फिल्म इंडस्ट्री चाहे बॉलीवुड हो या टॉलीवूड या कॉलीवूड, केंद्र में नायक ही होता है। फिल्म की नायिका ग्लैमर की भरपाई के लिए होती है। लेखक अदिवि शेष की फिल्म डकैत अ लव स्टोरी इस दृष्टि से भिन्न है।
निर्देशक शनील देव की एक्शन ड्रामा फिल्म डकैत अ लव स्टोरी अपने शीर्षक से एक डकैत की प्रेम कथा प्रतीत होती है। किन्तु, कथानक शीर्षक से विपरीत है। इस फिल्म का सोशल मीडिया पर कथासार से स्पष्ट होता है कि यह फिल्म एक दण्डित क्रोधित हो कर अपनी पूर्व प्रेमिका से उससे मिले धोखे का बदला लेने का प्रयास करता है।
क्या इस फिल्म में ड्रामा है ? कथासार से तो ऐसा ही लगता है। किन्तु, क्या इस में प्रेम प्यार है ? शीर्षक के विपरीत यह प्यार में धोखा और बदला की कहानी प्रतीत होती है। नायक अपनी धोखेबाज प्रेमिका से बदला लेना चाहता है। अर्थात, प्रेमिका प्रेमिका नहीं, बेवफा है। नायक बदला लेने वाला खल चरित्र।
यदि, इस फिल्म पर लेखक अदिवि शेष से बात की जाये तो वह स्पष्ट करते हैं कि यह फिल्म नायक या नायिका या वफ़ा बेवफा की नहीं, बल्कि दो नायकों की है। एक नायक जहाँ स्वयं अदिवि है, वहीँ दूसरी नायक अभिनेत्री मृणाल ठाकुर हैं।
एक अच्छी कहानी पारस्परिक सम्मान, सहयोग और संतुलन से बनती है। शेष कहते हैं, "डकैत एक लव स्टोरी है। एक प्रेम कहानी सदैव बराबरी पर आधारित होती है। इसीलिए मेरे लिए डकैत एकल नायक फिल्म नहीं, दो नायकों वाली फिल्म है।"
शेष मानते हैं कि कहानी और स्क्रिप्ट सबसे ऊपर होती है। उनके लिए किसी भी स्क्रिप्ट का महत्व यह नहीं होता कि उसमें मेल लीड है या फीमेल लीड, बल्कि यह मायने रखता है कि वह कहानी को कितना मज़बूत बनाती है।
शेष, जिन्होंने इस फिल्म को लिखा है, हमेशा अपने प्रोजेक्ट्स को संपूर्ण नज़रिए से देखते हैं, न कि सिर्फ अपने रोल को लेकर। उनका कहना है कि ‘डकैत’ की कहानी दोनों लीड किरदारों से बराबरी की भावनात्मक गहराई और मेहनत की मांग करती है। और मृणाल ठाकुर में उन्हें सिर्फ एक को-स्टार ही नहीं, बल्कि एक ऐसी साथी कलाकार मिलीं जो कहानी को बेहतर बनाने के लिए उतनी ही समर्पित हैं।
सेश कहते हैं, “शुरू से ही, ‘डेकोईट’ कभी भी एक हीरो की फिल्म नहीं लगी। यह दो ऐसे किरदारों की कहानी है, जो अपनी-अपनी लड़ाइयां लड़ रहे हैं और दोनों ही इस कहानी की आत्मा हैं। मैं हमेशा मानता हूं कि जब अहम पीछे रहता है, तभी कहानियां आगे बढ़ती हैं — और मृणाल में मुझे ऐसा को-एक्टर मिला है, जो इस सोच को साझा करती हैं।”
अपने और मृणाल के काम करने के अंदाज़ के बारे में वे बताते हैं, “उनके काम करने में एक ईमानदारी और सच्चाई है, जो मेरे अपने अभिनय के तरीके से मेल खाती है। हम दोनों इंडस्ट्री के बाहर से आए हैं, और अपने दम पर यहां तक पहुंचे हैं, इस वजह से हमारे बीच एक अनकहा सा समझ और सम्मान है।”
सेश आगे कहते हैं, “हम दोनों ही ऐसे कलाकार हैं जो फिल्म के लिए कुछ भी कर सकते हैं। ऐसा समर्पण दिखावा नहीं होता, बल्कि महसूस किया जाता है। और इसी वजह से ‘डेकोईट’ एक दो-हीरो वाली फिल्म लगती है। हमारा मकसद एक-दूसरे से आगे निकलना नहीं, बल्कि साथ मिलकर कुछ अच्छा बनाना है। यह आपसी विश्वास की बात है और एक-दूसरे को हर दिन बेहतर बनने के लिए प्रेरित करने की बात है।”
‘डेकोईट: अ लव स्टोरी’ इस साल की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक मानी जा रही है, और अडीवी सेश का यह सहयोगात्मक नज़रिया इंडस्ट्री में एक नई सोच को बढ़ावा देता है। अपने किरदारों और कहानियों को चुनने में वे लगातार नए मानक स्थापित कर रहे हैं। ‘डेकोईट’ इस बात का उदाहरण है कि जब अहम की जगह इरादा और सहयोग ले लेता है, तब असली हीरोइज़्म सामने आता है।