Thursday 8 June 2017

कैलाश सत्यार्थी के किरदार में बोमन ईरानी

अभिनेता बोमन ईरानी जल्द ही फिल्म झलकी में  नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के किरदार में नज़र आएंगे। राष्ट्रीय पुरष्कार विजेता डायरेक्टर  ब्रह्मानंद सिंह इस  फिल्म को डायरेक्ट करेंगे। यह फिल्म एक छोटी लड़की की कहानी है जो बाल मज़दूरी करते करते अपने भाई की तलाश को तलाश कर रही है। इस बारे में बोमन ईरानी का कहना है, "मैंने अपने पोरशन को कुछ ही दिनों में संरक्षित कर लिया था।  सत्यार्थी जी एक ऐसे इंसान हैं. जिनपर हर भारतीय को गर्व है। मिर्ज़ापुर में जब हम शूट कर रहे थे तो वहां का तापमान  लगभग ४७ डिग्री था। बहुत ही बेहतरीन अनुभव रहा है इस फिल्म के दौरान। मैं वहां के लोगो से मिला और उनकी समस्याओ समझने का मौका मिला।" बोमन अपनी यादो को साँझा  करते हुए बताया कि वे सिर्फ सत्यार्थी के किरदार को चित्रित नहीं  करना  चाहते थे बल्कि उनका बच्चो के प्रति लगाव और बच्चो के हक़ के लिए बिना किसी डर आवाज़ उठाना और बच्चो के साथ खुद बच्चे बन जाना जैसी खासियतों पर भी ध्यान देना चाहता था। 

Wednesday 7 June 2017

'स्ट्रीट कार रेसर बन 'ड्राइव' करेंगी जैक्वेलिन फर्नांडीज़

अभिषेक बच्चन, जॉन अब्राहम और प्रियंका चोपड़ा के साथ दोस्ताना जैसी फिल्म निर्देशित करने के बाद तरुण मनसुखानी खामोश बैठ गए थे।  जबकि, खबरे उड़ती और बैठती रही कि वह दोस्ताना २ का निर्माण करने जा रहे हैं। इस प्रकार से दोस्ताना को रिलीज़ हुए नौ साल हो गए।  अब जा कर तरुण मनसुखानी की ख़ामोशी टूटी हैं।  वह दोस्ताना का सीक्वल तो नहीं बना रहे।  अलबत्ता, वह स्ट्रीट कार रेसिंग पर फिल्म ड्राइव ज़रूर बना रहे हैं। इस फिल्म का पहला शिड्यूल अप्रैल में ख़त्म हो चूका है। हॉलीवुड में स्ट्रीट कार रेसर पर फ़ास्ट एंड फ्यूरियस  सीरीज पूरी दुनिया में लोकप्रिय हुई है।  कुछ दूसरी कार रेसिंग पर फ़िल्में भी सफल हुई हैं।  लेकिन, बॉलीवुड में तारा रम पम पम और रेस के अलावा अन्य कोई प्रयास नहीं हुए ।  इसीलिए तरुण मनसुखानी की स्ट्रीट कार रेस पर फिल्म ड्राइव पर तमाम निगाहें हैं।  इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत एक कार रेसर की भूमिका में हैं।  खबर है कि जैक्वलिन फर्नांडीज़ का किरदार भी एक कार रेसर का है।  इस फिल्म में जैक्वेलिन ने ढेरों खतरनाक स्टंट किये हैं।  वह तेज़ रफ़्तार से कार भगाती भी नज़र आएँगी।  जैक्वलिन के लिए यह किरदार रियल लाइफ जैसा है।  क्योंकि, बहरीन में रहने के दौरान वह स्ट्रीट रेसर हुआ करती थी। इस दौरान उनके कई अच्छे दोस्त बने।  बहरीन  की वह इकलौती महिला कार रेसर हुआ करती थी।  वह कितनी अच्छी कार रेसर थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने दो बार पुरुष ड्राइवरों को कार रेसिंग में मात दी थी।  इस लिहाज़ से जैक्वलिन ड्राइव में रियल लाइफ किरदार कर रही होंगी।  जैक्वलिन आज की सबसे ज़्यादा व्यस्त अभिनेत्रियों में शुमार हैं।  वह सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ एक्शन कॉमेडी फिल्म अ जेंटलमैन और वरुण धवन के साथ जुड़वा कर रही हैं।  इन फिल्मों में जैक्वलिन के नायक उनके हमउम्र और सफल अभिनेता हैं। यह तीनों फ़िल्में इस साल रिलीज़ हो सकती हैं।

बड़े सितारों का पुनर्जन्म से 'राब्ता'

दिनेश विजन की बतौर निर्देशक पहली फिल्म राब्ता पुनर्जन्म पर है।  वर्तमान युग के शिव और सायरा के अटूट प्रेम के बीच में सायरा का पूर्व जन्म का प्रेमी ज़ाकिर आ जाता है ।  इस भूमिका को जिम सरब कर रहे हैं।  फिल्म के पुनर्जन्म में कॉस्ट्यूम ड्रामा है।  तलवारबाज़ी है। सायरा का किरदार कृति सेनन ने किया है।  सुशांत सिंह राजपूत शिव बने हैं। पिछले दिनों इस फिल्म के जारी फर्स्ट लुक में अभिनेता राजकुमार राव एक चार सौ साल के बूढ़े के किरदार में नज़र आ रहे थे। फिल्म में दीपिका पादुकोण का राब्ता आइटम भी है।  
बड़ी स्टार कास्ट का पुनर्जन्म 
राब्ता की बात की जाए तो फिल्म की स्टार कास्ट बहुत बड़ी नज़र नहीं आती।  सिर्फ दीपिका पादुकोण की बड़ी अभिनेत्री है, लेकिन वह भी आइटम सांग तक सीमित हैं।  जबकि वास्तविकता तो यह है कि पुनर्जन्म पर बनी फ़िल्में बड़े सितारों को बेहद रास आता है।  अशोक कुमार और मधुबाला फिल्म महल में, दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला फिल्म मधुमति में, सुनील दत्त, नूतन, प्राण और जमुना फिल्म मिलन में, राजकुमार, वहीदा रहमान और मनोज कुमार फिल्म नील कमल में, राजेश खन्ना और हेमा मालिनी फिल्म महबूबा में, ऋषि कपूर, टीना मुनीम, प्राण, सिमी ग्रेवाल और राज किरण फिल्म क़र्ज़ में, शाहरुख़ खान, सलमान खान, काजोल और राखी फिल्म करण अर्जुन में तथा दीपिका पादुकोण के साथ शाहरुख़ खान फिल्म ओम  शांति ओम  में पुनर्जन्म  ले चुके हैं।
बॉलीवुड की पहली पुनर्जन्म फिल्म महल
दिलीप कुमार और मधुबाला अभिनीत और १९४९ में रिलीज़ फिल्म महल बॉलीवुड की पहली पुनर्जन्म फिल्म थी। यह पुनर्जन्म पर आधारित पहली थ्रिलर फिल्म थी। इस फिल्म का निर्माण बॉम्बे टॉकीज ने किया था। इस फिल्म से कमाल अमरोही का बतौर निर्देशक डेब्यू हो रहा था। इससे पहले वह जेलर, पुकार, फूल और शाहजहाँ जैसी फिल्मों को लिख कर मशहूर हो चुके थे। फिल्म ने लता मंगेशकर को टॉप की गायिका बना दिया था। उस समय बॉम्बे टॉकीज आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुकी थी, लेकिन, महल की सफलता भी बॉम्बे टॉकीज को बंद होने से नहीं बचा सकी। बॉम्बे टॉकीज फिल्म की रिलीज़ के पांच साल बाद १९५४ में बंद हो गया । 
पुनर्जन्म फिल्मों का गीत संगीत हिट
पुनर्जन्म फिल्मों की सफलता के पीछे उसके हिट संगीत का हाथ नज़र आता है। इस ट्रेंड को कमाल अमरोही की फिल्म महल ने स्थापित किया था। महल की सफलता में इसके संगीतकार खेमचंद प्रकाश द्वारा तैयार धुनों और लता मंगेशकर की सुरीली आवाज़ का हाथ साफ़ नज़र आता है। इस फिल्म में उस समय की बड़ी गायिकाओं राजकुमारी और जोहराबाई अम्बालेवाली ने एक तीर चला दिल पे लगा, छुन छुन घुंघरवा बाजे रे, घबरा के हम और मैं वह हंसी हूँ जैसे गीत गाए थे। लेकिन, तहलका मचाया लता मंगेशकर के गाये आएगा आने वाला और मुश्किल है बहुत मुश्किल गीतों ने। इस फिल्म के बाद लता मंगेशकर ने बॉलीवुड फिल्म संगीत की तमाम ऊंचाइयां तय का डाली। महल ने मधुर संगीत को पुनर्जन्म फिल्मों का आवश्यक तत्व बना डाला। मधुमती में सलिल चौधरी द्वारा संगीतबद्ध आजा रे परदेसी, चढ़ गयो पापी बिछुआ, सुहाना सफ़र और मौसम हसीं, दिल तड़प तड़प के कह रहा, घडी घडी मेरा दिल धड़के, जंगल में मोर नाचा किसी ने न देखा और टूटे हुए ख़्वाबों ने जैसे मधुर गीत फिल्म रिलीज़ होने से काफी पहले ही दर्शकों की जुबान पर थे। मिलन के लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीत से सजे सावन का महीना पवन करे सोर, हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के गाते रहेंगे, बोल गोरी बोल तेरा कौन पिया, मैं तो दीवाना दीवाना, राम करे ऐसा हो जाये, आदि गीतों ने महीनों तक संगीत जगत में तहलका मचाये रखा। महबूबा फिल्म का संगीत भी हिट हुआ था। इस फिल्म के तमाम गीत राहुल देव बर्मन की धुनों पर आनंद बख्शी ने लिखे थे। इस फिल्म के मेरे नैना सावन भादो, महबूबा, गोरी तेरी पैजनियाँ, पर्वत के पीछे, जमुना किनारे आजा, आदि गीत बेहद लोकप्रिय हुए। सुभाष घई निर्देशित फिल्म क़र्ज़ का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने दिया था। इस फिल्म के ओम शांति ओम, पैसा ये पैसा, एक हसीना थी, दर्दे दिल दर्दे जिगर और मैं सोलह बरस की जैसे गीतों ने तहलका मचा दिया। पुनर्जन्म पर निर्देशक राकेश रोशन की फिल्म करण अर्जुन का संगीत उनके भाई राजेश रोशन ने दिया था। इस फिल्म के जाती हूँ मैं, यह बंधन तो, भांगड़ा पा ले, एक मुंडा मेरी उम्र का, जय माँ काली, आदि गीत भी काफी सफल हुए। दीपिका पादुकोण की शाहरुख़ खान के साथ डेब्यू फिल्म ओम शांति ओम में विशाल-शेखर जोड़ी की धुनों से सजे दर्दे डिस्को, अजब सी, दीवानगी दीवानगी, मैं अगर कहूं, जग सूना सूना लागे, आदि गीत दर्शकों के बीच बेहद पसंद किये गए। साफ़ तौर पर १९४९ से लेकर २००७ के बीच रिलीज़ तमाम पुनर्जन्म फिल्मों में संगीत के महत्व  का अंदाजा इन फिल्मों के संगीत से लगाया जा सकता है। 
थ्रिलर फिल्म में रहस्यपूर्ण गीत का ट्रेंड 
महल केवल एक पुनर्जन्म फिल्म नहीं थी।  यह थ्रिलर फिल्म भी थी।  इस फिल्म का आएगा आने वाला गीत महल के गलियारों से गुजर रहे साये के इर्दगिर्द रहस्य का साया कुछ ज़्यादा गहरा देता था। दर्शकों में इस गीत को सुनते हुए आगे की कहानी के प्रति उत्सुकता बढती चली जाती थी। रहस्य रोमांच से भरपूर फिल्मों के लिए यह ट्रेंड सा बन गया।  महल के आएगा आने वाला गीत ने रहस्य फिल्मों में नायिका के इर्दगिर्द रहस्य बुनने के लिए एक गीत का बार बार इस्तेमाल करने का फार्मूला ईजाद कर दिया। इस ट्रेंड को बाद की कई फिल्मो में आजमाया गया। महल के एडिटर बिमल रॉय ने अपनी फिल्म मधुमती में इसी ट्रेंड पर आजा रे परदेसी गीत रखा था। फिल्म महबूबा का मेरे नैना सावन भादो गीत फिल्म के रहस्य को गहराने वाला था। थ्रिलर फिल्मों के उस्ताद राज खोसला ने अपनी फिल्म वह कौन थी में नैना बरसे रिम झिम रिम झिम गीत के ज़रिये साधना के करैक्टर को रहस्यपूर्ण बना दिया था। निर्देशक बीरेन नाग की हॉरर थ्रिलर फिल्म बीस साल बाद में कहीं दीप जले कहीं दिल गीत के शुरू होते ही दर्शकों को यह एहसास हो जाता था कि अब आत्मा आने वाली है। यह गीत फिल्म में कई बार बजते हुए रहस्य गहराता था। इसी प्रकार से दूसरी रहस्य रोमांच वाली थ्रिलर फिल्मों में किसी न किसी गीत के जरिये रोमांच पैदा करने की कोशिश की गई थी। 
असफल भी हुई हैं पुनर्जन्म पर फ़िल्में 
आम तौर पर पुनर्जन्म का कथानक दर्शकों को रास आता है।  महल से लेकर राब्ता से पहले तक पुनर्जन्म के कथानक वाली फ़िल्में, अमूमन हिट होती रही हैं।  इसका मतलब यह नहीं कि पुनर्जन्म सेफ फार्मूला है।  पुनर्जन्म पर आधारित फिल्मों को दर्शकों ने सिरे से नकारा भी है।  यह ज़्यादातर फ़िल्में बड़े सितारों वाली फ़िल्में भी थी।  इनमे सैफअली खान और काजोल की फिल्म हमेशा, सलमान खान और शीबा की फिल्म सूर्यवंशी, राजेश खन्ना हेमा मालिनी और राजकुमार की फिल्म कुदरत, करिश्मा कपूर की थ्रीडी फिल्म डेंजरस इश्क़, निर्देशक कुणाल कोहली की शाहिद कपूर और प्रियंका चोपड़ा की फिल्म तेरी मेरी कहानी, आदि पुनर्जन्म पर फ़िल्में बड़ी स्टार कास्ट के बावजूद बुरी तरह से असफल हुई थी। इसके अलावा, भारीभरकम बजट से बनी पुनर्जन्म फिल्म प्रेम (संजय कपूर और तब्बू) और लव स्टोरी २०५० (हरमन बवेजा और प्रियंका चोपड़ा) भी बुरी तरह से असफल हुई।  कुछ दूसरी असफल पुनर्जन्म फिल्मों में मिस्टर या मिस, एक पहेली लीला, आदि ख़ास उल्लेखनीय फ़िल्में हैं। 
पुनर्जन्म फिल्मों के लिहाज़ से दिनेश विजन की फिल्म राब्ता कहाँ फिट बैठती है? यह फिल्म हिट होगी या सुपरहिट या फ्लॉप ! फिल्म का बजट बड़ा है, पर स्टार कास्ट ख़ास बड़ी नहीं।  फिल्म में कॉस्ट्यूम ड्रामा भी है।  यह फिल्म तेलुगु फिल्म मगधीरा का रीमेक है।  मगधीरा बड़ी हिट फिल्मो में शुमार है। परन्तु राब्ता का संगीत हिट नहीं हो रहा है। सिर्फ टाइटल सांग ही ठीकठाक है। यह गीत भी दीपिका पादुकोण के सेक्सी हावभाव के कारण देखा जा रहा है। ऐसे पूछा जा सकता है कि क्या राब्ता भी हिट होगी ? इंतज़ार कीजिये ९ जून का।    

दुनिया पर छाई इजराइल की वंडर वुमन

हॉलीवुड की पहली महिला सुपर हीरो वाली फिल्म वंडर वुमन पूरी दुनिया में ज़बरदस्त तहलका मचा रही है।  इस फिल्म का पहले दिन का बिज़नस, गुरुवार की रात के प्रीव्यू से हुई कमाई को मिला कर ३८.८५ मिलियन डॉलर अनुमानित किया जा रहा है यह बिज़नस पहली गार्डियन्स ऑफ़ द गैलेक्सी के बराबर है । इस फिल्म ने भी थर्सडे प्रीव्यू में ११.२ मिलियन का बिज़नस करते हुए ३७.८ मिलियन डॉलर का बिज़नस किया था  गार्डियन्स ऑफ़ गैलेक्सी की ओपनिंग ९४.३ मिलियन की हुई थी । इसे देखते हुए वंडर वुमन को ९५ से १०० मिलियन डॉलर की ओपनिंग मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है  दिलचस्प तथ्य यह है कि इस पहली महिला सुपर मैन फिल्म को देखने के लिए महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले ४ प्रतिशत ज्यादा है । वंडर वुमन ने ओवरसीज मार्किट में ४७.१ मिलियन की ओपनिंग लेकर कुल ८५.९५ मिलियन का बिज़नस कर लिया है। यहाँ एक दिलचस्प बात यह है कि वंडर वुमन को इजराइल के दर्शकों से ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है, जबकि लेबनान में यह फिल्म बैन कर दी गई है। वंडर वुमन को इजराइल का समर्थन और लेबनान का विरोध इस लिए मिल रहा है कि फिल्म में अमेज़न की राजकुमारी डायना उर्फ़ वंडर वुमन का किरदार करने वाली अभिनेत्री गाल गैडोट इसरायली हैं।  वह ३० अप्रैल १९८५ को इजराइल में रॉश हाइन में जन्मी हैं।  उन्होंने  २००४ में मिस इजराइल का खिताब जीता है। वह मार्शल आर्ट्स जानती हैं और मॉडल भी रह चुकी हैं। इस कमन्द इस्तेमाल करने वाली नायिका को पूरे इजराइल में ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है। इजराइल के पूरे सोशल मीडिया में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम पर ऑनलाइन गाल गैडोट का समर्थन किया जा रहा है।  वंडर वुमन की पोस्ट से यह माध्यम पटे पड़े हैं।  उन्हें इजराइल का एम्बेसडर बताया जा रहा है। इजराइल का एक अखबार लिखता है, "कोई ऐसा इसरायली नहीं हैं, जो गाल गैडोट का समर्थन नहीं कर रहा।  इजराइल के तमाम मुख्य उत्पादों पर गाल गैडोट छाई हुई हैं।"  गाल गैडोट की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से भी लगाया जा सकता है कि इजराइल से एक दूसरी अभिनेत्री जेरूसलम में जन्मी नताली पोर्टमैन भी उनसे पिछड़ गई हैं। इस समर्थन से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर यह समर्थन बॉक्स ऑफिस पर नज़र आया तो यह फिल्म चार दिन के वीकेंड में १.८ मिलियन डॉलर का बिज़नेस कर ले जाएगी।  यह बॉक्स ऑफिस पर किसी फिल्म का बहुत बड़ा बिज़नेस होगा। वार्नर ब्रदर्स का भी इस साल का बड़ा बिज़नेस होगा। यहाँ बताते चलें कि २०११ में हैरी पॉटर एंड द डथली होलोज पार्ट २ ने १.२ मिलियन डॉलर की ओपनिंग ली थी।  २०१६ में गाल गैडोट के वंडर वुमन का इसरायली दर्शकों से परिचय कराने वाली फिल्म बैटमैन वर्सेज सुपरमैन: डौन ऑफ़ जस्टिस ने १.१ मिलियन डॉलर का फर्स्ट वीकेंड किया था।  इसी कारण से वंडर वुमन लेबनान में बैन का शिकार हो गई।  हालाँकि, लेबनान काफी उदार देश माना जाता है। इसके बावजूद लेबनान का सेंसर किसी शत्रु देश की फिल्म की रिलीज़ की मंज़ूरी नहीं देता है।  चूंकि, गाल गैडॉट इसरायली हैं, इसलिए वंडर वुमन दुश्मन देश की फिल्म बन जाती है।  इसीलिए, फिल्म के टिकट बेच चुके बेरूत के सिनेमाघरों ने बुधवार को सरकारी आदेश मिलने के बाद वंडर वुमन के पोस्टर उतार दिए।  बहरहाल, इजराइल की कुछ चुनिंदा ऊंची ऊँची इमारतों पर गाल गैडोट के चहरे वाले वंडर वुमन के पोस्टर लगे हुए हैं और उन्हें शीर्षक दिया गया है- गाल गैडोट ! 'हमें तुम पर गर्व है'।  'हमारी वंडर वुमन' । 

Tuesday 6 June 2017

मुन्ना माइकल की डॉली निधि अगरवाल

टाइगर श्रॉफ की डांस पर आधारित एक्शन फिल्म मुन्ना  माइकल में तेज़ रफ़्तार डांस करते मुन्ना यानि टाइगर श्रॉफ के साथ थिरकती डांसर पर निगाहे टिक जाती हैं।  वह जितना आकर्षक डांस कराती हैं, उतना ही आकर्षण उसके चहरे में भी है।  मुन्ना माइकल की साथी लड़की डॉली है।  इस किरदार को परदे पर निधि अग्रवाल कर रही हैं।  निधि अग्रवाल बेंगलूरियन  हैं।  बिज़नेस मैनेजमेंट की डिग्री वाली निधि को बैले, कत्थक और बेली डांसिंग में महारत हासिल है।  उनकी यह डांसिंग प्रतिभा उनके डांस में नज़र आती है।  पिछले साल मुन्ना माइकल के निर्देशक शब्बीर खान ने मिस डीवा २०१४ निधि अग्रवाल को ३०० प्रतिभाओं को स्क्रीन टेस्ट लेकर छांटा था।

धनुष दूसरी बार वीआईपी

तमिल फिल्म वेलाईला पट्टाधारी २ यानि बेकार स्नातक या अनएम्प्लॉयड  ग्रेजुएट २ के नायक तमिल फिल्मों के  सुपर स्टार धनुष हैं।  वेलाईला पट्टाधारी यानि वीआईपी (२०१४) की सीक्वल फिल्म वेलाईला पट्टाधारी २ का निर्माण खुद धनुष कर रहे हैं।  उनको निर्देशित कर रही हैं, उनकी पत्नी सौंदर्य रजनीकांत। फिल्म के संवाद और कहानी खुद धनुष ने लिखी है।  रांझणा और षमिताभ से हिंदी दर्शकों के पसंदीदा एक्टर बन गए धनुष की यह फिल्म तमिल और तेलुगु भाषा में बनाई जा रही है।  फिल्म में अमला पॉल, काजोल, सरन्या पोंवन्नन, आदि भी ख़ास भूमिका में हैं। आज इस फिल्म के दो पोस्टर तमिल और तेलुग में जारी किये गए।  यह फिल्म २८ जुलाई को रिलीज़ हो रही है।

रजनीकांत की 'काला' की महत्वपूर्ण साक्षी !

राजस्थानी पिता और तमिलभाषी माँ की संतान साक्षी अग्रवाल का जन्म अल्मोड़ा उत्तराखंड में हुआ था।  जन्म के तुरंत बाद माँ-पता के साथ वह चेन्नई आ गई।  यहाँ उन्होंने अन्ना यूनिवर्सिटी से बीआईटी किया।  एक टॉप मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट से एमबीए किया।  बंगलुरु की कुछ कंपनियों में काम किया।  इसी दौरान एक फैशन डिज़ाइनर ने उन्हें देखा।  वह मॉडलिंग करने लगी।  ली स्ट्रासबर्ग थिएटर एंड फिल्म इंस्टिट्यूट से एक्टिंग का क्रैश कोर्स किया।  वह यह कोर्स करने वाली दक्षिण की एकमात्र अभिनेत्री हैं।  हॉलीवुड की उमा थर्मन और स्कारलेट जोहानसन और बॉलीवुड से रणबीर कपूर और इमरान खान ने ही इस इंस्टिट्यूट से कोर्स किया है।  साक्षी ने तमिल भाषा की हॉरर सस्पेंस थ्रिलर फिल्म युगन से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की।  वह अब तक पांच तमिल और एक कन्नड़ फिल्म में अभिनय कर चुकी हैं।  पिछले दिनों वह चर्चा में आई रजनीकांत की फिल्म काला करिकालन में अभिनय के कारण।  इस फिल्म में साक्षी का किरदार छोटा मगर अहम् है।  साक्षी कहती हैं, "अपने करियर की शुरुआत में ही रजनी फिल्म पा कर मैं खुद को खुशनसीब महसूस करती हूँ।"