भी अपूरणीय क्षति था. सिम्बा के एक्टर किशोर नंद्लास्कर, गायक नरेन्द्र चंचल, संगीतकार वनराज भाटिया, अभिनेर्त्री श्रीप्रदा, टीवी एक्टर अनुपम श्याम, रामायण के रावण अरविन्द त्रिवेदी और फारुख जफ़र की मौत भी २०२१ में हुई.

Sunday, 15 December 2019

सुपर डुपर हिट फिल्मों और परिवर्तन का दशक


२०१० के दशक को ख़त्म होने में, आज के बाद सिर्फ १६ दिन और दो शुक्रवार बाकी हैं। ट्रेड पंडितों ने, २०१० से २०१९ के बीच प्रदर्शित फिल्मों का लेखाजोखा बांचना शुरू कर दिया है। हिसाब किताब लगाया जा रहा है कि पिछले १० सालों में कितनी फ़िल्में रिलीज़ हुई ? कितनी फिल्में सफल हुई ? इनमे कितनी हिट और सुपर हिट या ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई ? इंडस्ट्री ने कितना खोया, कितना पाया ? ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि २०१० से शुरू इस दशक में बॉलीवुड में कितना और कैसा बदलाव हुआ ! कैसी फ़िल्में बनी ? क्या लीक पीटता रहा बॉलीवुड या कुछ नए प्रयोग हुए ?

वीकेंड का चलन 
हिंदी फिल्मो के बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन की बात करें तो इस दशक को बेहद उपजाऊ दशक कहना उपयुक्त होगा। बड़ी फ़िल्में रिलीज़ हुई। हॉलिडे वीकेंड का चलन बना। गणतंत्र दिवस वीकेंड, स्वतंत्र दिवस वीकेंड, गाँधी जयंती वीकेंड, होली वीकेंड, ईद वीकेंड, दिवाली वीकेंड, क्रिसमस वीकेंड, पोंगल और किसी भी राष्ट्रीय अवकाश के वीकेंड पर कब्ज़ा जमाने का चलन शुरू हो गया। हालाँकि, हॉलिडे वीकेंड की शुरुआत आमिर खान की फिल्म गजिनी (२००७) से शुरू हो चुकी थी, जब उनकी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ क्लब की स्थापना की। इस कब्ज़े मे सबसे आगे रही बड़े सितारों की फ़िल्में. यह बॉलीवुड के सुपर सितारों का खोखला स्टारडम कहें या असफलता का भय, हॉलिडे वीकेंड पर इन्ही सितारों की फ़िल्में प्रदर्शित हुई। अब यह बात दीगर है कि इसके बावजूद फ़िल्में असफल हुई। यह असफलता इन सितारों की फिल्मों के बड़े बजट का परिणाम थी। इस बड़े बजट में बड़ा हिस्सा इन्ही सितारों के पारिश्रमिक का था। इस लिहाज़ से, अक्षय कुमार एक ऐसे एक्टर साबित हुए, जिन्होंने खुद फिल्म निर्माण में कदम रख कर, अपनी फिल्मों की लागत काफी कम कर दी। वैसे भी अक्षय कुमार का पारिश्रमिक उचित होता है। इतना बड़ा नहीं कि फिल्म औंधे मुंह गिर जाए तो निर्माता बर्बाद हो जाए।

दिलचस्प आंकड़े 
एक वेब साईट द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि अब तक ८६ हिंदी फ़िल्में १०० करोड़ या इससे अधिक का कारोबार कर चुकी हैं। इनमे से एक फिल्म बाहुबली द कांक्लुजन दक्षिण से आई और हिंदी में डब है। इस फिल्म के ५१०.९० करोड़ के कारोबार को कोई भी हिंदी फिल्म अब तक छू तक नहीं सकी है। बाहुबली २ के अलावा ८ हिंदी फ़िल्में ऎसी हैं, जिन्होंने ३०० करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। उपरोक्त फिल्मों के अलावा १४ फ़िल्में २०० के पार मगर, ३०० करोड़ से नीचे रह गई है। इस प्रकार से लगभग ८६ फ़िल्में १०० करोड़ क्लब में शामिल हैं। यहाँ दिलचस्प तथ्य यह है कि इन ८६ फिल्मों में सिर्फ २ फ़िल्में ३ इडियट्स (२००९) और गजिनी (२००७) ही ऐसी हैं, जो २००० के दशक में प्रदर्शित हुई थी। बाक़ी ८४ फ़िल्में २०१० के दशक की देन हैं। इससे पता लगता है कि हिंदी फिल्मों को, इस दशक में, कितनी ज़बरदस्त सफलता मिली है।

५०० करोड़ ही बाहुबली 
बॉक्स ऑफिस पर ५०० करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने वाली फिल्म बाहुबली द कांक्लुजन के अलावा ३०० करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने वाली फिल्मों में दंगल, संजू, टाइगर जिंदा है, बजरंगी भाईजान, वॉर, पद्मावत, सुल्तान, धूम ३ के नाम शामिल हैं। दो सौ करोड़ क्लब की फिल्मों में कबीर सिंह, उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक, सिम्बा, कृष ३, किक, चेन्नई एक्सप्रेस, प्रेम रतन धन पायो, भारत, गोलमाल अगेन, मिशन मंगल, हाउसफुल ४ और हैप्पी न्यू इयर के नाम शामिल हैं। एक सौ करोड़ क्लब वाली फिल्मों में एक था टाइगर, २.० (डब), बाजीराव मस्तानी, यह जवानी है दीवानी, रेस ३, बैंग बैंग, बागी २, दबंग २, केसरी, टोटल धमाल, छिछोरे, ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, साहो, बॉडीगार्ड, दिलवाले, सुपर ३०, दबंग, सिंघम रिटर्न्स, ड्रीम गर्ल, गली बॉय, जुड़वाँ २, बधाई हो, रईस, राऊडी राठोर, टॉयलेट एक प्रेम कथा, एम्एस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी, स्त्री, एयरलिफ्ट, रुस्तम, राज़ी, अग्निपथ, रेडी, जब तक है जान, ट्यूबलाइट, रा.वन, जॉली एलएलबी २, बाहुबली द बेगिनिंग, बद्रीनाथ की दुल्हनिया, राम-लीला, जय हो, ऐ दिल है मुश्किल, हाउसफुल २, हॉलिडे, बर्फी, डॉन २, गोल्ड, भा मिल्खा भाग, हाउसफुल ३, सोनू के टीटू की स्वीटी, एबीसीडी २, गोलमाल ३, सन ऑफ़ सरदार, काबिल, २ स्टेट्स, रेड, एक विलेन, दे दे प्यार दे, रेस २, बोल बच्चन, शिवाय, सिंघम और बाला के नाम शामिल हैं। अभी इस लिस्ट में दबंग ३ और गुड न्यूज़ जैसी फ़िल्में भी शामिल हो सकती हैं।

सीक्वल और रीमेक फिल्मों का जलवा 
चालू दशक में रीमेक और सीक्वल फिल्मों का बोलबाला रहा। ऐसी ज्यादातर फ़िल्में सफल हुई। इन फिल्मों ने अपनी पिछली फिल्मों से ज्यादा कारोबार किया। मसलन, हाउसफुल और एबीसीडी फिल्मों की सीक्वल फिल्मों को पहले की फिल्म से ज्यादा सफलता मिली। प्रयोगात्मक फिल्मों का सिलसिला चालू हुआ. स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं और विदेशी स्टूडियोज के आने से इस सिलसिले ने जोर पकड़ा। नायिका प्रधान फिल्मों को सफलता मिली। फिल्मों में श्रेष्ठ तकनीक का उपयोग किया जाने लगा। विदेशी तकनीशियनों के कारण हिंदी दर्शकों को साहो और वॉर जैसी फ़िल्में देखने को मिली। ऐतिहासिक और पीरियड फिल्मों का निर्माण हुआ। द ताशकंद फाइल्स, द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, आदि राजनीतिक फिल्मों का निर्माण भी हुआ।

स्टारडम का दशक 
जहाँ तक स्टारडम की बात है तो वह २०१० के दशक में भी बना रहा। हालाँकि, इस पूरे दशक में खान अभिनेता यानि सलमान खान, शाहरुख़ खान और आमिर खान की फ़िल्में सफल होती रही। बॉक्स ऑफिस पर इनका दबदबा कायम रहा। लेकिन, नए सितारों के उभर ने इन खान अभिनेताओं की रोशनी को मलिन कर दिया। विक्की कौशल, टाइगर श्रॉफ, आयुष्मान खुराना, आदि एक्टरों ने बॉक्स ऑफिस पर खुद की विश्वसनीयता साबित कर दिखाई। संभव है कि २०२० के दशक में इन्ही सितारों का वर्चस्व कायम हो। नए सितारों का भी उदय हो सकता है। विद्या बालन और अलिया भट्ट ने महिला प्रधान फिल्मों को सहारा दिया। इन्हें नायक प्रधान फिल्मों के बराबर खड़ा करने की कोशिश की।