भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday 27 June 2019
Aamir Khan के लाल सिंह चड्डा की Kareena Kapoor Khan
Kareena Kapoor ने अपने दो दशक लम्बे फिल्म करियर में, बॉलीवुड
के तमाम बड़े अभिनेताओं के साथ फ़िल्में की हैं। वह तीनों खान अभिनेताओं के साथ भी फ़िल्में कर चुकी हैं।
उन्होंने Shahrukh Khan के साथ फिल्म अशोका से शुरुआत करते हुए, कभी ख़ुशी कभी गम, डॉन और रा.वन जैसी फ़िल्में की।
Salman Khan के साथ क्योंकि, मैं और मिसेज खन्ना, बॉडीगार्ड और बजरंगी भाईजान जैसी फ़िल्में की।
लेकिन तीसरे खान Aamir Khan के साथ सिर्फ एक ही फिल्म ३ इडियट्स की थी। राजकुमार हिरानी की फिल्म ३ इडियट्स २००९ में रिलीज़ हुई थी।
अब दस साल बाद, करीना कपूर (Kareena Kapoor) और आमिर खान (Aamir Khan) दूसरी बार फिल्म लाल सिंह चड्डा कर रहे हैं। यह फिल्म, हॉलीवुड की ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाली फिल्म फारेस्ट गंप की ऑफिसियल रीमेक हैं।
रॉबर्ट ज़ेमिकिस निर्देशित कॉमेडी ड्रामा फिल्म फारेस्ट गम्प में कई सहयोगी पुरुष चरित्र थे। इन चरित्रों के बीच फारेस्ट गंप की पत्नी और बचपन की दोस्त जेनी कुर्रन का चरित्र भी है। गंप जेनी से बहुत प्यार करता है। जेनी का, बचपन में ही, अपने विधुर पिता के दवारा सेक्स शोषण हुआ था। इसलिए वह दुनिया से उचाट है, इसलिए गंप के जीवन से निकल कर हिप्पी जीवन जीने लगती है। हालाँकि, इन दोनों के प्यार की निशानी एक बच्चा है। काफी बाद में दोनों शादी करते है। लेकिन शादी के बाद ज़ल्द ही जेनी की अज्ञात बीमारी से मौत हो जाती है। यह भूमिका रॉबिन राईट ने की थी।
इस लिहाज़ से, करीना कपूर के करियर के लिए आमिर खान के साथ दूसरी फिल्म लाल सिंह चड्डा खास हो सकती है। अद्वैत चन्दन निर्देशित यह फिल्म क्रिसमस २०२० में प्रदर्शित होगी ।
उन्होंने Shahrukh Khan के साथ फिल्म अशोका से शुरुआत करते हुए, कभी ख़ुशी कभी गम, डॉन और रा.वन जैसी फ़िल्में की।
Salman Khan के साथ क्योंकि, मैं और मिसेज खन्ना, बॉडीगार्ड और बजरंगी भाईजान जैसी फ़िल्में की।
लेकिन तीसरे खान Aamir Khan के साथ सिर्फ एक ही फिल्म ३ इडियट्स की थी। राजकुमार हिरानी की फिल्म ३ इडियट्स २००९ में रिलीज़ हुई थी।
अब दस साल बाद, करीना कपूर (Kareena Kapoor) और आमिर खान (Aamir Khan) दूसरी बार फिल्म लाल सिंह चड्डा कर रहे हैं। यह फिल्म, हॉलीवुड की ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाली फिल्म फारेस्ट गंप की ऑफिसियल रीमेक हैं।
रॉबर्ट ज़ेमिकिस निर्देशित कॉमेडी ड्रामा फिल्म फारेस्ट गम्प में कई सहयोगी पुरुष चरित्र थे। इन चरित्रों के बीच फारेस्ट गंप की पत्नी और बचपन की दोस्त जेनी कुर्रन का चरित्र भी है। गंप जेनी से बहुत प्यार करता है। जेनी का, बचपन में ही, अपने विधुर पिता के दवारा सेक्स शोषण हुआ था। इसलिए वह दुनिया से उचाट है, इसलिए गंप के जीवन से निकल कर हिप्पी जीवन जीने लगती है। हालाँकि, इन दोनों के प्यार की निशानी एक बच्चा है। काफी बाद में दोनों शादी करते है। लेकिन शादी के बाद ज़ल्द ही जेनी की अज्ञात बीमारी से मौत हो जाती है। यह भूमिका रॉबिन राईट ने की थी।
इस लिहाज़ से, करीना कपूर के करियर के लिए आमिर खान के साथ दूसरी फिल्म लाल सिंह चड्डा खास हो सकती है। अद्वैत चन्दन निर्देशित यह फिल्म क्रिसमस २०२० में प्रदर्शित होगी ।
Article 15 से पहले बनी थी जाति पर फ़िल्में
अनुभव सिन्हा की इस शुक्रवार प्रदर्शित हो रही फिल्म आर्टिकल १५ के बारे
में, फिल्म के
निर्माता-निर्देशक अनुभव सिन्हा से लेकर फिल्म के नायक आयुष्मान खुराना तक दावा कर
रहे हैं कि यह फिल्म दलित समस्या पर संविधान के अनुच्छेद १५ की रोशनी में हैं। पर,
इसे क्राइम थ्रिलर फिल्म भी कहा जा रहा है।
इससे,
फिल्म का मकसद सामजिक सुधार से ज़्यादा सनसनी फैलाना है। इस लिहाज़ से, पुराने जमाने के फिल्मकार और एक्टर साहसी
साबित होते हैं,
जिन्होंने छुआछूत और हरिजन उद्धार पर एक नहीं कई कई फ़िल्में बनाई और
जनमानस को प्रभावित कर पाने में भी सफल रहे।
बॉम्बे टॉकीज की अछूत कन्या और जीवन प्रभात
बॉम्बे टॉकीज की तीन हस्तियों निर्देशक निर्माता हिमांशु राय, उनकी
निर्माता और अभिनेत्री पत्नी देविका रानी तथा निर्देशक फ्रेंज़ ऑस्टिन की तिकड़ी ने, १९३५ और
१९३६ में, दो ज़बरदस्त
प्रभावशाली फिल्मों जीवन प्रभात और अछूत कन्या का निर्माण किया। इन फिल्मों से हरिजन समस्या को सामजिक समरसता
के प्रकाश में हरिजन और सवर्ण विवाह और पुनर्विवाह जैसे संदेशों के जरिये
उठाया। इन फिल्मों में हरिजन चरित्र करने
वाले तमाम एक्टर सवर्ण ब्राह्मण थे। इसी कड़ी में, हरिजन लड़की और सवर्ण लडके के प्रेम और विवाह
के कथानक पर,
बिमल रॉय की सुनील दत्त और नूतन अभिनीत फिल्म सुजाता भी थी। इनमे से किसी ने भी भाषणबाजी या समाज को ललकारने की कोशिश नहीं की, बल्कि
सकारात्मक सन्देश दिया।
बेनेगल की
अंकुर और रे की सद्गति
बॉम्बे टॉकीज की फिल्मों में जहाँ सामाजिक सद्भाव का माहौल रहा करता था, वही नए दौर
के सिनेमा में जाति प्रथा के खिलाफ दलित आवाज़ की वकालत की गई थी। श्याम बेनेगल की
फिल्म अंकुर में,
एक दलित महिला का शोषण करने वाले जमींदार के घर में एक छोटे बच्चे के पत्थर फेंकने से हुई
थी। वही सत्यजीत रे की सद्गति मुंशी
प्रेमचंद की कहानी पर फिल्म थी। अंकुर के इस
छोटे विरोध को, शेखर कपूर एक मल्लाह जाति की फूलन देवी के
कत्लेआम तक ले आये थे,
जिसकी परिणीति शूद्र : द राइजिंग में जाति प्रथा की अपने तौर पर व्याख्या
में हुई थी।
ख़ास है कबीर सिंह
शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट फिल्म साबित हुई है
। यहाँ तक कि इस फिल्म को हिंदी इतर भारत में भी पसंद किया जा रहा है । कबीर सिंह,
मूल रूप से तेलुगु फिल्म अर्जुन रेड्डी की रीमेक है । कबीर सिंह और अर्जुन रेड्डी
में बड़ा फर्क यह है कि जहाँ अर्जुन रेड्डी में नायक-नायिका के विवाह में जाति आड़े
आती थी, वही कबीर सिंह में यह एंगल हटा लिया गया है । क्यों ?
जाति के खिलाफ खाप
जाति के खिलाफ कुछ दूसरी फिल्मों में खाप, चौरंगा, आरक्षण और हालिया रिलीज़ फिल्म धड़क भी थी। धड़क के अलावा बाकी की फ़िल्में सतही तौर पर बनाई
गई प्रचारात्मक फ़िल्में थी,
जो विषय से भटकने वाली फ़िल्में थी। इन फिल्मों की ख़ास बात यह थी कि इन
ज़्यादातर फिल्मों को सवर्ण (ब्राह्मण) ने बनाया था। कथित रूप से जाति प्रथा के
खिलाफ कुछ फिल्मों में एकलव्य द रॉयल गार्ड, ओमकारा, मशान, कोर्ट, आदि भी थी। Wednesday 26 June 2019
Jackky Bhagnani के तीन डायरेक्टर
नब्बे के दशक में नंबर वन सीरीज की फिल्मों के निर्माता वाशु भगनानी ने,
अभिनेता जितेन्द्र के बेटे का दर्शकों से फिल्म मुझे कुछ कहना है से सफल
परिचय करवाया था। लेकिन,
जब वह अपने बेटे जैकी भगनानी (Jackky Bhagnani) को हीरो बनाने चले तो कल किसने देखा जैसी
फ्लॉप फिल्म बना बैठे। वह, दो साल बाद फालतू फिल्म से जैकी को
दर्शकों के सामने फिर लेकर आये। फिल्म चली, लेकिन जैकी नहीं चल सके।
शायद अब जैकी की समझ में भी आ गया है कि उनमे हीरो मटेरियल
नहीं है। इसलिए उन्होंने फिल्म निर्माण में अपने बिल्डर पिता का हाथ बटाने का
फैसला किया है।
हालाँकि, वाशु भगनानी, बैनर पूजा
फिल्म्स के अंतर्गत दो फिल्मों वरुण धवन और सारा अली खान के साथ कुली नंबर १ तथा
सैफ अली खान, तब्बू, कुबरा सेत
और अलिया ऍफ़ के साथ फिल्म जवानी जानेमन का ऐलान पहले ही कर रखा है।
लेकिन,
Jackky Bhagnani ने पूजा फिल्म्स को अगले पड़ाव में ले जाने का फैसला किया है। इसके
लिए उन्होंने तीन निर्देशकों राही अनिल बर्वे, विजय
लालवानी और नितिन कक्कर को साइन किया है।
बर्वे ने फिल्म तुब्बाड़ से दर्शकों का
ध्यान आकर्षित किया था। विजय लालवानी ने कार्तिक कालिंग कार्तिक और नितिन कक्कर ने
फिल्मिस्तान तथा हालिया रिलीज़ नोटबुक का निर्माण किया था। ख़ास बात यह है कि तीनों
निर्देशक अपनी फिल्मों से बॉक्स ऑफिस को रौशन नहीं कर सके थे।
Jackky Bhagnani यह दावा करते
हैं कि 'यह तीन निर्देशक पूजा फिल्म्स के लिए उच्च
गुणवत्ता वाली सामग्री वाली फ़िल्में बनायेंगे। यह फ़िल्में दर्शकों का भरपूर
मनोरंजन भी करेंगी।'
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ कॉस्मॉस-माया के मोटू पतलू
प्रमुख एनिमेशन कंपनी द्वारा युवा
दर्शकों के लिए बनाये जा रहे मनोरंजक, बच्चों
के अनुकूल योग वीडियो को प्रधानमंत्री ने प्रोत्साहन दिया।
कॉस्मॉस-माया के प्रतिष्ठित पात्रों, मोटू और पतलू ने रांची में
आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के पांचवें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
के साथ योग किया। ये पात्र बच्चों को योग की ओर प्रेरित करने के लिए आयोजित
कार्यक्रम में मौजूद थे। यह प्रयास योग की अच्छाई को युवा दर्शकों के जीवन में
लाने के कॉस्मॉस-माया के प्रयासों के अनुरूप है। स्टूडियो, 23 मिलियन दर्शकों वाले अपने
यूट्यूब प्लेटफॉर्म, वाउकिड्स
पर प्रसारण के लिए योग वीडियो बनाने की प्रक्रिया में है।
इन योग वीडियो में कंपनी की हिट
सीरीज ‘वीर:
द रोबोट बॉय’के
पात्र वीर और इमली होंगे, जो
बच्चों को आसन करना सिखायेंगे, जो
कि बच्चों के अनुकूल, आसान
और मनोरंजक फॉर्मेट में होंगे। ये वाउकिड्स पर दर्शकों के लिए 12 प्रमुख भारतीय
भाषाओं में उपलब्ध होंगे।
कॉसमॉस-माया के सीईओ अनीश मेहता ने
बताया कि “हमें
खुशी है कि हमारे पात्र, मोटू
और पतलू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा कर रहे हैं। भगवद्गीता कहती है
कि योग स्वयं के माध्यम से, स्वयं
के लिए, स्वयं
की यात्रा है। हमारा प्रयास रहा है कि हम अपने सभी कर्मचारियों और दर्शकों तक इस
संदेश को प्रसारित करें। इसके लिए हम उत्कृष्ट वीडियो बनाने की प्रक्रिया में
हैं ताकि बच्चों को योग के लाभों को समझने में मदद मिल सके। 23 मिलियन ग्राहकों के
साथ, इन
वीडियो की पहुंच और दायरा बहुत ही व्यापक रहेगा। अपने प्रधानमंत्री के नक्शेकदम
पर चलते हुए हमें बहुत गर्व है, और
हम 12 क्षेत्रीय भाषाओं में योग को देश के कोने-कोने तक ले जाएंगे।”
45 मिनट तक चलने वाले विशाल योग
कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 40, 000
लोग मैदान में एकत्रित हुए थे। निकलोडियन ने चैनल के हिस्से के रूप में मोटू पतलू
को शामिल किया था।प्रतिष्ठित लोगों ने एनिमेटेड पात्रों को मैदान में योग करते हुए
देखा। योग दिवस के मेगा उत्सव को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने सभी लोगों को इस
कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया और उनसे योग को अपने जीवन का अभिन्न
अंग बनाने का आग्रह किया। मोदी के साथ झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुबर दास, आयुष मंत्री श्रीपाद नाइक, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री
रामचंद्र केसरी सहित कई मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी मौजूद थे।
झारखंड सरकार ने अपने बयान में कहा
कि "बच्चों को योग की ओर आकर्षित करने के लिए पात्र, यानी मोटू और पतलू मैदान में
उपस्थित थे।"
R Madhavan के निर्देशक की रॉकेट्री
हिंदी फिल्म दर्शकों का, आर माधवन से पहला परिचय, निर्देशक गौतम मेनन की फिल्म रहना है तेरे दिल में में दिया मिर्ज़ा के नायक के तौर पर हुआ था। हालाँकि, वह इस फिल्म के पांच साल पहले, सुधीर मिश्रा की फिल्म इस रात की सुबह नहीं में एक क्लब सिंगर के तौर पर नज़र आये थे।
रहना है तेरे दिल में हिट हुई। इसके बाद, माधवन ने हिंदी की रंग दे बसंती, गुरु और दिल्ली हाइट जैसी फ़िल्में की। कंगना रनौत के साथ फिल्म तनु वेड्स मनु और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स में माधवन की जोड़ी खूब जमी और फिल्म खूब चली। माधवन ने हिट फ़िल्में ही नहीं दी, आमिर खान जैसे बॉलीवुड सुपरस्टार के साथ रंग दे बसंती और ३ इडियट्स में रंग जमा दिया।
इसके बावजूद, वह कभी भी बॉलीवुड के बड़े अभिनेताओं में शुमार नहीं किये गए।
अब हिंदी दर्शकों का माधवन से नया परिचय होने जा रहा है। वह अब दर्शकों के सामने बतौर निर्देशक पेश होने जा रहे हैं। फिल्म रॉकेट्री : द नाम्बी इफ़ेक्ट का निर्देशन आर माधवन कर रहे हैं। इस फिल्म में वह इसरो के वैज्ञानिक नाम्बी नारायणन की भूमिका भी करेंगे।
यह फिल्म उस घटना पर आधारित है, जिसमे केरल पुलिस द्वारा इसरो के एक वैज्ञानिक को जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। पिछले साल ही, सर्वोच्च न्यायलय ने इस वैज्ञानिक को न्याय दिया। रॉकेट्री द नाम्बी इफ़ेक्ट इसी वैज्ञानिक की संघर्ष कथा है।
इस फिल्म में, फिल्म अभिनेत्री सिमरन ने नाम्बी की पत्नी की भूमिका की है। माधवन और सिमरन ने २००१ और २००२ में के बालाचंदर और मणिरत्नम की फिल्मों में नायक-नयिका की भूमिका की थी। सिमरन ने, सावन कुमार टाक की फिल्म सनम हरजाई से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था। उनकी पिछली रिलीज़ हिंदी फिल्म युवा (२००४) थी। इस प्रकार से, सिमरन १५ साल बाद हिंदी फिल्म दर्शकों के सामने होंगी।
रॉकेट्री द नाम्बी इफ़ेक्ट हिंदी, अंग्रेजी और तमिल में रिलीज़ की जाएगी। इस फिल्म की शूटिंग भारत के अलावा प्रिंसटन, स्कॉटलैंड, फ्रांस और रूस में हुई है। रॉकेट्री द नाम्बी इफ़ेक्ट अगले साल रिलीज़ होगी।
Subscribe to:
Posts (Atom)