वैश्विक मंदी के बावजूद, हिंदी
फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर कारोबार मंद नहीं कहा जा सकता। भारत में मंदी नहीं है,
का उदाहरण देने के लिए एक केंद्रीय मंत्री ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का
उदाहरण दियाथा। हालाँकि, उनके इस उदाहरण की खिल्ली उड़ाई गई। लेकिन
उनका कथन सच्चाई से परे नहीं था। पिछले साल यानि २०१८ में बॉलीवुड के बॉक्स ऑफिस
कलेक्शन का उदाहरण ले कर इसे समझा जा सकता
है। ट्रेड के आंकड़ों के अनुसार बॉलीवुड ने २०१८ में पूरी दुनिया के बॉक्स ऑफिस पर
७०१४.९९ करोड़ का कारोबार किया। इसमे से भारत का ग्रॉस ५०६६.२५ करोड़ था। कुल नेट
कलेक्शन ३८२४.६६ करोड़ का हुआ था। इसकी तुलना में, बॉलीवुड ने
सलमान खान की फिल्म दबंग३ से पहले तक पूरी दुनिया में बॉक्स ऑफिस पर ६६७६.०६ करोड़
का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कर लिया था। जहाँ तक घरेलु बॉक्स ऑफिस की कलेक्शन की बात है,
इसका ग्रॉस ५३०५.३३ करोड़ का था तथा नेट कलेक्शन ४०९३.३३ करोड़ का हुआ था।
इन आंकड़ों में दबंग ३ के अब तक के कलेक्शन को शामिल कर लिया जाए तो बॉक्स ऑफिस पर
ग्रॉस तुलना में कहीं काफी ज्यादा हो जाता है। इस कारोबार को मंदी के मद्देनज़र के
लिहाज़ से बहुत ही उत्साहजनक कहा जा सकता है।
१६ फिल्मों की बदौलत
बॉलीवुड को इतने उत्साहजनक आंकड़े मिले, उन १६
फिल्मों के कारण, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ का आंकड़ा
पार कर ३०० करोड़ क्लब मे भी प्रवेश पाया। यह हिंदी फिल्म थी हृथिक रोशन और टाइगर
श्रॉफ की एक्शन फिल्म वॉर। बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ का आंकड़ा छू लेने वाली शेष १५
फिल्मों में भारत, मिशन मंगल, हाउसफुल ४,
कबीर सिंह, साहो, केसरी,
गली बॉय, टोटल धमाल, उरी द
सर्जिकल स्ट्राइक, सुपर ३०, ड्रीम गर्ल,
छिछोरे, बाला, दे दे प्यार
दे और पति पत्नी और वह हैं। इसमे से भारत, मिशन मंगल,
हाउसफुल ४, कबीर सिंह और साहो,
२०० करोड़ क्लब वाली फ़िल्में थी।
कुछ एक्टरों का कमाल !
बॉलीवुड को मंदी के दौरान भी हराभरा रखने का काम कुछ एक्टरों ने ही किया।
इसकी पूरी उम्मीद भी की जाती थी। वॉर ३०० करोड़ क्लब में शामिल हुई। वॉर,
टाइगर श्रॉफ के करियर की भी सबसे बड़ी हिट फिल्म कही जा सकती है। अक्षय
कुमार के करियर की हाईएस्ट ग्रॉस करने वाली फिल्म भी २०१९ में रिलीज़ हुई। ख़ास बात
यह रही कि अक्षय कुमार की इस साल रिलीज़
सभी फिल्मों केसरी, मिशन मंगल और, हाउसफुल ४
ने १०० करोड़ क्लब में प्रवेश पाया। हाउसफुल ४ ने २०० करोड़ क्लब में स्थान बनाया।
अजय देवगन की दो फिल्मों टोटल धमाल और दे दे प्यार दे ने बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़
से ज्यादा का कारोबार किया। सलमान खान भी भारत के बाद दबंग ३ के बॉक्स ऑफिस पर शतक
जमाने वाली दो फिल्मों के नायक बन जाएंगे । शाहिद कपूर को इस साल बड़ी सफलता मिली।
उनकी रीमेक फिल्म कबीर सिंह ने बॉक्स ऑफिस पर २०० करोड़ क्लब में अपना स्थान बनाया।
बॉलीवुड को पहली २०० करोडिया फिल्म दिलाने वाले विक्की कौशल थे। उनकी फिल्म उरी द
सर्जिकल स्ट्राइक ने उन के करियर को आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। असफल
फिल्मों का दंश झेल रहे सुशांत सिंह राजपूत की नितेश तिवारी निर्देशित फिल्म
छोछोरे ने १०० करोड़ क्लब में स्थान बनाया। दक्षिण के बाहुबली सुपरस्टार प्रभास की
पहली हिंदी फिल्म साहो ने भी बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ क्लब बनाया। इस फिल्म में
उनकी नायिका श्रद्धा कपूर फिल्म छिछोरे की भी नायिका थी। इस लिहाज़ से श्रद्धा की
दो फिल्मों ने १०० करोड़ क्लब में प्रवेश पाया। आयुष्मान खुराना की भी दो फिल्मों ड्रीम
गर्ल और बाला ने १०० करोड़ क्लब में प्रवेश किया। उनके साथ ही,
कार्तिक आर्यन भी इस साल की अपनी पहली १०० करोड़ क्लब वाली फिल्म पति पत्नी
और वह पाई। रणवीर सिंह और अलिया भट्ट की फिल्म गली बॉय भी १०० करोड़ से ज्यादा का
कारोबार करने वाली फिल्म बनी।
सुपर सितारों के साथ युवा चेहरे
ख़ास बात यह हुई है कि २०१९ में बॉलीवुड को सिर्फ सुपरस्टार एक्टरों का
सहारा ही नहीं मिला। बल्कि नए चेहरे भी विश्वसनीय बन गए। इनमे उरी द सर्जिकल
स्ट्राइक के विक्की कौशल सबसे आगे हैं। शाहिद कपूर और हृथिक रोशन ने भी अपने दमखम
का प्रदर्शन किया। उनका साथ सुशांत सिंह राजपूत, आयुष्मान
खुराना और कार्तिक आर्यन ने बखूबी दिया। यह इस लिहाज से महत्वपूर्ण हैं कि सलमान
खान, आमिर खान, शाहरुख़ खान,
अजय देवगन, अक्षय कुमार, आदि वरिष्ठ
सितारों के नामौजूदगी में भी इन युवा चेहरों से उम्मीद की जा सकती है। यहाँ
उल्लेखनीय है कि इस साल आमिर खान और शाहरुख़ खान को कोई भी फिल्म प्रदर्शित नहीं
हुई थी। इसके बावजूद बॉक्स ऑफिस पर लक्ष्मी बरसती रही।
लीक से हट कर विषय
उम्मीदें बढती हैं कि बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ घिसेपिटे विषय वाली मसाला
फिल्मों को ही सफलता नहीं मिली। स्टारडम के शिकंजे से निकलता हिंदी सिनेमा आस
बंधाता है कि अब नए विषय पर भी मनोरंजक फ़िल्में देखने को मिल सकती हैं। हृथिक रोशन
की विकास बहल निर्देशित फिल्म सुपर ३० ऐसी फिल्म थी, जो बिहार के
गणित के अध्यापक आनंद कुमार के जीवन संघर्ष पर थी। विक्की कौशल की आदित्य धर
निर्देशित फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक, भारतीय सेना
के पाकिस्तान में घुस कर आतंकवादियों के खात्मे पर जोशीली फिल्म थी। इसके अलावा
जोया अख्तर की रैपर मुराद की फिल्म गली बॉय उल्लेखनीय थी. बाला,
ड्रीम गर्ल, छिछोरे और केसरी के विषय भी लीक से हटकर थे।
नए निर्देशक, नए
दृष्टिकोण
बॉलीवुड की बड़ी सफलता को युवा और नए दृष्टिकोण की सफलता भी कहा जा सकता
है। कुछ निर्देशकों ने अपनी पहली ही फिल्म में अपने दृष्टिकोण से दर्शकों को
प्रभावित किया। उरी द सर्जिकल स्ट्राइक के आदित्य धर,
कबीर सिंह के संदीप रेड्डी वंगा, मिशन मंगल
के जगन शक्ति, दे दे प्यार दे के आकिव अली,
लुका छुपी के लक्षमण उतेकर, सांड की आँख
के तुषार हीरानंदानी, मर्दानी २ के गोपी पुथरन ने अपनी पहली ही
फिल्म से दर्शकों को प्रभावित किया। यह निर्देशक आगे भी दर्शकों को अच्छी फिल्मे
दे सकते हैं। अलबत्ता, २०१९ में
हिंदी फिल्मों के निर्देशन में पहली बार उतरे कुछ नए निर्देशकों के
दृष्टिकोण को दर्शकों ने पसंद नहीं किया।
ऐसे निर्देशकों द्वारा निर्देशित पहली फिल्मों में विजय रत्नाकर गुट्टे की द एक्सीडेंटल प्राइम
मिनिस्टर, शैली चोपड़ा धर की एक लड़की को देखा तो ऐसा
लगा, बेहज़ाद खम्बाटा की फिल्म ब्लेंक,
प्रकाश कोवेलामुडी की फिल्म
जजमेन्टल है क्या, नमन नितिन मुकेश की बाईपास रोड, मिखिल मुसाले की फिल्म मेड इन चाइना और जीतू
जोसफ द बॉडी उल्लेखनीय है।
सुरक्षित रास्ता भी
बॉलीवुड ने जहाँ एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर,
द ताशकंद फाइल्स, सुपर ३० और सांड की आँख जैसी फिल्मों के
ज़रिये प्रयोग किये, वहीँ सुरक्षित रास्ता भी पकडे रखा। इस साल,
सीक्वल फिल्मों और रीमेक फिल्मों का निर्माण हुआ। सीक्वल फ़िल्में हाउसफुल ४,
कमांडो ३, मर्दानी २, स्टूडेंट ऑफ़
द इयर २, दबंग ३ रिलीज़ हुई । रीमेक फिल्मों में
तेलुगु अर्जुन रेड्डी की रीमेक फिल्म कबीर सिंह, पति पत्नी
और वह भी कामयाब हुई। कॉमेडी फ़िल्में टोटल धमाल, दे दे प्यार
दे, हाउसफुल ४, बाला, ड्रीम गर्ल,
छिछोरे, आदि को मिली। चूंकि,
आम तौर पर बड़े बजट और सितारों वाली फिल्मों को सुरक्षित माना जाता है।
इसलिए वॉर, केसरी, हाउसफुल ४,
भारत, टोटल धमाल, आदि बड़े बजट
की फ़िल्में बनाई गई और इन्हे सफलता भी मिली। लेकिन, वहीँ बड़े
बजट और सितारों वाली फिल्म कलंक फ्लॉप हो गई।