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Thursday 26 December 2019

Amit Sharma ने प्राप्त किया 'बधाई हो' के लिए नेशनल अवॉर्ड



यह एक ऐसा क्षण था जो निर्देशक अमित रवीन्द्रनाथ शर्मा और फिल्म बधाई हो की पूरी टीम के लिए यादगार रहा। फिल्म को ६६वे नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में 'बेस्ट होलसम एंटरटेनमेंट' फिल्म से सम्मानित किया गया। इस फिल्म में आयुष्मान खुराना, सान्या मल्होत्रा, नीना गुप्ता, गजराज राव और सुरेखा सिकरी ने अपनी परफॉरमेंस से सबका दिल जीता।

इस पारिवारिक कॉमेडी को आलिया सेन, अमित शर्मा और हेमंत भंडारी के क्रोमा पिक्चर्स और जंगली पिक्चर्स ने मिलकर प्रोड्यूस किया। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तो सफलता हासिल की ही, इसके साथ ही फिल्म को क्रिटिक्स से भी रिलीज़ के साथ बहुत ही अच्छे रिव्यु मिले।

अमित रविंद्रनाथ शर्मा इस समारोह के मौके पर अवॉर्ड लेने के लिए अपनी पार्टनर आलिया सेन और अपने पिता के साथ पहुंचे थे। 

अपने एक्सपीरियंस के बारे में बात करते हुए अमित ने कहा, "स्टेज पर जाकर यह अवॉर्ड लेना मेरे लिए गौरव का पल था। मैंने इस फिल्म को बनाते वक़्त कोई उम्मीद नही की थी, लेकिन जिस तरह का प्यार फिल्म के लिए हमें मिला उसकी कोई तुलना नही है। यह मेरे लिए और ज़्यादा ख़ास इसलिए था क्योंकि मेरे पिता और मेरी पार्टनर आलिया सेन मेरे साथ थी, जो कि इस फिल्म की प्रोड्यूसर भी हैं। हमारी कंपनी 'क्रोम प्रोडक्शन' को पहली फिल्म 'बधाई हो' के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। मैं दर्शकों से मिले इस प्यार के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।"

फिल्म के अलावा बधाई हो में सह भूमिका निभाने वाली सुरेखा सिकरी को भी 'बेस्ट एक्टर इन सपोर्टिंग रोल' के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 

Monday 12 August 2019

कल्चर मशीन की फिल्म अमोली’ ने जीता 66वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार



हाल ही में घोषित ६६वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों डिजिटल मीडिया कंपनी कल्चर मशीन की फिल्म  अमोली ने सर्वश्रेष्ठ खोजपरक फिल्म (Best Investigative Film) का पुरस्कार जीता।

अमोली में भारतीय फिल्म उद्योग के जाने-माने बड़े कलाकारों विद्या बालन, राजकुमार राव, कमल हासन, नानी, और जिस्सू‍ सेनगुप्ता ने नैरेटर के रूप में काम किया है। फिल्म अमोली बच्चियों के दमनकारी व्यावसायिक यौन शोषण पर बनी डॉक्यूमेंट्री है, जो समाज में गहरी जड़ें जमा चुके इस संगठित आपराधिक उद्योग के बारे बताती है।

सात भाषाओं में जारी इस डॉक्यूमेंट्री में चार अध्याय मोल (मूल्य), माया (भ्रम), मंथन (आंतरिक संघर्ष), मोक्ष (मुक्ति) हैं। प्रत्येक अध्याय दर्शकों को बाल यौन शोषण की गंभीर दुनिया के बारे में बताता है।

६६वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हासिल करने की उल्लेखनीय उपलब्धि पर बोलते हुएकल्चर मशीन के संस्थापक और सीईओ समीर पीतलवाला ने कहा, कंपनी के लिए ऐसे महत्वपूर्ण अवार्ड से सम्मानित होना गर्व का विषय है। अमोली के माध्यम से, हमने भारत में बच्चों के यौन शोषण की गंभीरता और मानवीय मूल्ये को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने की कोशिश की है। डॉक्यूमेंट्री की हो रही प्रशंसा देखकर हमें खुशी हुई है।"

फिल्म के अंग्रेजी संस्करण में नैरेटर का काम कर चुकी शानदार व्यक्तित्व वाली प्रतिभाशाली अभिनेत्री विद्या बालन ने बताया, "फिल्म अमोली की कहानी सशक्त है। मुझे खुशी है कि मैं इस डॉक्यूमेंट्री से जुड़ी हुई हूं। यह फिल्मे दिल दहला देने वाली कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है जो बच्चों के व्यावसायिक यौन शोषण के भयावह व्यवसाय को उजागर करती है। मैंने फिल्म का अंग्रेजी संस्करण नैरेट किया है। फिल्म को ६६वां राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर मुझे बहुत खुशी हुई है। यह निश्चित रूप से पूरी टीम के लिए गर्व का क्षण है।

फिल्म का निर्देशन करने वाले, चर्चित डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता जैस्मीन कौर रॉय और अविनाश रॉय ने इस शानदार जीत पर कहा, "यह पुरस्कार न केवल टीम की कड़ी मेहनत का परिणाम है, बल्कि उन लोगों की अदम्य भावना की भी प्रशंसा है जो बाल तस्करी को समाप्तम करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह राष्ट्रीय पुरस्कार इन आवाजों को उजागर करने और इस भीषण अपराध के खिलाफ एक मजबूत कानून लाने में मदद करेगा।

कल्चर मशीन के बारे में:
कल्चर मशीन डिजिटल मीडिया कंपनी है जो लोगों की पसंद के शानदार डिजिटल ब्रांड बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और कहानी कहने की कला का उपयोग करती है। शानदार सामग्री को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ पेश करने के कारण यह वर्तमान में भारत के कुछ सर्वाधिक बड़े डिजिटल मीडिया ब्रांड को संचालित करती है और पूरे विश्वर के विज्ञापनदाताओं, मीडिया कंपनियों और एजेंसी पार्टनर्स को अपनी मुख्य तकनीकों का लाइसेंस देती है।

फिलहाल कल्चर मशीन के नेटवर्क में कई स्थापित डिजिटल मीडिया ब्रांड जैसे बीइंग इंडियन, ब्लश, पुट चटनी, वीवा और ऑसम सॉस शामिल हैं।

Friday 9 August 2019

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार : आयुष्मान खुराना और विक्की कौशल श्रेष्ठ अभिनेता


६६वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का आज ऐलान कर दिया गया।  पुरस्कारों के लिए बनाई गई समिति के अध्यक्ष राहुल रवैल ने विजेताओं की सूची सूचना एवं प्रसारण मंत्री को सौंपी।  इन पुरस्कारों में आयुष्मान खुराना और विक्की कौशल को संयुक्त रूप से श्रेष्ठ अभिनेता चुना गया।  हिंदी की दो फ़िल्में अंधाधुन और बधाई हो अपनी अपनी श्रेणी में श्रेष्ठ साबित हुई।  पेश है पुरस्कार विजेता सूची शूटिंग के लिए दोस्ताना प्रदेश- उत्तराखंड
श्रेष्ठ गैर फीचर फिल्म - सन राइज और सीक्रेट लाइफ ऑफ़ फ्रॉग्स
निर्देशक की पहली गैर फीचर फिल्म - फेलुदा - ५० इयर्स रेज़ डिटेक्टिव
कला और संस्कृति पर श्रेष्ठ फिल्म- बंकर: द लास्ट ऑफ़ द वाराणसी वीवर्स
साइंस और टेक्नोलॉजी पर श्रेष्ठ फिल्म (नॉन फीचर फिल्म)- जीडी नायडू : द एडिसन ऑफ़ इंडिया
श्रेष्ठ प्रचार फिल्म- रेडिस्कवरिंग जलम- निर्देशक अविनाश मौर्या और कृति गुप्ता
पर्यावरण पर श्रेष्ठ फिल्म- द वर्ल्डस मोस्ट फेमस टाइगर- निर्देशक सुब्बैया नल्लामुथु
श्रेष्ठ राजस्थानी फिल्म- टर्टल
श्रेष्ठ पंग्चेंपा फिल्म- इन द लैंड ऑफ़ पॉइज़न वीमेन
श्रेष्ठ शेरदुकपन फिल्म- मिशिंग
श्रेष्ठ मराठी फिल्म - भोंगा
श्रेष्ठ तमिल फिल्म - बारम
श्रेष्ठ  हिंदी फिल्म  -  अंधाधुन 
श्रेष्ठ  उर्दू फिल्म  -  हामिद 
श्रेष्ठ  बंगाली फिल्म -  एक जे छिलो राजा 
श्रेष्ठ  मलयालम फिल्म  - सूडानी फ्रॉम नाइजीरिया 
श्रेष्ठ  तेलुगु फिल्म  -  महानटी 
श्रेष्ठ  कन्नड़ फिल्म  -  नातिचरामि 
श्रेष्ठ  कोंकणी फिल्म  -  अमोरी 
श्रेष्ठ  असामी फिल्म  -  बुलबुल कैन सिंग 
श्रेष्ठ  पंजाबी  फिल्म -  हरजीता 
श्रेष्ठ  गुजराती फिल्म  -  रेवा 
श्रेष्ठ खेल फिल्म - स्विमिंग थ्रू द डार्कनेस (नॉन फीचर फिल्म) 
श्रेष्ठ शिक्षाप्रद फिल्म- सरला विरला (नॉन फीचर फिल्म) 
सामाजिक समस्या पर श्रेष्ठ फिल्म- ताला ते कुंजी (नॉन फीचर फिल्म)
श्रेष्ठ एक्शन - विक्रम मोरे और अंबु अरिव (केजीएफ चैप्टर १)
श्रेष्ठ बाल कलाकार - पीवी रोहित - फिल्म ओडला  इरादल्ला (कन्नड़), समीप सिंह - हरजीता (पंजाबी), तल्हा अरशद रेशी - फिल्म हामिद (उर्दू), श्रीनिवास पोकळे - फिल्म नानी (मराठी)
श्रेष्ठ पार्श्वगायक - अरिजीत सिंह फिल्म पद्मावत
श्रेष्ठ पार्श्वगायिका - बिंदु मालिनी फलम नाथिचरित्रम
श्रेष्ठ संगीत निर्देशक - संजय  लीला भंसाली फिल्म पद्मावत
श्रेष्ठ सह अभिनेत्री - सुरेखा सिकरी फिल्म बधाई हो
श्रेष्ठ सह अभिनेता -  स्वानंद किरकिरे फिल्म चुम्बक (मराठी) 
श्रेष्ठ अभिनेत्री - कीर्ति सुरेश फिल्म महानटी
श्रेष्ठ अभिनेता -  विक्की कौशल फिल्म उरी द  सर्जिकल स्ट्राइक और आयुष्मान खुराना फिल्म अंधाधुन
श्रेष्ठ फीचर फिल्म - हेल्लारो (गुजराती) 
समग्र मनोरंजक फिल्म -  बधाई हो 
श्रेष्ठ नृत्य संयोजन- कृति महेश मड़या और ज्योति तोमर फिल्म पद्मावत
श्रेष्ठ छायांकन- एमजे राधाकृष्णन फिल्म ओलु (मलयालम)
श्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट्स - फिल्म एडब्ल्यूई के लिए श्रुति क्रिएटिव स्टूडियो और कन्नड़ फिल्म  केजीएफ चैप्टर १ के लिए  उनिफि मीडिया
श्रेष्ठ पटकथा - राहुल रवीन्द्रन फिल्म ची अर्जुन ला सो (तेलुगु)
श्रेष्ठ गीत- मंजुनाथ एस (मनसोर)
श्रेष्ठ पार्श्व संगीत - उरी द सर्जिकल स्ट्राइक  के लिए शाश्वत सचदेव
श्रेष्ट मेकअप - रंजीत फिल्म एडब्ल्यूई (तेलुगु)
श्रेष्ठ वेशभूषा - इन्द्राक्षी पट्टनायक, गौरांग शाह और अर्चना राव फिल्म महानटी
श्रेष्ठ प्रोडक्शन डिज़ाइन - फिल्म कम्मर सम्भवाम (मलयालम) के  लिए बंगालन
श्रेष्ठ संपादन - नागेंद्र के उज्जैनी फिल्म नातिचरामि
श्रेष्ठ ऑडिओग्राफी - बिश्वदीप दीपक चटर्जी फिल्म द सर्जिकल स्ट्राइक
श्रेष्ठ निर्देशक - आदित्य धर फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक
श्रेष्ठ बाल फिल्म - सरकारी हिरिया प्राथमिक शाले
पर्यावरण संरक्षण पर श्रेष्ठ फिल्म- पानी (मराठी)
सामाजिक समस्या पर पहली फलम - पैडमैन
नरगिस दत्त पुरस्कार - ओंडालला इरडला
निर्देशक की पहली फिल्म का इंदिरा गाँधी पुरस्कार - नाल (मराठी)

Sunday 27 January 2019

कादर खान (Kader Khan) को पद्मश्री : देर से लिया सही फैसला


इस साल के पद्म पुरस्कारों में कादर खान का नाम देखना सुखद अनुभव रहा।

कादर खान हरफनमौला थे। उनके कड़क संवाद और कसी हुई स्क्रिप्ट पर बनी फ़िल्में किसी भी  अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बना सकती थी।

उनकी कलम ने बॉलीवुड को दसियों हिट-सुपरहिट और मेगा हिट फ़िल्में दी। इन फिल्मों की सफलता के लिए अगर किसी अमिताभ बच्चन, राजेश खंन्ना या गोविंदा को श्रेय दिया जाता है तो कादर खान की कलम को कैसे भुला दिया जा सकता है ! क्योंकि, उनके लिखे संवाद बोल कर ही तो यह स्टार बने थे।

पद्म पुरस्कारों में पार्टी बंदी से इंकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि, कादर खान की स्क्रिप्ट और संवाद के कारण सुपरस्टार बने अमिताभ बच्चन को १९८४ में पद्मश्री, २००१ में पद्म भूषण और २०१५ में पद्म विभूषण दे दिया गया था। क्या यह उनकी कांग्रेस पार्टी से, ख़ास तौर पर राजनीती के गाँधी परिवार से नजदींकी का नतीजा नहीं था ?

राजेश खन्ना को भी २०१३ में मरणोपरांत पद्म भूषण दिया गया। वह भी कांग्रेस के नज़दीक थे तथा दिल्ली से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ कर जीते थे। 

दिलचस्प तथ्य यह है कि फिल्म इंडस्ट्री को दिए जाने वाले पॉपुलर अवार्ड्स में भी कादर खान को पुरस्कार देने में कंजूसी की।  जबकि वह एक्टर के तौर पर कॉमेडियन भी थे, क्रूर विलेन भी और रुला देने वाले चरित्र अभिनेता भी थे।

क्या यह कादर खान के साथ अन्याय नहीं था कि ४ दशक लम्बे फिल्म करियर में उन्हें सिर्फ तीन बार पुरस्कारों के योग्य समझा गया। उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कारों में, मेरी आवाज़ सुनो (१९८२) के संवादों, बाप नम्बरी बेटा दस नम्बरी (१९९१) में कॉमेडी और  अंगार (१९९३) में संवाद की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया।

बहरहाल, देर आयद दुरुस्त आया।  केंद्र सरकार ने उन्हें मरणोपरांत ही सही, पद्म पुरस्कार के उपयुक्त तो समझा।  


वरुण धवन ने अटारी बॉर्डर पर लाइव परफॉरमेंस दिया  - क्लिक करें 

Friday 4 May 2018

एक पंकज त्रिपाठी, सात संवाद

फिल्म न्यूटन के लिए ख़ास राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी की मौजूदगी टीवी और सिनेमा के परदे पर सामान रूप से अनुभव की जाती है।

उनका व्यक्तित्व जितना आकर्षक है, उतनी ही उनकी संवाद अदायगी प्रभावशाली है।

वह जितनी शिद्दत से किसी गैंगस्टर किरदार को कर जाते हैं, उतनी ही दिल्लगी के साथ हास्य अभिनय भी कर ले जाते हैं।

आइये, अब तक ४० फ़िल्में और ६० टेलीविज़न शो कर चुके पंकज त्रिपाठी की फिल्मों के सात  अविस्मरणीय संवाद याद करते है।

गैंग्स ऑफ़ वासेपुर - यह वासेपुर है ! यहाँ कबूतर भी एक पंख से उड़ता है और दूसरे से अपना इज्जत छुपता है.

न्यूटन- रूल्स रूल्स करते रहते हैं बेसिक रूल भूल गए. अद्दितिओन के पहले डिवीज़न होता है.

मसान- हमारे पिताजी कहते हैं जो खीर नहीं खाया वह मानुष योनी में पैदा होने का पूरा फायदा नहीं उठाया .

न्यूटन- वोटिंग मशीन एक खिलौने जैसा है. जो पसंद आये, अच्छा लगे, वह बटन दबा दो !

मसान- देवीजी आपको पता है यहाँ २८ ट्रेन रुकती हैं. और कितनी नहीं रूकती ?...! मतलब यहाँ आना आसान है, यहाँ से जाना मुश्किल है.

बरेली की बर्फी- अरे वाह ! यह तो संडास से लेके सुशीला तक सब दिख रहा है !

फेमस- सेक्स करते समय आदमी इमोशनल नहीं हो सकता क्या ?


क्या कहती हैं बॉलीवुड एक्ट्रेस की फोटोज ? -  देखने के लिए क्लिक करें 

Friday 20 April 2018

काजोल का रील लाइफ बेटा राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रिद्धि सेन

काजोल के साथ रिद्धि सेन 
रिद्धि सेन, अभी सिर्फ १९ साल के हैं । लेकिन, एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार उनके नाम है । 

वह, ६५वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की जूरी द्वारा, फिल्म नगर कीर्तन में अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुने गए हैं । 

अब १९ साल के रिद्धि सेन, ४३ साल की काजोल के बेटे बनने जा रहे हैं ।  

"प्रदीप सरकार की फिल्म एला, एक तलाक़शुदा औरत की कहानी है, जिसने अपने बेटे को अपने दम पर पाला है । वह गायिका बनना चाहती है । लेकिन, गृहस्थी के चक्कर में ऐसा नहीं कर पाती ।"

रिद्धि सेन ने फिल्म में काजोल के बेटे की भूमिका की है ।

रिद्धि ने छोटी उम्र से ही थिएटर करना शुरू कर दिया था । 

रिद्धि सेन को पहली फिल्म पार्च्ड अजय देवगन के ही कारण मिली । क्योंकि, वह फिल्म के निर्माता थे । 

रिद्धि सेन ने, कहानी, भूमि, चौरंगा और ओपन टी बॉयोस्कोप जैसी हिंदी और बांगला फ़िल्में की हैं । 

रिद्धि सेन को, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिलने से खुश काजोल ने ट्वीट किया, फिल्म एला में मेरे आभासी दुनिया के बेटे ने बंगाली फिल्म नगर कीर्तन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है । बहुत बढ़िया रिधि सेन ! 

एला के निर्माता अजय देवगन और जयंतीलाल गाडा (पेन इंडिया लिमिटेड) है ।

Friday 13 April 2018

विनोद खन्ना बने दादा साहेब !

६५ वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की ख़ास बात यह रही कि दो मुख्य पुरस्कार मरणोपरांत दिए गए। स्वर्गीय सुनील दत्त निर्देशित फिल्म मन का मीत फिल्म से बतौर विलेन अपना हिंदी फिल्म करियर शुरू करने वाले विनोद खन्ना को मरणोपरांत दादासाहेब अवार्ड दिया गया।
विनोद खन्ना का, पिछले साल २७ अप्रैल को देहांत हो गया था। अविभाजित भारत में पेशावर में जन्मे, विनोद खन्ना ने एक्शन फिल्मों के अलावा कुछ मेरे अपने, अचानक, मीरा, मैं तुलसी तेरे आँगन की, आदि लीक से हटकर फ़िल्में भी की। वह कभी नंबर वन अभिनेता के गंभीर दावेदार थे। विनोद खन्ना गुरदासपुर पंजाब से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए। वह अटल विहारी बाजपेई मंत्रिमंडल में मंत्री भी रहे।
दूसरा मरणोपरांत पुरस्कार श्रीदेवी को फिल्म मॉम में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का मिला। श्रीदेवी का इसी साल फरवरी में दुबई में देहांत हो गया था। 
इन पुरस्कारों के अलावा, असमी फिल्म विलेज रॉकस्टार श्रेष्ठ फिल्म चुनी गई। यह फिल्म असम की एक लड़की के अभावों किए बावजूद अपने गाँव के रॉक बैंड विलेज रॉकस्टार को बुलंदियों तक ले जाने की कहानी है। फिल्म की निर्देशक रीमा दास की यह दूसरी फिल्म है। इस फिल्म के लिए बनिता दास श्रेष्ठ बाल कलाकार की श्रेणी में सफल हुई। 
राजकुमार राव की फिल्म न्यूटन को श्रेष्ठ हिंदी फिल्म चुना गया। इस फिल्म के लिए पंकज त्रिपाठी का अभिनय के लिए विशेष उल्लेख पुरस्कार मिला। यह फिल्म एक नक्सल प्रभावित गाँव में सफलतापूर्वक चुनाव सम्पूर्ण करवाने वाले न्यूटन कुमार के साहस और सहज बुद्धि की कहानी है। फिल्म का निर्देशन अमित मसुराकर ने किया है। यह फिल्म अमित मसुराकर की दूसरी निर्देशित फिल्म है। 
मलयालम फिल्म भयानकम के निर्देशक जयराज को श्रेष्ठ निर्देशक चुना गया। यह फिल्म दूसरे विश्व युद्ध के दौर के केरल के एक गाँव के पोस्टमैन की जागरूकता की कहानी है। कौशिक गांगुली निर्देशित बांगला फिल्म नगर कीर्तन में श्रेष्ठ अभिनय के लिए अभिनेता रिद्धि सेन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया है। रिद्धि सेन को हिंदी दर्शक पिछले साल रिलीज़ संजय दत्त की वापसी फिल्म भूमि में जीतू की भूमिका में देख चुके हैं। 
इस साल के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों पर तमाम निगाहें ख़ास तौर पर बाहुबली द कांक्लुजन के लिए लगी हुई थी कि यह फिल्म राष्ट्रीय  फिल्म पुरस्कारों में कितनी श्रेणियों के पुरस्कार जीतती है।
२०१७ में बॉक्स ऑफिस पर ४०० करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने वाली फिल्म बाहुबली द कांक्लुजन को समग्र मनोरंजन करने वाली फिल्म के अलावा बेस्ट एक्शन और बेस्ट स्पेशल इफेक्ट्स की श्रेणी के पुरस्कार मिले।
इरादा के लिए दिव्या दत्ता को श्रेष्ठ सह अभिनेत्री चुना गया। नर्गिस दत्त पुरस्कार धप्पा को मिला। मॉम के बैकग्राउंड म्यूजिक के लिए ए आर रहमान श्रेष्ठ साबित हुए। फिश करी मछेर झोल को श्रेष्ठ एनीमेशन फिल्म चुना गया। 
फिल्म पुरस्कारों के लिए फिल्मों का चुनाव शेखर कपूर के नेतृत्व में १० सदस्यों वाली जूरी द्वारा किया गया। यह पुरस्कार ३ मई को भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिए जायेंगे।  

महाभारत के कर्ण पर ३०० करोड़ की फिल्म ! - पढ़ने के लिए क्लिक करें