कल उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में दो फिल्मों भाग मिलखा भाग और 2 लिटल Indians को दो महीने के लिए टैक्स फ्री करने का निर्णय लिया। आज अखबारों में caption था कि भाग मिलखा भाग कर मुक्त। यह फिल्म लखनऊ के एक सिंगल स्क्रीन थिएटर और दो तीन मल्टीप्लेक्स में लगी है। अखबारों ने यह तो लिखा कि यह फिल्में टैक्स फ्री हो गईं। लेकिन यह साफ नहीं किया कि शासनादेश जारी हो जाने के बाद ही टैक्स फ्री होगी। अब इस अधूरी खबर का असर यह हुआ कि जिन सिनेमाघरों में मिलखा साहब लगे हैं वहाँ दर्शक झगड़ा कर रहे है कि फिल्म तो टैक्स फ्री है, हमसे पूरा पैसा क्यों ले रहे हो। सिनेमाघर के लोग समझाते समझाते परेशान हैं कि अभी जीओ नहीं हुआ है। तो फिल्म टैक्स फ्री कैसे दिखाई जाये। दूसरी तरफ दिल्ली और Mumbai में बेचैनी है कि फिल्म को टैक्स फ्री होने में अब क्या परेशानी, जब कि गवर्नमेंट ने डिसिशन ले लिया। भाई लोगों को यह नहीं मालूम कि जब तक कोई फ़ाइल के साथ लगे नहीं सचिवालय में फ़ाइल सुस्त रफ्तार चलती है। यह फ़ाइल जब कैबिनेट नोट पर चीफ़ सेक्रेटरी के साइन के बाद, कर एवं निबंधन विभाग को वापस न आ जाए और शासनादेश पर प्रमुख सचिव कर एवं निबंधन के सिग्नेचर न हो जाये, फिल्म सिनेमाघरों में बिना टैक्स के नहीं दिखाई जा सकती। दर्शक यह समझने को तैयार नहीं। उधर फिल्म से जुड़े लोग परेशान हैं कि मिलखा इस हफ्ते जल्दी टैक्स फ्री नहीं हुई तो उसे अगले हफ्ते सिनेमाघर ही नहीं मिलेंगे। क्योंकि, चेन्नई एक्सप्रेस और वंस अपॉन आ टाइम इन मुंबई दोबारा से सभी सभी सिनेमाघर भर जाएंगे। बेचारे मिलखा पाजी!
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 2 August 2013
भाग मिलखा भाग के टैक्स फ्री होने पर बवाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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