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Wednesday 16 December 2015

सिर्फ सलमान खान पर मेहरबान नहीं होती अदालतें !

तेरह साल पहले के हिट एंड रन केस में पांच साल की सज़ा पाने के छः महीने के भीतर बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान बॉम्बे हाई कोर्ट से बरी हो गए। सलमान खान के प्रशंसक जहाँ खुश है कि उनका पसंदीदा सितारा दोष मुक्त हो गया, वहीँ आम आदमी हैरान है कि लम्बी सुनवाई और बहस के बाद सेशन कोर्ट में दोषी पाए गए सलमान खान इतनी आसानी से छुटकारा कैसे पा सके। क्या इसलिए कि मारे गए और घायल हुए लोग फूटपाथ पर सोने वाले गरीब थे, जबकि सलमान खान बॉलीवुड के बड़े सितारे हैं, उनका काफी रसूख और पहुँच है। पैसा तो है ही। क्या कोर्ट मीडिया ट्रायल से प्रभावित होता है या सेलेब्रिटी स्टेटस उसके न्याय को बौना बना देता है ?
क्या छूटेंगे सूरज पंचोली भी !
सच क्या है, इसकी पुष्टि तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले कि बाद ही होगी। लेकिन, आदित्य पंचोली को कुछ आस बंधी है।उनके बेटे सूरज पंचोली पर गजिनी और निःशब्द की नायिका जिया खान की माँ द्वारा जिया की कथित हत्या करने के आरोप लगाए हैं । प्रारंभिक जांच में सूरज पंचोली को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ही माना गया था। बाद में आलिया की माँ ने कोर्ट में अपील दायर कर जिया की मृत्यु को हत्या बताया था।  इसके लिए उन्होंने सूरज को दोषी बताया था तथा सीबीआई जांच की अपील की थी। सलमान खान के मामले में हाई कोर्ट का फैसला आने से सूरज पंचोली के पिता आदित्य पंचोली काफी खुश हैं। वह उन्ही बिन्दुओं पर, जिनके आधार पर हाई कोर्ट ने सलमान खान को दोष मुक्त माना, जोर देकर सूरज को छुडाना चाहेंगे। यहाँ बताते चलें कि सलमान खान ने ही इस साल फिल्म ‘हीरो’ के ज़रिये सूरज पंचोली का फिल्म डेब्यू करवाया था। 
गोविंदा को सुप्रीम कोर्ट की सलाह 
क्या सूरज पंचोली भी सलमान खान की तरह पुख्ता सबूतों के अभाव में रिहा कर दिए जायेंगे ? इस सवाल का जवाब तो आने वाला समय बतायेगा। लेकिन, इसमे कोई शक नहीं कि बॉलीवुड के एक्टर अपने सेलेब्रिटी गुरूर में इधर उधर पंगा लेते रहते हैं। इस लिहाज़ से सलमान खान ज्यादा कुख्यात हैं। उन पर कई दूसरे मामले देश की विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। दूसरे मुकदाओं का परिणाम बॉम्बे हाई कोर्ट जैसा होगा, नहीं कहा जा सकता। लेकिन कोर्ट इन सेलेब्रिटी के मामले में थोडा नरम लगता है। सलमान खान के साथ पार्टनर में जोड़ीदार गोविंदा का मामला भी ताज़ा है। गोविंदा २००८ में मनी है तो हनी है की शूटिंग कर रहे थे। उन्होंने सेट पर मौजूद एक गेस्ट को इस  लिए तमाचा मार दिया कि वह लड़कियों से बदसलूकी कर रहा था। पुलिस द्वारा राय नाम के गेस्ट की शिकायत दर्ज न करने पर वह व्यक्ति खुद कोर्ट गया। ट्रायल कोर्ट ने गोविंदा को दोषी मान कर सज़ा सुना दी। लेकिन, बॉम्बे हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आर्डर को खारिज कर दिया। इस पर राय सुप्रीम कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गोविंदा को मौका दिया कि वह अपने प्रशंसक राय से मिल कर माफ़ी मांगे और मामले को ख़त्म करवाए। अन्यथा उन पर आपराधिक मामला चलेगा और दो साल तक की सजा  हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गोविंदा के एक्टर और एमपी होने को संज्ञान में लिया था।
बचे जॉन अब्राहम 
बॉलीवुड सेलेब्रिटी या तो घमंडी होते हैं या बददिमाग कि वह अपने प्रशंसकों से दुर्व्यवहार करने से बाज़ नहीं आते। लेकिन सैफ अली खान तो कुछ ज्यादा आगे चले गए। वह पद्मश्री से सम्मानित हैं। लेकिन, उन्होंने इसकी परवाह किये बिना एक होटल में अपने परिवार और मित्र के साथ मौजूद इकबाल शर्मा नाम के गेस्ट के साथ बदसलूकी और मारपीट की। इस मामले में भी मुंबई पुलिस ने प्रारंभिक ढिलाई बरती। फिलहाल सैफ अली खान पर मुकदमा चल रहा है। जॉन अब्राहम अभिनीत तेज़ रफ़्तार मोटर साइकिल चलाने वाले डकैतों की कहानी ‘धूम’ बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट हुई थी। जॉन अब्राहम का मोटर साइकिल चलाने का शौक पुराना है। अप्रैल २००६ में वह अपनी सुजुकी हयाबुषा मोटर साइकिल की रफ़्तार पर नियंत्रण नहीं रख पाए और उन्होंने दो लोगों को घायल कर दिया। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। चार साल बाद इस मुकदमे पर हुए फैसले में कोर्ट ने उनके पहले अपराध के कारण उन्हें केवल १५ दिनों सादा कैद की सजा सुनाई। लेकिन कुछ ही घंटों में बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी। आजकल जॉन अब्राहम अपनी फिल्मों पर ज्यादा ध्यान लगा रहे हैं। 
अबु सलेम की मोनिका 
कभी छोटी फिल्मों के ज़रिये बॉलीवुड में प्रवेश करने वाली मोनिका बेदी को फ़िल्में तो मिली, लेकिन यह फ़िल्में ख़ास नहीं चली। मोनिका बेदी का बॉलीवुड करियर ख़त्म हो जाता कि मोनिका को गैंगस्टर अबू सलेम का साथ मिल गया। इसी के बूते पर वह करियर के ढलान में जोड़ी नंबर वन और प्यार इश्क और मोहब्बत जैसी बड़े बैनर की फ़िल्में पाने में कामयाब हो पाई। इसके बाद वह अबू सलेम के साथ भारत से बाहर भाग गई। लम्बी कानूनी कार्यवाही के बाद उनका भारत को प्रत्यर्पण हुआ। लेकिन, जाली पासपोर्ट मामले में दोषी साबित होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अब तक काटी जेल अवधि को सज़ा की अवधि मानते हुए रिहा कर दिया। आजकल मोनिका बेदी टीवी सीरियल कर रही हैं। 
मई २००१ में एक्टर फ़िरोज़ खान के बेटे फरदीन खान कोकीन खरीदते हुए पकडे गए थे। चूंकि, उन्होंने स्वीकार किया कि वह ड्रग एडिक्ट हैं और उनके पास बरामद कोकीन थोड़ी मात्र में थी, इसलिए उन पर नशीली दवाओं की बिक्री का मामला नहीं चला। उन पर खुद के उपयोग के लिए कोकीन रखने का मामला चलाया गया। इस कानून के अन्दर पहली बार पकडे जाने वाला अगर कोई शख्स सरकारी हॉस्पिटल में अपना ईलाज करवाता है तो उसे सज़ा नहीं होती। इस प्रकार से नशे के आदि फरदीन खान भी कानून के शिकंजे से बच निकले। 
पुरू ने मारे थे तीन 
यहाँ बडबोले अभिनेता राजकुमार के असफल एक्टर बेटे पुरु राजकुमार का मामला बेहद दिलचस्प है। पुरु पर मुंबई में नशे में तेज़ रफ़्तार कार चला कर ८ लोगों को कुचल देने का मामला दर्ज हुआ था। इनमे से तीन की मौत हो गई थी। मुकदमे में पुरु दोषी भी साबित हुए। लेकिन, वह प्रत्येक मृतक परिवार को सिर्फ ३० हजार का हर्जाना दे कर छूट गए। इस समय भी कई सेलेब्रिटी अपने किये अपराधों के लिए मुकदमे का सामना कर रहे हैं। शाहरुख़ खान पर आरोप लगा था कि अपने तीसरे बेटे के जन्म से पहले उन्होंने गौरी के गर्भ का सेक्स निर्धारण टेस्ट करवाया था। हालाँकि, खान का कहना था कि यह आरोप अबराम (बेटे) के जन्म के बाद लगा है। फिलहाल इस मामले में कोर्ट का फैसला आना है।सलमान खान भी अभी राजस्थान में काले हिरन के शिकार से अपना पल्ला नहीं छुडा पाए हैं। उनके साथ तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे भी अभियुक्त हैं। शाइनी आहूजा को अपनी नौकरानी के साथ बलात्कार के मामले में सज़ा हो चुकी है। फिलहाल, वह जमानत पर बाहर हैं। इसी प्रकार से अंकित तिवारी और मॉडल एक्टर इन्दर कुमार बलात्कार के आरोप में जेल गए और आजकल ज़मानत पर हैं। अरमान कोहली बिग बॉस की सह-प्रतिभागी सोफ़िया हयात को धमकी देने के आरोप में जेल गए। वह भी ज़मानत पर हैं। 
इससे साफ़ है कि भिन्न अपराधों के लिए आरोपित बॉलीवुड सेलिब्रिटीज मुकदमा ज़रूर झेल रहे हैं, लेकिन जल्द ही ज़मानत पर बाहर आ गए। सिर्फ संजय दत्त ही इकलौते ऐसे अभिनेता हैं, जो अपनी सज़ा पूरी करने क लिए महाराष्ट्र की यरवदा जेल में हैं। इससे ऐसा लग सकता है कि देश की अदालतें बॉलीवुड सेलिब्रिटी पर ख़ास मेहरबान होती है। वैसे मीडिया ट्रायल भी कोर्ट को प्रभावित कर देता है। 


अल्पना कांडपाल