Sunday 5 May 2013

बॉक्स ऑफिस पर 'वडाला' का 'बॉम्बे टॉकीज' को 'शूटआउट'

क्या बड़ी स्टारकास्ट किसी फिल्म को बढ़िया ओपेनिंग दिला सकती है! बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस का अभी तक का अनुभव इसकी पुष्टि करता है। बड़े एक्टर और प्रोड्यूसर की फिल्में बढ़िया इनिश्यल दिलाने में  कामयाब  हो जाती हैं।  लेकिन, 3 मई को यानि भारतीय सिनेमा के सौ साल पूरे होने के दिन रिलीज फिल्म बॉम्बे टॉकीज का मामला बिल्कुल अलग लगता है। यह फिल्म चार छोटी छोटी कहानियों से मिल कर बनी है। इन चार कहानियों का निर्देशन करण जौहर, जोया अख्तर, अनुराग कश्यप और दिबाकर बनर्जी ने किया है। इन चार लघु फिल्मों में अमिताभ  बच्चन, रानी मुखर्जी, रणदीप हूदा, कैटरीना  कैफ, सदाशिव अमरपुरकार और नवजूद्दीन सिद्दीकी जैसे नामचीन चेहरे हैं। फिल्म में वैभावी मर्चेन्ट का choreographed टाइटल ट्रक अपना बॉम्बे टॉकीज भी था। इस गीत में आमिर खान, शाहरुख खान और सैफ अली खान जैसे खांटास्टिक अभिनेताओं के अलावा माधुरी दीक्षित, विद्या बालन और रानी मुखर्जी के साथ प्रियंका चोपड़ा, फरहान अख्तर, शाहिद कपूर, रणवीर सिंह, रणबीर कपूर, इमरान  खान, सोनम कपूर, दीपिका पादुकोण, अनिल कपूर, श्रीदेवी, अक्षय कुमार, करिश्मा कपूर और जुही चावला जैसे बड़े सितारे जुटाये गए थे। यह बॉलीवुड के बड़े निर्माताओं का भयंकर शक्ति प्रदर्शन था। इस लिहाज से इस फिल्म को बढ़िया ओपेनिंग मिलनी चाहिए थी।  लेकिन हुआ क्या ! इस फिल्म ने पहले दिन महज़ डेढ़ करोड़ की ओपेनिंग ली। 
वहीं इस फिल्म के सामने, प्रोड्यूसर डाइरेक्टर संजय गुप्ता की फिल्म शूटआउट अत वडाला रिलीज हुई थी। बॉम्बे टॉकीज की सितारों की भीड़ के सामने जॉन अब्राहम और कंगना रनौट की मुख्य भूमिका तथा अनिल कपूर, तुषार कपूर, रोनित रॉय, सोनू सूद, मनोज बाजपई, महेश  मांजरेकर, सिद्धांत कपूर और रणजीत की महत्वपूर्ण भूमिका वाली फिल्म शूटआउट एट वडाला  कहीं नहीं टिकती थी। लेकिन अब तक की परंपरा के ठीक विपरीत शूटआउट एट वडाला ने बॉम्बे टॉकीज से लगभग 9 गुना यानि 10.1 करोड़ का बिज़नस किया। यह ओपेनिंग इस साल रिलीज फिल्मों रेस 2 और हिम्मतवाला को मिली ओपेनिंग के बाद तीसरी सबसे अच्छी ओपेनिंग थी। शूटआउट एट वडाला की दर्शक क्षमता जहां 70 प्रतिशत रही, वही  बॉम्बे टॉकीज को मात्र 20 से 25 प्रतिशत तक ही दर्शक मिले। बॉम्बे टॉकीज का पहला वीकेंड कलेक्शन 5.15 करोड़ का हुआ। वहीं शूटआउट एट वडाला ने सनडे को बॉक्स ऑफिस पर लंबी छलांग मारते हुए 33.1 करोड़ का वीकेंड कलेक्शन कर लिया।
इससे साफ है की दर्शकों को सितारों की भीड़ जुटा कर भरमाया नहीं जा सकता। दर्शकों ने बॉम्बे टॉकीज के प्रोमो देख कर ही अंदाज़ा लगा लिया था कि यह फीकी फिल्म है, इसलिए उन्होने बॉम्बे टॉकीज वाले टॉकीज की ओर रुख तक नहीं किया। जबकि शूटआउट एट वडाला के प्रोमो फिल्म को एंटरटैनिंग, एक्शन और सेक्स से भरपूर फिल्म बता रहे थे। प्रियंका चोपड़ा का बबली बदमाश, सनी लियॉन का लैला तेरी ले लेगी और सोफी चौधरी का आला रे आला आइटम सॉन्ग्स बॉम्बे talkies के अपना बॉम्बे टॉकीज पर भरी पड़ा।  नतीजे के तौर पर शूटआउट एट वडाला के सिनेमाघरों में दर्शकों की भीड़ जमा थी। साफ तौर पर दर्शक चाहते हैं कि सितारों की भीड़ जमा की जाए, पर पूरे मसालों के साथ। फीके पकवान वह चखना तक नहीं चाहते।

Friday 3 May 2013

शूटआउट एट वडाला के 'एक्शन अब्राहम'


'मण्या सुर्वे अपने साथ हमेशा 50 एमएल की एसिड की बॉटल, एक चाकू और गन लेकर घूमता था। उसका कहना था कि जब एक बम Nagasaki और Hiroshima को नष्ट कर सकता है , तो 50 एमएल की एसिड की बॉटल दस आदमियों को खत्म कर ही सकती है। इसीलिए उसका एंकाउंटर करने वाला कोई भी पुलिस वाला तब तक उसके नजदीक नहीं गया, जब तक कि वह मर नहीं गया । उस पर दूर से ही गोलियां बरसाई गईं।' निर्माता निर्देशक संजय गुप्ता ने अपनी फिल्म की कहानी कुछ इसी अंदाज़ में अभिनेता जॉन अब्राहम को सुनाई थी। इसे सुन कर जॉन मण्या के किरदार के मुरीद हो गए । संजय गुप्ता निर्देशित फिल्म शूटआउट एट वडाला में मण्या सुर्वे का किरदार कर रहे जॉन अब्राहम कुछ इसी अंदाज़ में अपने चरित्र में डूबे दिखाई पड़े। फिल्म की पहली रील में, अपने भाई द्वारा एक अपराधी की हत्या के बाद, वरांडे में खड़ी  कंगना रनौट को देखते जॉन अपनी अभिनय क्षमता का मुजाहिरा करते हैं। इस फिल्म में अनिल कपूर, मनोज बाजपई और महेश  मांजरेकर भी हैं, पर सब पर भारी पड़ते हैं जॉन अब्राहम। जॉन अब्राहम, अपने लुक और अभिनय से जहां एक सीधे सादे, पढ़ लिख कर पुलिस ऑफिसर बनने का सपना देखने वाले मनोहर सुर्वे के किरदार को बखूबी अंजाम दे रहे थे,  वहीं जब एक पुलिस ऑफिसर उन्हे हत्या के जुर्म में फँसाता है तो मनोहर के  टूटते सपने जॉन के चेहरे के भाव से साफ नज़र आते हैं। मण्या बनने  के बाद तो जॉन अब्राहम बिल्कुल बदल जाते हैं। वह कसरती, ठंडे दिमाग वाले नव युवा मनोहर सुर्वे उर्फ मण्या सुर्वे को पर्दे पर साकार कर देते हैं। इसीलिए  फिल्म के क्लाइमैक्स में जब दसियों पुलिस वाले मिल कर मण्या को गोलियों से बींध रहे होते हैं तो सबसे ज़्यादा सदमे में सिनेमाघर में बैठा दर्शक होता  है।
संजय गुप्ता की फिल्म शूटआउट एट वडाला, मुंबई पुलिस के रजिस्टर में दर्ज़ पहले शूटआउट की ही नहीं, बल्कि  उस युग की शुरुआत भी है, जिसने दाऊद इब्राहीम को मुंबई पर राज करने का मौका दिया। लेकिन इस शूटआउट के बाद मुंबई पुलिस के हाथ खुल गए। एक ओर जहां उसने मुंबई को गंगस्टरों के बीच के खून खराबे और आतंक से मुक्त कराया, वहीं मुंबई पुलिस को कुछ इतना खुला छोड़ दिया कि दसियों एंकाउंटर पैसा लेकर या खुन्नस निकालने के लिए किए गए। फलस्वरूप कई एंकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस

अधिकारी कानून की गिरफ्त में आ गए। हालांकि, संजय गुप्ता ने अनिल कपूर के चरित्र के माध्यम से   कोई   स्पष्ट संदेश नहीं दिया है, लेकिन फिल्म देखते समय यह पता चल जाता है कि मुंबई पुलिस किस राह पर जा रही है। संजय गुप्ता ने अपनी ही शैली में एक ज़बरदस्त एक्शन और इमोशन से भरपूर फिल्म बनाई हैं। फिल्म में बेहद खून खराबा है,  गंगस्टेर फिल्मों से इसी की उम्मीद की जाती है । फिल्म की रफ्तार तेज़ है। सनी लियॉन, सोफी चौधरी और प्रियंका चोपड़ा के आइटम दर्शकों को सीटियाँ मारने  पर मजबूर कर देते हैं। सनी लियॉन का पॉर्न स्टार होना, लैला तेरी ले लेगी गीत में खूब काम आया। लियॉन के आइटम के सामने सोफी और प्रियंका के आइटम ठंडे साबित होते हैं। फिल्म में अपने चरित्रों के अनुरूप  खूब गालियां हैं । लेकिन  गुंडे बदमाश गाली नहीं बकेंगे तो क्या भजन गाएँगे! गीत फिल्म की थीम के मुताबिक है। समीर आर्य और संजय एफ गुप्ता का छायांकन फिल्म की रफ्तार के साथ साथ साथ साथ बखूबी  दौड़ता है। फिल्म में कंगना रनौट के लिए करने को कुछ खास नहीं था, अलबत्ता वह दो गरमागरम बेड रूम सीन देकर दर्शकों को गरमाने में सफल रही हैं। मनोज बाजपई का अभिनय अच्छा है, पर वह ऐसा अभिनय बहुत कर चुके हैं। जॉन अब्राहम के सामने वह फीके भी लगते हैं। महेश मांजरेकर, सोनू सूद, रोनित रॉय सामान्य है। अभिषेक कपूर थोड़ा उभर कर आते हैं। उनका किरदार भी सशक्त है।
इस फिल्म को एक्शन और जॉन अब्राहम और अलग तरह के कथानक और ट्रीटमंट के कारण देखा जा सकता है। कोई शक नहीं अगर इस फिल्म के बाद अभिनेता जॉन अब्राहम 'एक्शन अब्राहम' के नाम से जाने जाएँ।